जब गमछा बना राजनीति का संदेश: पीएम मोदी की प्रतीक-प्रधान चुनावी रणनीति और जनता से सीधा जुड़ाव
TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    भूरा बाल साफ करो: लालू-आरजेडी की जातिवादी राजनीति ने बिहार में फैलाई नफरत और हिंसा, उद्योग-बिजनेस से लेकर आम जनता तक सब हुआ आतंकित

    भूरा बाल साफ करो: लालू-आरजेडी की जातिवादी राजनीति ने बिहार में फैलाई नफरत और हिंसा, उद्योग-बिजनेस से लेकर आम जनता तक सब हुआ आतंकित

    खरगे की मांग बनाम RSS: डर के साथ कब तक भारतीय राजनीति में कब तक खड़ी रह पाएगी कांग्रेस

    खरगे की मांग बनाम RSS: डर के साथ कब तक भारतीय राजनीति में कब तक खड़ी रह पाएगी कांग्रेस

    जब गमछा बना राजनीति का संदेश: पीएम मोदी की प्रतीक-प्रधान चुनावी रणनीति और जनता से सीधा जुड़ाव

    जब गमछा बना राजनीति का संदेश: पीएम मोदी की प्रतीक-प्रधान चुनावी रणनीति और जनता से सीधा जुड़ाव

    सरदार पटेल: लौहपुरुष जिन्होंने मातृभूमि के लिए अपना सबकुछ कुर्बान कर दिया

    सरदार पटेल: लौहपुरुष जिन्होंने मातृभूमि के लिए अपना सबकुछ कुर्बान कर दिया

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    The Power of Reading in Building Economic Awareness

    The Power of Reading in Building Economic Awareness

    भारत की कूटनीति अब ‘वर्चुअल’ नहीं, रणनीतिक है: आसियान शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी का डिजिटल नेतृत्व और एशियाकी नई शक्ति-संतुलन रेखा

    भारत की कूटनीति अब ‘वर्चुअल’ नहीं, रणनीतिक है: आसियान शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी का डिजिटल नेतृत्व और एशिया की नई शक्ति-संतुलन रेखा

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    न्योमा यह भी साबित करता है कि भारत ने भविष्य की तैयारी को गंभीरता से लिया है।

    13,700 फीट की ऊंचाई पर भारत का गर्व: न्योमा एयरबेस सीमाओं की रक्षा, वायु शक्ति की नई उड़ान और राष्ट्र की अडिग सामरिक तैयारी का प्रतीक

    भारत ने मारा चाबहार-बड़गाम कॉम्बो शॉट! अमेरिका, ईरान, अफगानिस्तान सब साथ, पाकिस्तान की चौधराहट हुई ध्वस्त

    भारत ने मारा चाबहार-बड़गाम कॉम्बो शॉट! अमेरिका, ईरान, अफगानिस्तान सब साथ, पाकिस्तान की चौधराहट हुई ध्वस्त

    श्रीनगर एयरस्ट्रिप की ‘कड़कड़ाती रात’: जब RSS के स्वयंसेवकों ने उठाई बंदूक, बर्फ हटा कर भारतीय सेना को कराया लैंड

    श्रीनगर एयरस्ट्रिप की ‘कड़कड़ाती रात’: जब RSS के स्वयंसेवकों ने उठाई बंदूक, बर्फ हटा कर भारतीय सेना को कराया लैंड

    पीएम मोदी की हत्या की साजिश: ढाका की रहस्यमयी घटनाओं से ASEAN तक फैली साजिश का खुलासा

    पीएम मोदी की हत्या की साजिश: ढाका की रहस्यमयी घटनाओं से ASEAN तक फैली साजिश का खुलासा

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    न्योमा यह भी साबित करता है कि भारत ने भविष्य की तैयारी को गंभीरता से लिया है।

    13,700 फीट की ऊंचाई पर भारत का गर्व: न्योमा एयरबेस सीमाओं की रक्षा, वायु शक्ति की नई उड़ान और राष्ट्र की अडिग सामरिक तैयारी का प्रतीक

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    तालिबान ने की पाकिस्तान की इंटरनेशनल बेइज्जती, ऐसा सुनाया कि शायद मुल्ला मुनीर को नींद भी न आए

    तालिबान ने की पाकिस्तान की इंटरनेशनल बेइज्जती, ऐसा सुनाया कि शायद मुल्ला मुनीर को नींद भी न आए

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    नगीना मस्जिद हमला

    जब सरदार पटेल पर मुस्लिम भीड़ ने किया था जानलेवा हमला:  घटना तो दूर 86 वर्षों तक हमलावरों के नाम भी सामने क्यों नहीं आने दिए गए ?

    सरदार पटेल: लौहपुरुष जिन्होंने मातृभूमि के लिए अपना सबकुछ कुर्बान कर दिया

    सरदार पटेल: लौहपुरुष जिन्होंने मातृभूमि के लिए अपना सबकुछ कुर्बान कर दिया

    क्या नेताजी सचमुच 1945 में मारे गए थे? मुथुरामलिंगा थेवर और गुमनामी बाबा ने खोला रहस्य

    क्या नेताजी का निधन सचमुच 1945 विमान हादसे में हुआ था? मुथुरामलिंगा थेवर और गुमनामी बाबा ने खोला रहस्य

    हिंदू महिलाओं के खिलाफ जिहाद, मसूद अजहर का नया ‘ऑपरेशन सिंदूर’ और भारत की वैचारिक प्रतिघोषणा

    हिंदू महिलाओं के खिलाफ जिहाद, मसूद अजहर का नया ‘ऑपरेशन सिंदूर’ और भारत की वैचारिक प्रतिघोषणा

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    एशिया कप हारने के बाद पाकिस्तान के लोगों ने ही पाकिस्तान टीम को सोशल मीडिया पर धो डाला! उड़ाया मजाक

    एशिया कप हारने के बाद पाकिस्तान के लोगों ने ही पाकिस्तान टीम को सोशल मीडिया पर धो डाला! उड़ाया मजाक

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    भूरा बाल साफ करो: लालू-आरजेडी की जातिवादी राजनीति ने बिहार में फैलाई नफरत और हिंसा, उद्योग-बिजनेस से लेकर आम जनता तक सब हुआ आतंकित

    भूरा बाल साफ करो: लालू-आरजेडी की जातिवादी राजनीति ने बिहार में फैलाई नफरत और हिंसा, उद्योग-बिजनेस से लेकर आम जनता तक सब हुआ आतंकित

    खरगे की मांग बनाम RSS: डर के साथ कब तक भारतीय राजनीति में कब तक खड़ी रह पाएगी कांग्रेस

    खरगे की मांग बनाम RSS: डर के साथ कब तक भारतीय राजनीति में कब तक खड़ी रह पाएगी कांग्रेस

    जब गमछा बना राजनीति का संदेश: पीएम मोदी की प्रतीक-प्रधान चुनावी रणनीति और जनता से सीधा जुड़ाव

    जब गमछा बना राजनीति का संदेश: पीएम मोदी की प्रतीक-प्रधान चुनावी रणनीति और जनता से सीधा जुड़ाव

    सरदार पटेल: लौहपुरुष जिन्होंने मातृभूमि के लिए अपना सबकुछ कुर्बान कर दिया

    सरदार पटेल: लौहपुरुष जिन्होंने मातृभूमि के लिए अपना सबकुछ कुर्बान कर दिया

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    The Power of Reading in Building Economic Awareness

    The Power of Reading in Building Economic Awareness

    भारत की कूटनीति अब ‘वर्चुअल’ नहीं, रणनीतिक है: आसियान शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी का डिजिटल नेतृत्व और एशियाकी नई शक्ति-संतुलन रेखा

    भारत की कूटनीति अब ‘वर्चुअल’ नहीं, रणनीतिक है: आसियान शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी का डिजिटल नेतृत्व और एशिया की नई शक्ति-संतुलन रेखा

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    न्योमा यह भी साबित करता है कि भारत ने भविष्य की तैयारी को गंभीरता से लिया है।

    13,700 फीट की ऊंचाई पर भारत का गर्व: न्योमा एयरबेस सीमाओं की रक्षा, वायु शक्ति की नई उड़ान और राष्ट्र की अडिग सामरिक तैयारी का प्रतीक

    भारत ने मारा चाबहार-बड़गाम कॉम्बो शॉट! अमेरिका, ईरान, अफगानिस्तान सब साथ, पाकिस्तान की चौधराहट हुई ध्वस्त

    भारत ने मारा चाबहार-बड़गाम कॉम्बो शॉट! अमेरिका, ईरान, अफगानिस्तान सब साथ, पाकिस्तान की चौधराहट हुई ध्वस्त

    श्रीनगर एयरस्ट्रिप की ‘कड़कड़ाती रात’: जब RSS के स्वयंसेवकों ने उठाई बंदूक, बर्फ हटा कर भारतीय सेना को कराया लैंड

    श्रीनगर एयरस्ट्रिप की ‘कड़कड़ाती रात’: जब RSS के स्वयंसेवकों ने उठाई बंदूक, बर्फ हटा कर भारतीय सेना को कराया लैंड

    पीएम मोदी की हत्या की साजिश: ढाका की रहस्यमयी घटनाओं से ASEAN तक फैली साजिश का खुलासा

    पीएम मोदी की हत्या की साजिश: ढाका की रहस्यमयी घटनाओं से ASEAN तक फैली साजिश का खुलासा

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    न्योमा यह भी साबित करता है कि भारत ने भविष्य की तैयारी को गंभीरता से लिया है।

    13,700 फीट की ऊंचाई पर भारत का गर्व: न्योमा एयरबेस सीमाओं की रक्षा, वायु शक्ति की नई उड़ान और राष्ट्र की अडिग सामरिक तैयारी का प्रतीक

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    तालिबान ने की पाकिस्तान की इंटरनेशनल बेइज्जती, ऐसा सुनाया कि शायद मुल्ला मुनीर को नींद भी न आए

    तालिबान ने की पाकिस्तान की इंटरनेशनल बेइज्जती, ऐसा सुनाया कि शायद मुल्ला मुनीर को नींद भी न आए

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    नगीना मस्जिद हमला

    जब सरदार पटेल पर मुस्लिम भीड़ ने किया था जानलेवा हमला:  घटना तो दूर 86 वर्षों तक हमलावरों के नाम भी सामने क्यों नहीं आने दिए गए ?

    सरदार पटेल: लौहपुरुष जिन्होंने मातृभूमि के लिए अपना सबकुछ कुर्बान कर दिया

    सरदार पटेल: लौहपुरुष जिन्होंने मातृभूमि के लिए अपना सबकुछ कुर्बान कर दिया

    क्या नेताजी सचमुच 1945 में मारे गए थे? मुथुरामलिंगा थेवर और गुमनामी बाबा ने खोला रहस्य

    क्या नेताजी का निधन सचमुच 1945 विमान हादसे में हुआ था? मुथुरामलिंगा थेवर और गुमनामी बाबा ने खोला रहस्य

    हिंदू महिलाओं के खिलाफ जिहाद, मसूद अजहर का नया ‘ऑपरेशन सिंदूर’ और भारत की वैचारिक प्रतिघोषणा

    हिंदू महिलाओं के खिलाफ जिहाद, मसूद अजहर का नया ‘ऑपरेशन सिंदूर’ और भारत की वैचारिक प्रतिघोषणा

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    एशिया कप हारने के बाद पाकिस्तान के लोगों ने ही पाकिस्तान टीम को सोशल मीडिया पर धो डाला! उड़ाया मजाक

    एशिया कप हारने के बाद पाकिस्तान के लोगों ने ही पाकिस्तान टीम को सोशल मीडिया पर धो डाला! उड़ाया मजाक

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

जब गमछा बना राजनीति का संदेश: पीएम मोदी की प्रतीक-प्रधान चुनावी रणनीति और जनता से सीधा जुड़ाव

गमछा, जो बिहार के हर खेत, बाजार और रेलवे स्टेशन पर दैनिक जीवन का हिस्सा है, वह अब राजनीति का संदेश बन चुका था। पीएम मोदी की मुस्कान और हाथ हिलाना केवल एक अभिवादन नहीं था, यह एक सशक्त राजनीतिक इशारा था।

Vibhuti Ranjan द्वारा Vibhuti Ranjan
1 November 2025
in चर्चित, बिहार डायरी, भारत, मत, राजनीति, समीक्षा
जब गमछा बना राजनीति का संदेश: पीएम मोदी की प्रतीक-प्रधान चुनावी रणनीति और जनता से सीधा जुड़ाव

मोदी की प्रतीक-प्रधान राजनीति विपक्ष के लिए चुनौतीपूर्ण है।

Share on FacebookShare on X

मुजफ्फरपुर की धूप तप रही थी, लेकिन मौसम से अधिक गर्मी उस मैदान में थी, जहां हजारों लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्वागत करने के लिए जुटे थे। हेलिकॉप्टर के उतरते ही मोदी, मोदी! के नारों की गूंज चारों ओर फैल गई। आम तौर पर रैलियों में यह दृश्य परिचित होता है, लेकिन इस बार माहौल में कुछ अलग था। कुछ ही क्षण बाद पीएम मोदी ने जो किया, उसने न सिर्फ वहां उपस्थित लोगों का दिल जीत लिया, बल्कि बिहार की राजनीति और भारतीय चुनावी रणनीति में एक नया अध्याय जोड़ दिया। उन्होंने मंच पर खड़े होकर मधुबनी प्रिंट वाला गमछा लहराया।

यह कोई साधारण क्षण नहीं था। यह वह समय था जब एक प्रतीक ने शब्दों से ज्यादा ताकत दिखाई। गमछा, जो बिहार के हर खेत, बाजार और रेलवे स्टेशन पर दैनिक जीवन का हिस्सा है, वह अब राजनीति का संदेश बन चुका था। पीएम मोदी की मुस्कान और हाथ हिलाना केवल एक अभिवादन नहीं था, यह एक सशक्त राजनीतिक इशारा था। भीड़ ने इसे महसूस किया और प्रतिक्रिया भी उसी प्रकार दी। यह दृश्य दर्शाता है कि राजनीति अब केवल भाषण और घोषणापत्र तक सीमित नहीं रही।

संबंधितपोस्ट

तेजस्वी का प्रण बनाम एनडीए का संकल्प: बिहार में ‘वोटर मोहिनी’ का खेल और जीत का गणित

कांग्रेस की संघ से डर नीति पर अदालत की चोट: जनता के अधिकार कुचलने की कोशिश पर कर्नाटक हाईकोर्ट ने लगाया ब्रेक

बिहार में मोदी का महासंकल्प: रोड शो से जन-जन तक ‘राष्ट्रवादी विकास यात्रा’

और लोड करें

गमछा: बिहार की मिट्टी से जुड़ा प्रतीक

बिहार में गमछा केवल कपड़ा नहीं है। यह मेहनतकश वर्ग की जीवनशैली का प्रतीक है। खेतों में किसान, रिक्शा पर चालक, ईंट-भट्टों पर काम करने वाले श्रमिक और प्रवासी मजदूर, सभी के सिर या कंधे पर यही गमछा रहता है। यह उन्हें धूप से बचाता है, पसीने को पोंछने का काम करता है और कई बार सम्मान का संकेत भी बन जाता है।

मोदी द्वारा गमछा पहनना या लहराना इसलिए केवल एक वस्त्र का प्रदर्शन नहीं है। यह एक संकेत है कि वे बिहार की मिट्टी, उसके लोगों और उनकी मेहनत के साथ खड़े हैं। यह भावनात्मक संवाद है जो बिना शब्दों के सीधे जनता के दिल तक पहुंचता है। यह संदेश देता है कि नेता सिर्फ सत्ता का प्रतिनिधि नहीं, बल्कि जनता के जीवन और उनके संघर्ष का गहरा समझदार साथी है।

मोदी की प्रतीक-प्रधान राजनीति

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुनावी शैली का एक बड़ा हिस्सा प्रतीक और दृश्य-प्रधान राजनीति पर आधारित है। वह भाषण और शब्दों पर निर्भर नहीं रहते। उनके हर सार्वजनिक रूपांतरण में यही देखा गया है। पगड़ी, धोती, चादर, अंगवस्त्रम, शॉल और अब गमछा।

यह सब योजनाबद्ध है। पीएम मोदी जानते हैं कि प्रतीक तत्काल ध्यान खींचते हैं, मीडिया और सोशल मीडिया पर वायरल होते हैं और जनता के दिमाग में जल्दी जगह बना लेते हैं। गमछा जैसे प्रतीक जनता की रोजमर्रा की पहचान से जुड़े होते हैं। इसलिए इसे देखकर लोगों को लगता है कि नेता उनके जीवन, उनकी संस्कृति और उनकी समस्याओं को समझता है।

दृश्य राजनीति: बिना बोले संदेश देना

पीएम मोदी की रणनीति का मुख्य आधार है बिना बोले संदेश देना। वह मंच पर खड़े होकर हाथ हिलाते हैं, मुस्कुराते हैं, किसी प्रतीक को अपनाते हैं और यह दृश्य अपनी पूरी ताकत से जनता तक पहुंच जाता है। भाषण में हजार शब्द हो सकते हैं, लेकिन यह प्रतीकात्मक दृश्य केवल कुछ क्षण में भावनात्मक जुड़ाव पैदा कर देता है।

मुजफ्फरपुर की घटना इसका स्पष्ट उदाहरण है। गमछा लहराने का दृश्य न केवल भीड़ को प्रभावित करता है, बल्कि कैमरे और सोशल मीडिया के माध्यम से पूरी दुनिया तक फैलता है। यह संदेश देता है कि मोदी जनता के बीच आते हैं, उनके जीवन के अनुभवों को समझते हैं और उनके संघर्ष को अपने राजनीतिक संवाद का हिस्सा बनाते हैं।

भारतीय राजनीति में प्रतीकवाद का महत्व

भारत में राजनीति हमेशा से प्रतीकों और प्रतीकात्मक वस्त्रों के माध्यम से संचालित रही है। गांधी का चरखा, अटल बिहारी वाजपेयी की मद्धम वाणी, अन्ना हजारे की टोपी ये सब राजनीतिक संदेश का हिस्सा रहे हैं। पीएम मोदी इसी परंपरा को आगे बढ़ाते हुए प्रतीकों को चुनावी रणनीति में बदल देते हैं।

पीएम मोदी का गमछा इसी दृष्टि का नवीनतम उदाहरण है। यह सिर्फ स्थानीय संस्कृति का सम्मान नहीं है, बल्कि एक शक्तिशाली राजनीतिक संदेश भी है। यह जनता के साथ भावनात्मक जुड़ाव पैदा करता है और उन्हें यह विश्वास दिलाता है कि उनका नेता उनके जीवन, उनकी संस्कृति और उनके संघर्ष को समझता है।

भीड़ और जनता के साथ भावनात्मक जुड़ाव

पीएम मोदी का गमछा-लहराने वाला दृश्य जनता के बीच एक भावनात्मक पुल बनाता है। लोग महसूस करते हैं कि नेता उनकी संस्कृति और उनके प्रतीकों का सम्मान करता है। यह केवल प्रतीक नहीं, बल्कि राजनीति की वह शक्ति है जो भीड़ को एकजुट करती है और उनके दिलों में विश्वास पैदा करती है।

इस भावनात्मक जुड़ाव की ताकत ही चुनावी सफलता की कुंजी है। पीएम मोदी के इस कदम से स्पष्ट होता है कि राजनीति केवल नारे और घोषणापत्र से नहीं चलती, यह जनता की भावनाओं, उनके प्रतीकों और उनके दैनिक जीवन के अनुभवों से संचालित होती है।

सोशल मीडिया और दृश्य राजनीति

आज के डिजिटल युग में दृश्य राजनीति की शक्ति और बढ़ गई है। गमछा लहराने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, लोगों ने इसे “जनता से आत्मीय जुड़ाव का प्रतीक” बताया। यह दृश्य तुरंत हेडलाइन बन गया, हजारों शेयर और कमेंट्स के माध्यम से यह संदेश दूर-दूर तक पहुंचा।

मोदी की रणनीति में यह भी शामिल है कि जनता और मीडिया दोनों को एक साथ प्रभावित किया जाए। दृश्य राजनीति शब्दों से अधिक प्रभावी होती है क्योंकि यह तुरंत समझ में आती है और लंबे समय तक स्मृति में बनी रहती है।

बिहार की सामाजिक और राजनीतिक जटिलताएं

बिहार की राजनीति जाति, धर्म, वर्ग और संस्कृति के मिश्रण से जटिल है। मोदी का गमछा-लहराना इस जटिलता को ही साधने की रणनीति है। यह प्रतीक किसी एक जाति या वर्ग तक सीमित नहीं है, यह मेहनतकश जनता, किसानों, श्रमिकों और प्रवासी मजदूरों के जीवन से जुड़ा हुआ है।

यह रणनीति जनता को यह संकेत देती है कि केंद्र सरकार और उसका नेतृत्व उनके साथ खड़ा है। चुनावी नजरिए से यह कदम महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह जनता के दिलों में विश्वास और आत्मीयता पैदा करता है।

विपक्ष के लिए चुनौती

मोदी की प्रतीक-प्रधान राजनीति विपक्ष के लिए चुनौतीपूर्ण है। जहां दूसरे नेता भाषण और घोषणापत्र पर निर्भर रहते हैं, पीएम मोदी दृश्य और प्रतीक के माध्यम से जनता के दिल तक पहुंचते हैं। उनकी यह शैली न केवल प्रभावी है, बल्कि विपक्ष के लिए कठिनाई पैदा करती है क्योंकि उनके लिए इसका मुकाबला करना आसान नहीं होता।

पीएम मोदी का दृष्टिकोण स्पष्ट है: राजनीति केवल शब्दों का खेल नहीं है, बल्कि प्रतीक, दृश्य और जनता के जीवन के अनुभवों के माध्यम से संदेश देना है।

गमछा = राजनीति का नया संदेश

मुजफ्फरपुर में गमछा लहराने का क्षण दिखाता है कि मोदी की राजनीति अब प्रतीक-प्रधान और दृश्य-प्रधान हो चुकी है। यह केवल एक कपड़ा नहीं, बल्कि एक संदेश है। यह संदेश देता है कि नेता जनता के साथ खड़ा है, उनकी संस्कृति और जीवन के संघर्ष को समझता है और उनके अनुभवों को राजनीतिक संवाद में शामिल करता है।

गमछा अब राजनीति का प्रतीक है, वोट बनाने का उपकरण है, और जनता के साथ भावनात्मक जुड़ाव का माध्यम है। मुजफ्फरपुर का यह दृश्य यह स्पष्ट करता है कि पीएम मोदी की राजनीति अब भाषणों से आगे बढ़कर प्रतीक और भावनाओं के माध्यम से चलती है।

इसलिए जब पीएम मोदी गमछा लहराते हैं, तो केवल भीड़ नहीं, बल्कि राजनीति की दिशा भी प्रभावित होती है। यह क्षण साबित करता है कि प्रतीक-प्रधान राजनीति भविष्य का रास्ता है, और नरेंद्र मोदी इस कला के सबसे कुशल कलाकार हैं।

Tags: Bihar ElectionsBJPMuzaffarpurPM Moditoweltowel in electionsगमछाचुनाव में गमछापीएम मोदीबिहार चुनावभाजपामुजफ्फरपुर
शेयरट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

जब सरदार पटेल पर मुस्लिम भीड़ ने किया था जानलेवा हमला:  घटना तो दूर 86 वर्षों तक हमलावरों के नाम भी सामने क्यों नहीं आने दिए गए ?

अगली पोस्ट

खरगे की मांग बनाम RSS: डर के साथ कब तक भारतीय राजनीति में कब तक खड़ी रह पाएगी कांग्रेस

संबंधित पोस्ट

न्योमा यह भी साबित करता है कि भारत ने भविष्य की तैयारी को गंभीरता से लिया है।
आयुध

13,700 फीट की ऊंचाई पर भारत का गर्व: न्योमा एयरबेस सीमाओं की रक्षा, वायु शक्ति की नई उड़ान और राष्ट्र की अडिग सामरिक तैयारी का प्रतीक

2 November 2025

भारत ने अपनी सीमाओं की रक्षा और उसकी सामरिक ताकत को नई ऊंचाइयों तक ले जाने का एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। पूर्वी लद्दाख के...

भूरा बाल साफ करो: लालू-आरजेडी की जातिवादी राजनीति ने बिहार में फैलाई नफरत और हिंसा, उद्योग-बिजनेस से लेकर आम जनता तक सब हुआ आतंकित
चर्चित

भूरा बाल साफ करो: लालू-आरजेडी की जातिवादी राजनीति ने बिहार में फैलाई नफरत और हिंसा, उद्योग-बिजनेस से लेकर आम जनता तक सब हुआ आतंकित

1 November 2025

भारत के लोकतांत्रिक इतिहास में बिहार की राजनीति ने कई बार देश के सामने गंभीर सबक पेश किया है। 1990 के दशक में राज्य में...

80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़
अर्थव्यवस्था

80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

1 November 2025

भारत-पाकिस्तान संबंध हमेशा तनाव और जटिलताओं से भरे रहे हैं, लेकिन हालिया जल-सैन्य रणनीति ने पाकिस्तान के लिए खेल बदल दिया है। सिंधु बेसिन पर...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

How Pakistan’s Navy Is Linked to the Global Meth Smuggling Network?

How Pakistan’s Navy Is Linked to the Global Meth Smuggling Network?

00:04:44

How Marya Shakil Whitewashed RJD’s Genocidal ‘Bhura Baal Saaf Karo’ Slogan?

00:07:12

Will India Finally Know The Truth About Netaji’s Death?

00:08:41

When Grief Met Greed: The Shocking Story of a Father & Bengaluru’s Bribe Chain

00:07:45

How ‘Grokipedia’ Seeks to Correct Perceived Ideological Biases in India-Related Wikipedia Articles”

00:08:17
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited