वुहान वायरस के प्रकोप से पूरी दुनिया जूझ रही है। एक ओर जहां इटली, स्पेन और अमेरिका में हालात काफी नाज़ुक है, तो वहीं ग्रेट ब्रिटेन में हाहाकार मची हुई है। हर्ड इम्यूनिटी के चक्कर में वहां ना केवल 17000 से ज़्यादा संक्रमित हुए हैं, बल्कि शाही राजघराने के प्रिंस चार्ल्स और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन तक इस बीमारी से संक्रमित पाए गए हैं।
परन्तु इस समय यदि कोई नदारद चला रहा है, तो वो है लंदन के विवादास्पद मेयर सादिक खान। अपने काम से ज़्यादा अपने बड़बोलेपन के लिए चर्चा में रहने वाले सादिक मियां इन दिनों वुहान वायरस पर ब्रिटेन, विशेषकर लंदन के लचर व्यवस्था पर जवाबदेही से साफ बचते हुए दिखाई दे रहे हैं। लेकिन ज़रूरत पड़ने पर जनाब भारतीय मूल के ब्रिटिश नागरिकों पर इस महामारी का ठीकरा फोड़ने से बाज़ भी नहीं आ रहे हैं।
बीबीसी के एक शो पर टेली कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हिस्सा ले रहे सादिक खान ब्रिटेन के नए वित्त मंत्री ऋषि सुनक पर इस महामारी के प्रति लापरवाही का ठीकरा फोड़ रहे हैं। जनाब के अनुसार चूंकि ऋषि सुनक आवश्यक राहत पैकेज कर्मचारियों के लिए नहीं निकाल रहे हैं, इसलिए वो स्थिति को बद से बदतर बना रहे हैं। लोगों को काम पर आने के लिए बाध्य होना पड़ रहा है।
परन्तु यहां पर कुछ तो गड़बड़ है। परिवहन की ज़िम्मेदारी प्रत्यक्ष रूप से किसी भी देश के वित्त मंत्री की तो नहीं होती। हालांकि सादिक खान यहां पर अपने करतूत छुपाते हुए दिखाई दे रहे हैं। अभी हाल ही में लंदन में कर्मचारियों को जबरदस्ती ठूंस ठूंस कर मेट्रो में लादा जा रहा था, जबकि इस घातक बीमारी के फैलने में ऐसी भीड़ सबसे ज़्यादा कारगर होती है, जिसके लिए लोग सादिक खान की जमकर क्लास लगा रहे हैं।
पर चौंकिए नहीं। ये वही सादिक खान है, जिनके लिए बड़े बड़े शहरों में छोटे मोटे आतंकी हमले होना बड़ी आम बात है। पूरा नाम सादिक अमन खान है, पर अमन से मियां का दूर-दूर तक कोई वास्ता नहीं। ये वही सादिक खान है, जिनके शासन में लंदन अपराध-विरोधी गतिविधियों का केंद्र बन गया है, जिसमें अपराध दर में भी बड़ी वृद्धि हुई है। अपराधों में ना केवल वृद्धि हुई है, बल्कि मेयर ने कहा है कि बड़े-बड़े शहरों में ऐसे आतंकी हमले होते रहते हैं।
इसी व्यक्ति ने भारतीय हाई कमीशन पर पाकिस्तानियों के हिंसक प्रदर्शन को अप्रत्यक्ष रूप से बढ़ावा दिया। सादिक खान की वफादारी अंग्रेज़ी मूल के पाकिस्तानियों के प्रति है और वो इसीलिए अपने इस वोट बैंक को कदापि आहत नहीं करना चाहते।
इसी तरह बीते साल दीवाली के शुभ अवसर पर उनकी आत्मा जागृत होती है और वे कश्मीर पर भारत विरोधी मार्च आयोजित करने की योजना की निंदा करते हैं। ब्रिटिश भारतीयों की आक्रामक विरोध ने सादिक खान को भारतीय उच्चायोग के बाहर बड़े पैमाने पर विरोध की योजना बनाने वाले पाकिस्तानी प्रदर्शनकारियों की मामूली निंदा करने के लिए मजबूर कर दिया था, लेकिन उस फर्जी मार्च का आयोजन तब भी होने दिया गया, जो लंदन में हिंदुओं के विरोध में था।
इससे पहले, एक मानवाधिकार वकील के रूप में भी, खान ने ब्रिटेन के कट्टरपंथी नेता लुइस फरखान पर प्रतिबंध हटाने के लिए की कोशिश की थी, और इन्होंने यहूदियों को ‘रक्त-चूसने वाले’ और हिटलर को ‘एक बहुत महान व्यक्ति’ बताया था। । खान ने 7/7 लंदन बम विस्फोटों के लिए ब्रिटेन की विदेश नीति को भी दोषी ठहराया, जिसमें 52 लोग मारे गए थे।
इसलिए, यह वास्तव में किसी को भी आश्चर्यचकित नहीं होना चाहिए कि लंदन सादिक खान के नेतृत्व में एक नया वुहान बनने की ओर बढ़ता जा रहा है। यदि ब्रिटेन समय रहते नहीं चेती, तो सादिक खान जैसे लोग वुहान वायरस से होने वाली बर्बादी के लिए काफी हद तक दोषी रहेंगे।