श्रीमद्भगवद्गीता (गीता) और भरत मुनि के नाट्यशास्त्र को UNESCO मेमोरी ऑफ द वर्ल्ड रजिस्टर में शामिल किया गया है। इस तरह से अब इस रजिस्टर में देश के 14 अभिलेख शामिल हो गए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस पर खुशी जताते हुए इसे हर भारतीय के लिए यह गर्व का क्षण बताया है।
दरअसल, केन्द्रीय संस्कृति मंत्री और पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने एक्स (X) पर पोस्ट कर श्रीमद्भगवद्गीता और नाट्यशास्त्र को UNESCO रजिस्टर में शामिल किए जाने की जानकारी दी थी। इस पोस्ट को शेयर करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लिखा है:
“दुनिया भर में हर भारतीय के लिए गर्व का क्षण! यूनेस्को के मेमोरी ऑफ द वर्ल्ड रजिस्टर में गीता और नाट्यशास्त्र को शामिल किया जाना हमारी कालातीत बुद्धिमत्ता और समृद्ध संस्कृति की वैश्विक मान्यता है।”
“गीता और नाट्यशास्त्र ने सदियों से सभ्यता और चेतना का पोषण किया है। उनकी अंतर्दृष्टि दुनिया को प्रेरित करती रहती है।”
A proud moment for every Indian across the world!
The inclusion of the Gita and Natyashastra in UNESCO’s Memory of the World Register is a global recognition of our timeless wisdom and rich culture.
The Gita and Natyashastra have nurtured civilisation, and consciousness for… https://t.co/ZPutb5heUT
— Narendra Modi (@narendramodi) April 18, 2025
वहीं, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने इस बारे में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट करते हुए लिखा:
“भारत की सभ्यतागत विरासत के लिए एक ऐतिहासिक क्षण है. श्रीमद्भगवद्गीता और भरत मुनि के नाट्यशास्त्र को अब यूनेस्को के मेमोरी ऑफ द वर्ल्ड रजिस्टर में अंकित किया गया है। यह वैश्विक सम्मान भारत के शाश्वत ज्ञान और कलात्मक प्रतिभा का जश्न मनाता है। ”
“ये कालातीत रचनाएँ साहित्यिक खजाने से कहीं अधिक हैं, वे दार्शनिक और सौंदर्यवादी आधार हैं, जिन्होंने भारत के विश्व दृष्टिकोण और हमारे सोचने, महसूस करने, जीने और अभिव्यक्त करने के तरीके को आकार दिया है। उन्होंने आगे लिखा कि इसके साथ ही, अब हमारे देश के 14 अभिलेख इस अंतर्राष्ट्रीय रजिस्टर में शामिल हो गए हैं।”
A historic moment for Bharat’s civilisational heritage!
The Shrimad Bhagavad Gita & Bharat Muni’s Natyashastra are now inscribed in UNESCO’s Memory of the World Register.
This global honour celebrates India’s eternal wisdom & artistic genius.
These timeless works are more than… pic.twitter.com/Zeaio8OXEB
— Gajendra Singh Shekhawat (@gssjodhpur) April 18, 2025
क्या है Memory of the World Register?
यूनेस्को का ‘Memory of the World Register’ (मेमोरी ऑफ द वर्ल्ड रजिस्टर) एक अंतरराष्ट्रीय पहल है, जिसे साल 1992 में शुरू किया गया था। इसका उद्देश्य विश्व के महत्वपूर्ण दस्तावेज़ी विरासत को संरक्षित कर उसे पहचान देना और पूरी दुनिया में रह रहे लोगों तक पहुंचाना है।
यह एक अंतरराष्ट्रीय रजिस्टर है जिसमें विश्वभर के ऐतिहासिक दस्तावेज़, पांडुलिपियाँ, दुर्लभ पुस्तकें, चित्र, फिल्में, ऑडियो रिकॉर्डिंग, आदि को शामिल किया जाता है, जिनका ऐतिहासिक, सांस्कृतिक या सामाजिक महत्व बहुत अधिक होता है।
यूनेस्को के मेमोरी ऑफ द वर्ल्ड रजिस्टर में भारत के कुल 14 अभिलेख (रजिस्टर) शामिल हैं। इनमें हाल ही में शामिल श्रीमद्भगवद्गीता और भरत मुनि के नाट्यशास्त्र के साथ-साथ पहले से शामिल रामचरितमानस, पंचतंत्र, सहरदयालोक-लोचन, ऋग्वेद मैनुस्क्रिप्ट, तमिल मेडिकल मैनुस्क्रिप्ट, और डच ईस्ट इंडिया कंपनी के अभिलेख जैसे महत्वपूर्ण दस्तावेज हैं।
यह संख्या अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय (एशिया-पैसिफिक) रजिस्टर दोनों को मिलाकर है, जिसमें 2024 तक तीन साहित्यिक कृतियाँ (रामचरितमानस, पंचतंत्र, और सहरदयालोक-लोचन) और अब दो और कृतियां श्रीमद्भगवद्गीता और नाट्यशास्त्र जोड़ी गई हैं।