भारत और चीन के बीच तनाव जारी और जब से चीन लद्दाख में उत्पात मचा रहा तबसे उसके लिए मुश्किलें और बढ़ रही हैं। चीन की विस्तारवादी नीति ने भू-राजनीतिक समीकरण को बदलकर रख दिया है। रूस, अमेरिका फ्रांस जैसे कई बड़े देश खुलकर भारत के समर्थन में आये हैं तो पाकिस्तान और तुर्की जैसे देश चीन के साथ खड़े नजर आये। रूस भारत को S 400 दे रहा, फ्रांस ने राफेल जेट्स की खेप भारत पहुंचाना शुरू कर दिया है और अब संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) भारत के ‘मेक इन इंडिया’ पहल के तहत लगभग एक लाख असॉल्ट राइफलों की आपूर्ति करने की तैयारी कर रहा है।
IANS की रिपोर्ट के अनुसार संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) की छोटे हथियार बनाने वाली कंपनी ”Caracal ” ने अभी घोषणा की है कि वह 93,895 CAR 816 असॉल्ट राइफलों की आपूर्ति के लिए वह ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम के प्रति प्रतिबद्ध है। सूत्रों के अनुसार Caracal ने पहले ही आवश्यक भूमि, कारखाने और स्थानीय साझीदार की पहचान कर ली है, बस सभी स्वीकृति मिलते ही वह एक लाख CAR 816 असॉल्ट राइफल्स के निर्माण में जुट जाएगी।
Caracal ने अपने बयान में आगे ये भी बताया, “CAR 816 राइफल्स से जुड़े 20 प्रतिशत सामग्री पहले से ही भारत निर्मित हैं। अब वह मेक इन इंडिया के तहत अपने राइफल्स का उत्पादन पूरी तरह भारत में करने जा रही है। ये अभियान CARACAL के तकनीकी हस्तांतरण में भी सहायता करेगा”। यह बयान तब सामने आया है जब भारतीय सेना CARACAL के साथ समझौते को खत्म करने के बारे में सोच रही थी। Caracal को भारतीय रक्षा मंत्रालय ने 2018 में भारतीय सेना को असॉल्ट राइफल्स और कार्बाइन की आपूर्ति के लिए चुना था ताकि भारत को आवश्यकता में लगने वाले लगभग 3.6 लाख असॉल्ट राइफ़लों की मांग पूरी हो सके। परंतु भारतीय सेना ने इस सौदे को रद्द करने का मन बना लिया था क्योंकि ये कंपनी पहले से ही मूल्य निर्धारण के कारण देरी कर रही थी।
यूएई पहले से ही भारत के साथ आपसी सहयोग से आगे बढ़ने के लिए प्रतिबद्ध है। जिस प्रकार से उसने भारत में Caracal के CAR 816 राइफल उत्पादन के लिए अपनी स्वीकृति दी है, वो अपने आप में दर्शाता है कि कैसे यूएई भारत की हरसंभव सहायता के लिए तैयार है।
Caracal के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हमद अल अमेरी ने कहा, ‘Caracal को सेना के लिए 93,895 क्लोज क्वार्टर कार्बाइन (सीबीक्यू) की आपूर्ति के लिए 2018 में शॉर्टलिस्ट किया गया था। दो राष्ट्रों के बीच मजबूत द्विपक्षीय संबंधों के साथ, और Caracal के लिए भारत को एक प्रमुख बाजार होने के नाते हम ग्राहक को उत्पाद की आपूर्ति करने के फैसले पर अडिग हैं’।
बता दें कि वर्तमान में भारतीय सेना के पास 9mm स्टर्लिंग कार्बाइन हैं जिन्हें CAR 816 के साथ बदलने के लिए निर्धारित किया गया है, जो स्टर्लिंग कार्बाइन की तुलना अधिक बेहतर हैं और स्टर्लिंग कार्बाइन की तुलना में कम वजन बढ़ाता है। इसके साथ ही ये भारतीय सेना की आवश्यकताओं के लिए अनुकूल भी है।
इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि Caracal, EDGE नामक उन्नत प्रौद्योगिकी समूह का हिस्सा है जो संयुक्त अरब अमीरात सरकार के स्वामित्व में है। इसका उद्घाटन अबू धाबी के युवराज और संयुक्त अरब अमीरात के सैन्य बलों के डेप्युटी सुप्रीम कमांडर मोहम्मद बिन ज़ायेद बिन सुल्तान अल-नाह्यान द्वारा किया गया था।
Caracal ने पुष्टि की है कि वह फास्ट ट्रैक Procedure के जरिये 12 महीने के भीतर 93,895 CAR 816 असॉल्ट राइफल देने के लिए तैयार है।
इस आर्डर की टाइमिंग का ख़ास महत्व है और इससे निश्चित रूप से भारतीय सशस्त्र बलों को चीन की सेना पर बढ़त मिलेगी। अब चीन के विरुद्ध खुलेआम भारत की मदद करने का निर्णय लेकर यूएई ने ये सिद्ध कर दिया कि वह किसपर अधिक भरोसा करता है। भारत और यूएई के बीच बढ़ते घनिष्ठ संबंध से कोई भी अनभिज्ञ नहीं है। जब से पीएम मोदी ने शासन की बागडोर संभाली है, तब से यूएई और भारत के बीच के संबंध और प्रगाढ़ हुए है। भारत के साथ इस फ़ास्ट ट्रैक डील से UAE ने बता दिया है वो किसके साथ है। बता दें कि यूएई कभी पाकिस्तान के पारंपरिक सहयोगियों में से एक हुआ करता था और कई बार पाकिस्तान को आर्थिक आपदा से भी बचाया है। परन्तु इमरान खान की बेतुकी नीतियां और चीन से बढ़ती उसकी नजदीकियों ने UAE को नाराज किया है। अब UAE का इस तरह से भारत का खुलकर समर्थन करना चीन के लिए बड़ा झटका है और पाकिस्तान के मुंह पर एक जोरदार तमाचा। भारत और यूएई के बीच की साझेदारी जिस प्रकार से नित नए आयाम छू रही है, उसे देखते हुए यह कहना गलत नहीं है कि आगे चलकर ये साझेदारी रक्षा के क्षेत्र में भी नए आयाम छूने को तैयार है।