TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    शशि थरूर पीएम की तारीफ कर अपनी ही पार्टी के अंदर निशाने पर आ गए हैं

    कांग्रेस का नया नियम यही है कि चाहे कुछ भी हो जाए पीएम मोदी/बीजेपी का हर क़ीमत पर विरोध ही करना है?

    सुप्रीम कोर्ट ने साफ़ किया है कि राष्ट्रपति या गवर्नर को किसी भी तय न्यायिक समयसीमा के भीतर बिलों पर मंजूरी देने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता।

    विधेयकों को मंजूरी देने के लिए समयसीमा से बाध्य नहीं हैं राष्ट्रपति और राज्यपाल , प्रेसिडेंट मुर्मू के सवालों पर सुप्रीम कोर्ट ने क्या जवाब दिया, और ये क्यों महत्वपूर्ण हैं?

    आतंकवाद को भावुकता की आड़ में ढकने की कोशिश

    दिल्ली धमाका: ‘वाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल’ की बर्बरता को कैसे ‘ह्यूमनाइज़’ कर रहे हैं  The Wire जैसे मीडिया संस्थान ?

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    खनन क्षेत्र में बेहतरीन काम के लिए केंद्र सरकार ने धामी सरकार की तारीफ की

    खनन सुधारों में फिर नंबर वन बना उत्तराखंड, बेहतरीन काम के लिए धामी सरकार को केंद्र सरकार से मिली 100 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    जैवलिन मिसाइल

    अमेरिका ने भारत को बताया “मेजर डिफेंस पार्टनर”, जैवलिन मिसाइल समेत बड़े डिफेंस पैकेज को दी मंजूरी, पटरी पर लौट रहे हैं रिश्ते ?

    बांग्लादेश और भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की मुलाकात

    ‘हसीना’ संकट के बीच NSA अजित डोभाल की बांग्लादेश के NSA से मुलाकात के मायने क्या हैं?

    बांग्लादेश बन सकता है भारत के लिए नया संकट

    ISI और ARASA बांग्लादेश में कैसे रच रहे हैं क्षेत्रीय सुरक्षा को कमज़ोर करने की साजिश?

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    नेहरू 14 दिनों में ही नाभा जेल से निकल आए थेन

    जन्मदिवस विशेष: नाभा जेल में नेहरू की बदबूदार कोठरी और बाहर निकलने के लिए अंग्रेजों को दिया गया ‘वचनपत्र’v

    अष्टलक्ष्मी की उड़ान: प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर से उभरती विकास, संस्कृति और आत्मगौरव की नई कहानी

    अष्टलक्ष्मी की उड़ान: प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर से उभरती विकास, संस्कृति और आत्मगौरव की नई कहानी

    वंदे मातरम्, विभाजन की मानसिकता और मोदी का राष्ट्रवादी दृष्टिकोण – इतिहास, संस्कृति और आत्मगौरव का विश्लेषण

    वंदे मातरम्, विभाजन की मानसिकता और मोदी का राष्ट्रवादी दृष्टिकोण – इतिहास, संस्कृति और आत्मगौरव का विश्लेषण

    वंदे मातरम्” के 150 वर्ष: बंकिमचंद्र की वेदना से जनमा गीत, जिसने भारत को जगाया और मोदी युग में पुनः जीवित हुआ आत्मगौरव

    वंदे मातरम् के 150 वर्ष: बंकिमचंद्र की वेदना से जनमा गीत, जिसने भारत को जगाया और मोदी युग में पुनः जीवित हुआ आत्मगौरव

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    नीतीश कुमार

    जेडी(यू) के ख़िलाफ़ एंटी इन्कंबेसी क्यों नहीं होती? बिहार में क्यों X फैक्टर बने हुए हैं नीतीश कुमार?

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    शशि थरूर पीएम की तारीफ कर अपनी ही पार्टी के अंदर निशाने पर आ गए हैं

    कांग्रेस का नया नियम यही है कि चाहे कुछ भी हो जाए पीएम मोदी/बीजेपी का हर क़ीमत पर विरोध ही करना है?

