TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    मां काली का अपमान और ममता का मौन: बंगाल में तुष्टीकरण राज की भयावह सच्चाई

    मां काली का अपमान और ममता का मौन: बंगाल में तुष्टीकरण राज की भयावह सच्चाई

    ‘जंगलराज नहीं चाहिए’: बिहार की जीविका दीदियों ने किया साफ, नीतीश पर भरोसा, तेजस्वी के वादे पर नहीं यकीन

    ‘जंगलराज नहीं चाहिए’: बिहार की जीविका दीदियों ने किया साफ, नीतीश पर भरोसा, तेजस्वी के वादे पर नहीं यकीन

    गुलामी से कफाला तक: सऊदी अरब के ‘प्रायोजक तंत्र’ का अंत और इस्लामी व्यवस्था के भीतर बदलते समय का संकेत

    गुलामी से कफाला तक: सऊदी अरब के ‘प्रायोजक तंत्र’ का अंत और इस्लामी व्यवस्था के भीतर बदलते समय का संकेत

    महागठबंधन नहीं, महाभ्रम कहिए जनाब : बिहार में राहुल गांधी का असर, तेजस्वी का दबदबा और गठबंधन की टूटती परतें, जानें क्या कहा पप्पू यादव ने

    महागठबंधन नहीं, महाभ्रम कहिए जनाब : बिहार में राहुल गांधी का असर, तेजस्वी का दबदबा और गठबंधन की टूटती परतें, जानें क्या कहा पप्पू यादव ने

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    भारत की कूटनीति अब ‘वर्चुअल’ नहीं, रणनीतिक है: आसियान शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी का डिजिटल नेतृत्व और एशियाकी नई शक्ति-संतुलन रेखा

    भारत की कूटनीति अब ‘वर्चुअल’ नहीं, रणनीतिक है: आसियान शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी का डिजिटल नेतृत्व और एशिया की नई शक्ति-संतुलन रेखा

    भारत-अमेरिका व्यापार समझौता जल्द: 15 से 16 फीसदी तक हो सकती है टैरिफ, जानिए आखिर क्यों हो रहा ऐसा

    भारत-अमेरिका व्यापार समझौता जल्द: 15 से 16 फीसदी तक हो सकती है टैरिफ, जानिए क्या होंगे इसके असर

    बिहार में 12 रैलियों से हुंकार भरेंगे पीएम मोदी: राष्ट्रनिर्माण की पुकार बन जाएगा चुनावी अभियान

    आर्थिक शक्ति, राष्ट्रीय अस्मिता और आत्मनिर्भर भारत: पीएम मोदी के भाषण का राष्ट्रवादी अर्थ

    भारत और अफगानिस्तान: बदलती भू-राजनीतिक परिदृश्य में मजबूत रणनीतिक साझेदार

    भारत और अफगानिस्तान: बदलती भू-राजनीतिक परिदृश्य में मजबूत रणनीतिक साझेदार

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    ‘अग्नि से सजे हथियार’: 4.25 लाख स्वदेशी CQB कार्बाइनों से सजी भारतीय सेना बनेगी आतंकियों के लिए काल

    ‘अग्नि से सजे हथियार’: 4.25 लाख स्वदेशी CQB कार्बाइन से सजी भारतीय सेना बनेगी आतंकियों के लिए काल

    अग्निवीर योजना में बड़े बदलाव की तैयारी : ‘अस्थायी’ से ‘स्थायी’ की ओर भारत की नई सैन्य सोच

    अग्निवीर योजना में बड़े बदलाव की तैयारी : ‘अस्थायी’ से ‘स्थायी’ की ओर भारत की नई सैन्य सोच

    सीमा के पार उबलता बारूद: पाकिस्तान की बिखरती रणनीति और भारत की निर्णायक शांति, जानें क्या कर सकता है आतंकिस्तान

    सीमा के पार उबलता बारूद: पाकिस्तान की बिखरती रणनीति और भारत की निर्णायक शांति, जानें क्या कर सकता है आतंकिस्तान

    भारतीय वायुसेना को दुनिया की तीसरी वायुसेना का खिताब, तकनीक से ज़्यादा यह है राजनीतिक इच्छाशक्ति की जीत

    भारतीय वायुसेना को दुनिया की तीसरी वायुसेना का खिताब, तकनीक से ज़्यादा यह है राजनीतिक इच्छाशक्ति की जीत

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    ‘अग्नि से सजे हथियार’: 4.25 लाख स्वदेशी CQB कार्बाइनों से सजी भारतीय सेना बनेगी आतंकियों के लिए काल

    ‘अग्नि से सजे हथियार’: 4.25 लाख स्वदेशी CQB कार्बाइन से सजी भारतीय सेना बनेगी आतंकियों के लिए काल

    भारत की कूटनीति अब ‘वर्चुअल’ नहीं, रणनीतिक है: आसियान शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी का डिजिटल नेतृत्व और एशियाकी नई शक्ति-संतुलन रेखा

    भारत की कूटनीति अब ‘वर्चुअल’ नहीं, रणनीतिक है: आसियान शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी का डिजिटल नेतृत्व और एशिया की नई शक्ति-संतुलन रेखा

    भारत-अमेरिका व्यापार समझौता जल्द: 15 से 16 फीसदी तक हो सकती है टैरिफ, जानिए आखिर क्यों हो रहा ऐसा

    भारत-अमेरिका व्यापार समझौता जल्द: 15 से 16 फीसदी तक हो सकती है टैरिफ, जानिए क्या होंगे इसके असर

    जब उल्काएं थीं दीप, और दीप थे उत्सव: यहां जानें, क्यों आतिशबाज़ी भारतीय परंपरा का हिस्सा है, आयातित नहीं?

    जब उल्काएं थीं दीप, और दीप थे उत्सव: यहां जानें, क्यों आतिशबाज़ी भारतीय परंपरा का हिस्सा है, आयातित नहीं?

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    गुलामी से कफाला तक: सऊदी अरब के ‘प्रायोजक तंत्र’ का अंत और इस्लामी व्यवस्था के भीतर बदलते समय का संकेत

    गुलामी से कफाला तक: सऊदी अरब के ‘प्रायोजक तंत्र’ का अंत और इस्लामी व्यवस्था के भीतर बदलते समय का संकेत

    जब उल्काएं थीं दीप, और दीप थे उत्सव: यहां जानें, क्यों आतिशबाज़ी भारतीय परंपरा का हिस्सा है, आयातित नहीं?

    जब उल्काएं थीं दीप, और दीप थे उत्सव: यहां जानें, क्यों आतिशबाज़ी भारतीय परंपरा का हिस्सा है, आयातित नहीं?

    राजनीतिक इस्लाम बनाम सनातन चेतना: योगी आदित्यनाथ का वैचारिक शंखनाद और संघ का शताब्दी संकल्प

    राजनीतिक इस्लाम बनाम सनातन चेतना: योगी आदित्यनाथ का वैचारिक शंखनाद और संघ का शताब्दी संकल्प

    पाकिस्तान को डंसेगा उसका अपना ही पाल हुआ सांप, जानें आखिर क्यों नहीं टिक पाएगा पाकिस्तान-अफगानिस्तान की शांति समझौता

    पाकिस्तान को डंसेगा उसका अपना ही पाल हुआ सांप, जानें आखिर क्यों नहीं टिक पाएगा पाकिस्तान-अफगानिस्तान की शांति समझौता

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    एशिया कप हारने के बाद पाकिस्तान के लोगों ने ही पाकिस्तान टीम को सोशल मीडिया पर धो डाला! उड़ाया मजाक

    एशिया कप हारने के बाद पाकिस्तान के लोगों ने ही पाकिस्तान टीम को सोशल मीडिया पर धो डाला! उड़ाया मजाक

    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    मां काली का अपमान और ममता का मौन: बंगाल में तुष्टीकरण राज की भयावह सच्चाई

    मां काली का अपमान और ममता का मौन: बंगाल में तुष्टीकरण राज की भयावह सच्चाई

    ‘जंगलराज नहीं चाहिए’: बिहार की जीविका दीदियों ने किया साफ, नीतीश पर भरोसा, तेजस्वी के वादे पर नहीं यकीन

