दक्षिणी-पूर्वी पर्सिया से भारत में सबसे पहले पलायन शुरू हुआ, क्योंकि ये क्षेत्र भारत से जुड़ा हुआ था और व्यापारिक संबंध भी थे। गुजरात में हिंदू राजाओं ने पारसी समाज को संरक्षण दिया। पारसियों में मुख्य रूप से 2 ही पंथ होते हैं - शहंशाही और क़दीमी।
TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    अगर भारत जन्म दे सकता है तो: राजनाथ सिंह की चेतावनी और पाकिस्तान के विघटन की दस्तक

    अगर भारत जन्म दे सकता है तो: राजनाथ सिंह की चेतावनी और पाकिस्तान के विघटन की दस्तक

    बिहार में 12 रैलियों से हुंकार भरेंगे पीएम मोदी: राष्ट्रनिर्माण की पुकार बन जाएगा चुनावी अभियान

    बिहार में 12 रैलियों से हुंकार भरेंगे पीएम मोदी: राष्ट्रनिर्माण की पुकार बन जाएगा चुनावी अभियान

    बिहार में 12 रैलियों से हुंकार भरेंगे पीएम मोदी: राष्ट्रनिर्माण की पुकार बन जाएगा चुनावी अभियान

    आर्थिक शक्ति, राष्ट्रीय अस्मिता और आत्मनिर्भर भारत: पीएम मोदी के भाषण का राष्ट्रवादी अर्थ

    अमेरिकी सिंगर मैरी मिलबेन: जिसने राहुल गांधी को सुनाई खरी-खोटी और भारत के लिए जताया प्रेम

    अमेरिकी सिंगर मैरी मिलबेन: जिसने राहुल गांधी को सुनाई खरी-खोटी और भारत के लिए जताया प्रेम

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    बिहार में 12 रैलियों से हुंकार भरेंगे पीएम मोदी: राष्ट्रनिर्माण की पुकार बन जाएगा चुनावी अभियान

    आर्थिक शक्ति, राष्ट्रीय अस्मिता और आत्मनिर्भर भारत: पीएम मोदी के भाषण का राष्ट्रवादी अर्थ

    भारत और अफगानिस्तान: बदलती भू-राजनीतिक परिदृश्य में मजबूत रणनीतिक साझेदार

    भारत और अफगानिस्तान: बदलती भू-राजनीतिक परिदृश्य में मजबूत रणनीतिक साझेदार

    अमेरिका के सहयोगी ब्रिटेन को क्यों है भारत से उम्मीद? क्या खालिस्तान पर लगाम कसेंगे स्टार्मर ?

    अमेरिका के सहयोगी ब्रिटेन को क्यों है भारत से उम्मीद? क्या खालिस्तान पर लगाम कसेंगे स्टार्मर ?

    तेजस्वी यादव का नौकरी वादा: सपने की उड़ान या बिहार की आर्थिक हकीकत से टकराता भ्रम?

    तेजस्वी यादव का नौकरी का वादा: सपने की उड़ान या बिहार की आर्थिक हकीकत से टकराता भ्रम?

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    भारत इज़राइल रणनीतिक साझेदारी

    बदलते वैश्विक समीकरणों और क्षेत्रीय संघर्षों के बीच कैसे बदल रही है भारत-इज़राइल के बीच रणनीतिक साझेदारी ?

    जोरावर टैंक से नाग मिसाइल का सटीक वार, भारत की स्वदेशी शक्ति का उदय, दुश्मनों के होश उड़ना तय

    जोरावर टैंक से नाग मिसाइल का सटीक वार, भारत की स्वदेशी शक्ति का उदय, दुश्मनों के होश उड़ना तय

    यूक्रेन की मानसिक गुलामी: विदेशी अनुमोदन के लिए मरता एक देश

    यूक्रेन की मानसिक गुलामी: युद्ध ने कैसे यूक्रेन को पश्चिम की कठपुतली बना दिया ?

    बांग्लादेश के जन्म की कहानी

    Explainer : पाकिस्तान का आतंकी शासन और भारत का जवाब—पूर्वी बंगाल के दमन और बांग्लादेश के जन्म की कहानी

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    अगर भारत जन्म दे सकता है तो: राजनाथ सिंह की चेतावनी और पाकिस्तान के विघटन की दस्तक

    अगर भारत जन्म दे सकता है तो: राजनाथ सिंह की चेतावनी और पाकिस्तान के विघटन की दस्तक

    यूक्रेन की मानसिक गुलामी: विदेशी अनुमोदन के लिए मरता एक देश

    यूक्रेन की मानसिक गुलामी: युद्ध ने कैसे यूक्रेन को पश्चिम की कठपुतली बना दिया ?

    बिहार में 12 रैलियों से हुंकार भरेंगे पीएम मोदी: राष्ट्रनिर्माण की पुकार बन जाएगा चुनावी अभियान

    आर्थिक शक्ति, राष्ट्रीय अस्मिता और आत्मनिर्भर भारत: पीएम मोदी के भाषण का राष्ट्रवादी अर्थ

    अमेरिकी सिंगर मैरी मिलबेन: जिसने राहुल गांधी को सुनाई खरी-खोटी और भारत के लिए जताया प्रेम

    अमेरिकी सिंगर मैरी मिलबेन: जिसने राहुल गांधी को सुनाई खरी-खोटी और भारत के लिए जताया प्रेम

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    बांग्लादेश के जन्म की कहानी

    Explainer : पाकिस्तान का आतंकी शासन और भारत का जवाब—पूर्वी बंगाल के दमन और बांग्लादेश के जन्म की कहानी

    कांग्रेस की डर की राजनीति: जिसने भारत के सैनिकों से उनका गौरव छीन लिया

    कांग्रेस की डर की राजनीति: जिसने भारत के सैनिकों से उनका गौरव छीन लिया

    दत्तोपंत ठेंगड़ी: भारत के स्वदेशी श्रम आंदोलन के रचनाकार को नमन

    दत्तोपंत ठेंगड़ी: भारत के स्वदेशी श्रम आंदोलन के रचनाकार को नमन

    राम मंदिर के शिखर पर पीएम मोदी फहराएंगे 22 फीट का भगवा ध्वज, विवाह पंचमी की तैयारी पूरी

    राम मंदिर के शिखर पर पीएम मोदी फहराएंगे 22 फीट का भगवा ध्वज, विवाह पंचमी की तैयारी पूरी

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    एशिया कप हारने के बाद पाकिस्तान के लोगों ने ही पाकिस्तान टीम को सोशल मीडिया पर धो डाला! उड़ाया मजाक

    एशिया कप हारने के बाद पाकिस्तान के लोगों ने ही पाकिस्तान टीम को सोशल मीडिया पर धो डाला! उड़ाया मजाक

    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    “रक्षा साझेदारी की नई उड़ान: भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57, रूस ने दिखाया भरोसा”

    भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57 ! अमेरिका से तनाव के बीच रूस से आई ये खबर इतनी महत्वपूर्ण क्यों है?

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    अगर भारत जन्म दे सकता है तो: राजनाथ सिंह की चेतावनी और पाकिस्तान के विघटन की दस्तक

    अगर भारत जन्म दे सकता है तो: राजनाथ सिंह की चेतावनी और पाकिस्तान के विघटन की दस्तक

    बिहार में 12 रैलियों से हुंकार भरेंगे पीएम मोदी: राष्ट्रनिर्माण की पुकार बन जाएगा चुनावी अभियान

    बिहार में 12 रैलियों से हुंकार भरेंगे पीएम मोदी: राष्ट्रनिर्माण की पुकार बन जाएगा चुनावी अभियान

    बिहार में 12 रैलियों से हुंकार भरेंगे पीएम मोदी: राष्ट्रनिर्माण की पुकार बन जाएगा चुनावी अभियान

    आर्थिक शक्ति, राष्ट्रीय अस्मिता और आत्मनिर्भर भारत: पीएम मोदी के भाषण का राष्ट्रवादी अर्थ

    अमेरिकी सिंगर मैरी मिलबेन: जिसने राहुल गांधी को सुनाई खरी-खोटी और भारत के लिए जताया प्रेम

