TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    Bajrang Punia

    बजरंग पूनिया ने चुपचाप मांगी माफी, जानिए क्या था मानहानि का मामला?

    कांग्रेस और ममता ने BJP के कथित अभियान को लेकर सवाल उठाए थे

    ‘घर-घर सिंदूर’: दैनिक भास्कर ने तो माफी मांग ली, ममता और कांग्रेस कब मांगेंगे?

    Kolkata Police arrested Sharmistha Panoli from Gurugram

    माफी से नहीं बनी बात! शर्मिष्ठा पनौली गुरुग्राम से गिरफ्तार, कोलकाता पुलिस का एक्शन

    Corona New Variant

    कोरोना का तांडव शुरू: देशभर में 24 घंटे के भीतर 7 लोगों की मौत, दिल्ली में बुजुर्ग ने तोड़ा दम

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    6.5% GDP वृद्धि का अनुमान

    वित्त वर्ष 2026 में 6.5% GDP वृद्धि का अनुमान: घरेलू मांग में सुधार भारत की विकास रफ्तार का प्रमुख इंजन बन सकता है – क्रिसिल

    भारत ने रचा इतिहास, $4 ट्रिलियन की GDP के साथ बना दुनिया की चौथी बड़ी आर्थिक महाशक्ति

    भारत ने रचा इतिहास, $4 ट्रिलियन की GDP के साथ बना दुनिया की चौथी बड़ी आर्थिक महाशक्ति

    वैश्विक अस्थिरता के बीच मजबूत भारतीय अर्थव्यवस्था, वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में GDP वृद्धि 6.5% तक पहुंचने की संभावना

    वैश्विक अस्थिरता के बीच मजबूत भारतीय अर्थव्यवस्था, वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में GDP वृद्धि 6.5% तक पहुंचने की संभावना

    चीन-तुर्की को बहुत महंगी पड़ रही पाकिस्तान से हमदर्दी

    चीन-तुर्की को बहुत महंगी पड़ रही पाकिस्तान से हमदर्दी: सेलेबी के शेयर दो दिन में 20% लुढ़के तो वहीं चीनी डिफेंस मार्केट में हाहाकार

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    Air Chief Marshal Amarpreet Singh

    एयरचीफ मार्शल अमरप्रीत सिंह की चिंता जायज, जानिए क्यों समय से पूरे नहीं हो पाते रक्षा प्रोजेक्ट?

    2047 तक छह गुना बढ़ जाएगा भारत का रक्षा उत्पादन, ₹32 लाख करोड़ होगा डिफेंस बजट: रिपोर्ट

    2047 तक छह गुना बढ़ जाएगा भारत का रक्षा उत्पादन, ₹32 लाख करोड़ होगा डिफेंस बजट: रिपोर्ट

    Brahmos

    ब्रह्मोस को लेकर रूस के राजदूत का बड़ा दावा! भारत के साथ मिलकर बना रहे खतरनाक हथियार

    आधुनिक सैन्य प्रणालियों का निरीक्षण करते हुए सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी

    ऑपरेशन सिंदूर में पहली बार इस्तेमाल होने वाले ‘मेड इन इंडिया’ लूटरिंग म्यूनिशन्स का सेनाध्यक्ष ने किया मुआयना

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    कैलाशहर एयरपोर्ट

    ‘चिकन नेक’ तक आया ड्रैगन तो भारत ने 3 दशक पुराने ‘हथियार’ को फिर से किया एक्टिव, जिसने कभी PAK के किये थे दो टूकड़े अब चीन को देगा मुंहतोड़ जवाब

    operation sindoor china pakistan

    ऑपरेशन सिंदूर के बाद धर्म संकट में ड्रैगन! क्या हथियार व्यापार में पाकिस्तान को धोखा दे रहा है चीन?

    व्हाइट हाउस प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने वॉशिंगटन स्थित व्हाइट हाउस में एक प्रेस ब्रीफिंग के दौरान संबोधित किया (फोटो: सिन्हुआ)

    White House ने एक और जंग रुकवाने का किया दावा, इज़रायल ने अस्थायी युद्धविराम को दी हरी झंडी, गाज़ा में जगी शांति की उम्मीद!

