ओडिशा की राजनीति में एक नया अध्याय तब जुड़ा जब मुख्यमंत्री मोहन चरण मांझी ने गुरुवार को कार्यालय संभालने के कुछ ही घंटों बाद एक ऐतिहासिक फैसला लिया। उन्होंने पुरी के जगन्नाथ मंदिर के चारों दरवाजों को भक्तों के लिए खोलने का आदेश दिया। यह कदम उनकी सरकार के पहले आदेशों में से एक था और इसे पूरे राज्य में सराहा गया।
मंदिर के दरवाजे खुलने का ऐतिहासिक पल
बुधवार के घंटों में मंदिर के दरवाजे खुले और इस ऐतिहासिक अवसर पर मुख्यमंत्री मांझी, उनके कैबिनेट के कुछ मंत्री और पुरी के बीजेपी सांसद संबित पात्रा भी उपस्थित थे। “हमने कल की कैबिनेट बैठक में जगन्नाथ मंदिर के सभी चार दरवाजों को खोलने का प्रस्ताव रखा था। यह प्रस्ताव पारित हो गया और आज सुबह 6:30 बजे मैंने अपने विधायकों और पुरी सांसद के साथ ‘मंगला आरती’ में भाग लिया,” मांझी ने दरवाजे खोलने के बाद कहा।
चुनावी वादे की पूर्ति
मंदिर के सभी दरवाजे भक्तों के लिए खोलकर, सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी ने अपना एक प्रमुख चुनावी वादा पूरा किया है। पार्टी ने हाल ही में हुए चुनावों में 147 विधानसभा सीटों में से 78 सीटें जीतीं, जिससे बीजू जनता दल के 24 साल लंबे शासन का अंत हो गया। यह निर्णय भाजपा की जीत के बाद का एक महत्वपूर्ण कदम था, जिसने जनता के बीच उनके प्रति विश्वास और बढ़ाया।
मंदिर के दरवाजे क्यों बंद थे?
जगन्नाथ मंदिर के दरवाजे पहली बार COVID-19 महामारी को देखते हुए 2020 में भक्तों के लिए बंद कर दिए गए थे। मंदिर के चार प्रमुख दरवाजे हैं: सिंहद्वार, अश्वद्वार, व्याघ्रद्वार, और हस्तिद्वार। दिसंबर 2020 में इनमें से केवल एक दरवाजा जनता के लिए खोला गया था। जबकि चार साल बाद बाकी सब कुछ सामान्य हो गया, मंदिर के तीन दरवाजे बंद ही रहे। दरवाजे बंद रखने का एक अन्य कारण मंदिर के अंदर हेरिटेज कॉरिडोर योजना के तहत विभिन्न सौंदर्यीकरण योजनाओं को सुचारू रूप से लागू करना था।
राज्य सरकार द्वारा घोषित अन्य योजनाएं
मोहन चरण मांझी सरकार ने 12वीं सदी के मंदिर के विकास को बनाए रखने के लिए कई परियोजनाओं की घोषणा भी की है। ओडिशा के मंत्री सूर्यवंशी सूरज ने कहा, “चुनाव के दौरान, हमने कहा था कि हम सभी 4 दरवाजे खोलेंगे… आज मंदिर के सभी चार दरवाजे खोले जा रहे हैं। परिषद के सभी सदस्य यहां मौजूद हैं। मुख्यमंत्री भी मौजूद हैं… विकास परियोजनाओं के लिए 500 करोड़ रुपये का एक कोष भी घोषित किया गया है… हमने कल शपथ ली और आज दरवाजे खोल रहे हैं।”
इसके अलावा, सरकार ने किसानों के हित में एक बड़ा कदम उठाते हुए धान के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को 3,100 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित करने की घोषणा की है। इस योजना को पहले 100 दिनों के शासन में लागू किया जाएगा। वहीं, महिलाओं को सुभद्रा योजना के तहत 50,000 रुपये के नकद वाउचर मिलेंगे।
विकास और सुधार की दिशा में कदम
यह कदम न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है बल्कि इसे राजनीतिक और सामाजिक दृष्टिकोण से भी देखा जा रहा है। मुख्यमंत्री मांझी के इस निर्णय ने उन्हें जनता के बीच एक दृढ़ और निर्णयक्षम नेता के रूप में स्थापित किया है। उनके द्वारा किए गए वादों को शीघ्रता से पूरा करने की यह पहल सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
इस निर्णय से पुरी में आने वाले तीर्थयात्रियों की संख्या में वृद्धि होने की संभावना है, जिससे स्थानीय व्यापार और पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। इससे राज्य की अर्थव्यवस्था को भी बल मिलेगा और रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे।
निष्कर्ष
मोहन चरण मांझी की सरकार ने अपने कार्यकाल की शुरुआत एक महत्वपूर्ण और जनहितकारी कदम से की है। जगन्नाथ मंदिर के सभी दरवाजों को भक्तों के लिए खोलने का निर्णय न केवल एक चुनावी वादा था बल्कि यह ओडिशा के सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहर के प्रति सम्मान का भी प्रतीक है। मांझी सरकार के इस कदम ने एक नई उम्मीद जगाई है और यह देखना दिलचस्प होगा कि वे अपने आगामी कार्यकाल में और किन किन सुधारों और विकास परियोजनाओं को अंजाम देते हैं।
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