कोरोना के मामले भारत में बढ़ते जा रहे हैं और अब यह 500 से अधिक हो चुका है। इस विषम परिस्थिति में बड़े-बड़े उद्योगपति सरकार और लोगों की मदद करने के लिए आगे आ रहे हैं। कुछ ही दिनों पहले आनंद महिंद्रा ने सरकार की मदद करने की घोषणा की थी, अब देश के सबसे अमीर उद्योगपति मुकेश अंबानी ने भी इस ओर कदम बढ़ाया है। हालांकि, बता दे कि ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार 2020 में मुकेश अंबानी को करीब 20 बिलियन डॉलर का नुकसान हो चुका है। लेकिन फिर भी उन्होंने इस महामारी के समय में जनता की मदद करने के लिए कई बड़े कदम उठाए हैं।
मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज ने कोरोनावायरस के मद्देनज़र देश का पहला कोविड-19 अस्पताल खोलने का ऐलान किया है। जिसमें 100 बेड शामिल होंगे। इस अस्पताल की वीडियो भी सामने आ चुकी है।
#WATCH Maharashtra: India's first dedicated #COVID19 hospital in Mumbai, set up by Reliance Industries. 101 positive #COVID19 cases have been reported in the state, so far. pic.twitter.com/F3IBC2rGo4
— ANI (@ANI) March 24, 2020
बता दें कि सिर्फ दो सप्ताह के थोड़े समय में ही Sir H.N रिलायंस फाउंडेशन हॉस्पिटल ने बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) के सहयोग से, सेवन हिल्स हॉस्पिटल, मुंबई में कोरोना के मरीजों को समर्पित 100 बिस्तर का सेंटर स्थापित किया है। ये सेंटर मुंबई के उन मरीजों के लिए है जो कि कोविड-19 के लिए हुए टेस्ट में पॉजिटिव आए हैं। यह भारत में अपनी तरह का पहला सेंटर है, जो कि पूरी तरह से रिलायंस फाउंडेशन द्वारा फंडेंड है। इसमें एक निगेटिव प्रेशर रूम शामिल है जो क्रॉस कंटेमीनेशन को रोकने में मदद करता है तथा संक्रमण को नियंत्रित करने में मदद करता है। सभी बेड आवश्यक बुनियादी ढांचे, बायो मेडिकल उपकरण जैसे वेंटिलेटर, पेसमेकर, डायलिसिस मशीन और रोगी निगरानी उपकरणों से सुसज्जित हैं।
India’s First Dedicated Covid Hospital by @RFhospital in collaboration with Brihanmumbai Municipal Corporation (BMC), has set up a dedicated 100 bedded centre at Seven Hills Hospital, Mumbai for patients who test positive for Covid-19. #CoronaHaregaIndiaJeetega
— Reliance Foundation (@ril_foundation) March 23, 2020
रिलायंस ने कोरोना वायरस महामारी को देखते हुए कोविड 19 के मरीजों को ले जाने वाले वाहनों को मुफ्त ईंधन देने तथा विभिन्न शहरों में मुफ्त भोजन उपलब्ध कराने की घोषणा की है।
रिलायंस इंडस्ट्रीज ने यह भी कहा कि अगर इस संकट के कारण उसका काम रूकता है तो भी वह स्थायी और ठेके पर काम करने वाले कर्मचारियों को पूरा वेतन देगी। बयान के अनुसार कंपनी कोरोना वायरस से पीड़ित मरीजों को ले जाने वाले आपातकालीन वाहनों को मुफ्त में ईंधन उपलब्ध कराएगी। वहीं रिलायंस फाउंडेशन उन लोगों को मुफ्त में खाना उपलब्ध कराएगी जिनकी इस महामारी के कारण आजीविका प्रभावित हुई है।
आरआईएल ने कोविड-19 के खिलाफ इस एक्शन प्लान को अमल में लाने के लिए रिलायंस फाउंडेशन, रिलायंस रिटेल, जियो, रिलायंस लाइफ साइंसिज, रिलायंस इंडस्ट्रीज ओर रिलायंस परिवार के सभी 6,00,000 सदस्यों की संयुक्त ताकत को अमल में लाना शुरू कर दिया है।
आरआईएल ने अपनी उत्पादन क्षमता को बढ़ाकर प्रति दिन 100,000 फेस-मास्क और बड़ी संख्या में व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (पीपीई), जैसे सिक्योरिटी सूट्स और गारमेंट्स का निर्माण कर रही है ताकि राष्ट्र के हेल्थ वर्कर्स को कोरोना वायरस की चुनौती से लड़ने के लिए अच्छी तरह से सुसज्जित किया जा सके। आरआईएल ने आज प्रारंभिक समर्थन की घोषणा की है और महाराष्ट्र मुख्यमंत्री राहत कोष में पांच करोड़ रुपये का योगदान दिया है।
#RIL is enhancing its capacity to produce 100,000 masks per day & a large number of personal protective equipment’s (PPEs), such as suits & garments, for the nation’s health-workers to equip them further to fight the coronavirus challenge #CoronaHaregaIndiaJeetega
— Reliance Foundation (@ril_foundation) March 23, 2020
यही नहीं RIL ने लोधीवली, महाराष्ट्र में पूरी तरह से सुसज्जित आइसोलेशन सुविधा का निर्माण किया है और इसे जिला अधिकारियों को सौंप दिया है। रिलायंस लाइफ साइंसेज प्रभावी टेस्टिंग के लिए अतिरिक्त टेस्ट किट्स और उपभोग्य सामग्रियों का आयात कर रही है।
मुकेश अंबानी को कोरोना की वजह से 1.47 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है, लेकिन फिर भी उन्होंने देश के नागरिकों की मदद के लिए ये सभी कदम उठाए हैं।
मुकेश अंबानी के नेतृत्व में रिलायंस इंडस्ट्रीज, के अलावा महिंद्रा ग्रुप के आनंद महिंद्रा, वेंदांता के अनिल अग्रवाल और कई अन्य उद्योगपति कोरोना के खिलाफ लड़ाई में सरकार की मदद करने के लिए आगे आए हैं। अब तक, भारत ने वायरस के प्रसार को रोकने के लिए कई बेहद कड़े कदम उठाए हैं, और मामलों की संख्या को देखते हुए, ऐसा लगता है कि, भारत सरकार की रणनीति काम कर रही है। देश के कमजोर सार्वजनिक स्वास्थ्य ढांचे को देखते हुए, देश में लॉकडाउन किया गया ताकि देश के नागरिक सुरक्षित सके। इसी तरह से उद्योगपति भी सरकार और जनता की मदद के लिए आगे आएंगे तो वह दिन दूर नहीं जब देश इस कोरोना जैसी बीमारी को काबू में कर सकेगा।