    America Chine communist visas

    कम्युनिस्ट विचार पर अमेरिका का प्रहार, चीनी छात्रों का वीजा होगा रद्द; रुबियो ने बताया कारण

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    संघ के दूसरे प्रमुख गोलवालकर और जवाहरलाल नेहरू

    नेहरू की निष्क्रियता से 1947 के बाद भी 14 वर्षों तक गुलाम रहा गोवा, RSS ने आज़ादी में निभाई अहम भूमिका

    1950 में जेल से रिहा किए जाने के बाद सावरकर (चित्र: savarkar.org)

    अंग्रेज़ों की ही नहीं, नेहरू सरकार की कैद में भी महीनों रहे थे सावरकर

    कंबोडिया के बंतेय श्री मंदिर के चौखट पर बैठे जवाहरलाल नेहरू, नवंबर 1954

    ‘महाभारत में बीफ परोसने का उल्लेख’: जानें हिंदुत्व, रामायण, महाभारत और गीता को लेकर क्या थी नेहरू की राय?

    करियप्पा को उनके रिश्तेदार 'चिम्मा' कहकर बुलाते थे

    नेहरू के विरोध के बावजूद भारतीय सेना के पहले हिंदुस्तानी कमांडर-इन-चीफ कैसे बने करियप्पा? अंग्रेज अफसरों को फौज की कमान क्यों सौंपना चाहते थे नेहरू?

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    अमेरिका में iPhone बनाना एक जटिल प्रक्रिया हो सकती है

    अमेरिका में बनने लगे iPhone तो क्या हो सकती है कीमत?

    Saudi Arabia AI Clinic

    क्या डॉक्टरों की जगह ले रहा है AI? सऊदी अरब में खुला पहला आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस क्लीनिक

    जो बाइडन को हुआ ‘तेज़ी से फैलने वाला’ प्रोस्टेट कैंसर; जानें क्या हैं इसके लक्षण और कैसे कर सकते हैं बचाव?

    जो बाइडन को हुआ ‘तेज़ी से फैलने वाला’ प्रोस्टेट कैंसर; जानें क्या हैं इसके लक्षण और कैसे कर सकते हैं बचाव?

    IPL 2025 Suspended

    भारत पाकिस्तान तनाव के बीच IPL-2025 सस्पेंड, बचे हुए थे 16 मैच

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    Bajrang Punia

    बजरंग पूनिया ने चुपचाप मांगी माफी, जानिए क्या था मानहानि का मामला?

    कांग्रेस और ममता ने BJP के कथित अभियान को लेकर सवाल उठाए थे

    ‘घर-घर सिंदूर’: दैनिक भास्कर ने तो माफी मांग ली, ममता और कांग्रेस कब मांगेंगे?

    Kolkata Police arrested Sharmistha Panoli from Gurugram

    माफी से नहीं बनी बात! शर्मिष्ठा पनौली गुरुग्राम से गिरफ्तार, कोलकाता पुलिस का एक्शन

    Corona New Variant

    कोरोना का तांडव शुरू: देशभर में 24 घंटे के भीतर 7 लोगों की मौत, दिल्ली में बुजुर्ग ने तोड़ा दम

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    6.5% GDP वृद्धि का अनुमान

    वित्त वर्ष 2026 में 6.5% GDP वृद्धि का अनुमान: घरेलू मांग में सुधार भारत की विकास रफ्तार का प्रमुख इंजन बन सकता है – क्रिसिल

    भारत ने रचा इतिहास, $4 ट्रिलियन की GDP के साथ बना दुनिया की चौथी बड़ी आर्थिक महाशक्ति

    भारत ने रचा इतिहास, $4 ट्रिलियन की GDP के साथ बना दुनिया की चौथी बड़ी आर्थिक महाशक्ति

    वैश्विक अस्थिरता के बीच मजबूत भारतीय अर्थव्यवस्था, वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में GDP वृद्धि 6.5% तक पहुंचने की संभावना

    वैश्विक अस्थिरता के बीच मजबूत भारतीय अर्थव्यवस्था, वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में GDP वृद्धि 6.5% तक पहुंचने की संभावना

    चीन-तुर्की को बहुत महंगी पड़ रही पाकिस्तान से हमदर्दी

    चीन-तुर्की को बहुत महंगी पड़ रही पाकिस्तान से हमदर्दी: सेलेबी के शेयर दो दिन में 20% लुढ़के तो वहीं चीनी डिफेंस मार्केट में हाहाकार

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    Air Chief Marshal Amarpreet Singh

    एयरचीफ मार्शल अमरप्रीत सिंह की चिंता जायज, जानिए क्यों समय से पूरे नहीं हो पाते रक्षा प्रोजेक्ट?

    2047 तक छह गुना बढ़ जाएगा भारत का रक्षा उत्पादन, ₹32 लाख करोड़ होगा डिफेंस बजट: रिपोर्ट

    2047 तक छह गुना बढ़ जाएगा भारत का रक्षा उत्पादन, ₹32 लाख करोड़ होगा डिफेंस बजट: रिपोर्ट

    Brahmos

    ब्रह्मोस को लेकर रूस के राजदूत का बड़ा दावा! भारत के साथ मिलकर बना रहे खतरनाक हथियार

    आधुनिक सैन्य प्रणालियों का निरीक्षण करते हुए सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी

    ऑपरेशन सिंदूर में पहली बार इस्तेमाल होने वाले ‘मेड इन इंडिया’ लूटरिंग म्यूनिशन्स का सेनाध्यक्ष ने किया मुआयना

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    कैलाशहर एयरपोर्ट

    ‘चिकन नेक’ तक आया ड्रैगन तो भारत ने 3 दशक पुराने ‘हथियार’ को फिर से किया एक्टिव, जिसने कभी PAK के किये थे दो टूकड़े अब चीन को देगा मुंहतोड़ जवाब

    operation sindoor china pakistan

    ऑपरेशन सिंदूर के बाद धर्म संकट में ड्रैगन! क्या हथियार व्यापार में पाकिस्तान को धोखा दे रहा है चीन?

    व्हाइट हाउस प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने वॉशिंगटन स्थित व्हाइट हाउस में एक प्रेस ब्रीफिंग के दौरान संबोधित किया (फोटो: सिन्हुआ)

    White House ने एक और जंग रुकवाने का किया दावा, इज़रायल ने अस्थायी युद्धविराम को दी हरी झंडी, गाज़ा में जगी शांति की उम्मीद!

    America Chine communist visas

    कम्युनिस्ट विचार पर अमेरिका का प्रहार, चीनी छात्रों का वीजा होगा रद्द; रुबियो ने बताया कारण

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    संघ के दूसरे प्रमुख गोलवालकर और जवाहरलाल नेहरू

    नेहरू की निष्क्रियता से 1947 के बाद भी 14 वर्षों तक गुलाम रहा गोवा, RSS ने आज़ादी में निभाई अहम भूमिका

    1950 में जेल से रिहा किए जाने के बाद सावरकर (चित्र: savarkar.org)

    अंग्रेज़ों की ही नहीं, नेहरू सरकार की कैद में भी महीनों रहे थे सावरकर

    कंबोडिया के बंतेय श्री मंदिर के चौखट पर बैठे जवाहरलाल नेहरू, नवंबर 1954

    ‘महाभारत में बीफ परोसने का उल्लेख’: जानें हिंदुत्व, रामायण, महाभारत और गीता को लेकर क्या थी नेहरू की राय?

    करियप्पा को उनके रिश्तेदार 'चिम्मा' कहकर बुलाते थे

    नेहरू के विरोध के बावजूद भारतीय सेना के पहले हिंदुस्तानी कमांडर-इन-चीफ कैसे बने करियप्पा? अंग्रेज अफसरों को फौज की कमान क्यों सौंपना चाहते थे नेहरू?

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    अमेरिका में iPhone बनाना एक जटिल प्रक्रिया हो सकती है

    अमेरिका में बनने लगे iPhone तो क्या हो सकती है कीमत?

    Saudi Arabia AI Clinic

    क्या डॉक्टरों की जगह ले रहा है AI? सऊदी अरब में खुला पहला आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस क्लीनिक

    जो बाइडन को हुआ ‘तेज़ी से फैलने वाला’ प्रोस्टेट कैंसर; जानें क्या हैं इसके लक्षण और कैसे कर सकते हैं बचाव?

    जो बाइडन को हुआ ‘तेज़ी से फैलने वाला’ प्रोस्टेट कैंसर; जानें क्या हैं इसके लक्षण और कैसे कर सकते हैं बचाव?

    IPL 2025 Suspended

    भारत पाकिस्तान तनाव के बीच IPL-2025 सस्पेंड, बचे हुए थे 16 मैच

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

मिलिए तुर्की के निर्वाचित तानाशाह एर्डोगन से, इनकी ताक़त पूरे देश से ज्यादा है

Arif Mohammad द्वारा Arif Mohammad
23 April 2017
in अमेरिकाज़, समीक्षा
मिलिए तुर्की के निर्वाचित तानाशाह एर्डोगन से, इनकी ताक़त पूरे देश से ज्यादा है
Share on FacebookShare on X

आज विश्व में  कुल 195 देश है और अगर ताइवान को भी एक देश माने तो 196 देश है। इन 196 देशो में से एक देश है तुर्की। तुर्की की भौगोलिक स्थिति अत्यंत ही महत्वपूर्ण है। तुर्की एक ऐसा देश है जो एशिया और यूरोप को जोड़ता है। इसके ऊपर काला सागर है और काला सागर के पार रूस है। अतः यह स्पष्ट है की इस देश की भौगोलिक स्थिति अत्यंत ही महत्वपूर्ण है, और सिर्फ इतना ही नहीं तुर्की की सीमा ईरान इराक और सीरिया से भी लगी हुई है जहाँ वर्तमान में isis का संकट सर उठाए हुए है। तुर्की के ऊपर सस्ते दाम में isis से तेल खरीदने का भी आरोप लग चूका है। वर्तमान में तुर्की के राष्ट्रपति एड्रोगन है लेकिन जब तुर्की की स्थापना हुई तो इसकी स्थापना एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र के तौर पे हुई।

इसके संस्थापक थे मुस्तफा कमाल अतातुर्क। अतातुर्क तुर्की के पहले राष्ट्रपति। अतातुर्क का अर्थ होता है “तुर्को का पिता”। यह उपाधि उन्हें तुर्की की संसद ने 1934 में प्रदान की। अतातुर्क ने धर्मनिरपेक्ष और आधुनिक राष्ट्र की स्थापना के लिए सामाजिक, राजनैतिक और आर्थिक सुधार किये। उन्होंने तुर्की में प्राथमिक शिक्षा को मुफ्त और अनिवार्य बना दिया। हज़ारो विद्यालय खोले गए देश भर में। अतातुर्क के नेतृत्व में तुर्की महिलाओ को पश्चिमी देशो के भी पहले पुरुषो के बराबर राजनैतिक और सामाजिक अधिकार प्रदान किया गया। अतातुर्क ने लोगो को अपनी तुर्की पहचान अपनाने को प्रेरित किया, मस्जिदों से दी जाने वाली अज़ान तुर्की भाषा में दी जाने लगी, अतातुर्क ने पवित्र कुरान को तुर्की भाषा में लिखवाया क्योंकि उनका कहना था की जिस भाषा (अरबी) को समझते नहीं है उस भाषा में धर्मग्रन्थ को पढ़ने से क्या लाभ एवं इसके अलावा ऐसे अनुवाद जो कट्टरपंथ को बढ़ावा देते है उन्हें अतातुर्क ने प्रतिबंधित कर दिया। अतातुर्क ने महिलाओ और पुरुषो की सामाजिक बराबरी के लिए पुरुषो द्वारा पहने जाने वाली टोपी और महिलाओ द्वारा पहने जाने वाले हिज़ाब दोनों को प्रतिबंधित कर दिया। अतः इस तरह धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र तुर्की की स्थापना हुई। परन्तु वर्तमान में तुर्की वापस कटरपंथ और साम्प्रदायिकता की तरफ मुड़ता दिख रहा है वर्तमान राष्ट्रपति एर्डोगन के नेतृत्व में।

संबंधितपोस्ट

तुर्की में कांग्रेस के ‘दफ्तर’ की पूरी कहानी क्या है?

चीन-तुर्की को बहुत महंगी पड़ रही पाकिस्तान से हमदर्दी: सेलेबी के शेयर दो दिन में 20% लुढ़के तो वहीं चीनी डिफेंस मार्केट में हाहाकार

भारत से टकराना पड़ा महंगा: तुर्की की सेलेबी कंपनी के शेयर लगातार दूसरे दिन धड़ाम

और लोड करें

एर्डोगन की विचारधारा कट्टर इस्लामिक है। वह राजनैतिक फायदे के लिए इस्लाम का इस्तेमाल करते है जबकि तुर्की के संस्थापक अतातुर्क के सिद्धांतो के हिसाब से राजनैतिक उद्देश्य के लिए धर्म का इस्तेमाल करना,राष्ट्र के धर्मनिरपेक्ष ढांचे के लिए खतरा है।

और शायद इसीलिए अभी हाल ही में तुर्की की सेना ने सैन्य विद्रोह कर दिया था एर्डोगन के खिलाफ क्योंकि एर्डोगन की सरकार धर्मनिरपेक्षता को निर्ममता से कुचल रही थी और तुर्की में वहाँ की सेना हमेशा से ही खुद को धर्मनिरपेक्षता की रक्षक मानते आई है।

ये कोई पहली बार नहीं था जब तुर्की की सेना ने धर्मनिरपेक्षता को बचाने के लिए विद्रोह किया हो। इससे पहले चार बार और सेना सफल विद्रोह कर चुकी है। और ये 15 जुलाई 2016  को किया गया सैन्य विद्रोह पांचवा विद्रोह था जो की असफल हो गया और कहा जाता है की ऐसी सभी चीज़े जो आप को मरती नहीं वो आपको और ज्यादा मजबूत बनाती है और ऐसा ही कुछ हुआ एर्डोगन के साथ इस विद्रोह का उदहारण दे के एर्डोगन ने कवायद चालू कर दी है सत्ता को अपने पास केंद्रित करने की और बहाना ये की इस तरह के विद्रोह को भविष्य में रोकना है। 16 अप्रेल के पहले तक तुर्की एक संसदीय प्रणाली से चलने वाला देश था लेकिन अब यह एक ऐसा देश बन जाएगा जहा संसद कमजोर और राष्ट्रपति मजबूत होगा। प्रधानमंत्री का पद समाप्त कर दिया जाएगा। 16 अप्रैल को एक रेफरेंडम करवाया गया और इसमें मामूली अंतर से एर्डोगन को जीत हासिल हुई। उनको 51.6 प्रतिशत मत हासिल हुए। विपक्ष ने धांधली के आरोप भी लगाए लेकिन एर्डोगन ने उसे साफ़ तौर पे नकार दिया। और इस रेफरेंडम के बाद हालात और भी ज्यादा ख़राब होने की आशंका है। निजी स्वतंत्रता और बोलने के अधिकार का वहाँ तेज़ी से दमन कर दिया गया है और एक तरह का अघोषित आपातकाल लगा हुआ है वहाँ। सैन्य विद्रोह के बाद लगभग एक लाख न्यायधीश सैनिक और पत्रकारों को जेल में डाल दिया गया है एवं इस रेफरेंडम के बाद चिंता की बात यह है की यह एर्डोगन को न्यायधीशों की नियुक्ति की शक्ति भी दे देगा और न्यायधीशों की नियुक्ति का सम्पूर्ण अधिकार सरकार के हाथ में होने का अर्थ है सरकार के निरंकुश होने के खतरे का होना। लोकतंत्र का महत्वपूर्ण भाग है न्यायालय। जब भी कोई सत्तावादी सत्ता को अपने हाथ में पूरी तरह से रखने का प्रयत्न करता है तब वह न्यायालय पे जरूर निशाना साधता है।

अभी हुए ताज़ा बदलावों के बाद यह कहना अतिश्योक्ति नहीं होगी की एर्डोगन तुर्की के बिना सिंहासन वाले सुल्तान बन गए है। एक नेशनलिस्ट मूवमेंट पार्टी है तुर्की की, उसके नेता है Devlet Bahceli, उन्होंने कहा था की जिस तरह से एर्डोगन सभी शक्तिओ को राष्ट्रपति के पद के अंतर्गत केंद्रित करना चाहते है यह बिना सिंहासन के सुल्तान बनने का प्रयास है। और अब सबसे हास्यपद बात यह की किसी समय इस तरह का कठोर कटाक्ष करने वाले नेता Devlet Bacheli अब खुद ही एर्डोगन द्वारा किये जा रहे संविधान में परिवर्तन का समर्थन कर रहे है।

16 अप्रैल के रेफरेंडम के बाद तुर्की में होने वाले बदलाव इस प्रकार है:-

1.) प्रधानमंत्री का पद समाप्त कर दिया गया है।

2 .) राष्ट्रपति का पद सबसे ज्यादा शक्तिशाली है।

3.) राष्ट्रपति किसी भी पद में किसी की भी नियुक्ति खुद कर सकता है।

4.) न्यायधीशों की नियुक्ति अब पूरी तरह से राष्ट्रपति के हाथ में है।

5.) संसद की शक्ति अब पहले के मुकाबले बहुत ही कम है।

16 अप्रैल के रेफरेंडम के बाद तुर्की के ऊपर पड़ने वाले प्रभाव इस प्रकार है:-

1.) एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र के रूप में स्थापित अंतर्राष्ट्रीय प्रतिष्ठा कम होगी।

2.) विदेशी निवेश में भरी गिरावट दर्ज की जा सकती है।

3.) लम्बे समय से तुर्की का प्रयास है की उसे यूरोपियन यूनियन की सदस्यता मिल जाए,अब इस प्रक्रिया में पहले के मुकाबले ज्यादा रुकावट आएगी।

4.) जिस तरह के नतीजे आए है रेफरेंडम के,उससे स्पष्ट है की तुर्की दो हिस्सों में वैचारिक तौर से विभाजित हो चूका है और अब गृह युद्ध का खतरा सर उठा रहा है।

एर्डोगन वर्तमान में तुर्की के राष्ट्रपति है और इससे पहले 11 साल वह तुर्की के प्रधानमंत्री रह चुके है। इनका सम्बन्ध जस्टिस एंड डेवलपमेंट पार्टी से है जिसे AKP भी कहते है। एर्डोगन ने शुरुवात से ही कट्टरपंथ और आक्रामक साम्प्रदायिकता का चोला नहीं ओढ़ा था लेकिन शुरू से ही उनके सम्बन्ध धार्मिक इस्लामिक गुटों से रहे। शुरुवात में एर्डोगन के नेतृत्व में तुर्की आर्थिक विकास की तरफ जा रहा था लेकिन 2013 में उनपे लगे भ्रष्टचार के आरोपों के बाद उन्होंने कट्टर इस्लामिक रवैया अपना लिया। और साथ ही साथ अपने विरोधियो का दमन भी शुरू कर दिया। इसी भ्रष्टाचार के आरोप के बाद AKP सरकार का हिस्सा रहे फतुल्लाह गुल्लेन ने खुद को सरकार से अलग कर लिया। और वर्तमान में एर्डोगन के सबसे बड़े विरोधी भी फतुल्लाह गुल्लेन ही है। गुल्लेन की एक न्यूज़ एजेंसी भी है जिसका नाम है हिज़मत न्यूज़ और उनका एक अख़बार प्रकाशित होता है जिसका नाम है ज़मान न्यूज़ जो की तुर्की का सबसे पढ़ा जाने वाला अख़बार था उसपे प्रतिबन्ध  लगा दिया गया एर्डोगन सरकार द्वारा 4 मार्च 2016 को क्युकी यह अख़बार सरकार की नीतियों का खुल के आलोचना कर रहा था। अतः तुर्की में बड़े पैमाने पे प्रेस की स्वतंत्रता का हनन किया गया और लगातार किया जा रहा है।

धर्म या मजहब को आधार बना के पार्टिया सत्ता में  तो आ जाती है लेकिन सबसे बड़ा प्रश्न होता है की सत्ता मिलने के बाद आगे क्या? क्योंकि एक न एक दिन ऐसा आएगा जब प्रजा सवाल पूछेगी की आपने किया क्या? तब जवाब देने के लिए जो भी एजेंडा हो उससे अलग भी कुछ कार्य अवश्य होने चाहिए जो नेता लोगो को बता सके।

एर्डोगन के पिता एक तटरक्षक थे, एर्डोगन का बचपन नीबू पानी बेचते हुए गुजरा। उनका जीवनकाल एवं राजनैतिक सफर कुछ इस प्रकार रहा:-

1970-1980 – इस्लामिक विचारधारा वाले संगठनो के प्रभाव में आए। वेलफेयर पार्टी के सदस्य बने।

1994-1998 -इस्तांबुल के मेयर रहे चार साल तक। 1998 में वेलफेयर पार्टी पप्रतिबंधित कर दी गयी और इन्हे हटा दिया गया क्योंकि 1997 में सफल सैन्य विद्रोह हुआ था और कट्टरपंथी ताकतों को सख्ती के साथ सत्ता से बहार किया जा रहा था और वेलफेयर पार्टी भी वैसी ही एक कट्टरपंथी पार्टी थी।

1999 – उन्हें जेल में डाल दिया गया सामूहिक रूप से एक जिहाद का उद्घोष करने वाली जेहादी कविता सबके सामने पढ़ने के जुर्म में।

अगस्त 2001 – अब्दुल्लाह गुल के साथ मिल के AKP पार्टी की स्थापना की।

2002-2003  – AKP पार्टी को बहुमत मिला और एर्डोगन प्रधानमंत्री चुने गए।

दिसंबर 2013 – बड़े भ्रष्टाचार के मामले का खुलासा हुआ, तीन मंत्रियो के बेटे गिरफ्तार किये गए। एर्डोगन ने भ्रष्टाचार के आरोपों को अपने ही साथी फतुल्लाह गुल्लेन की साज़िश बता के खारिज कर दिया।

अगस्त 2014 – एर्डोगन राष्टपति बन गए, यह पहली बार था जब राष्ट्रपति का चुनाव सीधे जनता के द्वारा किया गया था।

15 जुलाई 2016 – सैन्य विद्रोह हुआ, लेकिन विद्रोह असफल कर दिया गया।

16 अप्रैल 2017  – राष्ट्रपति की शक्तिओ को बढ़ाने और संविधान को बदलने वाले रेफरेंडम में एर्डोगन की जीत हुई।

Tags: अतातुर्कएर्डोगनतुर्की
शेयरट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

भारतीयों सेक्युलरों की “पहले गुजरात दंगो की तो बताओ” और अन्य पांच खूबियाँ

अगली पोस्ट

जेनेरिक दवाओं के माध्यम से काफी पैसे बचाए जा सकते हैं, पर क्या ये सुरक्षित हैं?

संबंधित पोस्ट

D Raja On Naxalism Basavaraju
समीक्षा

बसवराजू से लेफ्ट की सिंपैथी: क्या कम्युनिस्ट और नक्सली एक हैं? डी राजा जवाब दो

22 May 2025

मार्च 2026 तक देश से नक्सलवाद के खात्मे का अभियान तेजी से चल रहा है। मई के महीने में ही 50 से ज्यादा नक्सलियों को...

मेरिट नहीं चापलूसी चलेगी- ऑपरेशन सिंदूर पर कैसे एक्सपोज हो गई कांग्रेस?
राजनीति

मेरिट नहीं चापलूसी चलेगी- ऑपरेशन सिंदूर पर कैसे एक्सपोज हो गई कांग्रेस?

21 May 2025

नई दिल्ली। ऑपरेशन सिंदूर के बारे में दुनिया के कई देशों के दौरे पर जाने के लिए प्रस्तावित सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल में नामों को लेकर कांग्रेस...

The Thoughtful Indian
समीक्षा

अजेय और अडिग भारत का उदय, पश्चिम की मान्यताओं को चुनौती

19 May 2025

Rise of India: भारत का उदय केवल अप्रत्याशित नहीं है, यह पुराने वैश्विक व्यवस्था को विचलित करने वाला है। यह इसलिए नहीं कि हमारा देश...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

Pakistan needs money from IMF to feed their people

Pakistan needs money from IMF to feed their people

00:15:20

Vacate PoK and more: Steps Pakistan needs to take to avoid Indian military action

00:06:36

Taking The Wire’s Propaganda Piece on VP to the Cleaners – Feat. Prof. Kapil Kumar

00:09:19

Rahul Gandhi Undermines India’s Electoral Integrity as Trump Applauds It

00:07:09

Why Pakistan army chief reminds two nation theory| what is the plan| Waqf Bill |Asim Munir| Jinnah

00:13:02
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited