दिल्ली में भारत को असम से अलग करने की बात करने वाला शरजील इमाम अब असम पुलिस की गिरफ्त में है और उससे पूछताछ जारी है। जैसे जैसे सरजील इमाम से पुलिस पूछताछ करती जा रही है वैसे वैसे कई खुलासे होते जा रहे हैं। अब एक नए मामले में यह खुलासा हुआ है कि शाहीन बाग में प्रदर्शन का आयोजन करने वाला शरजील इमाम AIUDF के प्रमुख बदरुद्दीन अजमल से साँठ गांठ थी।
अब यह बात सामने आई है कि इन दोनों ने CAA के खिलाफ प्रदर्शन को लेकर दिल्ली में एक मुलाक़ात भी की थी। असम से वित्त मंत्री हिमन्ता विस्वशर्मा ने बताया है कि शरजील न सिर्फ अजमल से ही नहीं मिलता था बल्कि वह असम के कई लोगों से जुड़ा हुआ था। पुलिस की जांच अभी चल रही है और अभी कई खुलासे सामने आने वाले हैं।
हालांकि इस खुलासे से एक बात तो स्पष्ट हो गयी है कि शरजील इमाम बदरुद्दीन अजमल का बस एक मोहरा था और वह बस एक कठपुतली की तरह काम कर रहा था।
बता दें कि शरजील का ने एक भाषण दिया था जिसमें वो यह कह रहा था, “अगर हमें असम के लोगों की मदद करनी है तो उसे भारत से काटना होगा।‘’
वीडियो में शरजील इमाम कहते दिख रहा है कि-
“लोग हम ऑर्गनाइज़्ड हों तो हम हिंदुस्तान और नॉर्थ ईस्ट को परमानेंटली कट कर सकते हैं। परमानेंटली नहीं तो कम से कम एक–आध महीने के लिए तो कट कर ही सकते हैं। मतलब इतना मवाद डालो पटरियों और सड़कों पर कि उन्हें हटाने में ही एक महीना लगे।“
शरजील ने आगे कहा था कि, “असम और इंडिया कटकर अलग हो जाएंगे। तभी ये हमारी बात सुनेंगे। असम में जो मुसलमानों का हाल है आपको पता है। सीएए लागू हो गया वहां। डिटेंशन कैंप में लोग डाले जा रहे हैं। वहां क़त्ल–ए–आम चल रहा है। अगर हमें असम की मदद करनी है तो असम का रास्ता बंद करना होगा।“
पूर्वोत्तर को भारत से जोड़ने वाले पतले से भूभाग जिसे ‘चिकन्स नेक’ कहा जाता है, शरजील उसका भी ज़िक्र करते हुए यह कहा था कि ‘चिकन्स नेक‘ में मुसलमान अधिक संख्या में हैं और इसे काटकर पूर्वोतर से भारत को अलग कर सकते हैं।”
इन बयानों से और फिर शरजील का बदरुद्दीन अजमल से मिलना यह दिखाता है कि इनका इरादे क्या था। असम को लेकर इन दोनों का एक ही इरादा है। एक तरफ शरजील ने खुलेआम अपनी बात कह दी तो वहीं अजमल असम में रहने वाले बांग्लादेशियों पर सबसे अधिक प्रभाव रखता है। शुरू से ही वह यह कहता आए हैं कि बंगाली बोलने वाले मुस्लिम बंगलादेशी नहीं है और उन्हीं बांग्लादेशियों के दम चुनाव जीतते हैं। AIUDF शुरू से ही बंगलादेशी वोट बैंक के सहारे चुनाव जीतती आई है और वह अब NRC से अपने वोट बैंक को नहीं खोना चाहती है। यही कारण है कि असम में होने वाले दंगों में कहीं न कहीं इनका भी नाम आता है।
CAA पारित होने के बाद तो असम को जलाने की कोशिश करने वालों में ये सबसे आगे थे। हिमन्ता ने तो यहाँ तक आरोप लगाया था कि दंगों के समय जिस गाड़ी का इस्तेमाल किया गया था उसे खरिदने के लिए अजमल ने ही फंड किया था।
शरजील इमाम के भारत को तोड़ने का भाषण और उसका बांग्लादेशियों के समर्थन प्राप्त अजमल से मिलना दिखाता है कि इनका उद्देश्य भारत के टुकड़े करना ही था। इसके लिए वे असम और पश्चिम बंगाल में आए डेमोग्राफी में बदलाव का इस्तेमाल करना चाहते थे। इन दोनों राज्यों के बार्डर इलाकों में मुस्लिमों की संख्या अधिक है इसी वजह से ये दोनों मुस्लिमों को गुमराह कर फायदा उठाना चाहते हैं।
जिस तरह से असम में बदरुद्दीन अजमल का उत्थान हुआ है उससे यह कहा जा रहा था कि 2021 तक वे असम के CM भी बन सकते हैं। BJP के सबसे प्रमुख नेता हिमन्ता ने भी AIUDF के बढ़ते प्रभाव पर चिंता जताई थी। उन्होंने कहा था जो हालात असम में हो रहे हैं अगर वही रहा तो अजमल या उसका बेटा आने वाले 30 वर्षों में मुख्यमंत्री बनेगा।
बता दें कि असम की कुल आबादी में करीब 34 फीसद हिस्सा मुसलमानों की है। 2009 में अजमल ने असम के धुबरी लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा था और वहाँ 2011 की जनगणना के मुताबिक, करीब 80 फीसद आबादी मुस्लिम है। इसी से पता चलता है कि अजमल कि असम में क्या कद है। सिर्फ यही नहीं, अजमल का परफ्यूम बिजनस दुनिया के सबसे बड़े व्यापारों में से एक है। अजमल का यह बिजनेस लगभग 2,000 करोड़ रुपए से अधिक का है। सिर्फ परफ्यूम बिजनस ही नहीं बल्कि रियल एस्टेट कंपनी ‘अजमल एस्टेट्स ऐंड प्रॉपर्टीज प्राइवेट लिमिटेड’, अंसा हाउसिंग ऐंड डिवेलपमेंट प्राइवेट लिमिटेड, सिराज रियल एस्टेट्स प्राइवेट लिमिटेड, फ्लावर वैली परफ्यूम्स प्राइवेट लिमिटेड, अजमल फ्रेगरेंसेज ऐंड फैशन्स प्राइवेट लिमिटेड जैसी अनेकों कंपनियाँ भी अजमल चलाते हैं।
यह मौलाना असम में अपनी गहरी पैठ बना चुका है। अब शरजील जैसे कठपुतली की मदद से CAA-NRC की आड़ में देश के अन्य मुस्लिमों को भड़काकर देश व्यापी दंगे करवाना चाहता है। अजमल को पता है कि अगर दंगे असम में होंगे तो मीडिया का लाइम लाइट नहीं मिलेगा और अगर वही दिल्ली में होगा तो विश्व भर की मीडिया में खबर जाएगी और इससे देश के अन्य मुस्लिम उसके पक्ष में हो जाएंगे।
बहरहाल, शरजील पुलिस की गिरफ्त में है और अभी कई सच सामने आएंगे। गृह मंत्री को चाहिए की इस मामले को गंभीरता से लें और ऐसे देश तोड़ने की बात करने वालों पर शख्त कारवाई की करें।