    सुप्रीम कोर्ट ने साफ़ किया है कि राष्ट्रपति या गवर्नर को किसी भी तय न्यायिक समयसीमा के भीतर बिलों पर मंजूरी देने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता।

    विधेयकों को मंजूरी देने के लिए समयसीमा से बाध्य नहीं हैं राष्ट्रपति और राज्यपाल , प्रेसिडेंट मुर्मू के सवालों पर सुप्रीम कोर्ट ने क्या जवाब दिया, और ये क्यों महत्वपूर्ण हैं?

    आतंकवाद को भावुकता की आड़ में ढकने की कोशिश

    दिल्ली धमाका: ‘वाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल’ की बर्बरता को कैसे ‘ह्यूमनाइज़’ कर रहे हैं  The Wire जैसे मीडिया संस्थान ?

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    खनन क्षेत्र में बेहतरीन काम के लिए केंद्र सरकार ने धामी सरकार की तारीफ की

    खनन सुधारों में फिर नंबर वन बना उत्तराखंड, बेहतरीन काम के लिए धामी सरकार को केंद्र सरकार से मिली 100 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    जैवलिन मिसाइल

    अमेरिका ने भारत को बताया “मेजर डिफेंस पार्टनर”, जैवलिन मिसाइल समेत बड़े डिफेंस पैकेज को दी मंजूरी, पटरी पर लौट रहे हैं रिश्ते ?

    बांग्लादेश और भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की मुलाकात

    ‘हसीना’ संकट के बीच NSA अजित डोभाल की बांग्लादेश के NSA से मुलाकात के मायने क्या हैं?

    बांग्लादेश बन सकता है भारत के लिए नया संकट

    ISI और ARASA बांग्लादेश में कैसे रच रहे हैं क्षेत्रीय सुरक्षा को कमज़ोर करने की साजिश?

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    नेहरू 14 दिनों में ही नाभा जेल से निकल आए थेन

    जन्मदिवस विशेष: नाभा जेल में नेहरू की बदबूदार कोठरी और बाहर निकलने के लिए अंग्रेजों को दिया गया ‘वचनपत्र’v

    अष्टलक्ष्मी की उड़ान: प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर से उभरती विकास, संस्कृति और आत्मगौरव की नई कहानी

    अष्टलक्ष्मी की उड़ान: प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर से उभरती विकास, संस्कृति और आत्मगौरव की नई कहानी

    वंदे मातरम्, विभाजन की मानसिकता और मोदी का राष्ट्रवादी दृष्टिकोण – इतिहास, संस्कृति और आत्मगौरव का विश्लेषण

    वंदे मातरम्, विभाजन की मानसिकता और मोदी का राष्ट्रवादी दृष्टिकोण – इतिहास, संस्कृति और आत्मगौरव का विश्लेषण

    वंदे मातरम्” के 150 वर्ष: बंकिमचंद्र की वेदना से जनमा गीत, जिसने भारत को जगाया और मोदी युग में पुनः जीवित हुआ आत्मगौरव

    वंदे मातरम् के 150 वर्ष: बंकिमचंद्र की वेदना से जनमा गीत, जिसने भारत को जगाया और मोदी युग में पुनः जीवित हुआ आत्मगौरव

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    नीतीश कुमार

    जेडी(यू) के ख़िलाफ़ एंटी इन्कंबेसी क्यों नहीं होती? बिहार में क्यों X फैक्टर बने हुए हैं नीतीश कुमार?

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

तिरुपति विवाद: हिंदू मंदिरों में सरकारी नियंत्रण पर इसलिए उठ रहे हैं सवाल

Sudhakar Singh द्वारा Sudhakar Singh
20 September 2024
in मत, राजनीति
तिरुपति विवाद: हिंदू मंदिरों में सरकारी नियंत्रण पर इसलिए उठ रहे हैं सवाल

तिरुपति के टीटीडी ट्रस्ट बोर्ड में ईसाई अध्यक्ष की नियुक्ति पर भी हुआ था विवाद

Share on FacebookShare on X

तिरुपति मंदिर के लड्डुओं में बीफ और मछली का तेल मिलाए जाने के आरोप ने तूल पकड़ा हुआ है। तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) ट्रस्ट के पास भगवान वेंकटेश्वर के मंदिर की देखरेख का जिम्मा है। तिरुपति लड्डू विवाद के बीच हिंदू मंदिरों के नियंत्रण की राजनीति एक बार फिर सतह पर आ गई है। इसकी वजह भी है। तिरुपति को हिंदुओं का वेटिकन कहा जाता है। यानी एक ऐसी जगह, जो हिंदू समुदाय के लिए बहुत पवित्र है। इसके बावजूद टीटीडी ट्रस्ट का अध्यक्ष बनाने के लिए जगन रेड्डी सरकार को आंध्र प्रदेश की 82 प्रतिशत हिंदू आबादी में से कोई प्रतिनिधि नहीं मिला।

आस्था के महाकेंद्र में राजनीतिक नियुक्ति पर सवाल

संबंधितपोस्ट

चर्च की प्रार्थना में शामिल हो ईसाई पंथ का प्रचार कर रहा था तिरुपति देवस्थानम का अधिकारी, हुआ सस्पेंड

योग दिवस 2025: PM मोदी ने 3 लाख से अधिक लोगों संग किया योगाभ्यास, 40 देशों के राजनयिक भी हुए शामिल

रघुनाथ कर्वे: भारत में परिवार नियोजन के जनक की कहानी, इमरजेंसी में जबरन नसबंदी ने कैसे बदले हालात?

और लोड करें

वाईएसआरसीपी के अध्यक्ष और आंध्र के पूर्व सीएम जगन रेड्डी इसलिए भी सवालों के घेरे में हैं, क्योंकि वह खुद ईसाई समुदाय से आते हैं। बात सिर्फ ईसाई होने भर की नहीं है। 2022 में उन्होंने हिंदुओं की अपार श्रद्धा के केंद्र तिरुपति मंदिर का प्रबंधन देखने वाले टीटीडी ट्रस्ट की जिम्मेदारी भी एक ईसाई को सौंप दी। टीटीडी ट्रस्ट बोर्ड में उन्होंने अपने खास भुमना करुणाकर रेड्डी को चेयरमैन नियुक्त किया। टीटीडी के कार्यकारी अधिकारी (ईओ) रहे आईवाईआर कृष्ण राव ने इस तरह की राजनीतिक नियुक्ति पर तभी सवाल उठाया था। राव ने करुणाकर रेड्डी को टीटीडी का अध्यक्ष बनाने का विरोध करते हुए कहा था, ‘टीटीडी ट्रस्ट बोर्ड के अध्यक्ष का पर एक राजनीतिक नियुक्ति बन गया है, जो दुर्भाग्यपूर्ण है। ऐसे लोगों को ही टीटीडी अध्यक्ष नियुक्त करना चाहिए, जिनकी भगवान में असीम आस्था हो। हिंदू धार्मिक संस्थानों के नियंत्रण से जितनी जल्दी सरकार दूरी बना लेगी, हिंदू धर्म के लिए उतना ही अच्छा होगा।‘

ऐसे होती है टीटीडी अध्यक्ष की नियुक्ति

आंध्र प्रदेश धर्मार्थ और हिंदू धार्मिक संस्थान और बंदोबस्ती अधिनियम 1987 के जरिए टीटीडी का संचालन हो रहा है। हालांकि अध्यक्ष की चयन प्रक्रिया का इस अधिनियम में कोई साफ जिक्र नहीं है। वैसे तो यह स्वतंत्र ट्रस्ट है लेकिन इसके अध्यक्ष का चयन विशेषज्ञों का एक पैनल करता है। पैनल दावेदारों की योग्यता के साथ ही धार्मिक प्रथाओं के बारे में उनके ज्ञान का आकलन भी करता है। मंदिर और भक्तों की सेवा के प्रति उम्मीदवार की प्रतिबद्धता का आकलन होता है। शॉर्टलिस्ट उम्मीदवार का नाम पैनल की ओर से राज्य सरकार को भेजा जाता है। सरकार की मंजूरी मिलने के बाद औपचारिक रूप से अध्यक्ष की नियुक्ति हो जाती है। यानी अपरोक्ष रूप से टीटीडी अध्यक्ष की नियुक्ति आंध्र प्रदेश सरकार ही करती है।

‘हिंदुओं के वेटिकन’ के ट्रस्ट का अध्यक्ष हिंदू क्यों नहीं?

जाहिर सी बात है कि करुणाकर रेड्डी को टीटीडी का अध्यक्ष बनाए जाते वक्त उनकी आस्था का टेस्ट तो हुआ नहीं होगा। वैसे भी आस्था को मापने का कोई पैमाना नहीं है। लेकिन इतना कहा जा सकता है कि एक हिंदू मंदिर को लेकर किसी ईसाई मान्यताओं वाले व्यक्ति की आस्था कुछ न कुछ कम होगी ही। करुणाकर रेड्डी उस वक्त भी ट्रस्ट के अध्यक्ष बने थे, जब जगन रेड्डी के पिता वाईएस राजशेखर रेड्डी आंध्र के सीएम थे। अपने पहले कार्यकाल में भी करुणाकर रेड्डी पर हिंदू समुदाय की धार्मिक भावनाओं को आहत करने के आरोप लगे थे। तेलुगु शब्द तिरुमला का अर्थ होता है सात पहाड़ियां। भगवान वेंकटेश्वर के मंदिर तक इन्हीं सात पहाड़ियों को पार करके पहुंचा जाता है। करुणाकर रेड्डी ने कहा था कि तिरुमला में सात नहीं पांच पहाड़ियां शामिल हैं। अब सवाल उठता है कि जो शख्स हजारों साल की हिंदू मान्यता को चोट पहुंचा सकता है, उसको दोबारा अध्यक्ष बनाकर उपकृत क्यों किया गया? क्या वह जगन रेड्डी के करीबी थे, इसलिए उनकी नियुक्ति हुई? जहां रोज औसतन साठ हजार से ज्यादा हिंदू पहुंचते हों, इतने बड़े आस्था केंद्र की देखरेख करने वाले ट्रस्ट का अध्यक्ष कोई हिंदू क्यों नहीं होना चाहिए?

तिरुपति की परंपरा को जगन और उनके पिता ने चोट पहुंचाई

सितंबर 2023 में हुए वार्षिक ब्रह्मोत्सव में भगवान वेंकटेश्वर को रेशमी वस्त्र चढ़ाने के लिए तत्कालीन सीएम जगन रेड्डी गए थे। ईसाई धर्म से आने वाले जगन रेड्डी ने मंदिर में प्रवेश से पहले फेथ फॉर्म (आस्था से जुड़ा) नहीं भरा था। टीटीडी ट्रस्ट के नियम संख्या 136 और 137 के मुताबिक गैर हिंदुओं को मंदिर में प्रवेश से पहले इस फॉर्म को भरना होता है। इस फॉर्म में अपने धर्म की जानकारी देते हुए मंदिर में प्रवेश की विशेष अनुमति ली जाती है। 2003 में फेथ फॉर्म भरने के बाद ही पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम ने दर्शन किया था। 1999 में भी जगन रेड्डी के पिता राजशेखर रेड्डी और सोनिया गांधी ने इस नियम को तोड़ा था।

मंदिरों पर क्यों खत्म हो सरकारी नियंत्रण?   

हमारे देश के संविधान के मुताबिक भारत एक पंथनिरपेक्ष देश है। इसके बावजूद एक कड़वी सच्चाई यह है कि सनातन मान्यता से जुड़े धार्मिक स्थलों के प्रबंधन में भेदभाव होता है। ज्यादातर मंदिरों पर ट्रस्ट के जरिए या सीधे तौर पर सरकारी नियंत्रण है। यही नहीं इन मंदिरों से होने वाली आय का कुछ उपयोग गैर हिंदू धार्मिक कार्यों में किया जाता है। इसके उलट मस्जिदों और चर्च का संचालन मुस्लिम और ईसाई समुदाय के पास ही है। मंदिरों पर नियंत्रण अब भी सरकार का ही है। एक आंकड़े के मुताबिक देश के 10 राज्यों में एक लाख 10 हजार हिंदू मंदिर सरकार के नियंत्रण में हैं। अकेले तमिलनाडु में 36,425 मंदिर और 56 मठ सरकार के कंट्रोल में हैं। इसी साल पेश हुए कर्नाटक के बजट में मंदिरों की आय पर 10 प्रतिशत टैक्स लगाने का फैसला हुआ था। दूसरी ओर मस्जिदों और चर्च के रख-ररखाव पर होने वाला खर्च सरकारी पैसे से होता है। मंदिर अपनी आय से हिंदू धर्म की शिक्षा या परंपरा को बढ़ावा देने के लिए कदम नहीं उठा पाते हैं। भारत जैसे पंथनिरपेक्ष देश में चर्च और मस्जिद तो अपनी आय से उसे चलाते हैं और धर्म के प्रसार का काम करते हैं। वहीं मंदिर अपनी आय से पुजारी की तनख्वाह तक नहीं उठा सकता। क्या चर्च और मस्जिद के संचालन के लिए बने बोर्डों में कोई हिंदू शामिल हो सकता है? फिर हिंदू धर्म के लिए ऐसी बाध्यता क्यों होनी चाहिए?

Tags: Chandra Babu NaiduHindu TemplesJagan Mohan ReddyTirumalaTirupati LaddusTirupati Laddus ControversyTTD Trustचंद्रबाबू नायडूटीटीडी ट्रस्ट विवादतिरुपति बालाजीतिरुपति मंदिरतिरुमाला तिरुपति देवस्थानमवेंकटेश्वर मंदिर
शेयरट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

तिरुपति के लड्डू में बीफ फैट और मछली का तेल, TTD के ईसाई अध्यक्ष पर भी हुआ था विवाद

अगली पोस्ट

बेरोजगारी पर राहुल के दावे गलत, देश से माफी मांगेंगे गांधी?

संबंधित पोस्ट

ऑपरेशन सिंदूर 2:0
मत

दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

21 November 2025

पाकिस्तान एक आतंकी मुल्क है और इसमें शायद ही किसी को कोई संशय हो, ख़ुद पाकिस्तान के मित्र भी न सिर्फ इसे अच्छी तरह जानते...

शशि थरूर पीएम की तारीफ कर अपनी ही पार्टी के अंदर निशाने पर आ गए हैं
चर्चित

कांग्रेस का नया नियम यही है कि चाहे कुछ भी हो जाए पीएम मोदी/बीजेपी का हर क़ीमत पर विरोध ही करना है?

21 November 2025

कांग्रेस के नेता देश ही नहीं विदेशों में भी जाकर लोकतंत्र बचाने की दुहाई देते रहते हैं। लेकिन जब बारी आंतरिक लोकतंत्र की आती है...

सुप्रीम कोर्ट ने साफ़ किया है कि राष्ट्रपति या गवर्नर को किसी भी तय न्यायिक समयसीमा के भीतर बिलों पर मंजूरी देने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता।
चर्चित

विधेयकों को मंजूरी देने के लिए समयसीमा से बाध्य नहीं हैं राष्ट्रपति और राज्यपाल , प्रेसिडेंट मुर्मू के सवालों पर सुप्रीम कोर्ट ने क्या जवाब दिया, और ये क्यों महत्वपूर्ण हैं?

20 November 2025

20 नवंबर को एक ऐतिहासिक जवाब देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने साफ़ किया है कि राष्ट्रपति या गवर्नर को किसी भी तय न्यायिक समयसीमा के...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

Why Rahul Gandhi’s US Outreach Directs to a Web of Shadow Controversial Islamist Networks?

Why Rahul Gandhi’s US Outreach Directs to a Web of Shadow Controversial Islamist Networks?

00:08:04

How Javelin Missiles Will Enhance India’s Anti-Tank Dominance?

00:06:47

This is How China Spread Disinformation After Operation Sindoor

00:06:27

How DRDO’s New Laser System Can Destroy Drones at 5 KM Range?

00:04:31

How Nehru Turned His Own Birthday Into Children’s Day

00:05:01
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited