पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री जुल्फिकार अली भुट्टो ने जब कहा था कि घास की रोटी खाएंगे लेकिन परमाणु बम बनाएंगे। तब उन्हें भी नहीं पता था कि आने वाले वक्त में यही परमाणु बम पाकिस्तान को दुनिया की सबसे बड़ी महाशक्ति बना देगा। पाकिस्तान ने भीख मांगने की रणनीति अब त्याग दी है और एक नई रणनीति खोज निकाली है। पाकिस्तान की यह रणनीति इतनी अच्छी है कि आप देखिए आने वाले कुछ ही दिनों में पाकिस्तान दुनिया की सबसे बड़ी आर्थिक शक्ति बन जाएगा।
इस लेख में समझिए कि कैसे पाकिस्तान आने वाले वक्त में आर्थिक महाशक्ति बनने जा रहा है।
पाकिस्तान की स्थिति क्या है, इससे आप सभी परिचित हैं। पाकिस्तान पर दृष्टि नजर रखने वाले अर्थ शास्त्रियों का कहना है कि पाकिस्तान का यह संकट 1971 से भी ज्यादा खतरनाक है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ आर्मी प्रमुख सैयर आसिम मुनीर जनवरी महीने में यूएई भी गए थे। क्यों गए थे- वो बताने की आवश्यकता नहीं है। आप समझदार हैं।
पाकिस्तान ने खोजी नई रणनीति
सऊदी अरब भी पाकिस्तानी प्रधानमंत्री जाते रहते हैं। IMF और वर्ल्ड बैंक भी पाकिस्तान मंत्रियों का आना-जाना लगा रहता है। आप सभी समझदार हैं कि ऐसा क्यों है? पाकिस्तान में आटे के लिए जो मारामारी है- वो भी आप जानते हैं- पाकिस्तानी रुपये की क्या हालत है- वो भी आप जानते हैं।
पाकिस्तान में पेट्रोल-डीजल के दाम क्या हैं- उससे भी आप परिचित हैं- लेकिन आप इस बात से परिचित नहीं होंगे कि अब पाकिस्तान ने अपनी इन सभी समस्याओं का समाधान निकाल लिया है। पाकिस्तान इन दिनों एक नई रणनीति पर काम कर रहा है। यदि वह इस रणनीति में सफल हो जाता है तो वो देखते-देखते अमेरिका, चीन और भारत को पछाड़कर दुनिया का सबसे अमीर देश बन जाएगा।
अर्थात दुनिया की सबसे बड़ी आर्थिक महाशक्ति। लेकिन क्या आप जानते हैं कि वो क्या रणनीति है जिसके द्वारा पाकिस्तान ऐसा करने जा रहा है। न्यूक्लियर बम, जी हां, आपने बिल्कुल सही सुना। न्यूक्लियर बम रणनीति से पाकिस्तान दुनिया की सबसे बड़ी आर्थिक महाशक्ति बनने जा रहा है। आपको विश्वास नहीं हो रहा होगा तो लीजिए, आप स्वयं ही सुन लीजिए।
Instead of begging, Pakistan's govt and army should take Quran in one hand and N-Bomb in other and threaten the world & see demands fulfilled: Pak radical group Tehreek-e-Labaaik Ameer Hafiz Saad Hussain Rizvi pic.twitter.com/J05bvAVFGH
— Megh Updates 🚨™ (@MeghUpdates) February 3, 2023
आधा किलो का न्यूक्लियर
तो देखा आपने पाकिस्तान की कथित राजनीति पार्टी तहरीक-ए-लब्बैक के नेता ने क्या बढ़िया रणनीति सुझाई है। न्यूक्लियर बम लेकर जाओ और कहो कि पैसे दो, बताइए, कौन-देश मना कर देगे देने से?
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री जेब में न्यूक्लियर बम रखकर जब पैसे मांगने आएंगे तब तो दुनिया के सभी देशों को पैसे देने ही पड़ेंगे। अब आप सोच रहे होंगे कि जेब में न्यूक्लियर बम कैसे? आश्चर्यचकित मत होइए, पाकिस्तान में हर कोई अपनी जेब में न्यूक्लियर बम लेकर चलता है।
यकीन नहीं होता आपको- तो फिर आप पाकिस्तान के पूर्व मंत्री शेख राशिद का बयान भूल गए। हम याद दिला देते हैं। इमरान खान जब प्रधानमंत्री हुआ करते थे। तब उनकी सरकार में मंत्री थे शेख रशीद।
वो हर तीसरे दिन न्यूक्लियर की धमकी लेकर निकल पड़ते थे। एक दिन उन्होंने कहा कि हमारे पास बहुत छोटे-छोटे न्यूक्लियर हैं। आधा किलो के, पाव किलो के सभी प्रकार की वैरायटी उपलब्ध हैं और यही नहीं हमारे न्यूक्लियर ऐसे हैं जो मुस्लिमों को निशाना नहीं बनाएंगे।
तो अब आप मान गए होंगे कि कैसे पाकिस्तानी जेब में न्यूक्लियर लेकर घूमते हैं। आधा किलो- पौने किलो का तो पजामे की जेब में बन ही जाएगा। अब आधी आर्थिक रणनीति शेख रशीद बता गए थे। अब उसे तहरीक-ए-लब्बैक के हाफिज साद हुसैन रिज़वी ने पूरा कर दिया।
100 अरब डॉलर से ज्यादा कर्जा
अब आपको थोड़ा-सा और विस्तार में समझाते हैं कि कैसे इस रणनीति से पाकिस्तान आर्थिक सुपरपावर बनेगा। देखिए, पाकिस्तान के ऊपर दुनिया का 100 अरब डॉलर से ज्यादा कर्जा है। लेकिन महत्वपूर्ण यह नहीं है कि 100 अरब डॉलर का कर्जा है बल्कि महत्वपूर्ण यह है कि उन्हें इस वर्ष बस 21 अरब डॉलर का कर्जा चुकाना है और आने वाले तीन वर्षों में बस 70 अरब डॉलर का कर्ज चुकाना है।
अब इस वर्ष के लिए 21 अरब डॉलर कोई ज्यादा हैं। बताइए, इस रणनीति से यदि पाकिस्तान चलता है तो 21 अरब डॉलर तो कोई भी देश न्यूक्लियर बम जेब में देखकर दे देगा, बिना किसी हिचकिचाहट के और रही अगले तीन वर्षों की बात तो पाकिस्तानी इसी रणनीति से उसे भी प्राप्त कर लेंगे।
और पढ़ें: “कश्मीर भूल जाओ, और अपने मुल्क को बचाओ”, सऊदी अरब और UAE ने भी अब पाकिस्तान को खरी-खरी सुना दी है
अब और आगे बढ़ते हैं। पाकिस्तान के पास विदेशी मुद्रा 4.3 अरब डॉलर बची है। इस विदेशी मुद्रा में पाकिस्तान अपने एक महीने का आयात बिल भी नहीं भर सकता, लेकिन यही तो इस रणनीति का सबसे महत्वपूर्ण बिंदु है कि इसके तहत आपको आयात बिल भरने की आवश्यकता ही नहीं है।
जो भी वस्तुओं के आयात के बदले पैसे मांगेगा उसे दिखा देंगे न्यूक्लियर बम। देखा कितना बढ़िया है। भले ही IMF पैसे देने से मना कर रहा है, लेकिन पाकिस्तानियों की हिम्मत को आप कम समझिए, वो मांगते ही रहेंगे जब तक कि IMF दे नहीं देता- वो मांगते ही रहेंगे।
इससे पहले भी तो IMF ना ना-नुकुर किया है लेकिन अंत में दिया ही है। एक बार नहीं बल्कि 1958 से लेकर अबतक IMF ने 23 बार पाकिस्तान को बैलआउट पैकेज दिया है और यहां भी पाकिस्तान ने बड़ा रिकॉर्ड बनाया है। दुनिया में और किसी भी देश को IMF ने इतनी बार बेलआउट पैकेज नहीं दिया है।
अब आप समझिए, इस न्यूक्लियर बम आर्थिक रणनीति से IMF एक बार नहीं बल्कि बार-बार पैकेज देगा और सिर्फ IMF ही क्यों- पूरी दुनिया पाकिस्तान को पैसे ही पैसे देगी और देखते-देखते पाकिस्तान दुनिया की आर्थिक महाशक्ति बन जाएगा। है ना कितनी बेहतरीन आर्थिक रणनीति?
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