जानते हैं ‘पाकिस्तानी लाला’ शाहिद आफरीदी और मुंगेरीलाल में कॉमन क्या है? दोनों को दिन में हसीन सपने देखने का बहुत शौक है। चाहे उनके सपनों का स भी पूरा ना हो, पर देखने में क्या जाता है?
तो शाहिद आफरीदी की एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुई, जिसमें वे पाकिस्तानी सेना का हौसला अफजाई करते हुए भारत, विशेषकर पीएम मोदी को अपशब्द सुना रहे थे। जनाब कहते हैं, “आप लोगों के बीच में आकर मैं खुश हूं। एक बहुत बड़ी बीमारी (कोरोनावायरस) दुनिया में फैली हुई है। लेकिन, इससे भी बड़ी बीमारी मोदी के दिलो-दिमाग में है। यह बीमारी मजहब की है। वे मजहब को लेकर सियासत कर रहे हैं। सालों से कश्मीर में हमारे भाई-बहनों और बुजुर्गों पर जुल्म कर रहे हैं। उन्हें इसका जवाब देना होगा।’’
पर मियां आफरीदी यहीं पर नहीं रुके। शाहिद आफरीदी ने आगे कहा, “वैसे तो मोदी दिलेर बनने की कोशिश करते हैं। लेकिन, वो डरपोक हैं। छोटे कश्मीर के लिए उन्होंने अपनी 7 लाख फौज तैनात की है। जबकि पाकिस्तान की कुल फौज ही 7 लाख है। लेकिन उन्हें यह नहीं पता है कि पाकिस्तानी फौज के पीछे उनके 22-23 करोड़ लोग (पाकिस्तान की आबादी) खड़े हैं। कश्मीर में भी जो लोग पाकिस्तानी फौज का साथ दे रहे हैं, उन्हें सलाम करता हूं।’’
शायद ‘ लाला ‘ आफरीदी को दानिश कनेरिया वाली धुलाई याद नहीं है, तभी जनाब भारत के विरुद्ध इतनी आग उगल रहे थे। इसपर ना सिर्फ भारतीय सोशल मीडिया यूज़र उबल पड़े, बल्कि भारतीय क्रिकेटरों ने भी जमकर आफरीदी की धुलाई की।
सर्वप्रथम तो अक्सर आफरीदी के बयानों का नाश्ता करने वाले पूर्व क्रिकेटर और सांसद गौतम गंभीर ने शाहिद पर उम्र का तंज कसते हुए कहा, ‘‘16 साल के अफरीदी कहते हैं कि पाकिस्तान की 7 लाख फौज के पीछे 20 करोड़ लोग खड़े हैं, तो फिर 70 साल से कश्मीर के लिए भीख क्यों मांग रहे। अफरीदी, इमरान खान और बाजवा भारत और मोदी के खिलाफ जहर जरूर उगल सकते हैं, लेकिन जजमेंट डे तक कश्मीर नहीं मिलेगा। बांग्लादेश याद है?’’
अब ऐसे में भला युवराज सिंह कैसे शांत रहते? उन्होंने शाहिद आफरीदी की आलोचना करते हुए एक ट्वीट लिखा, “शाहिद अफरीदी की हमारे माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के बारे में टिप्पणी से वास्तव में निराशा हुई। एक जिम्मेदार भारतीय के रूप में जो देश की तरफ से खेला है, मैं कभी इस तरह के शब्दों को स्वीकार नहीं करूंगा। मैंने मानवता के लिए आपके कहने पर अपील की लेकिन अब ऐसा कभी नहीं करूंगा।
हरभजन सिंह ने भी इसी परिपाटी पर ट्वीट करते हुए कहा, ‘‘अफरीदी ने जो किया वह बहुत गलत है। मैं कितना सच्चा देशभक्त हूं, यह किसी को बताने की जरूरत नहीं। जरूरत पड़ने पर देश के लिए बंदूक भी उठा सकता हूं। मैंने मानवता के नाते मदद मांगी थी, पर अब शायद ही यह गलती दोबारा करूंगा।’’
पर शाहिद आफरीदी को आड़े हाथों लेते समय भज्जी और युवी को इस स्पष्टीकरण की आवश्यकता क्यों पड़ गई। हाल ही में हरभजन सिंह और युवराज सिंह ने अफरीदी की संस्था में दान देने के लिए लोगों से अपील की थी। इस कारण भज्जी और युवी को आज ट्रोल किया जा रहा है। शायद इसीलिए भज्जी और युवी अपनी अपील पर अफसोस ज़ाहिर कर रहे हैं। चलो, जब जागो तभी सवेरा।
लेकिन यदि किसी ने आफरीदी की सबसे ज़्यादा धुलाई की है, तो वे थे ओपनिंग बल्लेबाज शिखर धवन। जनाब ने धाकड़ ट्वीट किया, “इस वक्त जब सारी दुनिया कोरोना से लड़ रही है, उस वक्त भी तुमको कश्मीर की पड़ी है? कश्मीर हमारा था, हमारा है और हमारा ही रहेगा। चाहिए 22 करोड़ ले आओ. हमारा एक सवा लाख के बराबर है। बाकी गिनती अपने आप कर लेना शाहिद अफरीदी।”
Is waqt jab saari duniya corona se lad rahi hai us waqt bhi tumko kashmir ki padi hai.
Kashmir humara tha humare hai aur humara hi rahega. Chaiyeh 22 crore le ao, humara ek, sava lakh ke barabar hai . Baaki ginti apne aap kar lena @SAfridiOfficial— Shikhar Dhawan (@SDhawan25) May 17, 2020
सच कहें तो शाहिद आफरीदी जैसे लोगों का पेशा ही यही है – बात बात पर कश्मीर का मुद्दा उठाकर भारत को भड़काना। इसके अलावा इन लोगों के पास दूसरा कोई काम नहीं है। लेकिन इस प्रकरण पर जिस तरह से भारतीय क्रिकेटरों ने रिएक्शन दिया है, उस हिसाब से एक डायलॉग बिल्कुल सटीक बैठता है – “फुटबॉल में मेस्सी सु और गांव के देसी सु, पंगा ना लेना”।