आज से कुछ वर्षों पूर्व की हम बात करें तो आत्मनिर्भर भारत और मेड इन इंडिया जैसे अभियान केवल किसी सपने की तरह ही लगते थे। कई लोग मानते थे कि भारत जैसे देश में तो यह सफल नहीं हो पाएंगें, क्योंकि एक समय ऐसा था जब हम अपनी आवश्यकता की हर वस्तु के लिए अन्य देशों का मुंह देखते थे। परंतु अब कहानी पूरी तरह से बदल गयी हैं। भारत ने इन अभियानों के माध्यमों से दुनिया को अपनी ताकत का नमूना दिखा दिया है। रक्षा क्षेत्र में देखें आज भारत पूरी तरह से सशक्त बन रहा हैं। न अब केवल हम अपनी आवश्यकताओं के लिए हथियार निर्मित कर रहे हैं, बल्कि पूरी दुनिया में भारतीय हथियारों की धाक देखने को मिल रही हैं। आज दुनिया की नजरें भारत के डिफेंस एक्सपो (Defense Expo 2022) पर टिकी हैं, जिसका उद्घाटन हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा किया गया।
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प्रधानमंत्री मोदी ने साधा निशाना
बुधवार को ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को गुजरात के गांधीनगर में डिफेंस एक्सपो 2022 (Defense Expo 2022) का उद्घाटन किया है। इस दौरान उन्होंने तमाम क्षेत्रों में देश की बढ़ती ताकत पर कई बातें कही। इसके साथ ही पीएम मोदी ने चीन, अमेरिका जैसे उन देशों पर भी तंज कसते हुए बड़ी बात कह दी, जो भारत की तरक्की से जलते हैं और चाहते हैं कि भारत विकास न करें।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा– “डिफेंस एक्सपो 2022 का आयोजन नये भारत की भव्य तस्वीर खींच रहा है। इसका संकल्प हमने अमृतकाल में लिया है। इसमें राष्ट्र का विकास और राज्यों का सहभाग भी शामिल हैं।” पीएम मोदी आगे बोले- “भारत के नये भविष्य के लिए यह देश का सबसे बड़ा रक्षा एक्सपो है। मुझे पता है कि कुछ देशों को इससे असुविधा भी हुई है, लेकिन सकारात्मक मानसिकता वाले कई देश हमारे साथ आए हैं।” पीएम मोदी ने अपने इस बयान के माध्यम से उन देशों पर अपने ही अंदाज में चुटकी ली हैं, जिनकी आंखों में भारत की तरक्की खटकती है।
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आत्मनिर्भर भारत की ताकत
बता दें कि गुजरात के गांधीनगर में पांच दिनों डिफेंस एक्सपो 2022 (Defense Expo 2022) का आयोजन किया जा रहा है। इस डिफेंस एक्सपो में विभिन्न हथियारों की प्रदर्शनी की जा रही है। वैसे तो देश में पहले भी कई डिफेंस एक्सपो का आयोजन होता आया हैं। परंतु इस बार का डिफेंस एक्सपो कई मायनों में काफी खास है, क्योंकि केवल भारतीय कंपनियां ही इसमें भाग ले रही हैं, केवल मेड इन इंडिया रक्षा उपकरण की प्रदर्शनी ही डिफेंस एक्सपो में की जा रही हैं।
उद्घाटन के दौरान इस पर बोलते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा- “हमारे देश में डिफेंस एक्स्पो पहले भी होते रहे हैं, लेकिन इस बार का डिफेंस एक्स्पो अभूतपूर्व है। यह एक नयी शुरुआत का प्रतीक भी है। यह देश का ऐसा पहला डिफेंस एक्स्पो है जिसमें केवल भारतीय कंपनियां ही भाग ले रही हैं और केवल मेड इन इंडिया रक्षा उपकरण ही हैं।”
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भारत का रक्षा निर्यात
एक समय ऐसा हुआ करता था जब रक्षा उपकरणों के मामले में भारत सबसे बड़ा आयातक देश हुआ करता था। रक्षा उपकरणों की खरीद के मामले में भारत पहले नंबर पर आता था। परंतु अब ऐसा नहीं है। घरेलू उपकरणों को बढ़ावा देने की वजह से भारत की निर्भरता कम हुई हैं। इसके साथ ही भारत रक्षा उपकरणों के एक बड़े निर्यातक देश के रूप में भी उभर रहा है। वर्तमान समय में देखें तो आज कई देश भारत में बने रक्षा उपकरण खरीदने के लिए लाइन में खड़े दिखायी देते हैं। भारत का रक्षा निर्यात पांच वर्षों में 334 प्रतिशत बढ़ा है। वहीं सरकार द्वारा वर्ष 2025 तक सालाना 35,000 करोड़ रुपये के रक्षा निर्यात का लक्ष्य रखा गया है।
इस निर्यात के लक्ष्य को हासिल करने में डिफेंस एक्स्पो महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। इस वर्ष डिफेंस एक्सपो में कुल 1340 कंपनियां हिस्सा ले रही हैं। वहीं 33 देशों के मंत्रियों समेत कुल 75 देशों की प्रतिनिधियों के शिरकत करने की संभावनाएं डिफेंस एक्सपो में हैं। जानकारी के अनुसार डिफेंस एक्सपो में ऐसे 47 नये हथियार और उपकरण लॉन्च होंगे, जो यकीनन भारत के दुश्मन चीन जैसों देशों की नीदें उड़ाकर रख देने वाले हैं। इसके अलावा 349 हथियारों के करार, 18 ट्रांसफर ऑफ टेक्नोलॉजी यानि हथियार बनानी की तकनीक का हस्तांतरण और कम से कम 37 नयी घोषणाएं डिफेंस एक्सपो में होने की बात कही जा रही है। ऐसे में भारत के इस डिफेंस एक्सपो से चीन जैसे देशों के पेट में दर्द होना तो जाहिर सी बात है।
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