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बागेश्वर धाम: धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का वास्तविक सच क्या है?

कमजोर दिल के लोग इस लेख को ना पढ़ें!

Chaman Kumar Mishra द्वारा Chaman Kumar Mishra
30 October 2022
in समीक्षा
बागेश्वर धाम
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वैधानिक चेतावनी

इस लेख का उद्देश्य लोगों को जानकारी देना है। हम किसी भी तरह के अंधविश्वास का समर्थन नहीं करते हैं। हमारा उद्देश्य किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का भी नहीं है, अगर किसी को इस लेख को पढ़कर दुख पहुंचता है तो इसके लिए वो स्वयं जिम्मेदार होगा। उम्मीद है कि लेख पढ़ते समय आप अपने विवेक का इस्तेमाल करेंगे।

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कुछ ऐसी ही स्थिति धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के विरोधियों की है- वो बस, बागेश्वर धाम को पसंद नहीं करते इसलिए उसके विरुद्ध लिख रहे हैं, लेकिन हमारा इस पर क्या पक्ष है? क्या हम बागेश्वर धाम के समर्थन में हैं? क्या हम धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के कथित पाखंड का समर्थन करते हैं? हमने यह लेख क्यों लिखा है? सच क्या है? इन सभी सवालों के जवाब जानने के लिए यह लेख पूरा अवश्य पढ़ें।

और पढ़ें- Jamsavli Mandir : जामसांवली मंदिर की कहानी और चमत्कार के बारे में जानिये

कौन हैं धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री?

उत्तर भारत में इन दिनों धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के सितारे चमक रहे हैं। उत्तर-प्रदेश, मध्य-प्रदेश और बिहार की सड़कों पर निकल जाइए, इन जगहों के बाजारों में निकल जाइए, यहां के घरों में घूम आइए, कुछ मिले या ना मिले, धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पर चर्चा होती हुई अवश्य मिल जाएगी। आगरा के लोगों के दिमाग पर तो मानो धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कब्जा कर लिया हो। ऐसा क्यों हो रहा है? इसके पीछे वज़ह है धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का जादू। क्या धीरेंद्र कृष्ण को कोई सिद्धी प्राप्त है या फिर यह सब दिमाग का खेल है। इस पर हम बात करेंगे लेकिन उससे पहले आपको बताते हैं कि बागेश्वर धाम क्या है और धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री कौन हैं?

बागेश्वरधाम डॉट नेट के अनुसार बागेश्वरधाम मंदिर मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले के ग्राम गढ़ा में स्थित है। यह बालाजी हनुमान का मंदिर है, जोकि चंदेल कालीन है। 1986 में गांव के लोगों ने मंदिर का जीर्णोद्धार करवाया था। इसके बाद ग्राम गढ़ा के ही बाबा सेतु लाल गर्ग चित्रकूट से दीक्षा लेकर अपने गांव गढ़ा के प्राचीन मंदिर पहुंचे और यहां रामकथा करने लगे।

इसके साथ ही वो यहां झाड़-फूंक भी करने लगे। यहीं से बागेश्वर धाम में कथित चमत्कार की शुरुआत हुई। इसी गांव में 4 जुलाई, 1996 को पैदा हुए धीरेंद्र कृष्ण गर्ग जोकि बाद में धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के तौर पर जाने गए। इनके पिता का नाम करपाल गर्ग और मां का नाम सरोज गर्ग बताया जाता है। इनके दादाजी भी एक सिद्ध संत थे- जिनका नाम भगवानदास गर्ग था। इनके दादा जी निर्मोही अखाड़े से जुड़े हुए थे, और बालाजी हनुमान मंदिर के पास दरबार लगाया करते थे- धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री अपने दादा को ही अपना गुरु बताते हैं। इन्होंने भी अपने दादा की तरह ही दिव्य दरबार लगाना शुरू कर दिया। देखते-देखते इनके दरबार की लोकप्रियता बढ़ने लगी। जब मंदिर के पास भीड़ बढ़ने लगी तो इन्होंने शहर-शहर जाकर दरबार लगाना शुरू कर दिया।

और पढ़ें- जानें क्या है गोमती चक्र के लाभ और उसके चमत्कारी उपयोग

क्या हैं धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के चमत्कार?

हमने आपको बागेश्वर धाम और धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के बारे में बता दिया। अब हमारे सामने सवाल है कि धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री क्या करते हैं? लोग कहते हैं कि वो एक चमत्कारी बाबा हैं, सिद्धी प्राप्त बाबा हैं, शक्ति प्राप्त बाबा हैं। लोग ऐसा क्यों कहते हैं इसे हम आपको बताते हैं।

पहला तथाकथित चमत्कार यह है कि धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री हजारों लोगों की भीड़ से किसी व्यक्ति को उसके नाम से अपने पास बुलाते हैं। उस व्यक्ति की जानकारी, उसे क्या समस्या है, कब से समस्या है, इस समस्या का हल क्या है, यह सब एक पेपर पर बिना उससे पूछे लिख देते हैं। जब वो अपनी समस्या बताता है तो वही निकलती है जो कि धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने पेपर पर लिखी थी। समस्या के हल के लिए वो उपाय भी बताते हैं, हवन करवाओ, कथा करवाओ, काला कपड़ा पहनो और भी इसी तरह की चीजें। क्या यह सब तार्किक है? क्या यह सब वैज्ञानिक है? क्या यह पाखंड नहीं है? इस पर हम बात करेंगे लेकिन उससे पहले जानते हैं कि धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री दूसरा क्या चमत्कार करते हैं।

तथाकथित दूसरा चमत्कार– कथित रूप से किसी एक व्यक्ति के अंदर कोई जिन्न/भूत/आत्मा कुछ घुस गया जो उस व्यक्ति को परेशान कर रहा था। बागेश्वर धाम सरकार यानी धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री उस व्यक्ति के अंदर से जिन्न को भगाते हैं और इस दौरान जिन्न या भूत जो भी है वो इस शास्त्री से बात करता है। कुछ इस तरह का है इनका दूसरा कथित चमत्कार।

और पढ़ें- मरघट वाले बाबा : दिल्ली में स्थित हनुमान जी का चमत्कारी मंदिर

‘चमत्कारों’ की सच्चाई क्या है?

अब हमारे सामने एक सवाल यह है कि इन तथाकथित चमत्कारों की सच्चाई क्या है? क्या ऐसा वास्तव में हो सकता है? यहां पर मैं कहूंगा कि इसे सीधे-सीधे खारिज कर देना सही नहीं होगा और इसे स्वीकार करना भी सही नहीं होगा। इसका समर्थन करना या फिर इन्हें स्वीकार करना इसलिए सही नहीं है क्योंकि यह अंधविश्वास को बढ़ावा देने वाली बात होगी। इससे समाज में लोगों में पाखंड को बढ़ावा मिलेगा, दूसरी तरफ इसको हम खारिज इसलिए नहीं कर सकते है क्योंकि हिंदुस्तान संतों, ऋषियों, तपस्वियों की भूमि रही है। यहां कई सच्चे संतों को सिद्धी प्राप्त होती है।

आइए कुछ उदाहरण देखते हैं– देवरहा बाबा के बारे में आपने अवश्य सुना होगा, जब हम देवरहा बाबा की बात कर रहे हैं, तो हम यह स्पष्ट कर देना चाहते हैं कि हम इनकी तुलना नहीं कर रहे हैं बस प्रसंगवश इनके बारे में जानकारी दे रहे हैं। तो देवरहा बाबा की शक्तियों की चर्चाएं अब भी होती हैं।

लोग अभी भी कहते हैं कि देवरहा बाबा निर्जन वस्तुओं से बात करते थे, देवरहा बाबा के हाथों में प्रसाद प्रगट होता था, ऐसी तमाम बातें जनश्रुतियों में चलती हैं। डॉ. राजेंद्र प्रसाद, मदन मोहन मालवीय जैसी कई महान विभूतियां देवरहा बाबा से प्रभावित थीं। कहते हैं कि देवरहा बाबा कभी भी जमीन पर नहीं रहे बल्कि जमीन से ऊपर मंच बनाकर बनाकर रहा करते थे। पूर्वी उत्तर-प्रदेश के देवरिया में लंबे समय तक रहने के कारण ही उनका नाम देवरहा बाबा पड़ा था।

Bageshwar Dham: The reality of Dhirendra Krishna Shastr
देवराहा बाबा की तस्वीर। Source: Wikipedia

और पढ़ें- तिरुपति बालाजी मंदिर कहां है और मंदिर से जुड़े रोचक तथ्य

इसी तरह की बातें और कहानियां नीम करौली बाबा को लेकर भी लोगों में प्रचलित हैं। लोग कहते हैं कि नीम करौली बाबा को भी शक्तियां प्राप्त थीं। एप्पल के संस्थापक स्टीव जॉब्स की कहानी हो, फेसबुक के संस्थापक मार्क जकरबर्ग की कहानी हो या फिर हॉलीवुड की प्रसिद्ध अभिनेत्री जूलिया रॉबर्ट की कहानी हो। इनकी कहानी में एक बात कॉमन है कि यह तीनों नीम करौली बाबा के भक्त हैं, और इन्होंने दावा किया है कि उन्हें नीम करौली बाबा से शक्ति मिलती है।

Bageshwar Dham: The reality of Dhirendra Krishna Shastr
नीम करौली वाले बाबा की तस्वीर। Source: Dainik Jagran

हमने आपको यह दो उदाहरण दिए हैं, लेकिन ऐसे और भी कई संत-महात्मा हमारे सनातनी देश में हुए हैं जिन्हें कभी कोई फ्रॉड साबित नहीं कर पाया इसलिए, धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री या फिर बागेश्वर सरकार फ्रॉड हैं या फिर उन्हें वास्तव में कोई सिद्धी प्राप्त है, इसका फैसला मैं लेख पढ़ने वाले विवेकशील बंधुओं पर छोड़ता हूं। आप स्वयं तय कर लीजिए कि वो क्या हैं?

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