भारत एवं भाजपा विरोधी ब्रिटिश मीडिया कंपनी BBC ने इस साल दुनिया की 100 ताकतवर महिलाओं की सूची जारी कर दी है। इस तरह की सूचियों का इस्लामवादियों और वामपंथियों का बहुत इंतजार रहता है। अब BBC की सूची देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि उन्हें क्यों इसका इंतजार रहता है। भारत में तो ऐसा खासतौर पर होता है, क्योंकि बीबीसी का भारत विरोधी, हिंदू विरोधी और नरेंद्र मोदी विरोधी रवैया हमेशा से जगजाहिर रहा है। गोधरा दंगा को बीबीसी नरेंद्र मोदी के माथे मढ़ने के लिए आज भी तैयार दिखता है। बस इसे अब कैसे पेश करना है, यही बात उसे समझ में नहीं आती है, क्योंकि देश की जनता नरेंद्र मोदी के साथ है।
साल 2024 की विश्व की ताकतवर महिलाओं की सूची में BBC ने तीन भारतीयों का नाम शामिल किया है। सबसे पहले उसने विनेश फोगाट का नाम रखा, उसके बाद अरुणा रॉय और फिर समाजवसेविका पूजा शर्मा का। पूजा शर्मा लावारिस शवों का अंतिम संस्कार करने के लिए जानी जाती हैं, लेकिन इसके पहले के दो नाम खासा विवाद रहे हैं। ये दोनों नरेंद्र मोदी विरोधी सरकार के चेहरा भी रहते हैं और विरोधी कॉन्ग्रेस के लाडले भी। विनेश फोगाट कॉन्ग्रेस की विधायक हैं और अरुणा रॉय कभी UPA सरकार में पीएम से भी पावरफुल रहे राष्ट्रीय सलाहकार परिषद की सदस्य हुआ करती हैं। विनेश फोगाट नरेंद्र मोदी विरोधी हैं तो अरुणा रॉय भाजपा विरोधी और नक्सलियों के हमदर्द। चूँकि BBC ने ये दो विरोधी चेहरे भारत से अपनी लिस्ट में शामिल कर लिए तो एक ऐसे नाम की जरूरत थी, जिसे सूची को न्यायसंगत बनाने या दिखाने के लिए इस्तेमाल किया जा सके। संभवत: पूजा शर्मा का नाम ऐसे ही उद्देश्य के लिए है।
विनेश फोगाट ने नेता बनने के लिए खेल को बदनाम किया
विनेश फोगाट ऐसी पहलवान रहीं, जिन्होंने अपने और नजदीकियों के फायदे के लिए भारतीय कुश्ती महासंघ के निवर्तमान अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर पहलवानों के यौन शोषण के आरोप लगाए। चूँकी बृजभूषण शरण सिंह भाजपा के कद्दावर नेता और पूर्वांचल क्षेत्र में उनका भारी प्रभाव है तो विनेश ने उन पर आरोप लगाकर देश में उतनी सुर्खियाँ बटोर लीं, जितनी पहलवान रहते हुए नहीं बटोर पाईं। राजनीति में आने की उनकी पुरानी महत्वकांक्षा थी और इसके लिए उन्होंने तैयारी शुरू कर दी थी। इसमें कॉन्ग्रेस के नेताओं ने उनका भरपूर साथ दिया था।
अपनी राजनीति की करियर को बनाने के लिए उन्होंने कुश्ती संघ का ही नहीं, भारत का भी कई बार नाम खराब किया। भाजपा विधायक के जरिए केंद्र सरकार के खिलाफ धरना-प्रदर्शन करके उन्होंने सरकार को ना सिर्फ अस्थिर करने की कोशिश कीं, बल्कि कई झूठे आरोप भी लगाए थे। जिन पहलवानों को लेकर उन्होंने दावा किया था कि उनका निवर्तमान सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने यौन शोषण किया था, उनमें से कई तो मुकर गए और बाद में कहा कि उनसे जबरन बयान दिलवाया गया था।
इस तरह विनेश फोगाट ने कुश्ती संघ के नियमों की धज्जियाँ उड़ाकर एक अनुशासित खिलाड़ी होने की छवि को तोड़ दिया था। ओलंपकि जैसे अंतर्राष्ट्रीय मुकाबलों में वो बिना टेस्ट दिए जाना चाहती थी। जंतर-मंतर पर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करके उन्होंने सरकार पर गलत तरह से दबाव भी बनाया। उन्होंने महीनों तक धरना-प्रदर्शन के किया, जिसमें कॉन्ग्रेस से तमाम विरोधी दल और भाजपा एवं नरेंद्र मोदी की हर मुद्दे पर मुखालफत करने वाले किसान नेता भी शामिल रहे। इस तरह मोदी सरकार को बदनाम करने के लिए उन्होंने हर पैंतरा अपनाया और आखिरकार कॉन्ग्रेस से टिकट लेने के बाद हरियाणा से टिकट लेकर विधायक भी बन गईं। अब बीबीसी को इसमें ताकतवर होने का अगर वास्तव में कुछ दिखा तो वह नरेंद्र मोदी एवं भाजपा सरकार के विरोधी होने का जुनून दिखा।
नक्सलियों की पैरवी करती हैं अरुणा रॉय
इसके बाद BBC ने जिस दूसरी भारतीय महिला को ताकतवर महिलाओं की सूची में जोड़ा में है, वह हैं अरुणा रॉय। अरूणा रॉय कॉन्ग्रेस के नेतृत्व वाली UPA सरकार के दौरान सोनिया गाँधी की अगुवाई में एक राष्ट्रीय सलाहकार परिषद बनी थी। इसमें योगेंद्र यादव, हर्ष मंदर जैसे भाजपा एवं नरेंद्र मोदी विरोधी लोगों के साथ अरुणा रॉय भी शामिल थीं। अरुणा रॉय बार-बार दावा करती रहती हैं कि भारतीय लोगों की बेहतरी के काम कर रही हैं, लेकिन उन्होंने भाजपा और नरेंद्र मोदी का विरोध करने का एक भी मौका हाथ से नहीं जाने दिया।
ये वही अरुणा रॉय हैं, जो भारत में अस्थिरता फैलाने के लिए निरंतर षडयंत्र करने वाले अर्बन नक्सलियों की वकालत करती रहती हैं। उनके पक्ष में खड़ी रहती हैं। अप्रैल 2019 में लोकसभा चुनाव से पहले उन्होंने कहा था कि अगर भाजपा अगला चुनाव जीतती है तो सभी के लिए समानता की गारंटी देने वाले भारत में संविधान के साथ छेड़छाड़ की जाएगी। उन्होंने कहा था कि नरेंद्र मोदी की सरकार भारत को हिंदू राष्ट्र बना देगी और हिंदू राष्ट्र आने से न केवल गैर-हिंदओं को, बल्कि अधिकांश हिंदू भी पीड़ित होंगे।
नरेंद्र मोदी सरकार की तमाम कल्याणकारी नीतियों के उलट उन्होंने दावा किया था कि सरकार स्वास्थ्य, शिक्षा और रोजगार के मुद्दे पर विफल रही है। हालाँकि, नरेंद्र मोदी सरकार में AIIMS से लेकर राष्ट्रीय शिक्षा नीति जैसे तमाम सुधार हुए। उन्होंने यहाँ तक दावा कर दिया था कि विकास के मुद्दों पर अपने वादों को पूरा करने में विफल रहे हैं। पाकिस्तान और चीन और अब बांग्लादेश जैसे पड़ोसियों से घिरे भारत में सुरक्षा के मुद्दे को उन्होंने गौण मुद्दा बताया था। उन्होंने कहा था कि सरकार लोगों को विचलित करने के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा उठा रही है।
उन्होंने भाजपा और नरेंद्र मोदी की मुखर विरोध करते हुए कॉन्ग्रेस का खुलेआम समर्थन किया था और कहा था कि विपक्षी दलों को इसे चुनाव के तौर पर नहीं, बल्कि लोकतंत्र बचाने के तौर पर देखना चाहिए। उन्होंने मतदाताओं से अपील की थी कि वो नरेंद्र मोदी को वोट ना करे। मोदी सरकार को बदनाम करते हुए उन्होंने कहा था कि पीएम मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने इस देश के सामाजिक ताने-बाने को बदलने का प्रयास किया है। अवैध बांग्लादेशियों से परेशान भारत में उन्होंने घुसपैठियों की वकालत की थी। इसे उन्होंने भाजपा की घृणा की राजनीति बताया था। इसको लेकर असहिष्णुता का प्रोपेगेंडा चलाने वालों के साथ जुड़ी रहीं।
देश में अस्थिरता फैलाने के जिम्मेदार लोगों पर सरकार ने कार्रवाई की तो वह उनके पक्ष में उतर गईं। अरुणा रॉय ने एक टीवी डिबेट में उन लोगों का बचाव किया, जिन्हें सरकार ने राज्य के खिलाफ साजिश रचने, प्रधानमंत्री की हत्या की योजना बनाने और दंगों को अंजाम देने की कोशिश करने के आरोप में गिरफ्तार किया था। अरुणा रॉय का तर्क था कि आम लोगों को नक्सलवाद और साम्यवाद के बारे में कोई जानकारी नहीं है।
पहले भी प्रोपेगंडा फैलता रहा है BBC
बता दें कि BBC अपने आप में भारत विरोध के रूप में एक बड़ा मुद्दा है। जब भारत, हिंदू एवं उसकी संस्कृति और नरेंद्र मोदी का नाम आता है तो बीबीसी का विकृत रूप दिखाई देने लगता है। बीबीसी जब भारत का नक्शा दिखाता है तो पाकिस्तान को खुश करने के लिए जम्मू-कश्मीर और लद्दाख हिस्सा काट देता है। ऐसा वह कई मौकों पर कर चुका है। कोरोना काल में जहाँ सारी दुनिया इसका मुकाबला कर रही थी, तब बीबीसी इसमें भी वर्ण व्यवस्था खोज रहा था।
पीएम मोदी को बदनाम करने के लिए बीबीसी ने पिछले साल के एक डॉक्यूमेंट्री बनाई थी। यह लोकसभा चुनावों के ठीक एक साल पहले किया गया। इस डॉक्यूमेंट्री में गोधरा कांड में इस्लामवादियों की भूमिका पर पर्दा डालने की कोशिश की गई है। गोधरा में साबरमती एक्प्रेस में 59 हिंदुओं को जलाकर मार डाला गया था। इस डॉक्यूमेंट्री में दावा किया गया है कि ट्रेन में आग लगने का कारण विवादित था, लेकिन इसके बाद भी इसके लिए मुस्लिमों को दोषी ठहराया गया।
इस तरह बीबीसी का भारत के प्रति सोच है, वह अपनी प्रोपेगेंडा को बढ़ाने के लिए अपनी सोच के लोगों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ाने की कोशिश करता है। इसके लिए वह विश्व की 100 ताकतवर महिलाओं की कथित सूची बनाता है और उनके कद को बढ़ाकर विश्व स्तर पर भारत विरोधी लॉबी को मजबूत करने की कोशिश करता है। इस बार की यह सूची भी इससे अलग नहीं है।