पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन के बाद आत्मा की शांति के लिए उनके घर पर कीर्तन का आयोजन किया गया। इस दौरान उनकी पत्नी और बेटियों ने शबद कीर्तन गाए। मनमोहन सिंह की पत्नी गुरशरण कौर ने खुद हारमोनियम पर दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री का पसंदीदा शबद कीर्तन गाया। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। साथ ही लोग उनकी सादगी की तारीफ कर रहे हैं।
दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की आत्मा की शांति के लिए मंगलवार (31 दिसंबर, 2024) को उनके आवास पर यह कार्यक्रम आयोजित किया गया था। इस दौरान गुरशरण कौर हारमोनियम पर शबद कीर्तन गाती नजर आईं। यह मनमोहन सिंह का पसंदीदा कीर्तन था। इस कीर्तन के बोल हैं, ‘आसा महला पंजवा, अपुने सेवक की आपे राखै आपे नाम जपावै, जेह जेह काज किरत सेवक की ताहा ताहा उठ धावै, सेवक कौ निकती होइ दिखावै…’
Madam Gursharan Kaur, the wife of the late Dr. Manmohan Singh, along with their daughter Amrit Kaur, performed Kirtan at their residence.#ManmohanSingh | #Kirtan | #ManMohanSinghJi pic.twitter.com/EDHXpJbv9k
— The Frustrated Indian (@FrustIndian) January 1, 2025
इस कार्यक्रम के दौरान हारमोनियम बजाते हुए गुरशरण कौर का शबद कीर्तन गाना न केवल उनकी सादगी को दर्शा रहा है बल्कि इससे सनातन संस्कृति के संस्कार भी झलक रहे हैं। एक ओर पंजाब में खालिस्तानी आतंकी फिर से सिर उठाने की कोशिश कर रहे हैं। वहीं दूसरी ओर ईसाई मिशनरी सिखों को धर्मांतरित करने में जुटी हुई है। तब एक पूर्व प्रधानमंत्री की पत्नी का इस तरह से कीर्तन करना या यूं कहें कि परंपरा का निर्वहन करना युवा पीढ़ी के लिए भी बड़ा संदेश है।
सबसे बड़ी बात यह है कि पदों में पहुंचने के बाद कई लोग संस्कृति और परंपराओं को भूल जाते हैं। तब दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री की पत्नी अपने पति की याद में उनका पसंदीदा शबद गाकर उन्हें श्रद्धांजलि देती हुई नजर आयी हैं।
क्या है शबद कीर्तन:
शबद कीर्तन सिखों के प्रमुख धार्मिक अनुष्ठानों में से एक है। इसका शाब्दिक अर्थ ‘शब्द जप’ अर्थात शब्दों को जपना होता है। इसकी शुरुआत सिखों के पहले गुरु, गुरु नानक देव ने की थी। उनके बाद के गुरुओं ने भी इसे जारी रखते हुए परंपरा को आगे बढ़ाया। गुरु अंगद, गुरु अमरदास, गुरु रामदास और गुरु अर्जन ने इसी कड़ी में शबद कीर्तन के लिए गुरबानी यानी ‘गुरु के शब्द’ का प्रयोग किया।
बता दें कि दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का 26 दिसंबर, 2024 को वर्ष की आयु में निधन हो गया था। इसके बाद 28 दिसंबर को उनका अंतिम संस्कार दिल्ली के निगमबोध घाट पर किया गया था। फिर 29 दिसंबर को यमुना तट पर अस्थि विसर्जन किया गया था।