इसमें कोई दो राय नहीं है कि भारत की सुरक्षा के लिए कट्टरपंथी जितना बड़ा खतरा है, नक्सलवाद भी उतना ही खतरनाक है, चाहे वह जंगलों से संचालित हो, या फिर शहर से।
इसी परिप्रेक्ष्य में वामपंथी गिरोह भीमा कोरेगांव के आरोपी बुद्धिजीवियों के लिए बहुत आक्रामक अभियान चलाते आए हैं। इसमें गौतम नवलखा जैसे नक्सलियों की रिहाई सर्वप्रमुख है।
Special Court rejected bail application of Gautam Navlakha saying that there are enough evidence which shows Gautam Navlakha was active member of banned terror organisation CPI(Maoist).
CPI(Maoist) has ranked 12th in Global Terror Index. pic.twitter.com/EiknJQGps3
— Facts (@BefittingFacts) April 13, 2023
परंतु विशेष न्यायालय ने इस विषय पर इन्हे जबरदस्त झटका देते हुए इनकी जमानत की याचिका को रद्द किया। उन्होंने अपने निर्णय में इस बात को स्पष्ट तौर पर रेखांकित करते हुए कहा कि गौतम नवलखा प्रतिबंधित आतंकी संगठन सीपीआई [माओवादी] के सक्रिय सदस्य रहे हैं, और इसके लिए पर्याप्त साक्ष्य भी उपलब्ध है। ऐसे में इन्हे छोड़ना खतरे से खाली नहीं होगा।
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