जबसे योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश के सीएम बने हैं उनकी मांग देश के हर कोने में उठती रहे है। उन्होंने ने राज्य में विकास कार्यों पर जोर दे रहे हैं उन्होंने कानून व्यवस्था को दुरुस्त किया है। उन्होंने उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश बनाने की दिशा में कई बेहतरीन निर्णय लिए हैं जो प्रदेश में भ्रष्टाचार, कानून विरोधी और अपराधियों पर नकेल कसने में काफी हद तक सफल साबित हुए हैं। आम जनता के लिए भले के लिए उनके कार्य करने की दृढ़ता सिर्फ उत्तर प्रदेश तक सीमित नहीं रही है बल्कि पूरे भारत में वो काफी लोकप्रिय नेता हैं। उन्होंने जब भी जिस राज्य में बीजेपी के लिए प्रचार किया है बीजेपी को उस राज्य में फायदा जरुर हुआ है। ऐसे में एक बार फिर से भारतीय जनता पार्टी ने उन्हें राजस्थान, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम के विधानसभा चुनावों के लिए प्रचार करेंगे। यूपी के सीएम बनने के बाद से सीएम योगी आदित्यनाथ हिमाचल, गुजरात, त्रिपुरा और कर्नाटक में प्रचार कर चुके हैं। हिमाचल, गुजरात, त्रिपुरा में बीजेपी को जीत मिली थी जबकि कर्नाटक में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी। जैसे जैसे चुनाव पास आ रहे हैं वैसे वैसे अब छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, राजस्थान जैसे राज्यों में उनकी मांग बढती जा रही है।
योगी आदित्यनाथ नाथ संप्रदाय के प्रमुख हैं और आदिवासी इलाकों में इसका काभी प्रभाव है। यही वजह है कि छत्तीसगढ़ में उनकी डिमांड और बढ़ गयी है। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ 10 और 11 नवंबर को छत्तीसगढ़ में रैली को संबोधित करेंगे। इस राज्य में अमित शाह और पीएम मोदी के बाद योगी जी सभी की पसंद हैं। नाथ संप्रदाय के प्रमुख योगी आदित्यनाथ का छत्तीसगढ़ के सीएम रमन सिंह भी बहुत सम्मान करते हैं यही नहीं वहां के लोगों में वो काफी लोकप्रिय भी हैं। स्पष्ट रूप से नाथ संप्रदाय वाली योगी की छवि का लाभ भी बीजेपी को मिलेगा। छतीसगढ़ में दो चरणों में मतदान होने हैं जहां 12 नवंबर को पहले चरण में 18 सीटों पर और 20 नवंबर को दूसरे चरण में 72 सीटों पर मतदान होंगे। चुनावों के लिए योगी आदित्यनाथ चुनाव प्रचार का आगाज 11 नवंबर से शुरू करेंगे। यहां वो जनसभाओं के साथ रोड शो भी करेंगे और योगी आदित्यनाथ कई रैलियों को संबोधित करेंगे। बीजेपी को योगी के प्रचार से निश्चित रूप से फायदा होगा जैसे अन्य राज्यों में भारतीय जनता पार्टी को होता। पिछले दिनों छत्तीसगढ़ में उनकी लोकप्रियता का उदाहरण भी देखने को मिला था। जब छत्तीसगढ़ के सीएम रमन सिंह ने राजनांदगांव विधानसभा सीट के लिए नामांकन दाखिल किया था। इस दौरान यूपी के सीएम भी मौजूद थे तब एक ख़ास नजारा देखने को मिला था। उनके लिए भीड़ उमड़ी थी इस दौरान सीएम रमन सिंह ने यूपी के सीएम के पैर छूकर आशीर्वाद लिया था। यही नहीं उनकी लोकप्रियता का एक और उदाहरण पिछले दिनों उस समय देखने को मिला जब छत्तीसगढ़ चुनाव में अपना नामाकंन दाखिल करने के लिए वहां के निवर्तमान मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने विशेष तौर पर योगी को रायपुर आमंत्रित किया। यहां छत्तीसगढ़ के सीएम रमन सिंह और उनकी पत्नी ने सीएम योगी का पैर छूकर आशीर्वाद लिया, उसके बाद रमन सिंह ने नामांकन दाखिल किया।
यूपी के सीएम की लोकप्रियता का अंदाजा तो ऑनलाइन ट्रेंड से भी लगाया जा सकता है। कश्मीर हो या कन्याकुमारी तक सीएम योगी आदित्यनाथ को गूगल सर्च इंजन में सबसे टॉप पर चल रहे हैं। इसका मतलब है कि देश में लोग उनके बारे में जानना चाहते हैं।
त्रिपुरा हो या गुजरात या कर्नाटक जहां भी योगी आदित्यनाथ ने रैली की है बीजेपी को उस राज्य में बढ़त मिली है। त्रिपुरा में 25 साल से लेफ्ट की सरकार थी बीजेपी ने यहां भारी जीत दर्ज कर 60 में से 43 सीटों पर जीत दर्ज कर इतिहास रचा था। सीएम योगी तब भी यहां विधानसभा चुनाव के लिए स्टार प्रचारक थे। योगी ने त्रिपुरा में विधानसभा की 20 सीटों पर चुनाव प्रचार किया था जिनमें से 17 पर बीजेपी ने जीत दर्ज की थी। गुजरात में बीजेपी 22 साल बाद भी सत्ता बचाने में कामयाब रही थी और इसका श्रेय जिन नेताओं को जाता है उनमें से एक योगी आदित्यनाथ भी हैं जिन्होंने दूसरे चरण के प्रचार के तहत 16 रैलियां की थीं। इसमें 25 किलोमीटर का रोड शो भी शामिल रहा। उन्होंने सिर्फ 48 घंटे में ये 16 रैलियां कीं साथ ही एक बड़ा रोड शो भी किया था। उनकी रैलियों का असर गुजरात चुनाव के नतीजों पर भी नजर आया था। इसके अलावा कर्नाटक विधासभा चुनाव के दौरान भी उन्होंने बीजेपी के लिए प्रचार किया था। यहां भी वो स्टार प्रचारकों में से एक थे। उन्होंने कर्नाटक में कुल 24 जगहों पर रैलियां थीं। वो नाथ मठ से जुड़े हैं और इसी वजह से योगी ने चुनाव प्रचार में अपनी छाप छोड़ी थी और इसका असर कर्नाटक के विधानसभा चुनाव के नतीजों पर दिखा भी था। जिन इलाकों में योगी की रैली हुई थी, वहां की काफी सीटों पर बीजेपी के उम्मीदवारों को बढ़त मिलीथी। हिंदुत्व छवि वाले योगी की मांग चुनाव प्रचार के लिए हर राज्य में होने लगी। हिमाचल, गुजरात के बाद त्रिपुरा में भी योगी का जादू चला और कर्नाटक में भी योगी का जादू दिखा था। ऐसे में ये कहना गलत नहीं होगा कि इन पांच राज्यों में बीजेपी को अपने मतदाता आधार को और मजबूत करने में योगी अहम भूमिका निभाने वाले हैं और इसकी झलक अभी से दिखने लगी है।