भारत ने चीन के 59 मोबाइल एप्लिकेशन को बैन कर चीन के ऊपर एक डिजिटल स्ट्राइक की है, जिससे चीन और शी जिनपिंग को भयंकर झटका लगने वाला है। यह सभी को पता है कि अगर चीन की किसी भी कंपनी की तह तक पड़ताल की जाए तो कहीं न कहीं से उस कंपनी के CCP के साथ लिंक सामने आएंगे है। यानि CCP के मेम्बर्स ने इन्हीं apps में खूब रुपया निवेश कर रखा है। अब इन apps के बैन होने की वजह से इन सभी का रुपया तो डूबेगा ही साथ में भारत जैसा एक बड़ा मार्केट भी हाथ से निकल जाएगा। इस कारण से CCP के अंदर भी गतिरोध पैदा होना तय है और गतिरोध के केंद्र में शी जिनपिंग होंगे जिनके निर्णयों की वजह से उन कंपनियों को नुकसान झेलना पड़ा। शी जिनपिंग के खिलाफ CCP के कई मेंबर्स के खड़े होने की उम्मीद है जिसके बाद उन्हें अपनी कुर्सी भी गंवानी पड़ सकती है।
दरअसल, आज का समय देखा जाए तो अमेरिका ने चीन की कंपनियों पर नकेल कसने की शुरुआत की थी। सबसे पहले हुवावे और फिर कई चीनी मीडिया कंपनियों को निशाना बना कर चीन पर दबाव बनाया और उससे पहले अमेरिका ने चीन की 33 कंपनियों को भी बैन किया था। अब भारत ने भी चीन की 59 एप्लिकेशन को बैन कर चीन और शी जिनपिंग के ऊपर एक भयंकर डिजिटल प्रहार किया है। इन प्रहारों से चीन में एक भूचाल आने वाला है। बता दें कि चीन में कोई भी कंपनी प्राइवेट नहीं है और सभी कंपनियों का लिंक किसी न किसी प्रकार से चीन की सत्तावादी CCP के साथ है। अगर कोई कंपनी प्राइवेट है भी तो उसके मालिक या बोर्ड मेम्बर्स का CCP के साथ नजदीकी संबंध अवश्य मिलेगा ।
उदाहरण के लिए Tencent, BBK इलेक्ट्रॉनिक्स जैसी कई निजी कंपनियों के संस्थापक-मालिक चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के सदस्य हैं। Tencent के संस्थापक Pony Ma चीन की संसद नेशनल पीपुल्स कांग्रेस के प्रतिनिधि रहे हैं। वहीं टिक-टॉक की पेरेंट कंपनी Bytedance में चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के स्वामित्व वाली कंपनियों का निवेश है तथा इसके बोर्ड मेम्बर भी United Front के सदस्य ही हैं। इसी कारण से इस वीडियो शेयरिंग app ने चीन सरकार के निर्देश पर झिंजियांग में विरोध और झिंजियांग में अल्पसंख्यकों से संबंधित वीडियो को बार-बार अपने प्लैटफॉर्म से हटाया है।
वहीं UC Browser और Ali baba का CCP के साथ संबद्ध किसी से छुपा नहीं है। Jack Ma भी चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के ही सदस्य हैं।
यानि चीन की CCP के सदस्यों का इन कंपनियों में भारी निवेश है, और अब भारत जैसे विश्व के सबसे बड़े डिजिटल मार्केट में इन 59 apps को होने वाले नुकसान का सीधा प्रभाव इन एप्स पर पड़ेगा। भारत में 800 मिलियन स्मार्टफोन यूजर हैं जिनमें से आधे 25 से कम उम्र के हैं। यही नहीं, भारत में इंटरनेट भी सबसे सस्ता है। यही कारण है कि चीनी app भारत में लाखों डॉलर कमा रहे थे। वास्तव में, कुछ चीनी apps के लिए भारत सबसे बड़े बाजारों में से एक था।वर्तमान में TikTok120 मिलियन से अधिक सक्रिय उपयोगकर्ताओं के साथ भारत में सबसे अधिक डाउनलोड किया जाने वाला ऐप है। वास्तव में, इस वीडियो-शेयरिंग सोशल मीडिया ऐप के 30 प्रतिशत डाउनलोड भारत में ही हुए थे। हालांकि भारत का टिक्कॉक में राजस्व का हिस्सा चीन और अमेरिका की तुलना में कम था, लेकिन भारत में अभी भी इस app के लिए कई गुना संभावना थी।
पिछले साल, जब TikTokको अस्थायी रूप से प्रतिबंधित कर दिया गया था, तो बाइटडांस ने अदालत में खुलासा किया था कि उसे हर दिन 5 लाख डॉलर का नुकसान हो रहा था। अब तो 59 app पूरी तरह से बैन किए जा चुके हैं। कितना नुकसान होगा यह अभी अंदाजा भी नहीं लगाया जा सकता है।
SHAREit भारत में TikTok से भी लोकप्रिय है। यह 400 मिलियन से अधिक डाउनलोड के साथ व्हाट्सएप और फेसबुक के बाद देश का तीसरा सबसे सक्रिय app है। इस नुकसान को देखते हुए चीन की CCP में शी जिनपिंग के खिलाफ विरोध और प्रखर होने की पूरी संभावना है। भारत ने इस प्रकार का डिजिटल स्ट्राइक करने का फैसला चीन के बॉर्डर विवाद बढ़ाने और सीमा पर भारतीय सेना के ऊपर पीछे से हमला करने के कारण ही लिया है और इन सब की वजह शी जिनपिंग है। अब सभी मोर्चों पर शी जिनपिंग विफल रहे हैं जिसके कारण CCP में उनके खिलाफ विरोध अपने उच्चतम स्तर पर होने की उम्मीद है। शी जिनपिंग न तो हुवावे को बचा पाये न ही बॉर्डर पर भारत को डरा पाये और न ही दक्षिण चीन सागर के देशों को धमका पाएँ। इसके ऊपर भारत ने 59 apps को बैन कर तथा चीनी सामानों का बॉयकॉट कर एक भयंकर सर्जिकल स्ट्राइक कर दी। अब यही हार शी जिनपिंग के लिए काल बनेगी और CCP के सदस्य किसी दूसरे नेता को चुनने की फिराक में बैठे होंगे। यानि अब शी जिनपिंग अपनी कुर्सी किसी भी समय गंवा सकते हैं।