सीमा पार से घुसपैठ कर भारत आए बांग्लादेशी और रोहिंग्या मुस्लिमों की बढ़ती आबादी लगातार चिंता का विषय बनी हुई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने झारखंड की चुनावी सभाओं में भी इस मुद्दे को उठाया है। अब झारखंड से सामने आई एक रिपोर्ट में स्थानीय लोगों ने भी घुसपैठ के मुद्दे और बांग्लादेशियों की बढ़ती संख्या पर खुल कर बात की है।
JMM-कांग्रेस के राज में आज झारखंड में जिस बड़े पैमाने पर विदेशियों की घुसपैठ हो रही है, उससे यहां के मेरे भाई-बहनों को बचाना है। pic.twitter.com/9gqaCcKMWz
— Narendra Modi (@narendramodi) November 13, 2024
दरअसल, बीते कई दशक से बांग्लादेशी और रोहिंग्या मुस्लिम घुसपैठ कर भारत आ रहे हैं। इसके बाद जमीन में कब्जा कर यहीं रहने लगते हैं। इतना ही नहीं राजनीतिक दल वोट बैंक के चलते इनके वोटर आईडी कार्ड से लेकर आधार कार्ड तक बनवा देते हैं और फिर ये घुसपैठिए यहीं के होकर रह जाते हैं। अब रिपब्लिक की एक रिपोर्ट में भी ऐसी ही बातें सामने आई हैं।
इस रिपोर्ट ने झारखंड की कांग्रेस नीत हेमंत सोरेन सरकार की पोल खोल कर रख दी है। इसमें साहिबगंज और पाकुर जिलों में अवैध घुसपैठियों के बड़े पैमाने पर कब्जे व स्थानीय जनजातियों से हिंसा करने तथा गौहत्या जैसी बातें सामने आई हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि घुसपैठिए झारखंड के जनजातीय बाहुल्य जिलों को निशाना बना रहे हैं। बांग्लादेशी घुसपैठिए न केवल फर्जी वोटर कार्ड और आधार कार्ड के जरिए झारखंड में रह रहे हैं बल्कि जमीन में कब्जा कर स्थानीय लोगों को डरा-धमका भी रहे हैं।
रिपब्लिक की रिपोर्ट में स्थानीय महिला ने कहा है कि घुसपैठिए भारत में रहने के लिए वोटर कार्ड बनवा लेते हैं। महिला ने यह भी कहा कि पहले यहां जंगल हुआ करता था, लेकिन अब यहां सिर्फ मुस्लिमों के घर हैं। महिलाएं नौकरी की तलाश में जाती हैं तो नौकरी के बदले उन्हें अपनी जमीन देने को कहा जाता है। अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए यहां कोई जगह नहीं बची है।
गांव के मुखिया देबू ने कहा ये सब सिस्टम के तहत काम होता है। घुसपैठिए गरीब जनजातीय महिलाओं से शादी करते हैं और फिर परिवार से दान के तौर पर जमीन मांगते हैं। बांग्लादेशी घुसपैठियों का अंतिम लक्ष्य जनजातीय महिला से शादी करके उनकी जमीन पर कब्जा करना है।
एक अन्य स्थानीय महिला माला मंडल ने कहा कि बांग्लादेशी घुसपैठियों की संख्या में यहां से वृद्धि हुई है। उन्होंने 17-18 अक्टूबर को हुई हिंसा की घटनाओं को याद करते हुए कहा, “जब हम हिंदुओं ने मुस्लिमों का विरोध करने की कोशिश की, तो उन्होंने हमें चाकू दिखाकर धमकाया और धमकी दी कि वे हमें चाकू मार देंगे।”
स्थानीय युवक ने कहा कि हिंदू पूजा करने गए थे। इसी दौरान मुस्लिमों ने उन्हें तीन तरफ से घेर लिया। उन लोगों ने एक गाय की हत्या की थी और जब हिंदुओं ने उन्हें रोकने की कोशिश की तो घुसपैठिए मुस्लिमों ने कहा कि वे इसी तरह काटेंगे तुम लोग क्या कर लोगे?
संथाल परगना में तेजी से ‘गायब’ हो रही जनजातीय आबादी
गौरतलब है कि झारखंड के संथाल परगना में जिस तरह से डेमोग्राफी बदली है उसकी झारखंड से लेकर दिल्ली तक में चर्चा है। केंद्र सरकार ने झारखंड हाई कोर्ट को इस बारे में बताया था किसंथाल परगना में जनजातीय आबादी में 16 फीसदी की कमी आई है। संथाल परगना में जनजातीय आबादी पहले 44 फीसदी थी लेकिन अब महज 28% ही रह गई है। वहीं संथाल परगना के छह अलग-अलग जगहों में मुस्लिम आबादी 20 से 40 फीसदी तक बढ़ी है। साथ ही ईसाइयों की संख्या में 6000 गुना तक बढ़ोतरी देखने को मिली है।
इससे पहले टीएफआई मीडिया ने मुंबई में बांग्लादेशी और रोहिंग्या मुस्लिमों की बढ़ती आबादी को लेकर रिपोर्ट की थी। उसे यहां क्लिक कर देखा जा सकता है।