    अमेरिकी सिंगर मैरी मिलबेन: जिसने राहुल गांधी को सुनाई खरी-खोटी और भारत के लिए जताया प्रेम

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    बिहार में 12 रैलियों से हुंकार भरेंगे पीएम मोदी: राष्ट्रनिर्माण की पुकार बन जाएगा चुनावी अभियान

    आर्थिक शक्ति, राष्ट्रीय अस्मिता और आत्मनिर्भर भारत: पीएम मोदी के भाषण का राष्ट्रवादी अर्थ

    भारत और अफगानिस्तान: बदलती भू-राजनीतिक परिदृश्य में मजबूत रणनीतिक साझेदार

    भारत और अफगानिस्तान: बदलती भू-राजनीतिक परिदृश्य में मजबूत रणनीतिक साझेदार

    अमेरिका के सहयोगी ब्रिटेन को क्यों है भारत से उम्मीद? क्या खालिस्तान पर लगाम कसेंगे स्टार्मर ?

    अमेरिका के सहयोगी ब्रिटेन को क्यों है भारत से उम्मीद? क्या खालिस्तान पर लगाम कसेंगे स्टार्मर ?

    तेजस्वी यादव का नौकरी वादा: सपने की उड़ान या बिहार की आर्थिक हकीकत से टकराता भ्रम?

    तेजस्वी यादव का नौकरी का वादा: सपने की उड़ान या बिहार की आर्थिक हकीकत से टकराता भ्रम?

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    भारत इज़राइल रणनीतिक साझेदारी

    बदलते वैश्विक समीकरणों और क्षेत्रीय संघर्षों के बीच कैसे बदल रही है भारत-इज़राइल के बीच रणनीतिक साझेदारी ?

    जोरावर टैंक से नाग मिसाइल का सटीक वार, भारत की स्वदेशी शक्ति का उदय, दुश्मनों के होश उड़ना तय

    जोरावर टैंक से नाग मिसाइल का सटीक वार, भारत की स्वदेशी शक्ति का उदय, दुश्मनों के होश उड़ना तय

    यूक्रेन की मानसिक गुलामी: विदेशी अनुमोदन के लिए मरता एक देश

    यूक्रेन की मानसिक गुलामी: युद्ध ने कैसे यूक्रेन को पश्चिम की कठपुतली बना दिया ?

    बांग्लादेश के जन्म की कहानी

    Explainer : पाकिस्तान का आतंकी शासन और भारत का जवाब—पूर्वी बंगाल के दमन और बांग्लादेश के जन्म की कहानी

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    अगर भारत जन्म दे सकता है तो: राजनाथ सिंह की चेतावनी और पाकिस्तान के विघटन की दस्तक

    अगर भारत जन्म दे सकता है तो: राजनाथ सिंह की चेतावनी और पाकिस्तान के विघटन की दस्तक

    यूक्रेन की मानसिक गुलामी: विदेशी अनुमोदन के लिए मरता एक देश

    यूक्रेन की मानसिक गुलामी: युद्ध ने कैसे यूक्रेन को पश्चिम की कठपुतली बना दिया ?

    बिहार में 12 रैलियों से हुंकार भरेंगे पीएम मोदी: राष्ट्रनिर्माण की पुकार बन जाएगा चुनावी अभियान

    आर्थिक शक्ति, राष्ट्रीय अस्मिता और आत्मनिर्भर भारत: पीएम मोदी के भाषण का राष्ट्रवादी अर्थ

    अमेरिकी सिंगर मैरी मिलबेन: जिसने राहुल गांधी को सुनाई खरी-खोटी और भारत के लिए जताया प्रेम

    अमेरिकी सिंगर मैरी मिलबेन: जिसने राहुल गांधी को सुनाई खरी-खोटी और भारत के लिए जताया प्रेम

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    बांग्लादेश के जन्म की कहानी

    Explainer : पाकिस्तान का आतंकी शासन और भारत का जवाब—पूर्वी बंगाल के दमन और बांग्लादेश के जन्म की कहानी

    कांग्रेस की डर की राजनीति: जिसने भारत के सैनिकों से उनका गौरव छीन लिया

    कांग्रेस की डर की राजनीति: जिसने भारत के सैनिकों से उनका गौरव छीन लिया

    दत्तोपंत ठेंगड़ी: भारत के स्वदेशी श्रम आंदोलन के रचनाकार को नमन

    दत्तोपंत ठेंगड़ी: भारत के स्वदेशी श्रम आंदोलन के रचनाकार को नमन

    राम मंदिर के शिखर पर पीएम मोदी फहराएंगे 22 फीट का भगवा ध्वज, विवाह पंचमी की तैयारी पूरी

    राम मंदिर के शिखर पर पीएम मोदी फहराएंगे 22 फीट का भगवा ध्वज, विवाह पंचमी की तैयारी पूरी

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    एशिया कप हारने के बाद पाकिस्तान के लोगों ने ही पाकिस्तान टीम को सोशल मीडिया पर धो डाला! उड़ाया मजाक

    एशिया कप हारने के बाद पाकिस्तान के लोगों ने ही पाकिस्तान टीम को सोशल मीडिया पर धो डाला! उड़ाया मजाक

    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    “रक्षा साझेदारी की नई उड़ान: भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57, रूस ने दिखाया भरोसा”

    भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57 ! अमेरिका से तनाव के बीच रूस से आई ये खबर इतनी महत्वपूर्ण क्यों है?

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

जीत रहे थे पारसी, अरबों ने छद्मजाल में फँसा लिया: जानिए अग्निपूजकों को भारत में कैसे मिली शरण

आक्रांताओं के 'नाटक' में आ गई पर्सिया की सेना

Anupam K Singh द्वारा Anupam K Singh
12 October 2024
in इतिहास, ज्ञान
पारसी इतिहास, अग्नि पूजा

पारसी समाज न केवल भारत में घुलमिल गया, बल्कि यहाँ की उन्नति में भी योगदान देने लगा

Share on FacebookShare on X

भारत के दिग्गज उद्योगपतियों में शुमार रतन टाटा का 86 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। जहाँ इसके बाद कई लोग उनके जीवन से जुड़े किस्सों को याद कर उन्हें श्रद्धांजलि दे रहे हैं, वहीं कई लोग पारसी समाज के बारे में भी जानना चाह रहे हैं। बता दें कि भारत में पारसी समाज अल्पसंख्यक है और उसकी जनसंख्या मात्र 0.6% है। फिर भी देश के विकास में उनका योगदान अतुलनीय है। टाटा के संस्थापक जमशेदजी टाटा पारसी ही थे। भारत में स्वदेशी कोरोना वैक्सीन बनाने वाली कंपनी ‘सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया’ के संस्थापक साइरस पूनावाला भी पारसी समाज से ही आते हैं।

आइए, भारत में पारसी समाज के इतिहास पर एक नज़र डालने से पहले जानते हैं कि पारसी समाज हैं कौन। ये ज़ोरोस्ट्रियानिज़्म धर्म को मानते हैं और अग्नि की पूजा करते हैं, इसीलिए इनके धर्मस्थलों को आतिश बेहराम कहा जाता है। ईरान के यज़्द में स्थित अग्नि मंदिर के अलावा इनके बाकी के 8 ‘आतिश बेहराम’ भारत में हैं। सनातन संस्कृति से इनकी संस्कृति काफी मिलती-जुलती है। हमारा सबसे प्राचीन धर्मग्रंथ ऋग्वेद अग्नि की स्तुति के साथ ही शुरू होता है। ईरान से लगभग 8वीं से 10वीं शताब्दी के बीच पारसी समाज का पलायन हुआ। कारण था – अरब द्वारा आक्रमण।

संबंधितपोस्ट

कैसे अग्नि उपासक ईरान बना इस्लामी गणराज्य?: जानें फारस की ऐतिहासिक यात्रा

गिद्ध खाते हैं मृत शरीर, क्या है दोखमेनाशिनी परंपरा: जानिए कैसे होगा रतन टाटा का अंतिम संस्कार

मुस्लिम अल्पसंख्यक नहीं हैं, मोदी सरकार ने हिंट दे दिया है!

और लोड करें

जीत रहे थे पारसी, अरब आक्रांताओं के ‘नाटक’ को समझ नहीं पाए

पारसी लोगों का अरब के शुरुआती दौर के इस्लामी आक्रांताओं ने जमकर प्रताड़ित किया। यही कारण है कि ईरान आज इस्लामी मुल्क है, वहाँ का सुप्रीम लीडर मौलाना होता है और हिजाब समेत महिलाओं पर कई तरह के प्रतिबंध हैं। पारसी समाज का ईरान में इस्लामी धर्मांतरण किया गया, अधिकतर को वहाँ से निकलकर भागना पड़ा। सन् 224 से 651 तक ईरान में सासानी राजवंश का शासन हुआ करता था, जो सबसे शक्तिशाली साम्राज्यों में से एक था। पैगंबर मुहम्मद के निधन के बाद आए रशीदुन खिलाफत के आक्रमण के कारण इस साम्राज्य का पतन हो गया।

642 ईस्वी में हुए नहावंद के युद्ध के साथ ही सासानी साम्राज्य का पतन सुनिश्चित हो गया था। खलीफा उमर और यज़्देगर्ड तृतीय की सेनाओं के बीच लड़े गए इस युद्ध में अरब की तरफ से नुमान और सासानी की तरफ से फिरुजान सेनापति था। पारसी सेना रणनीतिक रूप से सही स्थिति में थी लेकिन अरब सेना ने हार का दिखावा करते हुए युद्धक्षेत्र से भागने का नाटक किया। उनका पीछे करने उतरी पारसी सेना दो पहाड़ों के बीच फँस गई और अपनी मजबूत रणनीतिक स्थिति उन्होंने गँवा दी और हार गए। इससे 6 वर्ष पहले लड़े गए क़दिसिया के युद्ध में सासानी साम्राज्य इराक को पहले ही इस्लामी आक्रांताओं के हाथों गँवा चुका था।

दक्षिणी-पूर्वी पर्सिया से भारत में सबसे पहले पलायन शुरू हुआ, क्योंकि ये क्षेत्र भारत से जुड़ा हुआ था और व्यापारिक संबंध भी थे। गुजरात में हिंदू राजाओं ने पारसी समाज को संरक्षण दिया। पारसियों में मुख्य रूप से 2 ही पंथ होते हैं – शहंशाही और क़दीमी। पहले वाले की संख्या भारत में अधिक है, जबकि दूसरे वाले जो ईरान में बचे-खुचे हैं, वो हैं। दोनों के कैलेंडरों में फर्क होता है। जहाँ शहंशाही कैलेंडर में फ़ारसी प्रभाव आ गया है, वहीं क़दीमी प्राचीन पारसी कैलेंडर का इस्तेमाल करते हैं। इस कारण उनके अनुष्ठानों और त्योहारों की तारीखों में अंतर आ जाता है।

पर्सेपोलिस (पारसा)
पर्सेपोलिस (पारसा) शहर के अवशेष याद दिलाते हैं पारसियों का समृद्ध इतिहास, आचमेनिड साम्राज्य की थी राजधानी

ज़रथुश्त्र या ज़रथुर्ष्ट्र ने छठी शताब्दी में ईरान के इस सबसे प्राचीन मजहब की स्थापना की। सासानी से पहले आचमेनिड साम्राज्य में भी इसका प्रभाव दिखा। आचमेनिड साम्राज्य में ही साइरस नामक राजा हुआ, जिसे एक महान शासक माना गया। यहूदियों में उसे लेकर बड़ा सम्मान का भाव है, क्योंकि उसने ही बाबिल (Babylon) के शासक व योद्धा नबूकदनेस्सर द्वितीय द्वारा बंदी बनाए गए यहूदियों को मुक्त किया था। इराक के अलावा ईरान और सीरिया के इलाके उस समय बेबीलोनिया कहलाते थे। 7वीं शताब्दी में अरब आक्रांताओं ने पर्सिया पर हमला किया और इसके साथ ही उन पर अत्याचार भी शुरू हो गया।

दूध का ग्लास और चीनी: पारसियों को गुजरात में ऐसे मिली शरण

पारसियों को जजिया कर देने के लिए मजबूर किया गया। इसके बारे में आपने सुना होगा, क्योंकि भारत में भी इस्लामी आक्रांताओं के काल में हिंदुओं को यह टैक्स देना पड़ता था। तीर्थाटन वगैरह के लिए अलग से कर देने होते थे। गुजरात के संजान में सबसे पहले पारसी आकर बसे। 17वीं शताब्दी में लिखे गए किस्सा-ए-संजान के अनुसार, 716 ईस्वी में पारसियों का यह जत्था गुजरात पहुँचा था। उन्होंने वहाँ के राजा जाधव राणा से शरण के लिए अनुमति माँगी। उन्हें शरण कैसे मिली, इसका एक बड़ा ही मजेदार किस्सा है।

जब पारसी जत्था राजा के पास पहुँचा और उन्होंने शरण माँगी, तो राजा ने एक ग्लास में दूध भरकर उन्हें दिया। संकेत यह था कि हमारे पास पहले से ही काफी लोग हैं, और लोगों के लिए जगह नहीं है। पारसी जत्थे के नेता ने उस दूध से भरे ग्लास में चीनी डाल दी। संकेत यह था कि हम न केवल आपके समाज में बिना कोई व्यवधान पैदा किए घुलमिल जाएँगे, बल्कि समाज की बेहतरी और क्षेत्र की प्रगति में भी योगदान देंगे। राजा ने उन्हें बसने की अनुमति दे दी। पारसी समाज ने अपना वादा निभाया और अपनी प्राचीन परंपराओं के निर्वहन के साथ-साथ उन्होंने भारतीय परिवेश को भी अपना लिया।

जिस भारत को अमेरिका में बैठी एजेंसियाँ और 22 करोड़ की जनसंख्या को अल्पसंख्यक बताने वाले एजेंडाबाज़ अल्पसंख्यकों के लिए खतरनाक जगह बताते हैं, उसी भारत में यहूदियों को न केवल शरण मिली, बल्कि उन्हें अपनी परंपराओं के पालन की भी पूरी आज़ादी मिली। यहाँ उन्होंने अग्नि मंदिरों में पूजा भी जारी रखी। ब्रिटिश काल में कई पारसी बॉम्बे में जाकर बस गए, जो भारत का सबसे बड़ा बाजार बनकर उभर रहा था। उन्होंने जहाजों के निर्माण से लेकर कपड़ों और बैंकिंग के कारोबार में कदम रखा और सफल कारोबारी साबित हुए।

वो पारसी शख्सियतें, जिनका भारत की प्रगति में अमूल्य योगदान

टाटा ही नहीं, बल्कि गोदरेज कंपनियों के संस्थापक अर्देशिर बुर्जोरजी सोराबजी और पिरोजशा बुर्जोरजी भी पारसी ही थे। सन् 1897 में इसकी स्थापना हुई थी। सामाजिक कार्यों के क्षेत्र में भी पारसियों ने बड़ा योगदान दिया। टाटा ट्रस्ट ने कई शैक्षिक संस्थान और अस्पतालों की स्थापना की। 288 वर्ष पहले, यानी 1736 ईस्वी में स्थापित वाडिया ग्रुप के संस्थापक लोवजी नुसरवानजी भी पारसी थे और उनके परिवार ने भी जमकर समाजसेवा के कार्य किए हैं। भारत में पहले टेक्सटाइल मिल की स्थापना सर दिनशॉ मानेकजी पेटिट ने की थी। वह भी पारसी थे।

पारसियों का भारत के स्वतंत्रता संग्राम में भी योगदान है। दादाभाई नैरोजी ब्रिटिश पार्लियामेंट में चुने जाने वाले पहले भारतीय थे। उन्हें ‘ग्रैंड ओल्ड मैन ऑफ इंडिया’ के नाम से जाना गया और ब्रिटेन में उन्होंने भारत की आज़ादी के लिए प्रभावशाली मंचों से आवाज़ उठाई और प्रयास किए। ‘बॉम्बे प्रेसिडेंसी एसोसिएशन’ के अध्यक्ष रहे सर फिरोजशाह मेहता कांग्रेस पार्टी के संस्थापकों में से एक थे और उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में कई बड़े कार्य किए। भारत की परमाणु परियोजना के जनक होमी जहाँगीर भाभा भी पारसी समुदाय से ही थे। सामाजिक सुधार की दिशा में भी पारसियों ने अभियान चलाया। उदाहरण के लिए, महिला अधिकारों के लिए और बाल विवाह के खिलाफ अभियान चलाने वाले बेहरामजी मेरवानजी मालाबारी भी पारसी थे। सन् 1908 में उन्होंने ‘सेवा सदन’ की स्थापना की, जहाँ समाज द्वारा बहिष्कृत महिलाओं को शरण दी जाती थी और उनकी मदद की जाती थी।

हालाँकि, आजकल पारसी समाज अपने लोगों की घटती जनसंख्या की समस्या से जूझ रहा है। दूसरे समुदाय के लड़कों से शादी करने वाली लड़कियों को पारसी समाज से निकाल दिया जाता है। ऐसे कड़े नियमों के कारण भी इनकी जनसंख्या कम हो रही है। 2013 में भारत सरकार ने ‘जियो पारसी’ योजना भी लॉन्च की, जिसके तहत पारसी जोड़ो को मेडिकल मदद दी जाती है, उन्हें वित्तीय सहायता दी जाती है ताकि उनकी घटती जनसंख्या काबू हो।

स्रोत: Parsi, पारसी, इतिहास, History, Zoroastrianism, ज़ोरोस्ट्रियानिज़्म, Arab Conquest, अरब हमला, भारत, India, रतन टाटा, Ratan tata
Tags: ArabParsiZoroastrianismअरबज़ोरोस्ट्रियानिज़्मपारसी
शेयरट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

बिहार: भगवान राम और हनुमान को बता दिया मुसलमान, गिरिराज के विरोध के बाद ‘जिहादी’ टीचर पर FIR

अगली पोस्ट

Deep State, Cultural Marxism, Wokeism: समझिए उन 3 खतरों को, जिन्हें लेकर मोहन भागवत ने किया आगाह

संबंधित पोस्ट

बांग्लादेश के जन्म की कहानी
इतिहास

Explainer : पाकिस्तान का आतंकी शासन और भारत का जवाब—पूर्वी बंगाल के दमन और बांग्लादेश के जन्म की कहानी

16 October 2025

1947 में ब्रिटिश भारत के विभाजन ने एक ऐसे देश को जन्म दिया, जिसके दो हिस्से थे, और दोनों हिस्सों के बीच हज़ार मील से...

कांग्रेस की डर की राजनीति: जिसने भारत के सैनिकों से उनका गौरव छीन लिया
आयुध

कांग्रेस की डर की राजनीति: जिसने भारत के सैनिकों से उनका गौरव छीन लिया

14 October 2025

1947 के बाद कांग्रेस ने भारत की शिक्षा व्यवस्था, मीडिया और सांस्कृतिक संस्थाओं पर पूरा नियंत्रण जमा लिया। इतिहास को इस तरह दोबारा लिखा गया...

दत्तोपंत ठेंगड़ी: भारत के स्वदेशी श्रम आंदोलन के रचनाकार को नमन
इतिहास

दत्तोपंत ठेंगड़ी: भारत के स्वदेशी श्रम आंदोलन के रचनाकार को नमन

14 October 2025

दत्तोपंत ठेंगड़ी का जीवन और उनका कार्य केवल एक विचारधारा या संगठन की सीमाओं में नहीं बंधा। वे केवल एक ट्रेड यूनियनिस्ट नहीं थे, न...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

How Bursting Firecrackers on Deepavali Is an Ancient Hindu Tradition & Not a Foreign Import

How Bursting Firecrackers on Deepavali Is an Ancient Hindu Tradition & Not a Foreign Import

00:09:12

This is How Malabar Gold Betrayed Indians and Preferred a Pakistani

00:07:16

What Really Happened To the Sabarimala Temple Gold Under Left Government?

00:07:21

How Stalin is planning to divide the nation through a poisonous agenda?

00:06:44

What's behind India's big warning to Pakistan On Sir Creek ?

00:07:52
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited