TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    बिहार के बाजीगरों के जरिये पश्चिम बंगाल फतह का ताना-बाना बुन रही भाजपा

    बिहार के बाजीगरों के जरिये पश्चिम बंगाल फतह का ताना-बाना बुन रही भाजपा

    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    शशि थरूर पीएम की तारीफ कर अपनी ही पार्टी के अंदर निशाने पर आ गए हैं

    कांग्रेस का नया नियम यही है कि चाहे कुछ भी हो जाए पीएम मोदी/बीजेपी का हर क़ीमत पर विरोध ही करना है?

    सुप्रीम कोर्ट ने साफ़ किया है कि राष्ट्रपति या गवर्नर को किसी भी तय न्यायिक समयसीमा के भीतर बिलों पर मंजूरी देने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता।

    विधेयकों को मंजूरी देने के लिए समयसीमा से बाध्य नहीं हैं राष्ट्रपति और राज्यपाल , प्रेसिडेंट मुर्मू के सवालों पर सुप्रीम कोर्ट ने क्या जवाब दिया, और ये क्यों महत्वपूर्ण हैं?

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    खनन क्षेत्र में बेहतरीन काम के लिए केंद्र सरकार ने धामी सरकार की तारीफ की

    खनन सुधारों में फिर नंबर वन बना उत्तराखंड, बेहतरीन काम के लिए धामी सरकार को केंद्र सरकार से मिली 100 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    शिप बेस्ड ISBM लॉन्च के पाकिस्तान के दावे में कितना दम है

    पाकिस्तान जिस SMASH मिसाइल को बता रहा है ‘विक्रांत किलर’, उसकी सच्चाई क्या है ?

    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    जैवलिन मिसाइल

    अमेरिका ने भारत को बताया “मेजर डिफेंस पार्टनर”, जैवलिन मिसाइल समेत बड़े डिफेंस पैकेज को दी मंजूरी, पटरी पर लौट रहे हैं रिश्ते ?

    बांग्लादेश और भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की मुलाकात

    ‘हसीना’ संकट के बीच NSA अजित डोभाल की बांग्लादेश के NSA से मुलाकात के मायने क्या हैं?

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    बी.एन राउ का संविधान निर्माण में बड़ा योगदान है

    क्या बेनेगल नरसिंह राउ थे संविधान के असली निर्माता ? इतिहास ने उनके योगदान को क्यों भुला दिया ?

    26 नवंबर भारतीय संविधान दिवस

    संविधान दिवस: भारतीय चिंतन परंपरा की दृष्टि से संविधान 

    Fate’s Play: Cultural Games That Echo Ancient Tales of Luck

    Fate’s Play: Cultural Games That Echo Ancient Tales of Luck

    श्री गुरु तेग बहादुर जी का 350वां शहीदी दिवस: हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी ने निभाई ‘पालकी सेवा’ की रीति

    श्री गुरु तेग बहादुर जी का 350वां शहीदी दिवस: हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी ने निभाई ‘पालकी सेवा’ की रीति

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    शोले फिल्म में पानी की टंकी पर चढ़े धर्मेंद्र

    बॉलीवुड का ही-मैन- जिसने रुलाया भी, हंसाया भी: धर्मेंद्र के सिने सफर की 10 नायाब फिल्में

    नीतीश कुमार

    जेडी(यू) के ख़िलाफ़ एंटी इन्कंबेसी क्यों नहीं होती? बिहार में क्यों X फैक्टर बने हुए हैं नीतीश कुमार?

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    बिहार के बाजीगरों के जरिये पश्चिम बंगाल फतह का ताना-बाना बुन रही भाजपा

    बिहार के बाजीगरों के जरिये पश्चिम बंगाल फतह का ताना-बाना बुन रही भाजपा

    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    शशि थरूर पीएम की तारीफ कर अपनी ही पार्टी के अंदर निशाने पर आ गए हैं

    कांग्रेस का नया नियम यही है कि चाहे कुछ भी हो जाए पीएम मोदी/बीजेपी का हर क़ीमत पर विरोध ही करना है?

    सुप्रीम कोर्ट ने साफ़ किया है कि राष्ट्रपति या गवर्नर को किसी भी तय न्यायिक समयसीमा के भीतर बिलों पर मंजूरी देने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता।

    विधेयकों को मंजूरी देने के लिए समयसीमा से बाध्य नहीं हैं राष्ट्रपति और राज्यपाल , प्रेसिडेंट मुर्मू के सवालों पर सुप्रीम कोर्ट ने क्या जवाब दिया, और ये क्यों महत्वपूर्ण हैं?

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    खनन क्षेत्र में बेहतरीन काम के लिए केंद्र सरकार ने धामी सरकार की तारीफ की

    खनन सुधारों में फिर नंबर वन बना उत्तराखंड, बेहतरीन काम के लिए धामी सरकार को केंद्र सरकार से मिली 100 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    शिप बेस्ड ISBM लॉन्च के पाकिस्तान के दावे में कितना दम है

    पाकिस्तान जिस SMASH मिसाइल को बता रहा है ‘विक्रांत किलर’, उसकी सच्चाई क्या है ?

    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    जैवलिन मिसाइल

    अमेरिका ने भारत को बताया “मेजर डिफेंस पार्टनर”, जैवलिन मिसाइल समेत बड़े डिफेंस पैकेज को दी मंजूरी, पटरी पर लौट रहे हैं रिश्ते ?

    बांग्लादेश और भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की मुलाकात

    ‘हसीना’ संकट के बीच NSA अजित डोभाल की बांग्लादेश के NSA से मुलाकात के मायने क्या हैं?

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    बी.एन राउ का संविधान निर्माण में बड़ा योगदान है

    क्या बेनेगल नरसिंह राउ थे संविधान के असली निर्माता ? इतिहास ने उनके योगदान को क्यों भुला दिया ?

    26 नवंबर भारतीय संविधान दिवस

    संविधान दिवस: भारतीय चिंतन परंपरा की दृष्टि से संविधान 

    Fate’s Play: Cultural Games That Echo Ancient Tales of Luck

    Fate’s Play: Cultural Games That Echo Ancient Tales of Luck

    श्री गुरु तेग बहादुर जी का 350वां शहीदी दिवस: हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी ने निभाई ‘पालकी सेवा’ की रीति

    श्री गुरु तेग बहादुर जी का 350वां शहीदी दिवस: हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी ने निभाई ‘पालकी सेवा’ की रीति

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    शोले फिल्म में पानी की टंकी पर चढ़े धर्मेंद्र

    बॉलीवुड का ही-मैन- जिसने रुलाया भी, हंसाया भी: धर्मेंद्र के सिने सफर की 10 नायाब फिल्में

    नीतीश कुमार

    जेडी(यू) के ख़िलाफ़ एंटी इन्कंबेसी क्यों नहीं होती? बिहार में क्यों X फैक्टर बने हुए हैं नीतीश कुमार?

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

कांग्रेस की पूर्व नेता ने बताया राहुल गाँधी को मानसिक रूप से विकलांग

Nitesh Kumar Harne द्वारा Nitesh Kumar Harne
26 April 2017
in मत
राहुल गाँधी बरखा शुक्ला सिंह कांग्रेस गुजरात
Share on FacebookShare on X

राहुल गांधी की परफॉरमेंस का अंदाजा तो अबतक सब को हो ही गया होगा, उनकी एक के बाद एक धमाकेदार असफलता को देखते हुए अब नेता तो नेता कार्यकर्ताओं का भी सब्र टूटने लगा है। अभी हाल ही में दिल्ली की महिला कांग्रेस अध्यक्ष बरखा सिंह ने सीधे राहुल गांधी पर हमला किया है। दरअसल जबसे राहुल गांधी सक्रीय राजनीती का हिस्सा बने है उसके बाद तमाम छोटे बड़े चुनाव उनके नेतृत्व में लड़े गए, लेकिन आजतक सभी चुनावों में राहुल गांधी को असफलता ही हाथ लगी। राहुल गांधी की नाकामयाबी का पैमाना इसी बात से समझ आता है की जहाँ उन्होंने प्रचार किया कई जगह पर तो वह सीट कांग्रेस को गवानी पड़ी और कई जगह वोट शेयर पहले से कम हुआ है। मतलब यह की राहुल गांधी के आने से सीट बढ़ने की बजाये कम होती चली गयी, वोट शेयर में भी गिरावट देखने को मिली है।

उनके राजनीती में आने के बाद एक माहौल बनाया गया था एक युवा नेता होने का, एक दमदार छवि पेश की गयी थी और एक युवा नेता होने के नाते इस देश के नौजवानों को राहुल गांधी से बहुत उम्मीदें थी, लेकिन एक के बाद एक नाकामयाबी, उनकी न समझ आनेवाली भाषण शैली, उनपर बनाये गए जोक्स आदि सोशल मीडिया पर इस कदर हावी हो गये की सोशल मीडिया के उदय के कुछ ही वर्षो में राहुल गांधी की छवी एक युवा जोशीले नेता से ‘पप्पू’ की बनकर रह गयी। यही कारण है जहाँ वह रैली करते है, लोग उनकी हवा-हवाई बातों को समझ ही नहीं पाते, न उन्हें सीरियसली लेते है और न ही उन्हें एक परिपक्व नेता के रूप में देखा जाता है।

संबंधितपोस्ट

जन्मदिवस विशेष: नाभा जेल में नेहरू की बदबूदार कोठरी और बाहर निकलने के लिए अंग्रेजों को दिया गया ‘वचनपत्र’

जनता की ज़मीन, सत्ता की जागीर नहीं: मानेसर लैंड डील में भूपेंद्र हुड्डा को झटका, न्याय ने कांग्रेस के ‘विकास मॉडल’ की खोल दी पोल

वंदे मातरम् के 150 वर्ष: बंकिमचंद्र की वेदना से जनमा गीत, जिसने भारत को जगाया और मोदी युग में पुनः जीवित हुआ आत्मगौरव

और लोड करें

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता उनकी हर हार का बचाव करने में लग जाते है लेकिन जनता सब समझ रही है। यही कारण है की पहले उत्तर प्रदेश के कुछ इलाको से और फिर अमेठी से भी आवाज़ उठने लगी है। अब तो कई बड़े नेता भी उनके खिलाफ अपना मुंह खोलने से डरते नहीं और केन्द्रीय नेतृत्व पर उनकी जगह प्रियंका गांधी को लाने की मांग उठती रही है। कई जगह देखा गया है कि चुनावी उम्मीदवार अपने क्षेत्र में राहुल गांधी के प्रचार करने से परहेज करते दिखाई दिए। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से ठीक पहले प्रियंका गाँधी के नेतृत्व में चुनाव लड़ने की मांग ने जोर पकड़ा था। कार्यकर्ताओं ने जोरो की मांग उठाई थी की प्रियंका को उत्तर प्रदेश की कमान सौंपी जायें और उन्ही के नेतृत्व में चुनाव लड़ा जाए लेकिन तमाम मांगों को नजरंदाज करते हुए आलाकमान ने राहुल गांधी के नेतृत्व पर ही भरोसा जताया।

इस बार दिल्ली कांग्रेस की पूर्व महिला अध्यक्ष बरखा सिंह ने राहुल गांधी कार्यशैली पर ही नहीं सीधे उनके मानसिक संतुलन पर ही सवाल खड़े कर दिए उन्होंने सीधे कह दिया कि राहुल गांधी मानसिक रूप से बीमार है और कांग्रेस को अब राहुल गाँधी की जगह विकल्प तलाश कर कांग्रेस को राहुल गांधी मुक्त कैंपेन चलाना होगा।

देर आये दुरुस्त आये यानी कांग्रेस के किसी नेता में इतना कहने की हिम्मत तो हुई। यार ये अच्छा तरीका है की अगर किसी को कांग्रेस छोड़ने का पूरा मन हो तो कम से कम जाते-जाते सच्चाई तो बयां करके जाओ, अगली पार्टी में ज्यादा इज्जत नसीब होगी। उल्लेखनीय है कि दिल्ली महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष बरखा सिंह ने अजय माकन पर बदतमीज़ी और राहुल गांधी पर भी आरोप लगाए थे। बरखा सिंह ने दिल्ली महिला कांग्रेस के अध्यक्ष पद से गुरुवार को ही इस्तीफा दे दिया था। हालांकि बरखा सिंह ने यह भी कहा था कि वह पार्टी नहीं छोड़ेंगी।

बरखा सिंह कहती हैं, “एक साल हो गए उनसे समय मांगते हुए, उन्होंने एक बार भी ये नहीं सोचा कि एक महिला उनसे एक साल से मिलने का समय मांग रही है। आप ख़ुदा तो नहीं हो गए ना!” चलो खुदा होते तो भी सुन लेते लेकिन ये तो युवराज है युवराज… वो किसी की सुनते नही है, सुनाते है वो भी जब उनका मन किया। अपने फॉरेन टूर से बोर हो जाते है तब उनका कुछ सुनाने का मन किया तो सूना देते है। सुनने के लिए समय कहा है उनके पास? जब अपने टूर से लौटते है तो जरुर उनके पास हमेशा नया टेक्नोलॉजिकल फार्मूला या तो कोई फिलोसोफी होती है सुनाने के लिए माने कभी बताते है की गरीबी हटाने के लिए उन्हें ‘एस्केप वेलोसिटी ऑफ़ जुपिटर’ की जरुरत है लेकिन वो कैसे आयेगी ये नही बताते। कभी कहते है गरीबी एक ‘स्टेट ऑफ़ माइंड’ है माने एक सोच है। भाई आप युवराज हो आपके बर्थडे भी आसमान में 18000 फीट ऊपर प्लेन में मनाये जाते है आपके लिए तो गरीबी एक सोच ही हो सकती है क्योंकि आप सिर्फ सोच ही सकते है की गरीबी कैसी रहती होगी महसूस तो कर ही नही सकते, सिर्फ सोच सकते है। आप को बता दे ये वही गरीबी है जिसे हटाने के लिए इनकी दादी ने एक नारा “गरीबी हटाओ” देकर प्रधानमंत्री बन गयी थी उसके बाद कितने प्रधानमन्त्री आकर चले गए लेकिन अब भी ‘कांग्रेस घराने’ का नारा वही का वहीँ है क्योंकि गरीबी हट गयी तो कांग्रेस हट जाएगी। यहाँ मैं कांग्रेस को पार्टी नहीं कहूँगा क्यूंकि पार्टी तो कार्यकर्ताऔ से बनती है हाई कमांड कल्चर नही होता ये तो राजशाही घराना ही होता है, जहाँ आदेश निकलते है। पार्टी तो उसे कहते है जहाँ प्रधानमन्त्री एक निर्णय लेता है और उन्ही के पार्टी के हजारो सोशल मीडिया कार्यकर्ता और जनता जब रातों रात विरोध कर देते है तो प्रधानमंत्री भी अपना फैसला वापस लेने के लिए बाध्य हो जाता है उसे कहते है पार्टी !

बरखा सिंह के बयान से ये साफ होता दिख रहा है कि भले ही भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र हो लेकिन कांग्रेस में अब भी राजशाही ही चलती है। अपने ही पार्टी के और देश के सबसे पावरफुल व्यक्ति प्रधानमंत्री द्वारा लाया गया अध्यादेश को मीडिया के सामने फाड़कर फेंकने की हिम्मत एक युवराज में ही हो सकती है, आम नेता के बस की नहीं ये सब। आज अगर बरखा सिंह ने सवाल खड़े किये तो ये कोई नई बात नही है। नई बात तो तब होगी की आप सवाल खड़े कर के भी पार्टी में रहकर दिखाओ, माने फिर भी पार्टी आपको एक्सेप्ट कर लें। दूसरी तरफ एक पावरफुल व्यक्ति, जिसने देश में ही नही विदेशो में अपने काम का लोहा मनवाया है, जिसकी पार्टी में नही पार्टी के बाहर के लोग भी इज्जत करते है, जिसका दुनिया के सबसे शक्तिशाली देश अमेरिका संसद के सांसदों ने खड़े होकर स्वागत कर ऑटोग्राफ के लिए लाइन लगाते हो ऐसे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को अपने ही पार्टी के एक सांसद शत्रुघ्न सिन्हा की आलोचना बार बार झेलनी पड़ती है, उसके बावजूद शत्रुघ्न सिन्हा आज बाइज्जत पार्टी में बनें हुए है, ये होती है पार्टी और उसके अन्दर का लोकतंत्र।

कुछ समय पहले बरखा सिंह की तरह हीे अरविंदर सिंह लवली ने भी राहुल गांधी के खिलाफ आवाज़ उठाई थी और उन्हें भी पार्टी छोड़नी पड़ी थी। अब बरखा सिंह का आवाज़ उठाना और सच्चाई बयां करना और उन्हें पार्टी से निकाला जाना दिखाता है की कांग्रेस पार्टी नही एक राजशाही घराना है। अगर बरखा सिंह इतने बड़े पद पर रह चुकी है और उन्हें कुछ परेशानी है तो उनकी सुनवाई होनी चाहिए थी। कोई ऐसे ही अपनी पार्टी के उपाध्यक्ष पर आरोप नहीं लगा देगा। माने जिस कांग्रेस में देश के प्रधानमन्त्री से पहले सोनिया-राहुल के लिए कुर्सी सजाई जाती है और मां-बेटे के लिए प्रधानमंत्री को कुर्सी से उठवा दिया जाता है उसी कांग्रेस में किसी की इतनी मजाल की उस पार्टी के युवराज माने राहुल गाँधी को मानसिक रूप से बीमार बता दें तो उसका क्या हश्र होगा सोचकर ही कांटे आने लगते है। वो तो खुदा का खैर मनाओ कि बरखा सिंह को सिर्फ पार्टी से ही निकाला है। राहुल गांधी दुनिया में अकेले वो इंसान होंगे जिन्हें बड़ी से बड़ी असफलता के बाद भी प्रमोशन दिया जाता है कई चुनाव हरवाने के बाद राहुल गांधी को पार्टी के महासचिव से उपाध्यक्ष बनाया गया था और लगभग पुरे ही चुनाव हराने के बाद और पार्टी को संसद में 44 सीट पर लाने के बाद और एक प्रमोशन यानी पार्टी अध्यक्ष बनाने का सोचा जा रहा है। है न राहुल गांधी अनेक करिश्माई शक्ति के धनी।

शायद यही वजह है की सोशल मीडिया में राहुल के ऊपर जोक्स की बाढ़ सी रहती है हमेशा माने राहुल सोशल मीडिया के सबसे बड़े कॉमेडी हीरो है, सदाबाहार टाइप के और राहुल गांधी के किसी कॉलेज, यूनिवर्सिटी में सवाल जवाब राउंड तो देखने लायक होते है जब भी देखो देखते ही रहो। विरोधी राहुल को अपने पार्टी का स्टार प्रचारक तक कहते नजर आते है सोशल मीडिया पर राहुल को बीजेपी का स्टार प्रचारक और कांग्रेस मुक्त भारत का सपना साकार करने में मोदी के साथ मुख्य भूमिका में बताया जाता है। माने कांग्रेस को जितना खतरा बीजेपी से है उससे भी ज्यादा खतरा खुद युवराज से है क्योंकि आलम ये है अगर कोई बीजेपी नेता किसी उमीदवार के प्रचार के लिए जाता है तो वो एक सीट जीतवा सकता है लेकिन राहुल गांधी प्रचार के लिए जाते है तो आसपास ३-४ सीट भी हरवा सकते है। यही करिश्मा है राहुल गांधी का बस इसी वजह से विरोधी तो छोडो खुद पार्टी के बरखा सिंह जैसों की अन्दर से आवाज़ उठने लगी है और जमीनी कार्यकर्त्ता तक आवाज़ उठाने लगे है | पिछले दिनो प्रियंका गांधी को सक्रीय राजनीती में लाने की आवाज़ उठी थी।

आपने उत्तर प्रदेश के चुनावो में भी देखा होगा कि प्रियंका की रैलियां करवाने के लिये प्रत्याशियो ने बहुत ज़ोर दिया था, पर कांग्रेस नेतृत्व उन्हें कोई भी जिम्मेदारी देने से अभी परहेज कर रहा है। सवाल ये उठता है की ऐसी कौनसी मज़बूरी है कांग्रेस की प्रियंका गाँधी को अमेठी, रायबरेली तक ही सीमित रखा गया है? कहीं नेतृत्व को इस बात की आशंका तो नही है की प्रियंका गाँधी के आ जाने से राहुल गांधी के राजनितिक अस्तित्व पर बड़ा सा प्रश्न चिन्ह लग जायेगा? वैसे राहुल गांधी की राजनितिक जीवन पर तमाम सवाल उठाये जारहे है, चाहे पक्ष के अन्दर से हो या विपक्षी पार्टियों से। प्रियंका गांधी एकमात्र विकल्प है कांग्रेस पार्टी के पास, कार्यकर्ताओं को उनमे ‘डूबते को तिनके का सहारा’ दिखाई दे रहा है लेकिन इसके बावजूद अगर प्रियंका गांधी सक्रीय राजनीती में आती है तो राहुल के लिए आगे खुद को राजनितिक पृष्ठभूमि पर साबित करना और मुश्किल हो जायेगा हालाँकि विपक्ष प्रियंका गांधी को भी राहुल गाँधी की तरह ही हलके में लेना चाह रहा है।

दूसरी सबसे बड़ी बात ये है की प्रिंयका गांधी का सिर्फ अमेठी एंव रायबरेली तक मर्यादित रहने से उनका काम करने का तरीका, उनका पोलिटिकल एजेंडा, प्रचार तंत्र तथा रणनीति को सस्पेंस रखा जा रहा है जिससे लोगो के मन में एक उत्सुकता बनी रहे की प्रियंका गांधी एक बड़ी तुरुप का एक्का साबित होगी ताकि आनेवाले 2019 के लोकसभा चुनाव में प्रियंका गांधी पर बड़ा दांव खेला जा सके और राहुल को उनके समर्थन में उतारा जा सकें ताकि ऐन वक्त पर उनके आक्रामक प्रचार-प्रसार से एक लहर बनायीं जायें और चुनाव उनके दम पर जीता जाएँ। फिलहाल के लिए तो उन्हें दूर ही रखा गया है, हो सकता है 2019 का चुनाव प्रियंका गांधीधी को आगे कर के लड़ा जाए। लेकिन बरखा सिंह हो या अरविंदर लवली या किसी अन्य के तमाम उठते सवालों के बावजूद राहुल गांधी का न तो पार्टी में पद कम हुआ है न उनका कद कम हुआ है बल्कि उन्हें आनेवाले समय में और बड़ा पद याने पार्टी अध्यक्ष बनाया जा सकता है।

Tags: कांग्रेसप्रियंका गांधीबरखा सिंहराहुल गाँधी
शेयर7ट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

ये नयी पार्टी छतीसगढ़ में हिन्दू मुस्लिम की राजनीति करने आई है

अगली पोस्ट

पाकिस्तान की गुस्ताखी का भारतीय हैकरों ने दिया मुहतोड़ जवाब

संबंधित पोस्ट

ऑपरेशन सिंदूर 2:0
मत

दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

21 November 2025

पाकिस्तान एक आतंकी मुल्क है और इसमें शायद ही किसी को कोई संशय हो, ख़ुद पाकिस्तान के मित्र भी न सिर्फ इसे अच्छी तरह जानते...

शशि थरूर पीएम की तारीफ कर अपनी ही पार्टी के अंदर निशाने पर आ गए हैं
चर्चित

कांग्रेस का नया नियम यही है कि चाहे कुछ भी हो जाए पीएम मोदी/बीजेपी का हर क़ीमत पर विरोध ही करना है?

21 November 2025

कांग्रेस के नेता देश ही नहीं विदेशों में भी जाकर लोकतंत्र बचाने की दुहाई देते रहते हैं। लेकिन जब बारी आंतरिक लोकतंत्र की आती है...

आतंकवाद को भावुकता की आड़ में ढकने की कोशिश
चर्चित

दिल्ली धमाका: ‘वाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल’ की बर्बरता को कैसे ‘ह्यूमनाइज़’ कर रहे हैं  The Wire जैसे मीडिया संस्थान ?

17 November 2025

NIA ने स्पष्ट कर दिया है कि दिल्ली में लाल किले के पास हुआ धमाका, सामान्य हमला नहीं बल्कि फिदायीन हमला था। यानी आई-20 कार...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

‘Mad Dog’ The EX CIA Who Took Down Pakistan’s A.Q. Khan Nuclear Mafia Reveals Shocking Details

‘Mad Dog’ The EX CIA Who Took Down Pakistan’s A.Q. Khan Nuclear Mafia Reveals Shocking Details

00:06:59

Dhurandar: When a Film’s Reality Shakes the Left’s Comfortable Myths

00:06:56

Tejas Under Fire — The Truth Behind the Crash, the Propaganda, and the Facts

00:07:45

Why Rahul Gandhi’s US Outreach Directs to a Web of Shadow Controversial Islamist Networks?

00:08:04

How Javelin Missiles Will Enhance India’s Anti-Tank Dominance?

00:06:47
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited