TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    Golden Temple Amritsar

    स्वर्ण मंदिर में लगे खालिस्तान जिंदाबाद के नारे, सिमरनजीत मान ने भिंडरावाले को बताया शहीद

    Lucknow Police Encounter

    लखनऊ में 3 साल की बच्ची से दरिंदगी, 24 घंटे में पुलिस ने एनकाउंटर में किया ढेर

    Mahua Moitra Pinaki Mishra

    65 के पिनाकी मिश्रा की हुईं 50 की महुआ मोइत्रा, गठबंधन पर क्यों हो रही इन विवादों की चर्चा?

    Sharmistha Panoli Calcutta High Court

    शर्मिष्ठा पनोली को जमानत के साथ हिदायत, कोर्ट रूम में क्या हुआ?

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    इस साल फरवरी से अब तक रेपो रेट में लगातार 100 आधार अंकों की कटौती की गई है

    RBI Repo Rate Cut: 50 बेसिस पॉइंट घटाया गया रेपो रेट, EMI में आएगा ये बदलाव

    6.5% GDP वृद्धि का अनुमान

    वित्त वर्ष 2026 में 6.5% GDP वृद्धि का अनुमान: घरेलू मांग में सुधार भारत की विकास रफ्तार का प्रमुख इंजन बन सकता है – क्रिसिल

    भारत ने रचा इतिहास, $4 ट्रिलियन की GDP के साथ बना दुनिया की चौथी बड़ी आर्थिक महाशक्ति

    भारत ने रचा इतिहास, $4 ट्रिलियन की GDP के साथ बना दुनिया की चौथी बड़ी आर्थिक महाशक्ति

    वैश्विक अस्थिरता के बीच मजबूत भारतीय अर्थव्यवस्था, वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में GDP वृद्धि 6.5% तक पहुंचने की संभावना

    वैश्विक अस्थिरता के बीच मजबूत भारतीय अर्थव्यवस्था, वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में GDP वृद्धि 6.5% तक पहुंचने की संभावना

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    चीन कर रहा Bio War की तैयारी!, कितना तैयार है भारत?

    चीन कर रहा Bio War की तैयारी!, कितना तैयार है भारत?

    Air Chief Marshal Amarpreet Singh

    एयरचीफ मार्शल अमरप्रीत सिंह की चिंता जायज, जानिए क्यों समय से पूरे नहीं हो पाते रक्षा प्रोजेक्ट?

    2047 तक छह गुना बढ़ जाएगा भारत का रक्षा उत्पादन, ₹32 लाख करोड़ होगा डिफेंस बजट: रिपोर्ट

    2047 तक छह गुना बढ़ जाएगा भारत का रक्षा उत्पादन, ₹32 लाख करोड़ होगा डिफेंस बजट: रिपोर्ट

    Brahmos

    ब्रह्मोस को लेकर रूस के राजदूत का बड़ा दावा! भारत के साथ मिलकर बना रहे खतरनाक हथियार

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    ट्रंप बनाम मस्क

    ट्रंप बनाम मस्क: जानें इस हाई-प्रोफाइल ब्रेकअप का भारत पर क्या होगा असर!

    एपस्टीन के साथ मेलानिया और डोनाल्ड ट्रंप

    The Epstein files: घिनौना काम करने वाले ट्रंप के ‘दोस्त’ जेफ्री एपस्टीन के रहस्यमई अंत में छिपे हैं कौन से काले राज़?

    आइलैंड में लगभग सभी लैंडफिल साइट्स पूरी क्षमता पर पहुंच गई हैं (Photo - Canva)

    बाली की बड़ी पहल: पानी की छोटी बोतलें होंगी बैन, पर्यावरण को मिलेगी राहत

    Pakistan Ban Ahmadiyya Muslim Eid

    पाकिस्तान में अहमदिया मुस्लिमों के ईद मनाने पर पाबंदी, क्या है इनका इतिहास?

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    ‘चतुः श्लोकी मनुस्मृति: एन इंग्लिश कमेन्ट्री’: मनुस्मृति को लेकर बौद्धिक उपनिवेशवाद के जाल से बाहर निकलने का साधन

    ‘चतुः श्लोकी मनुस्मृति: एन इंग्लिश कमेन्ट्री’: मनुस्मृति को लेकर बौद्धिक उपनिवेशवाद के जाल से बाहर निकलने का साधन

    संघ के दूसरे प्रमुख गोलवालकर और जवाहरलाल नेहरू

    नेहरू की निष्क्रियता से 1947 के बाद भी 14 वर्षों तक गुलाम रहा गोवा, RSS ने आज़ादी में निभाई अहम भूमिका

    1950 में जेल से रिहा किए जाने के बाद सावरकर (चित्र: savarkar.org)

    अंग्रेज़ों की ही नहीं, नेहरू सरकार की कैद में भी महीनों रहे थे सावरकर

    कंबोडिया के बंतेय श्री मंदिर के चौखट पर बैठे जवाहरलाल नेहरू, नवंबर 1954

    ‘महाभारत में बीफ परोसने का उल्लेख’: जानें हिंदुत्व, रामायण, महाभारत और गीता को लेकर क्या थी नेहरू की राय?

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    घड़े का पानी गले से लेकर आंतों के लिए अच्छा होता है: एक्सपर्ट

    गर्मियों में ‘अमृत’ के समान है घड़े का पानी; मिलते हैं ये फायदे

    अमेरिका में iPhone बनाना एक जटिल प्रक्रिया हो सकती है

    अमेरिका में बनने लगे iPhone तो क्या हो सकती है कीमत?

    Saudi Arabia AI Clinic

    क्या डॉक्टरों की जगह ले रहा है AI? सऊदी अरब में खुला पहला आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस क्लीनिक

    जो बाइडन को हुआ ‘तेज़ी से फैलने वाला’ प्रोस्टेट कैंसर; जानें क्या हैं इसके लक्षण और कैसे कर सकते हैं बचाव?

    जो बाइडन को हुआ ‘तेज़ी से फैलने वाला’ प्रोस्टेट कैंसर; जानें क्या हैं इसके लक्षण और कैसे कर सकते हैं बचाव?

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    Golden Temple Amritsar

    स्वर्ण मंदिर में लगे खालिस्तान जिंदाबाद के नारे, सिमरनजीत मान ने भिंडरावाले को बताया शहीद

    Lucknow Police Encounter

    लखनऊ में 3 साल की बच्ची से दरिंदगी, 24 घंटे में पुलिस ने एनकाउंटर में किया ढेर

    Mahua Moitra Pinaki Mishra

    65 के पिनाकी मिश्रा की हुईं 50 की महुआ मोइत्रा, गठबंधन पर क्यों हो रही इन विवादों की चर्चा?

    Sharmistha Panoli Calcutta High Court

    शर्मिष्ठा पनोली को जमानत के साथ हिदायत, कोर्ट रूम में क्या हुआ?

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    इस साल फरवरी से अब तक रेपो रेट में लगातार 100 आधार अंकों की कटौती की गई है

    RBI Repo Rate Cut: 50 बेसिस पॉइंट घटाया गया रेपो रेट, EMI में आएगा ये बदलाव

    6.5% GDP वृद्धि का अनुमान

    वित्त वर्ष 2026 में 6.5% GDP वृद्धि का अनुमान: घरेलू मांग में सुधार भारत की विकास रफ्तार का प्रमुख इंजन बन सकता है – क्रिसिल

    भारत ने रचा इतिहास, $4 ट्रिलियन की GDP के साथ बना दुनिया की चौथी बड़ी आर्थिक महाशक्ति

    भारत ने रचा इतिहास, $4 ट्रिलियन की GDP के साथ बना दुनिया की चौथी बड़ी आर्थिक महाशक्ति

    वैश्विक अस्थिरता के बीच मजबूत भारतीय अर्थव्यवस्था, वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में GDP वृद्धि 6.5% तक पहुंचने की संभावना

    वैश्विक अस्थिरता के बीच मजबूत भारतीय अर्थव्यवस्था, वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में GDP वृद्धि 6.5% तक पहुंचने की संभावना

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    चीन कर रहा Bio War की तैयारी!, कितना तैयार है भारत?

    चीन कर रहा Bio War की तैयारी!, कितना तैयार है भारत?

    Air Chief Marshal Amarpreet Singh

    एयरचीफ मार्शल अमरप्रीत सिंह की चिंता जायज, जानिए क्यों समय से पूरे नहीं हो पाते रक्षा प्रोजेक्ट?

    2047 तक छह गुना बढ़ जाएगा भारत का रक्षा उत्पादन, ₹32 लाख करोड़ होगा डिफेंस बजट: रिपोर्ट

    2047 तक छह गुना बढ़ जाएगा भारत का रक्षा उत्पादन, ₹32 लाख करोड़ होगा डिफेंस बजट: रिपोर्ट

    Brahmos

    ब्रह्मोस को लेकर रूस के राजदूत का बड़ा दावा! भारत के साथ मिलकर बना रहे खतरनाक हथियार

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    ट्रंप बनाम मस्क

    ट्रंप बनाम मस्क: जानें इस हाई-प्रोफाइल ब्रेकअप का भारत पर क्या होगा असर!

    एपस्टीन के साथ मेलानिया और डोनाल्ड ट्रंप

    The Epstein files: घिनौना काम करने वाले ट्रंप के ‘दोस्त’ जेफ्री एपस्टीन के रहस्यमई अंत में छिपे हैं कौन से काले राज़?

    आइलैंड में लगभग सभी लैंडफिल साइट्स पूरी क्षमता पर पहुंच गई हैं (Photo - Canva)

    बाली की बड़ी पहल: पानी की छोटी बोतलें होंगी बैन, पर्यावरण को मिलेगी राहत

    Pakistan Ban Ahmadiyya Muslim Eid

    पाकिस्तान में अहमदिया मुस्लिमों के ईद मनाने पर पाबंदी, क्या है इनका इतिहास?

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    ‘चतुः श्लोकी मनुस्मृति: एन इंग्लिश कमेन्ट्री’: मनुस्मृति को लेकर बौद्धिक उपनिवेशवाद के जाल से बाहर निकलने का साधन

    ‘चतुः श्लोकी मनुस्मृति: एन इंग्लिश कमेन्ट्री’: मनुस्मृति को लेकर बौद्धिक उपनिवेशवाद के जाल से बाहर निकलने का साधन

    संघ के दूसरे प्रमुख गोलवालकर और जवाहरलाल नेहरू

    नेहरू की निष्क्रियता से 1947 के बाद भी 14 वर्षों तक गुलाम रहा गोवा, RSS ने आज़ादी में निभाई अहम भूमिका

    1950 में जेल से रिहा किए जाने के बाद सावरकर (चित्र: savarkar.org)

    अंग्रेज़ों की ही नहीं, नेहरू सरकार की कैद में भी महीनों रहे थे सावरकर

    कंबोडिया के बंतेय श्री मंदिर के चौखट पर बैठे जवाहरलाल नेहरू, नवंबर 1954

    ‘महाभारत में बीफ परोसने का उल्लेख’: जानें हिंदुत्व, रामायण, महाभारत और गीता को लेकर क्या थी नेहरू की राय?

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    घड़े का पानी गले से लेकर आंतों के लिए अच्छा होता है: एक्सपर्ट

    गर्मियों में ‘अमृत’ के समान है घड़े का पानी; मिलते हैं ये फायदे

    अमेरिका में iPhone बनाना एक जटिल प्रक्रिया हो सकती है

    अमेरिका में बनने लगे iPhone तो क्या हो सकती है कीमत?

    Saudi Arabia AI Clinic

    क्या डॉक्टरों की जगह ले रहा है AI? सऊदी अरब में खुला पहला आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस क्लीनिक

    जो बाइडन को हुआ ‘तेज़ी से फैलने वाला’ प्रोस्टेट कैंसर; जानें क्या हैं इसके लक्षण और कैसे कर सकते हैं बचाव?

    जो बाइडन को हुआ ‘तेज़ी से फैलने वाला’ प्रोस्टेट कैंसर; जानें क्या हैं इसके लक्षण और कैसे कर सकते हैं बचाव?

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

इंडोनेशिया में बैलेट पेपर से चुनाव के दौरान चली गई 272 जानें, क्या हमरा विपक्ष इससे सीख लेगा?

Pawan Jayaswal द्वारा Pawan Jayaswal
30 April 2019
in मत
इंडोनेशिया में बैलेट पेपर से चुनाव के दौरान चली गई 272 जानें, क्या हमरा विपक्ष इससे सीख लेगा?

(PC: BBC)

Share on FacebookShare on X

हमारे देश में जहां एक तरफ विपक्षी पार्टियां चुनाव आयोग से ईवीएम की बजाए बैलट पेपर (मतपत्र) से चुनाव कराने की मांग कर रही है वहीं इंडोनेशिया से इससे जुड़ी बड़ी दर्दनाक खबर सामने आई है। एक ऐसी खबर जो बैलट पेपर से चुनाव कराने की विपक्ष की मांग पर पानी ही नहीं फेरेगी बल्कि उनके मंसूबों को भी तबाह कर देगी।    

दरअसल, इंडोनेशिया में 10 दिन पहले ही चुनाव संपन्न हुए हैं। ये चुनाव वहां की सरकार ने बैलट पेपर (मतपत्र) के जरिए संपन्न करवाए थे। इसका यह परिणाम सामने आया कि अब तक वहां बैलट पेपर की गिनती करने वाले 272 कर्मचारियों की दर्दनाक मौत हो चुकी है। वहीं करीब 1878 कर्मचारी बीमार हैं।

संबंधितपोस्ट

ट्रंप बनाम मस्क: जानें इस हाई-प्रोफाइल ब्रेकअप का भारत पर क्या होगा असर!

बाली की बड़ी पहल: पानी की छोटी बोतलें होंगी बैन, पर्यावरण को मिलेगी राहत

भारत के साथ बातचीत चाहता है पाकिस्तान, डोनाल्ड ट्रंप से लगाई गुहार

और लोड करें

गौरतलब है कि, इंडोनेशिया की कुल आबादी 26 करोड़ है। यहां की सरकार ने खर्चा बचाने के लिए राष्ट्रपति चुनावों के साथ ही संसदीय और क्षेत्रीय चुनाव भी करा लिये थे। ये सारे चुनाव एक ही दिन 17 अप्रैल को आयोजित हुए। हालांकि, यहां चुनाव जरूर शांतिपूर्ण ढंग से हो गए लेकिन मतपत्रों की गणना के समय यह दर्दनाक घटना घटित हो गई।

इंडोनेशिया चुनाव आयोग के प्रवक्ता के अनुसार बैलट पेपर गिनने वाले अधिकांश कर्मचारियों की मौत बेहद थकान के कारण होने वाली बीमारियों के चलते हुई। इंडोनेशिया में इस समय करीब 70 लाख लोग वोटों की गिनती और निगरानी में मदद कर रहे हैं। इन लोगों में ज्यादातर अस्थाई कर्मचारी हैं। इनका स्वास्थ्य परीक्षण भी नहीं किया गया था। ये कर्मचारी हाथों से बैलट पेपर गिन रहे हैं।

दरअसल, यहां कर्मचारियों को बेहद गर्मी और खराब परिस्थितियों में रात भर जागकर काम करना पड़ रहा है। इस कारण इन लोगों को शारीरिक परेशानियां आने लगी थीं। इन बेहद खराब परिस्थितियों के कारण ही वहां अब तक 272 कर्मचारियों की मौत हो गई है। अगर इंडोनेशिया सरकार मतपत्रों के बजाय ईवीएम से चुनाव करवाती तो इन लोगों को अपनी जान नहीं गंवानी पड़ती।

अब आप सोचिए जब 26 करोड़ की आबादी वाले इंडोनेशिया में बैलट पेपर से चुनाव कराने पर इस तरह की परिस्थितियां उतपन्न हो गईं तो सोचिये अगर चुनाव आयोग फिर से बैलट पेपर से चुनाव करवाने के लिए राजी हो जाए तो 133.92 करोड़ जनसंख्या वाले भारत का क्या हाल होगा। भले ही भारत में संसाधन इंडोनेशिया से ज्यादा हैं फिर भी मतपत्रों से चुनाव कराने से बूथ कैप्चरिंग जैसे कई बड़े खतरे हैं।

इंडोनेशिया में मतपत्रों से चुनाव कराने के बावजूद वहां का विपक्ष खुश नहीं है। यहां विपक्ष ने चुनावों के दौरान धांधली का आरोप लगाया है। यहां राष्ट्रपति पद के विपक्षी उम्मीदवार प्रबोवो सुबिआंतो ने मतगणना के दौरान बड़े स्तर पर धांधली का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि कुछ अधिकारी वर्तमान राष्ट्रपति जोको विडोडो को जिताने का प्रयास कर रहे हैं। वहीं, विडोडो सरकार के सुरक्षा मंत्री ने आरोपों को आधारहीन बताया है। इस दौरान दोनों उम्मीदवारों ने जीत की घोषणा की है। यहां 22 मई तक वोटों की गिनती पूरी होगी जिसके बाद विजेताओं की घोषणा होगी।

जहां एक तरफ इंडोनेशिया जैसे देश में बैलट पेपर से चुनाव करवाने के नकारात्मक नतीजे देखने को मिल रहे हैं वहीं भारत में विपक्षी पार्टियां और लेफ्ट लिबरल गैंग बैलट पेपर से चुनाव करवाने की बात करते रहे हैं। हमारे देश के विपक्ष की बात करें तो यहां कांग्रेस, एसपी, बीएसपी, आरजेडी, तृणमूल कांग्रेस और वांपथी दलों सहित कुल 17 विपक्षी पार्टियों ने चुनाव आयोग को लिखा था कि वो ईवीएम की जगह बैलेट पेपर से चुनाव करवाए। यही नहीं हर चुनाव के बाद यहां लगभग-लगभग सभी विपक्षी पार्टियां ईवीएम पर सवाल उठाती रही हैं। यहां सोचने वाली बात है कि इंडोनेशिया की तुलना में भारत की जनसंख्या कहीं ज्यादा है अगर बैलट पेपर से चुनाव किये जाते हैं तो इससे न सिर्फ समय की बर्बादी होगी बल्कि जाने भी जा सकती हैं। इंडोनेशिया की इस घटना से भारत के लेफ्ट-लिबरल गैंग को जरुर जवाब मिल गया होगा कि क्यों चुनाव आयोग बैलट पेपर को फिर से मतदान के लिए नहीं लाना चाहता।

गौरतलब है कि हमारे देश में समय-समय पर कई नेता ईवीएम को लेकर सवाल उठाते रहे हैं। एनडीटीवी को दिये एक इंटरव्यू में हार्दिक पटेल ने कहा था कि, अगर मैं मोदी के खिलाफ चुनाव लडूं और 2 लाख वोट से जीत भी जाऊं तो भी ईवीएम का विरोध करूंगा। एनडीटीवी के रवीश कुमार ने भी कहा था कि उनकी राय में मतदान में मशीन नहीं होनी चाहिए। वहीं इसी साल फरवरी में कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा था, ‘मैं तीन चार-साल से देख रहा हूं कि जब वोटिंग होती है जब हम कोई भी बटन दबाते हैं तो वोट जो है बीजेपी को जाता है। चाहे आप हाथी पर दबाएं या साइकिल पर लेकिन वह जाता फूल को ही है। जब चुनाव आयोग इन पार्टियों को अपनी बात साबित करने के लिए मौके दिए तो ये पार्टियां अपने कदम पीछे खींच लेती हैं। लेकिन बार बार हर चुनाव के दौरान और चुनाव के बाद भी ये विपक्षी पार्टियां अगर हार का मुंह देखती हैं तो फिर से ईवीएम खराबी का रोना रोती हैं। हालांकि, चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया कर दिया कि देश को बैलट पेपर के दौर में नहीं ले जाया जायेगा। मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने एक बार दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा भी था कि, ‘मैं आपको स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि हम वापस बैलट पेपर्स के दौर में नहीं लौट रहे हैं।’ बार बार विपक्षी पार्टियों द्वारा ईवीएम हैक के दावे झूठे ही साबित हुए हैं।

CEC Sunil Arora in Delhi: We will continue to use EVMs & VVPATs. We are open to any criticism & feedback from any stakeholder including political parties. At the same time, we are not going to be intimidated, bullied or coerced into giving up these and start era of ballot papers. pic.twitter.com/bco5DOSfTd

— ANI (@ANI) January 24, 2019

वैसे देखा जाए तो विपक्षी पार्टियों द्वारा ईवीएम के विरोध के पीछे मंशा तब जगजाहिर हो गई जब कांग्रेस पार्टी में शामिल होने के बाद कीर्ती आजाद ने दावा किया कि उन्होंने 1999 का लोकसभा चुनाव कांग्रेसी कार्यकर्ताओं द्वारा बूथ कैप्चरिंग की मदद से जीता था। कीर्ति आजाद ने बताया कि, कांग्रेस के लोग उनके दिवंगत पिता के लिए चुनाव के दौरान बूथ लूटा करते थे।

कुल मिलाकर एक बात जो समझ आती है वो ये है कि ईवीएम खराबी का रोना रोने वाले विपक्षी दल और लेफ्ट लिबरल गैंग सिर्फ अपने हित के लिए और मतदान प्रक्रिया में धांधली नहीं कर पा रहे। यही वजह है कि हार का ठीकरा ईवीएम पर थोपते हैं और जीत को जनता का जनादेश बताते हैं। हालांकि, इन्हें अब इंडोनेशिया की घटना से से इन्हें अपने सवालों के जवाब जरुर मिल गये होंगे साथ ही देश की जनता को भी विपक्ष का दोहरा रुख समझ आ चुका है तो अब ये लोग झूठा राग अलापते रहे।

Tags: इंडोनेशियाचुनाव आयोगबैलट पेपरभारतमतदान
शेयर421ट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

ईस्टर धमाके के बाद आतंकी गतिविधियों से निपटने के लिए श्रीलंका भारत से मांगी एनएसजी फोर्स की मदद

अगली पोस्ट

सोनू निगम ने गाया नमो अगेन नाम से गाना, कहा- पहली बार मैने ऐसे पीएम को देखा जो डायनेमिक है

संबंधित पोस्ट

Veer Savarkar Congress And Indira Gandhi
चर्चित

इंदिरा गांधी ने किया था सम्मान लेकिन वीर सावरकर से क्यों चिढ़ती है कांग्रेस?

28 May 2025

विनायक दामोदर सावरकर जिन्हें 'स्वातंत्र्यवीर' के रूप में जाना जाता है। वो भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के एक प्रमुख क्रांतिकारी थे। उनकी भूमिका और विचारधारा आज...

पाकिस्तान से खाड़ी देशों पर मंडराता तात्कालिक ख़तरा
मत

पाकिस्तान से खाड़ी देशों पर मंडराता तात्कालिक ख़तरा

14 May 2025

जैसे-जैसे खाड़ी देश आधुनिक बन रहे हैं और पाकिस्तान को पैसा देना बंद कर रहे हैं, इस्लामाबाद उन्हें “सच्चे इस्लाम” से भटकता हुआ मानता है।...

भारतीय सेना ने पाकिस्तान को करारा जवाब दिया है
मत

ऑपरेशन सिंदूर: झूठे नैरेटिव के शोर में सेना के पराक्रम की गूंज न दबने दें

14 May 2025

भारत-पाकिस्तान के बीच सैनिक संघर्ष रुकने पर हम देश की प्रतिक्रिया देखें तो बड़ा वर्ग, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मोदी सरकार और भाजपा के समर्थक...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

Pakistan needs money from IMF to feed their people

Pakistan needs money from IMF to feed their people

00:15:20

Vacate PoK and more: Steps Pakistan needs to take to avoid Indian military action

00:06:36

Taking The Wire’s Propaganda Piece on VP to the Cleaners – Feat. Prof. Kapil Kumar

00:09:19

Rahul Gandhi Undermines India’s Electoral Integrity as Trump Applauds It

00:07:09

Why Pakistan army chief reminds two nation theory| what is the plan| Waqf Bill |Asim Munir| Jinnah

00:13:02
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited