TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    आतंकवाद से समझौता? संजय राउत के रुख से शिवसेना (ठाकरे) की साख पर सवाल

    आतंकवाद से समझौता! संजय राउत के रुख से शिवसेना (ठाकरे) की साख पर सवाल

    "TMC में घमासान: महुआ मोइत्रा ने कल्याण बनर्जी को कहा 'सुअर'"

    TMC में घमासान: महुआ मोइत्रा ने कल्याण बनर्जी को कहा ‘सुअर

    बिहार बनाम तमिलनाडु? चिदंबरम के बयान से गरमाई क्षेत्रीय राजनीति

    बिहार बनाम तमिलनाडु? चिदंबरम के बयान से गरमाई क्षेत्रीय राजनीति

    आप सच्चे भारतीय होते तो ऐसा नहीं कहते? चीनी कब्जे के दावे पर सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी लगाई फटकार

    ‘आप सच्चे भारतीय होते तो ऐसा नहीं कहते’: चीनी कब्जे के दावे पर सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी को लगाई फटकार

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    ट्रंप के मृत अर्थव्यवस्था पर मोदी का संदेश: अपने हितों से समझौता नहीं करेगा भारत

    ट्रंप के “मृत अर्थव्यवस्था” पर मोदी का संदेश: अपने हितों से समझौता नहीं करेगा भारत

    'मृत अर्थव्यवस्था' में भारी निवेश! राहुल गांधी की बातों पर खुद ही भारी पड़े आंकड़े

    ‘मृत अर्थव्यवस्था’ में भारी निवेश! राहुल गांधी की बातों पर खुद ही भारी पड़े आंकड़े

    पाकिस्तान जरूरत के 25% ऊर्जा पर चलने वाला ‘भिखारी राष्ट्र’: निशिकांत दुबे

    पाकिस्तान जरूरत के 25% ऊर्जा पर चलने वाला ‘भिखारी राष्ट्र’: निशिकांत दुबे

    सरकार ने किसानों के लिए खोला पिटारा: जानिए मोदी कैबिनेट के ताजा 6 बड़े फैसले

    सरकार ने किसानों के लिए खोला पिटारा: जानिए मोदी कैबिनेट के ताजा 6 बड़े फैसले

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारतीय सेना में हर बटालियन में UAV और ड्रोन सिस्टम शामिल

    ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारतीय सेना में हर बटालियन में UAV और ड्रोन सिस्टम शामिल

    लद्दाख में ISRO का Mini Mars मिशन: होप सिमुलेशन से अंतरिक्ष की अगली छलांग

    क्या है भारत का मिशन HOPE और लद्दाख में क्यों जुटे हैं ISRO के वैज्ञानिक ?

    प्रोजेक्ट-18: भारत का ‘सुपर डेस्ट्रॉयर’ जो बदल देगा समुद्री शक्ति संतुलन

    प्रोजेक्ट-18: भारत का ‘सुपर डेस्ट्रॉयर’ जो बदल देगा समुद्री शक्ति संतुलन

    ऑपरेशन अखल जारी- जम्मू-कश्मीर के कुलगाम के घने जंगलों में एनकाउंटर, सुरक्षा बलों की बड़ी कार्रवाई

    ऑपरेशन अखल जारी- जम्मू-कश्मीर के कुलगाम के घने जंगलों में एनकाउंटर, सुरक्षा बलों की बड़ी कार्रवाई

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    ट्रंप के मृत अर्थव्यवस्था पर मोदी का संदेश: अपने हितों से समझौता नहीं करेगा भारत

    ट्रंप के “मृत अर्थव्यवस्था” पर मोदी का संदेश: अपने हितों से समझौता नहीं करेगा भारत

    पाकिस्तान जरूरत के 25% ऊर्जा पर चलने वाला ‘भिखारी राष्ट्र’: निशिकांत दुबे

    पाकिस्तान जरूरत के 25% ऊर्जा पर चलने वाला ‘भिखारी राष्ट्र’: निशिकांत दुबे

    "हिंदू अत्याचार के बीच फैसला: बांग्लादेश सुप्रीम कोर्ट ने रजाकार मुबारक हुसैन को किया बरी"

    “हिंदू अत्याचार के बीच फैसला: बांग्लादेश सुप्रीम कोर्ट ने रजाकार मुबारक हुसैन को किया बरी”

    "रूस में भूकंप से दहशत: 30 झटकों के बाद अब सुनामी की आशंका"

    “रूस में भूकंप से दहशत: 30 झटकों के बाद अब सुनामी की आशंका”

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    सतत सक्रिय, ध्येय साधक और प्रेरणा पुंज ‘हमारे चेतराम जी’

    सतत सक्रिय, ध्येय साधक और प्रेरणा पुंज ‘हमारे चेतराम जी’

    दैनिक जीवन में संस्कृत अपनाएं, यही असली भारतीयता: मोहन भागवत

    दैनिक जीवन में संस्कृत अपनाएं, यही असली भारतीयता: मोहन भागवत

    अब समय है ‘संस्कार क्रांति’ करने का

    अब समय है ‘संस्कार क्रांति’ करने का

    विजय दिवस पर घोषणा: दिल्ली में स्कूलों के नाम होंगे अब कारगिल के शहीदों के नाम पर

    विजय दिवस पर घोषणा: दिल्ली में स्कूलों के नाम होंगे अब कारगिल के शहीदों के नाम पर

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    लद्दाख में ISRO का Mini Mars मिशन: होप सिमुलेशन से अंतरिक्ष की अगली छलांग

    क्या है भारत का मिशन HOPE और लद्दाख में क्यों जुटे हैं ISRO के वैज्ञानिक ?

    19 वर्षीय दिव्या देशमुख ने रचा इतिहास, बनीं FIDE वर्ल्ड कप जीतने वाली पहली भारतीय महिला

    19 वर्षीय दिव्या देशमुख ने रचा इतिहास, बनीं FIDE वर्ल्ड कप जीतने वाली पहली भारतीय महिला

    मेघालय में विवाह से पहले अनिवार्य एचआईवी जांच: क्या कानून वहां सफल होगा जहां संस्कृति असफल रही?

    मेघालय में विवाह से पहले अनिवार्य एचआईवी जांच: क्या कानून वहां सफल होगा जहां संस्कृति असफल रही?

    The Lifecycle of a Betting Line

    The Lifecycle of a Betting Line

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    आतंकवाद से समझौता? संजय राउत के रुख से शिवसेना (ठाकरे) की साख पर सवाल

    आतंकवाद से समझौता! संजय राउत के रुख से शिवसेना (ठाकरे) की साख पर सवाल

    "TMC में घमासान: महुआ मोइत्रा ने कल्याण बनर्जी को कहा 'सुअर'"

    TMC में घमासान: महुआ मोइत्रा ने कल्याण बनर्जी को कहा ‘सुअर

    बिहार बनाम तमिलनाडु? चिदंबरम के बयान से गरमाई क्षेत्रीय राजनीति

    बिहार बनाम तमिलनाडु? चिदंबरम के बयान से गरमाई क्षेत्रीय राजनीति

    आप सच्चे भारतीय होते तो ऐसा नहीं कहते? चीनी कब्जे के दावे पर सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी लगाई फटकार

    ‘आप सच्चे भारतीय होते तो ऐसा नहीं कहते’: चीनी कब्जे के दावे पर सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी को लगाई फटकार

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    ट्रंप के मृत अर्थव्यवस्था पर मोदी का संदेश: अपने हितों से समझौता नहीं करेगा भारत

    ट्रंप के “मृत अर्थव्यवस्था” पर मोदी का संदेश: अपने हितों से समझौता नहीं करेगा भारत

    'मृत अर्थव्यवस्था' में भारी निवेश! राहुल गांधी की बातों पर खुद ही भारी पड़े आंकड़े

    ‘मृत अर्थव्यवस्था’ में भारी निवेश! राहुल गांधी की बातों पर खुद ही भारी पड़े आंकड़े

    पाकिस्तान जरूरत के 25% ऊर्जा पर चलने वाला ‘भिखारी राष्ट्र’: निशिकांत दुबे

    पाकिस्तान जरूरत के 25% ऊर्जा पर चलने वाला ‘भिखारी राष्ट्र’: निशिकांत दुबे

    सरकार ने किसानों के लिए खोला पिटारा: जानिए मोदी कैबिनेट के ताजा 6 बड़े फैसले

    सरकार ने किसानों के लिए खोला पिटारा: जानिए मोदी कैबिनेट के ताजा 6 बड़े फैसले

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारतीय सेना में हर बटालियन में UAV और ड्रोन सिस्टम शामिल

    ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारतीय सेना में हर बटालियन में UAV और ड्रोन सिस्टम शामिल

    लद्दाख में ISRO का Mini Mars मिशन: होप सिमुलेशन से अंतरिक्ष की अगली छलांग

    क्या है भारत का मिशन HOPE और लद्दाख में क्यों जुटे हैं ISRO के वैज्ञानिक ?

    प्रोजेक्ट-18: भारत का ‘सुपर डेस्ट्रॉयर’ जो बदल देगा समुद्री शक्ति संतुलन

    प्रोजेक्ट-18: भारत का ‘सुपर डेस्ट्रॉयर’ जो बदल देगा समुद्री शक्ति संतुलन

    ऑपरेशन अखल जारी- जम्मू-कश्मीर के कुलगाम के घने जंगलों में एनकाउंटर, सुरक्षा बलों की बड़ी कार्रवाई

    ऑपरेशन अखल जारी- जम्मू-कश्मीर के कुलगाम के घने जंगलों में एनकाउंटर, सुरक्षा बलों की बड़ी कार्रवाई

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    ट्रंप के मृत अर्थव्यवस्था पर मोदी का संदेश: अपने हितों से समझौता नहीं करेगा भारत

    ट्रंप के “मृत अर्थव्यवस्था” पर मोदी का संदेश: अपने हितों से समझौता नहीं करेगा भारत

    पाकिस्तान जरूरत के 25% ऊर्जा पर चलने वाला ‘भिखारी राष्ट्र’: निशिकांत दुबे

    पाकिस्तान जरूरत के 25% ऊर्जा पर चलने वाला ‘भिखारी राष्ट्र’: निशिकांत दुबे

    "हिंदू अत्याचार के बीच फैसला: बांग्लादेश सुप्रीम कोर्ट ने रजाकार मुबारक हुसैन को किया बरी"

    “हिंदू अत्याचार के बीच फैसला: बांग्लादेश सुप्रीम कोर्ट ने रजाकार मुबारक हुसैन को किया बरी”

    "रूस में भूकंप से दहशत: 30 झटकों के बाद अब सुनामी की आशंका"

    “रूस में भूकंप से दहशत: 30 झटकों के बाद अब सुनामी की आशंका”

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    सतत सक्रिय, ध्येय साधक और प्रेरणा पुंज ‘हमारे चेतराम जी’

    सतत सक्रिय, ध्येय साधक और प्रेरणा पुंज ‘हमारे चेतराम जी’

    दैनिक जीवन में संस्कृत अपनाएं, यही असली भारतीयता: मोहन भागवत

    दैनिक जीवन में संस्कृत अपनाएं, यही असली भारतीयता: मोहन भागवत

    अब समय है ‘संस्कार क्रांति’ करने का

    अब समय है ‘संस्कार क्रांति’ करने का

    विजय दिवस पर घोषणा: दिल्ली में स्कूलों के नाम होंगे अब कारगिल के शहीदों के नाम पर

    विजय दिवस पर घोषणा: दिल्ली में स्कूलों के नाम होंगे अब कारगिल के शहीदों के नाम पर

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    लद्दाख में ISRO का Mini Mars मिशन: होप सिमुलेशन से अंतरिक्ष की अगली छलांग

    क्या है भारत का मिशन HOPE और लद्दाख में क्यों जुटे हैं ISRO के वैज्ञानिक ?

    19 वर्षीय दिव्या देशमुख ने रचा इतिहास, बनीं FIDE वर्ल्ड कप जीतने वाली पहली भारतीय महिला

    19 वर्षीय दिव्या देशमुख ने रचा इतिहास, बनीं FIDE वर्ल्ड कप जीतने वाली पहली भारतीय महिला

    मेघालय में विवाह से पहले अनिवार्य एचआईवी जांच: क्या कानून वहां सफल होगा जहां संस्कृति असफल रही?

    मेघालय में विवाह से पहले अनिवार्य एचआईवी जांच: क्या कानून वहां सफल होगा जहां संस्कृति असफल रही?

    The Lifecycle of a Betting Line

    The Lifecycle of a Betting Line

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

कौन हैं जैन ‘रानी अब्बक्का’ जिनकी शौर्य गाथा का गुणगान करेगा RSS?

इतिहास की वीरांगना: रानी अब्बक्का, जिसने 500 साल पहले पुर्तगालियों को धूल चटा दी

himanshumishra द्वारा himanshumishra
19 March 2025
in ज्ञान
इतिहास का भूला हुआ नाम 'रानी अब्बक्का' जिसने 500 साल पहले पुर्तगालियों को नाको चने चबवा दिए

इतिहास का भूला हुआ नाम 'रानी अब्बक्का' जिसने 500 साल पहले पुर्तगालियों को नाको चने चबवा दिए (Image Source: Wikipedia)

Share on FacebookShare on X

इस वर्ष विजयादशमी के अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) अपने शताब्दी वर्ष में प्रवेश कर रहा है। हिंदू समाज को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने के अगले 100 वर्षों की कार्ययोजना तय करने के लिए बेंगलुरु में 21 से 23 मार्च तक अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की जा रही है। इस बैठक को लेकर संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आम्बेकर ने प्रेस वार्ता में स्पष्ट किया कि हिंदू समाज की मजबूती और सांस्कृतिक पुनर्जागरण संघ की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में शामिल है। इसी कड़ी में, वर्षों तक वामपंथी इतिहासकारों द्वारा उपेक्षित की गई वीरांगनाओं के बलिदान और शौर्य को उजागर करने की दिशा में भी संघ ने महत्वपूर्ण कदम उठाने का संकल्प लिया है। इसी क्रम में, भारत की पहली स्वतंत्रता सेनानी ‘रानी अब्बक्का’ के अदम्य साहस और बलिदान को राष्ट्र के सामने पुनः प्रस्तुत किया जाएगा, ताकि देश की नई पीढ़ी भारत के वास्तविक नायकों से प्रेरणा ले सके।

रानी अब्बक्का, वह महान वीरांगना, जिन्होंने 500 साल पहले पुर्तगालियों के साम्राज्यवादी मंसूबों को नेस्तनाबूद कर दिया और लगातार 40 वर्षों तक विदेशी आक्रांताओं से टक्कर ली। जैन धर्म से संबंध रखने वाली इस अप्रतिम वीरांगना को सुनियोजित तरीके से इतिहास के पन्नों से मिटाने की कोशिश की गई, लेकिन संघ अब उनके गौरवशाली संघर्ष को फिर से देश के सामने लाने जा रहा है। अक्सर संघ पर यह आरोप लगाया जाता है कि वह केवल हिंदू संगठन है या महिलाओं के सम्मान में पक्षपात करता है, लेकिन इस फैसले से संघ ने एक बार फिर यह स्पष्ट कर दिया है कि उसके लिए राष्ट्र सर्वोपरि है। राष्ट्रभक्ति न संप्रदाय में बंधी होती है और न ही किसी विशेष जाति की धरोहर-जो भी भारत की अखंडता और संस्कृति की रक्षा के लिए खड़ा हुआ, वह वंदनीय है। अब समय आ गया है कि भारत के गुमनाम नायकों को वह स्थान मिले, जिसके वे सच्चे हकदार हैं।

संबंधितपोस्ट

सतत सक्रिय, ध्येय साधक और प्रेरणा पुंज ‘हमारे चेतराम जी’

दैनिक जीवन में संस्कृत अपनाएं, यही असली भारतीयता: मोहन भागवत

मालेगांव मामले में विहिप का हमला: कांग्रेस बताए निर्दोषों को क्यों फंसाया गया?

और लोड करें

कौन थीं रानी अब्बक्का

भारतीय इतिहास में कई वीरांगनाओं ने अपने साहस और बलिदान से देश की रक्षा की, लेकिन यह दुर्भाग्य रहा कि पहले की सरकारों ने इतिहास को इस तरह से लिखा कि गिनी-चुनी महिलाओं को ही स्वतंत्रता संग्राम में जगह मिली। इतिहास के पन्नों में कहीं खो गईं उन्हीं वीरांगनाओं में से एक हैं रानी अब्बक्का, जिनकी वीरता की मिसाल दुर्लभ है। कर्नाटक के उल्लाल नगर की यह अद्वितीय योद्धा वो पहली भारतीय महिला थीं, जिन्होंने पुर्तगालियों के खिलाफ 40 वर्षों तक संघर्ष किया और उन्हें बार-बार पराजित किया। जब विदेशी ताकतें भारत की धरती पर कब्जा जमाने की कोशिश कर रही थीं, तब रानी अब्बक्का ने अपनी मातृभूमि की रक्षा के लिए अपराजेय संकल्प के साथ संघर्ष किया। उनका नाम आज भले ही इतिहास के पन्नों में धुंधला पड़ गया हो, लेकिन इस वीरांगना की गाथा को भुलाया नहीं जा सकता।

रानी अब्बक्का का जन्म चौटा वंश के शासक परिवार में हुआ था, जो मातृसत्तात्मक परंपरा का पालन करता था। इसलिए उनके मामा तिरुमला राय ने उन्हें उल्लाल की रानी बनाया। उनका पूरा नाम अभया रानी अब्बक्का चौटा था, और वे भारत की पहली महिला स्वतंत्रता सेनानी और वीर जैन योद्धा थीं। उनका परिवार मूलबिद्री के राजपरिवार से संबंधित था, जिसने जैन धर्म के श्रुत संरक्षण में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया।

बचपन से ही उन्होंने घुड़सवारी, तलवारबाजी और धनुर्विद्या में निपुणता हासिल की थी। युद्धनीति और प्रशासनिक दक्षता में भी वे माहिर थीं। जब पुर्तगालियों ने समुद्री मार्गों पर अपना नियंत्रण स्थापित करने की कोशिश की, तो रानी अब्बक्का ने अपनी सेना के साथ उनका डटकर सामना किया। यही नहीं उनके शासनकाल में उल्लाल एक समृद्ध व्यापारिक केंद्र था, जहां से मध्य पूर्वी देशों को मसाले, चावल और वस्त्रों का निर्यात किया जाता था।

पुर्तगालियों के खिलाफ लगातार संघर्ष

रानी अब्बक्का की वीरता की कहानी भारतीय इतिहास के उन स्वर्णिम पन्नों में दर्ज है, जिन्हें वामपंथी इतिहासकारों ने जानबूझकर धुंधला करने की कोशिश की। लेकिन सच्चाई यह है कि उन्होंने दक्षिण भारत में पुर्तगालियों के विस्तार को दशकों तक रोककर रखा और अपनी मातृभूमि की रक्षा के लिए अंतिम सांस तक लड़ीं। उनका जीवन केवल एक शासक की कहानी नहीं, बल्कि स्वाभिमान, संघर्ष और अदम्य साहस का प्रतीक है। मंगलुरु की बंगा रियासत के राजा लक्ष्मप्पा अरसा से विवाह के बाद जब उनके संबंध बिगड़े, तो उन्होंने अपने पति से अलग होकर उल्लाल की स्वतंत्र रक्षा का संकल्प लिया। दुर्भाग्य से, वही पति बाद में पुर्तगालियों से मिल गया और अपनी ही पत्नी के खिलाफ साजिशें रचने लगा। लेकिन रानी अब्बक्का इतनी कमजोर नहीं थीं कि किसी विश्वासघात से घबरा जाएं। उन्होंने हिंदू-मुस्लिम योद्धाओं को संगठित किया और पुर्तगालियों के खिलाफ एक ऐसी जंग छेड़ी, जिसने उन्हें कई बार घुटनों पर ला दिया।

1525 में जब पहली बार पुर्तगालियों ने दक्षिण कनारा के तट पर हमला किया और मंगलोर के बंदरगाह को तबाह कर दिया, तो रानी अब्बक्का ने इसे भविष्य की चेतावनी मानकर अपने राज्य की सुरक्षा को मजबूत करने में जुट गईं। उनकी बढ़ती शक्ति से परेशान पुर्तगाली उन्हें अपने अधीन करना चाहते थे, लेकिन उन्होंने झुकने से इनकार कर दिया। 1555 में पुर्तगालियों ने एडमिरल डॉम अलवरो दा सिलवेरिया को युद्ध के लिए भेजा, पर रानी की रणनीति इतनी जबरदस्त थी कि उन्होंने इस आक्रमण को नाकाम कर दिया और पुर्तगाली सेना को पीछे हटने पर मजबूर कर दिया।

इसके बाद पुर्तगालियों ने अपनी क्रूरता की सारी हदें पार कर दीं। 1557-58 में उन्होंने मंगलोर पर हमला किया, मंदिरों को लूटा, जहाजों को आग के हवाले कर दिया और पूरे शहर में तबाही मचा दी। लेकिन रानी अब्बक्का इतनी आसानी से हार मानने वाली नहीं थीं। जब 1567 में पुर्तगालियों ने उल्लाल पर हमला किया, तो उन्होंने पूरी ताकत के साथ इसका जवाब दिया और उन्हें फिर से पीछे हटने पर मजबूर कर दिया।

1568 में वायसराय एंटोनियो नोरान्हा ने अपने सेनापति जनरल जोआओ पिक्सोटो को एक विशाल सेना के साथ उल्लाल भेजा। इस बार पुर्तगाली उल्लाल के किले में घुसने में कामयाब हो गए, जिससे रानी को एक मस्जिद में शरण लेनी पड़ी। लेकिन वह हार मानने वालों में से नहीं थीं। उसी रात उन्होंने 200 सैनिकों को इकट्ठा किया और जोआओ पिक्सोटो की सेना पर जबरदस्त हमला किया। इस लड़ाई में पिक्सोटो मारा गया, 70 पुर्तगाली सैनिक बंदी बना लिए गए और बाकी जान बचाकर भाग खड़े हुए। इसके बाद हुए संघर्षों में रानी ने पुर्तगालियों के एडमिरल मस्कारेन्हस को भी मौत के घाट उतार दिया और उन्हें मंगलोर का किला खाली करने पर मजबूर कर दिया।

1569 में पुर्तगालियों ने मंगलोर पर फिर से कब्जा किया और कुंडपुर पर भी विजय हासिल की। अब वे रानी अब्बक्का को खत्म करने के लिए उनके ही विश्वासघाती पति की मदद लेने लगे। कई भीषण युद्धों के बाद भी रानी अपने संकल्प पर अडिग रहीं। 1570 में उन्होंने बीजापुर के सुल्तान और कालीकट के ज़मोरिन से गठबंधन किया, जो पहले से ही पुर्तगालियों के खिलाफ मोर्चा खोले हुए थे। इस युद्ध में ज़मोरिन के सेनापति कुट्टी पोकर मार्कर ने रानी की ओर से लड़ते हुए मंगलोर के किले को पुर्तगालियों के कब्जे से मुक्त करा दिया, हालांकि वापसी के दौरान उन्हें धोखे से मार दिया गया।

लगातार संघर्ष और अपने ही पति के विश्वासघात के कारण आखिरकार रानी अब्बक्का को बंदी बना लिया गया और जेल में डाल दिया गया। लेकिन वहां भी उन्होंने हार नहीं मानी और कैदियों को संगठित करके विद्रोह छेड़ दिया। अंततः इसी संघर्ष में उन्होंने अपने प्राण न्योछावर कर दिए।

उल्लाल की धरती पर गूंजती है रानी अब्बक्का की वीरगाथा

रानी अब्बक्का का नाम उन वीरांगनाओं में सबसे ऊपर है, जिन्होंने विदेशी आक्रमणकारियों के सामने सिर झुकाने के बजाय आखिरी सांस तक अपनी मातृभूमि के लिए संघर्ष किया। दुर्भाग्यवश, वामपंथी इतिहासकारों ने उनके योगदान को जानबूझकर भुलाने की कोशिश की, लेकिन इतिहास के पन्नों से उनका बलिदान कभी मिटाया नहीं जा सकता। आज भी मंगलौर, यानी उल्लाल, उनकी वीरता की गूंज से भरा हुआ है। हर साल उनकी याद में “वीर रानी अब्बक्का उत्सव” मनाया जाता है, जिसमें उनकी बहादुरी और राष्ट्र के प्रति उनकी अटूट निष्ठा को सम्मान दिया जाता है।

कर्नाटक इतिहास अकादमी ने उनके नाम पर एक सड़क, “रानी अब्बक्का देवी रोड,” का नामकरण किया, जो उनकी अमर गाथा का प्रतीक है। इसके अलावा, राज्य में महिलाओं को उनकी बहादुरी और संघर्ष की प्रेरणा देने के लिए “रानी अब्बक्का पुरस्कार” भी प्रदान किया जाता है। उनकी स्मृति को चिरस्थायी बनाने के लिए वहां एक भव्य पत्थर की मूर्ति स्थापित की गई है, जो आने वाली पीढ़ियों को उनकी गाथा सुनाती रहेगी।

राष्ट्रवादी सरकारों ने भी समय-समय पर उनके योगदान को सम्मानित किया है। 2003 में अटल बिहारी वाजपेयी सरकार ने उनके सम्मान में एक विशेष डाक आवरण जारी किया था, जिससे यह स्पष्ट होता है कि राष्ट्र अपनी असली नायिकाओं को कभी नहीं भूलता। रानी अब्बक्का केवल इतिहास के पन्नों में दर्ज एक योद्धा नहीं, बल्कि राष्ट्रभक्ति, साहस और मातृभूमि के लिए बलिदान की जीती-जागती मिसाल हैं। उनकी गाथा हर भारतीय के हृदय में सदा अमर रहेगी।

स्रोत: रानी अब्बक्का, संघ, प्रतिनिधि सभा, कर्नाटक, आरएसएस, Rani Abbakka, Sangh, Pratinidhi Sabha, Karnataka, RSS
Tags: KarnatakaPratinidhi SabhaRani AbbakkarssSanghआरएसएसकर्नाटकप्रतिनिधि सभारानी अब्बक्कासंघ
शेयरट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

जब लंदन के प्रिवी काउंसिल पहुंचा था भारत का वक्फ संपत्ति विवाद; जानें क्या हैं वक्फ के मायने?

अगली पोस्ट

जया बच्चन और शशि थरूर ने पीएम मोदी की तारीफ में पढ़े कसीदे, जानें किसने क्या कहा?

संबंधित पोस्ट

सतत सक्रिय, ध्येय साधक और प्रेरणा पुंज ‘हमारे चेतराम जी’
इतिहास

सतत सक्रिय, ध्येय साधक और प्रेरणा पुंज ‘हमारे चेतराम जी’

3 August 2025

आज 3 अगस्त है, इसलिए यह लेख एक ऐसे महान व्यक्तित्व के जन्म दिवस पर लिखा जा रहा हैं, जिनके लिए लोगों द्वारा व्यक्त की...

दैनिक जीवन में संस्कृत अपनाएं, यही असली भारतीयता: मोहन भागवत
ज्ञान

दैनिक जीवन में संस्कृत अपनाएं, यही असली भारतीयता: मोहन भागवत

1 August 2025

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने संस्कृत को दैनिक संवाद की भाषा के रूप में बढ़ावा देकर भारत की सांस्कृतिक आत्मा को पुनर्जीवित करने का जोरदार...

अब समय है ‘संस्कार क्रांति’ करने का
मत

अब समय है ‘संस्कार क्रांति’ करने का

29 July 2025

मनुष्य अपने जीवन में आखिर चाहता क्या है? सब एक ही उत्तर देते हैं, ‘सुख और शांति’ ! केवल सुख और शांति की ही कामना...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

Is Congress Against Migrants? Chidambaram Calls Biharis 'Illegal Voters'

Is Congress Against Migrants? Chidambaram Calls Biharis 'Illegal Voters'

00:07:49

Gandhi Family Losing Grip allies Disown Rahul’s Trump-Style Attack on Indian Economy

00:06:28

Trump's Tariff Prompt India to Exit F-35 Jet Deal?

00:06:28

Sawan’s Fire, Bharat’s Voice: How India Is Leading the Global Narrative Now

00:06:03

When Reuters Insults India, Its Indian Staff Looks the Other way

00:07:38
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited