Best web series in Hindi: क्या आप जानतें है कि भारत में सबसे पहला आने वाला OTT प्लेटफॉर्म कौन सा था? जवाब है नेटफ्लिक्स, क्योंकि यह पहले से ही अस्तित्व में था और लगभग सम्पूर्ण जगत पर राज कर रहा था। उसने भारत में एंट्री के साथ ही ‘सेक्रेड गेम्स’ पर काम करना शुरू किया, जिसमें नवाजुद्दीन सिद्दीकी से लेकर, सैफ अली खान, पंकज त्रिपाठी, जतिन सरना जैसे न जाने कितने प्रतिभाशाली कलाकार शामिल थे। सेक्रेड गेम्स की लोकप्रियता ने नेटफ्लिक्स की रातों की नींद उड़ा दी और स्थिति यह हो गई कि एक के बाद एक कर कई प्लेटफॉर्म मार्केट में आ गए।
नतीजा यह हुआ कि प्रतिद्वंद्विता बढ़ी और फिर अच्छे कंटेंट दर्शकों के समक्ष आए। साथ ही विदेशी कंपनियों के साथ-साथ भारतीय खिलाड़ी भी मार्केट में उतरे और यह साबित कर दिया कि वे भी उन्हें टक्कर दे सकते हैं। नेटफ्लिक्स ने सोचा था कि उससे भिड़ने का सामर्थ्य किसमें होगा? पर वो क्या है न, यह भारत है, जहां दो कोस में बदले पानी, चार कोस में बानी। जिस देश में विविधता संस्कृति की पहचान हो, वह केवल एक सीमित एजेंडे के भरोसे थोड़े ही बैठे रहेगा। इस लेख में हम आपको उन 10 उत्कृष्ट वेब सीरीज़ से अवगत कराएंगे, जिन्हें देखकर आप भी कह उठेंगे – वाह क्या सीरीज़ है!
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ये रहे टॉप 10 वेब सीरीज – Best 10 web series in Hindi
आवश्यकता ही आविष्कार की जननी है और OTT से बेहतर इसे कोई नहीं समझा सकता। एक ओर जनता बॉलीवुड के निरंतर कचरे से त्रस्त थी तो दूसरी ओर टीवी पर कंटेंट के नाम पर ‘ससुराल सिमर का’, ‘कुमकुम भाग्य’ जैसे कैंसर अलग सिरदर्द देते थे। ऐसे में आवश्यकता थी अच्छे और दमदार सीरीज़ की, एण्ड OTT बी लाइक – हम किस दिन के लिए हैं? यदि ये 10 वेब सीरीज़ (best web series in Hindi) आपके टॉप बिंज वॉच लिस्ट में नहीं हैं तो किस लोक में हैं बंधु? –
10 . दिल्ली क्राइम
नेटफ्लिक्स इंडिया पर अच्छी सीरीज़ मिलना माने कोयले की खदान में हीरा मिलने के समान है परंतु ‘Delhi Crime’ दुर्लभ सीरीज़ है। निर्भया कांड पर आधारित इस सीरीज ने जिस निष्पक्षता से पूरे घटना को चित्रित किया, वो आज के समय में मिलना कठिन है।
9. अवरोध
सच्ची कथाओं पर फिल्म बनाना सरल नहीं है, विशेषकर तब जब उसी घटना पर ‘उरी’ जैसी प्रभावशाली फिल्म बनी हो। परंतु Sony Liv पर प्रसारित ‘अवरोध’ ने उस भ्रम को भी तोड़ा और सफलतापूर्वक तोड़ा। साथ ही उसने द्वितीय संस्करण में भी अपनी अद्वितीय छाप बनाए रखी।
8. TVF ट्रिपलिंग
बिखरे परिवार, आधुनिक संबंध इत्यादि पर बात करना एक विषय है और उसे सही ढंग से चित्रित करना काफी मुश्किल है। परंतु TVF ट्रिपलिंग इस विषय पर सफल ही नहीं, गर्व से झंडे गाड़ कर आई। ये नहीं देखा तो क्या देखा?
7. पर्मानेंट रूममेट्स
आधुनिक संबंधों पर बकैती सब करते हैं परंतु इसका यथार्थवादी चित्रण लगभग नगण्य है। पर टेंशन मत लीजिए, TVF है न। पर्मानेंट रूममेट्स उन सभी विषयों पर बात करता है, जिस पर लोग चर्चा करने से भी कतराते हैं और पुरषोत्तम जी को कैसे भूल सकते हैं?
6. Undekhi
अगर आप Mirzapur के बाबूजी को देखकर सोचते हैं कि कोई इतना निकृष्ट कैसे हो सकता है तो विश्वास मानिए आप अनदेखी के पापाजी से नहीं मिले हैं। Sony Liv की केवल एक दिक्कत है, ढंग से अपने उत्पाद मार्केट नहीं करता, वरना लोकप्रियता में “पापाजी” मिर्जापुर के बाबूजी को मीलों पीछे छोड़ सकते थे।
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5. Special Ops
बात भौकाल सीरीज़ की हो और नीरज पाण्डे ना आवे, ऐसा हो सकता है क्या? देखो भई, जानता हूं, श्रीकांत तिवारी जी के प्रशंसक बहुत है, बट हिम्मत सिंह इज एनीडे अ बैटर ऑप्शन। विश्वास नहीं होता तो Hotstar पर Special Ops देख लीजिए, आपको पता चल जाएगा कि अच्छी कथा और अभिनय के समागम से क्या बनता है।
4. रॉकेट बॉयज
जब बात देश के आधुनिक विरासत को सहेजने की हो तो अक्सर हम चूक जाते हैं पर रॉकेट बॉयज नहीं। इस सीरीज में होमी जहांगीर भाभा, विक्रम साराभाई एवं एपीजे अब्दुल कलाम के भारत निर्माण में अद्भुत योगदान को Sony Liv ने तत्परता से नमन किया है।
3. TVF Aspirants
भई इस बात पर शोध करना चाहिए कि कैसे TVF अपनी बात इतनी सहजता से करता है कि पूरा देश उसकी कथा से जुड़ जाता है। हर UPSC अभ्यर्थी की कथा, उनके स्वप्नों का एक जीता जागता, मर्मस्पर्शी चित्रण है TVF Aspirants, इसे मिस मत कीजिएगा।
2. Scam 1992- The Harshad Mehta Story
“ये हर्षद मेहता है कौन?” हंसल मेहता की इस सीरीज़ से पूर्व आधे तो इनका नाम भी ठीक से नहीं जानते होंगे सिवाय इसके कि इन्होंने शेयर मार्केट में “घपला किया”। परंतु हंसल मेहता की वेब सीरीज़ ने न केवल इस पूर्व स्टॉक ब्रोकर के प्रति जनता का दृष्टिकोण बदला अपितु देश की शेयर मार्केट में रुचि को अद्वितीय स्तर तक बढ़ाया।
1.Panchayat
पहले भी बोलता हूं, आज भी बोल रहा हूं, जिस कार्यक्रम से गांव के चुन्नू से लेकर मेट्रो सिटी के रॉकी तक प्रभावित हो, उस सीरीज़ में कुछ तो बात होगी। ऐसा ही सीरीज़ है पंचायत। ‘भारत गांवों में बसता है’, इस धारणा को यथार्थ में इस सीरीज़ ने परिवर्तित किया और जब बिनोद जैसा चरित्र साउथ बॉम्बे के लोगों में लोकप्रिय हो, तो समझ जाइए कि आपने क्या प्राप्त किया है।
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