    ‘जंगलराज नहीं चाहिए’: बिहार की जीविका दीदियों ने किया साफ, नीतीश पर भरोसा, तेजस्वी के वादे पर नहीं यकीन

    गुलामी से कफाला तक: सऊदी अरब के ‘प्रायोजक तंत्र’ का अंत और इस्लामी व्यवस्था के भीतर बदलते समय का संकेत

    गुलामी से कफाला तक: सऊदी अरब के ‘प्रायोजक तंत्र’ का अंत और इस्लामी व्यवस्था के भीतर बदलते समय का संकेत

    महागठबंधन नहीं, महाभ्रम कहिए जनाब : बिहार में राहुल गांधी का असर, तेजस्वी का दबदबा और गठबंधन की टूटती परतें, जानें क्या कहा पप्पू यादव ने

    महागठबंधन नहीं, महाभ्रम कहिए जनाब : बिहार में राहुल गांधी का असर, तेजस्वी का दबदबा और गठबंधन की टूटती परतें, जानें क्या कहा पप्पू यादव ने

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    भारत की कूटनीति अब ‘वर्चुअल’ नहीं, रणनीतिक है: आसियान शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी का डिजिटल नेतृत्व और एशियाकी नई शक्ति-संतुलन रेखा

    भारत की कूटनीति अब ‘वर्चुअल’ नहीं, रणनीतिक है: आसियान शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी का डिजिटल नेतृत्व और एशिया की नई शक्ति-संतुलन रेखा

    भारत-अमेरिका व्यापार समझौता जल्द: 15 से 16 फीसदी तक हो सकती है टैरिफ, जानिए आखिर क्यों हो रहा ऐसा

    भारत-अमेरिका व्यापार समझौता जल्द: 15 से 16 फीसदी तक हो सकती है टैरिफ, जानिए क्या होंगे इसके असर

    बिहार में 12 रैलियों से हुंकार भरेंगे पीएम मोदी: राष्ट्रनिर्माण की पुकार बन जाएगा चुनावी अभियान

    आर्थिक शक्ति, राष्ट्रीय अस्मिता और आत्मनिर्भर भारत: पीएम मोदी के भाषण का राष्ट्रवादी अर्थ

    भारत और अफगानिस्तान: बदलती भू-राजनीतिक परिदृश्य में मजबूत रणनीतिक साझेदार

    भारत और अफगानिस्तान: बदलती भू-राजनीतिक परिदृश्य में मजबूत रणनीतिक साझेदार

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    ‘अग्नि से सजे हथियार’: 4.25 लाख स्वदेशी CQB कार्बाइनों से सजी भारतीय सेना बनेगी आतंकियों के लिए काल

    ‘अग्नि से सजे हथियार’: 4.25 लाख स्वदेशी CQB कार्बाइन से सजी भारतीय सेना बनेगी आतंकियों के लिए काल

    अग्निवीर योजना में बड़े बदलाव की तैयारी : ‘अस्थायी’ से ‘स्थायी’ की ओर भारत की नई सैन्य सोच

    अग्निवीर योजना में बड़े बदलाव की तैयारी : ‘अस्थायी’ से ‘स्थायी’ की ओर भारत की नई सैन्य सोच

    सीमा के पार उबलता बारूद: पाकिस्तान की बिखरती रणनीति और भारत की निर्णायक शांति, जानें क्या कर सकता है आतंकिस्तान

    सीमा के पार उबलता बारूद: पाकिस्तान की बिखरती रणनीति और भारत की निर्णायक शांति, जानें क्या कर सकता है आतंकिस्तान

    भारतीय वायुसेना को दुनिया की तीसरी वायुसेना का खिताब, तकनीक से ज़्यादा यह है राजनीतिक इच्छाशक्ति की जीत

    भारतीय वायुसेना को दुनिया की तीसरी वायुसेना का खिताब, तकनीक से ज़्यादा यह है राजनीतिक इच्छाशक्ति की जीत

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    ‘अग्नि से सजे हथियार’: 4.25 लाख स्वदेशी CQB कार्बाइनों से सजी भारतीय सेना बनेगी आतंकियों के लिए काल

    ‘अग्नि से सजे हथियार’: 4.25 लाख स्वदेशी CQB कार्बाइन से सजी भारतीय सेना बनेगी आतंकियों के लिए काल

    भारत की कूटनीति अब ‘वर्चुअल’ नहीं, रणनीतिक है: आसियान शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी का डिजिटल नेतृत्व और एशियाकी नई शक्ति-संतुलन रेखा

    भारत की कूटनीति अब ‘वर्चुअल’ नहीं, रणनीतिक है: आसियान शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी का डिजिटल नेतृत्व और एशिया की नई शक्ति-संतुलन रेखा

    भारत-अमेरिका व्यापार समझौता जल्द: 15 से 16 फीसदी तक हो सकती है टैरिफ, जानिए आखिर क्यों हो रहा ऐसा

    भारत-अमेरिका व्यापार समझौता जल्द: 15 से 16 फीसदी तक हो सकती है टैरिफ, जानिए क्या होंगे इसके असर

    जब उल्काएं थीं दीप, और दीप थे उत्सव: यहां जानें, क्यों आतिशबाज़ी भारतीय परंपरा का हिस्सा है, आयातित नहीं?

    जब उल्काएं थीं दीप, और दीप थे उत्सव: यहां जानें, क्यों आतिशबाज़ी भारतीय परंपरा का हिस्सा है, आयातित नहीं?

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    गुलामी से कफाला तक: सऊदी अरब के ‘प्रायोजक तंत्र’ का अंत और इस्लामी व्यवस्था के भीतर बदलते समय का संकेत

    गुलामी से कफाला तक: सऊदी अरब के ‘प्रायोजक तंत्र’ का अंत और इस्लामी व्यवस्था के भीतर बदलते समय का संकेत

    जब उल्काएं थीं दीप, और दीप थे उत्सव: यहां जानें, क्यों आतिशबाज़ी भारतीय परंपरा का हिस्सा है, आयातित नहीं?

    जब उल्काएं थीं दीप, और दीप थे उत्सव: यहां जानें, क्यों आतिशबाज़ी भारतीय परंपरा का हिस्सा है, आयातित नहीं?

    राजनीतिक इस्लाम बनाम सनातन चेतना: योगी आदित्यनाथ का वैचारिक शंखनाद और संघ का शताब्दी संकल्प

    राजनीतिक इस्लाम बनाम सनातन चेतना: योगी आदित्यनाथ का वैचारिक शंखनाद और संघ का शताब्दी संकल्प

    पाकिस्तान को डंसेगा उसका अपना ही पाल हुआ सांप, जानें आखिर क्यों नहीं टिक पाएगा पाकिस्तान-अफगानिस्तान की शांति समझौता

    पाकिस्तान को डंसेगा उसका अपना ही पाल हुआ सांप, जानें आखिर क्यों नहीं टिक पाएगा पाकिस्तान-अफगानिस्तान की शांति समझौता

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    एशिया कप हारने के बाद पाकिस्तान के लोगों ने ही पाकिस्तान टीम को सोशल मीडिया पर धो डाला! उड़ाया मजाक

    एशिया कप हारने के बाद पाकिस्तान के लोगों ने ही पाकिस्तान टीम को सोशल मीडिया पर धो डाला! उड़ाया मजाक

    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

मनमोहन सिंह के 82% विश्वास मत, मोदी के सिर्फ 73%, तो ये अच्छी खबर कैसे हुई? हम समझाते हैं

Dev Desai द्वारा Dev Desai
18 July 2017
in मत
मोदी सरकार
Share on FacebookShare on X

अभी कल ही इंटरनेट पर नरेंद्र मोदी की सरकार की एक ओईसीडी सर्वे द्वारा 73% विश्वास मत मिलने की उपलब्धि की चर्चा ज़ोरों शोरों से चल रही थी। ये हमारे देश के लिए गर्व की बात है, इसलिए हमें इस खोज के बारे में थोड़ी और जानकारी लेनी चाहिए।

क्या है ओईसीडी?

ओईसीडी माने ऑर्गनाइज़ेशन फॉर इकनॉमिक कोऑपरेशन एंड डेव्लपमेंट  [आर्थिक सहकारी और विकास संगठन], जिसकी स्थापना 1948 में इस उद्देश्य से की गयी थी की प्रथम और द्वितीय विश्व युद्ध की गलतियाँ दोबारा नहीं दोहराई जाएंगी। हारे हुये मुल्कों के साथ सहायता और सद्भाव की भावनाएँ दिखाई जाएंगी, न की बरबादी और दंड की। इस संगठन की सफलता को देखते हुये यूएस, जापान और कनाडा ने भी इसमें हिस्सा लिया, और आज 39 सदस्य देशों से सुसज्जित है ये संगठन। हम आपको पहले ही बता दें की यद्यपि भारत ओईसीडी का हिस्सा नहीं है, परंतु ओईसीडी भारत, और उसके जैसे देश जैसे चीन, ब्राज़ील इत्यादि  को एक अहम आर्थिक महाशक्ति और एक महत्वपूर्ण साझेदार के तौर पर स्वीकार करता है। (Source: http://www.oecd.org/about/history/)

संबंधितपोस्ट

संघ के 100 वर्ष: डॉ. हेडगेवार को भारत रत्न से सम्मानित कर शताब्दी समारोह को ख़ास बनाएगी मोदी सरकार ?

भारत सरकार का ‘भारती’ इनिशिएटिव: कृषि निर्यात को नई ऊँचाइयों तक ले जाने का रोडमैप

कोटा-बूंदी को मिलेगा ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट, कैबिनेट ने दो मेगा इंफ्रा प्रोजेक्ट्स को दी हरी झंडी

और लोड करें

ये ओईसीडी की ‘सरकार पर एक नज़र’ सर्वे क्या है?

जिस खोज की वजह से अभी इंटरनेट के बाज़ार में गहमागहमी फैली हुई है, उसका नाम है ‘ओईसीडी : गोवेर्न्मेंट्स एट ए ग्लान्स सर्वे 2017’ [ओईसीडी : ‘सरकार पर एक नज़र’ सर्वेक्षण 2017] सर्वे के प्रथम कुछ पन्ने(http://www.oecd.org/gov/government-at-a-glance-22214399.htm) यह बताते हैं की यह एक प्रकार का जीपीएस है, जिससे कई मानकों पर सरकारें अपना उचित आंकलन कर सकती है, और प्रगति के पथ पर अपने स्तर पर आगे बढ़ सकती है।

इसमें भारत के लिए खुश होने वाली क्या बात है भला?

इस सर्वे रिपोर्ट के पेज 214-215 पे एक नयी खोज मिलेगी, जो जनता का अपने सरकार में कितना विश्वास है, इस तथ्य का आंकलन करती है। इस रिपोर्ट के अनुसार विश्वास को एक सकारात्मक अनुभूति माना जाता है, जिससे एक व्यक्ति या एक संगठन के कार्यों का आंकलन संभव है, और आगे यह भी बताती है की विश्वास की ऊंची दरें ये संकेत देती है की जनता का अपने सरकार में अटूट विश्वास है, उसे लगता है की उक्त सरकार निष्पक्ष, विश्वसनीय, उत्तरदायी और लोक सेवाएँ देने में समर्थ और योग्य साबित होती है, और साथ ही साथ उक्त देश की आशाओं और मंज़िलों को एक नयी उड़ान देने के लिए तत्पर भी है। इस सूचक के लिए आवश्यक जानकारी गैलप वर्ल्ड पोल से एकत्रित की जाती है, जो हर देश के हिसाब से लगभग 1000 नागरिकों का नमूना इकट्ठा करती है।

तो इन खोजों के अनुसार 73% भारतीय को वर्तमान सरकार माने मोदी सरकार में अटूट विश्वास है, जो इस वक़्त दुनिया में तीसरी सबसे भरोसेमंद सरकार है, और इससे आगे केवल स्विट्ज़रलैंड और इंडोनेशिया की सरकार है। ये तो वाकई में खुश होने वाली बात है, नहीं?

पर वो क्या है न, जैसे कुत्ते को देसी घी हजम नहीं होता, वैसे ही कुछ लोगों को जनता का मोदी सरकार में अटूट विश्वास फूटी आँख नहीं सुहाता। ऐसे छील्पकौव्वों ने ये जताने की कोशिश की है  की जनता का विश्वास मनमोहन सरकार में ज़्यादा था, जो 82% के उचत्तम स्तर पर था और मोदी सरकार में यह विश्वास गिरकर 73% तक पहुँच गया है। पर हमने तो सुना था जीत बहुमत की होती है? असल में, ये नमूनें बड़े सफाई से सच्चाई छुपाने में माहिर हैं, क्योंकि 2012 में हुये एक ऐसे ही सर्वे(http://www.pewresearch.org/fact-tank/2013/11/21/confidence-in-government-falls-in-much-of-the-developed-world/) में मनमोहन सरकार में विश्वास 55% के न्यूनतम स्तर तक पहुँच गया था [यह 27% की गिरावट दुनिया में दूसरी सबसे तीव्र गिरावट थी 2007-2012 के समय के लिए, रिपोर्ट के अनुसार]

तो अगर कुछ भी हुआ है, केंद्र सरकार में विश्वास पिछले 3 सालों में दिन दुगनी, रात चौगुनी तरक्की करते हुए दिखा है। ऐसे ही नहीं मोदी सरकार जनता की प्रिय सरकार है।

मोदी सरकार
यूपी चुनाव अभियान 2017 के दौरान मोदी रोडशो, वाराणसी

इस नाटकीय बदलाव का कारण क्या है?

अब चूंकि ओईसीडी रिपोर्ट ने मोदी सरकार में जनता के विश्वास के स्पष्ट कारण बताने से मना किया है, तो हम क्या कर सकते हैं की कुछ बुद्धि का इस्तेमाल कर संभावित कारणों को क्रमबद्ध तरीके से सजा सकते हैं:-

  • 2007 में यूपीए अपने प्रथम सत्रह के मध्यकाल में आ गया था; उस समय देश के मूड में उफान था, क्योंकि नरेगा और आरटीआई जैसे क़ानूनों को 2005 तक पारित कराया गया था। शहरी भारतीयों में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह लोकप्रिय थे, क्योंकि उनकी छवि एक साफ सुथरे, सुधारवादी प्रधानमंत्री की थी, जिसका असर 2009 के चुनाव के परिणाम में भी पड़ा, जब यूपीए ने अपने सीटों में सुधार किया।
  • पर शायद वो तूफान से पहले की खामोशी थी। जब भारतीय जनता मनमोहन की साफ सुथरी छवि पर फिदा हो रही थी, पर्दे के पीछे तो कुछ और ही चक्कर चल रहा था। यूपीए प्रथम में दरअसल सीएजी द्वारा सामने लायी गयी यूपीए द्वितीय के करोड़ों रुपये के घोटालों की नींव आखिर जो पड़ रही थी।
  • फिर सैलाब की तरह अन्ना हज़ारे का आंदोलन और निर्भया कांड सामने आया। भ्रष्टाचार और यौन शोषण के विरुद्ध हुये भीषण आंदोलनो ने मानो पूरे देश को अपनी गिरफ्त में ले लिया था। सारी सरकारी नीतियों को मानो लकवा मार गया था और ऐसा प्रतीत हो रहा था मानो कोई सरकार है ही नहीं, सिर्फ कुछ सरकारी ठेकेदार हैं, जिनके इशारों पर सब काम हो रहा है। इसमें कोई संदेह नहीं है की सरकार की छवि क्यों जनता की नज़रों में बदनाम होती चली गयी।
  • 2013-14 का सत्र आया, और राष्ट्रीय मंच पर नरेंद्र मोदी का आगमन हुआ, जिनहोने मझधार में फंसे देश को सहारा दिया और उसे अच्छे दिन की उम्मीद भी दिखाई। देश ने उस आदमी में विश्वास दिखाया जिसने कहा ‘न खाऊँगा, न खाने दूँगा’ और उसे प्रधान सेवक के तौर पर 2014 में नियुक्त किया। पिछले 30 सालों में जिस स्तर से कोई पार्टी विजय नहीं दर्ज़ कर पायी, उस स्तर से इनहोने विजय हासिल की।
  • भले ही मीडिया, विपक्ष और कुछ कुटिल बुद्धि के लोग आपको कुछ और सोचने पर मजबूर करना चाहे, पर सत्य तो यह है की मोदी सरकार ने अपने और अपनी सरकार में जनता का विश्वास बरकरार रखा है। सबसे महत्वपूर्ण तो यह बात है की देश को यकीन है की कोई तो है जो अपना शत प्रतिशत से भी ज़्यादा देकर इस देश को सुधारने में लगा हुआ है, जिससे उनका भविष्य सुधर सके। जन धन योजना, स्वच्छ भारत अभियान, पहल योजना, उज्ज्वला योजना, विमुद्रीकरण और जीएसटी(https://twitter.com/5forty3?lang=en) जैसी योजनाओं ने भारत में एक अहम बदलाव लाने में सफल रहीं हैं। और अगर यह सर्वे सबूत के तौर पर काफी नहीं है, तो 2014 के बाद के जितने चुनाव हुये है, दिल्ली और बिहार को छोडकर, वो तो सच में सबूत है।
  • एक देश के तौर पर भारत हमेशा से आशावादी रहा है। और क्या कारण हो सकता है की हर मोर्चे पर असफल होने वाली मनमोहन सरकार में 2012 में भी 55% का अटूट विश्वास रखा गया था? अब हमारे पास एक ऐसे कुशल नेता हैं, जो हमारी आशाओं के अनुरूप चलकर हमारे भारत को एक बार फिर विश्वगुरु बना सकते है।

भारत माता की जय!

Tags: ओईसीडी सर्वेकेंद्रीय सरकारमोदी सरकार
शेयरट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

ऐसे चुने जाते हैं देश के राष्ट्रपति, थोड़ी जटिल पर बड़ी अनोखी प्रक्रिया है

अगली पोस्ट

सिर्फ 8 शब्दों में अजित डोभाल ने भेजी आतंकियों को दिल दहलाने वाली चेतावनी

संबंधित पोस्ट

मां काली का अपमान और ममता का मौन: बंगाल में तुष्टीकरण राज की भयावह सच्चाई
क्राइम

मां काली का अपमान और ममता का मौन: बंगाल में तुष्टीकरण राज की भयावह सच्चाई

23 October 2025

जब मां काली की मूर्ति का सिर काट दिया जाए और सत्ता मौन रह जाए, तो यह केवल एक अपराध नहीं, बल्कि सभ्यता और श्रद्धा...

महागठबंधन नहीं, महाभ्रम कहिए जनाब : बिहार में राहुल गांधी का असर, तेजस्वी का दबदबा और गठबंधन की टूटती परतें, जानें क्या कहा पप्पू यादव ने
चर्चित

महागठबंधन नहीं, महाभ्रम कहिए जनाब : बिहार में राहुल गांधी का असर, तेजस्वी का दबदबा और गठबंधन की टूटती परतें, जानें क्या कहा पप्पू यादव ने

22 October 2025

बिहार की राजनीति इस वक्त फिर उसी पुराने मोड़ पर लौटती दिखाई दे रही है, जहां गठबंधन एकता का ढोल तो पीट रहा है, लेकिन...

राजनीतिक इस्लाम बनाम सनातन चेतना: योगी आदित्यनाथ का वैचारिक शंखनाद और संघ का शताब्दी संकल्प
इतिहास

राजनीतिक इस्लाम बनाम सनातन चेतना: योगी आदित्यनाथ का वैचारिक शंखनाद और संघ का शताब्दी संकल्प

22 October 2025

गोरखपुर के पावन मंच से जब योगी आदित्यनाथ ने यह कहा कि राजनीतिक इस्लाम ने सनातन धर्म को सबसे बड़ा झटका दिया है, तो यह...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

Bihar Files: When Scam Money Didn’t Reach Minister’s House but Landed at ‘Boss’ Residence

Bihar Files: When Scam Money Didn’t Reach Minister’s House but Landed at ‘Boss’ Residence

00:06:22

Why India’s 800-km BrahMos Is a Nightmare for Its Adversaries

00:06:22

The Congress Party’s War on India’s Soldiers: A History of Betrayal and Fear

00:07:39

How Bursting Firecrackers on Deepavali Is an Ancient Hindu Tradition & Not a Foreign Import

00:09:12

This is How Malabar Gold Betrayed Indians and Preferred a Pakistani

00:07:16
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited