TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    आपातकाल में जोड़े गए शब्द नासूर हैं: संविधान से ‘सेक्युलर और सोशलिस्ट’ हटाने की मांग के बीच VP धनखड़ का बड़ा बयान

    आपातकाल में जोड़े गए शब्द नासूर हैं: संविधान से ‘सेक्युलर और सोशलिस्ट’ हटाने की मांग के बीच VP धनखड़ का बड़ा बयान

    कांग्रेस ने फिर दिखाया भारत का गलत नक्शा, भाजपा ने बताया राष्ट्रविरोधी कदम

    कांग्रेस ने फिर दिखाया भारत का गलत नक्शा, भाजपा ने बताया राष्ट्रविरोधी कदम

    हेमंत खंडेलवाल (बाएं) और राजीव बिंदल (दाएं)

    मध्य प्रदेश में हेमंत खंडेलवाल बन सकते हैं BJP अध्यक्ष, हिमाचल में बिंदल होंगे रिपीट!

    बिहार विधानसभा चुनाव के लिए NDA ने ज़ोरदार तैयारी शुरू कर दी है

    बिहार विधानसभा चुनाव: ‘M’ फैक्टर के जवाब में NDA का ‘MMM’ फैक्टर

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    हरियाणा में 1.18 लाख कर्मचारियों की सैलरी में 5% की बढ़ोतरी, आदेश जारी

    हरियाणा में 1.18 लाख कर्मचारियों की सैलरी में 5% की बढ़ोतरी, आदेश जारी

    कपड़ा उद्योग में ग्लोबल लीडर बनता भारत

    कपड़ा उद्योग में ग्लोबल लीडर बनता भारत, कैसे घुटनों पर आया बांग्लादेश

    मारन भाइयों की कहानी

    तमिलनाडु की राजनीति और मीडिया के ‘पावर प्लेयर्स’: मारन बंधुओं के संघर्ष और विवाद की पूरी कहानी

    बोईंग शेयर क्रैश

    प्लेन क्रैश के बाद धड़ाम हुए बोइंग के शेयर, प्री-मार्केट में 8% की गिरावट

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    अंतरिक्ष रक्षा

    भारत के साथ संघर्ष के दौरान पाकिस्तान को चीनी उपग्रह से मिली खुफिया जानकारी

    रूस और भारत

    विनिर्माण, मुद्रा और नवाचार: आत्मनिर्भर भारत के तीन स्तंभ

    ऑपरेशन सिंदूर

    ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाक पर हमला करने वाली थी नौसेना: रिपोर्ट

    कॉम्पैक्ट सीक्यूबी कार्बाइन

    सीमित जगहों की जंग में अब बढ़ेगी सेना की मारक क्षमता, जल्द मिलेगी नई CQB कार्बाइन

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    कैथरीन पेरेज़-शकदम (Photo - IBT)

    कैसे मोसाद की ‘ब्लैक लेडी’ ने खामेनेई तक बनाई पहुंच, इज़रायल को दिए न्यूक्लियर ठिकानों के पते

    ईरान में पत्रकारों पर खतरा बढ़ा: धमकी, हमला और दमन का नया दौर शुरू

    ईरान में पत्रकारों पर खतरा बढ़ा: धमकी, हमला और दमन का नया दौर शुरू

    काश पटेल जल्द ही 2020 के राष्ट्रपति चुनाव में चीनी हस्तक्षेप से जुड़े सबूत देंगे

    अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में चीन ने किया था हस्तक्षेप? US कांग्रेस को सबूत देगी FBI

    चीन ने भारत के खिलाफ चाल चल उसे आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ा दिया है

    फर्टिलाइजर को हथियार बना रहा चीन, खुल रही भारत की आत्मनिर्भरता की राह

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    संविधान की प्रस्तावना में कैसे आए ‘समाजवादी’ और ‘पंथनिरपेक्ष’ शब्द?

    संविधान की प्रस्तावना में कैसे आए ‘समाजवादी’ और ‘पंथनिरपेक्ष’ शब्द?

    इस साल अमेरिका में 7,500 नए करोड़पति आएंगे (Photo- Canva)

    इस साल बड़ी संख्या में पलायन करेंगे करोड़पति, जानें कहां बना रहे हैं ठिकाना

    विदुषी संवाद

    विदुषी संवाद: धार्मिक और दार्शनिक विमर्शों में महिलाओं की भागीदारी

    डॉ हिमंत बिश्व शर्मा

    असम में घुसपैठियों के कब्जे से छुड़ाई जा रही सत्र भूमि क्या है?

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    कुमार विश्वास

    कुमार विश्वास ने सरदार जी3 के लिए दिलजीत को लगाई लताड़

    शेफाली ज़रीवाला

    शेफाली ज़रीवाला का अचानक निधन: ग्लैमर की दुनिया में शोक की लहर

    मलयालम फिल्म उद्योग

    मलयालम फिल्म उद्योग में यौन उत्पीड़न के सभी 35 मामले समाप्त

    K-6 मिसाइल

    हिंद महासागर में भारत का नया ‘Game-Changer’: K-6 मिसाइल

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    आपातकाल में जोड़े गए शब्द नासूर हैं: संविधान से ‘सेक्युलर और सोशलिस्ट’ हटाने की मांग के बीच VP धनखड़ का बड़ा बयान

    आपातकाल में जोड़े गए शब्द नासूर हैं: संविधान से ‘सेक्युलर और सोशलिस्ट’ हटाने की मांग के बीच VP धनखड़ का बड़ा बयान

    कांग्रेस ने फिर दिखाया भारत का गलत नक्शा, भाजपा ने बताया राष्ट्रविरोधी कदम

    कांग्रेस ने फिर दिखाया भारत का गलत नक्शा, भाजपा ने बताया राष्ट्रविरोधी कदम

    हेमंत खंडेलवाल (बाएं) और राजीव बिंदल (दाएं)

    मध्य प्रदेश में हेमंत खंडेलवाल बन सकते हैं BJP अध्यक्ष, हिमाचल में बिंदल होंगे रिपीट!

    बिहार विधानसभा चुनाव के लिए NDA ने ज़ोरदार तैयारी शुरू कर दी है

    बिहार विधानसभा चुनाव: ‘M’ फैक्टर के जवाब में NDA का ‘MMM’ फैक्टर

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    हरियाणा में 1.18 लाख कर्मचारियों की सैलरी में 5% की बढ़ोतरी, आदेश जारी

    हरियाणा में 1.18 लाख कर्मचारियों की सैलरी में 5% की बढ़ोतरी, आदेश जारी

    कपड़ा उद्योग में ग्लोबल लीडर बनता भारत

    कपड़ा उद्योग में ग्लोबल लीडर बनता भारत, कैसे घुटनों पर आया बांग्लादेश

    मारन भाइयों की कहानी

    तमिलनाडु की राजनीति और मीडिया के ‘पावर प्लेयर्स’: मारन बंधुओं के संघर्ष और विवाद की पूरी कहानी

    बोईंग शेयर क्रैश

    प्लेन क्रैश के बाद धड़ाम हुए बोइंग के शेयर, प्री-मार्केट में 8% की गिरावट

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    अंतरिक्ष रक्षा

    भारत के साथ संघर्ष के दौरान पाकिस्तान को चीनी उपग्रह से मिली खुफिया जानकारी

    रूस और भारत

    विनिर्माण, मुद्रा और नवाचार: आत्मनिर्भर भारत के तीन स्तंभ

    ऑपरेशन सिंदूर

    ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाक पर हमला करने वाली थी नौसेना: रिपोर्ट

    कॉम्पैक्ट सीक्यूबी कार्बाइन

    सीमित जगहों की जंग में अब बढ़ेगी सेना की मारक क्षमता, जल्द मिलेगी नई CQB कार्बाइन

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    कैथरीन पेरेज़-शकदम (Photo - IBT)

    कैसे मोसाद की ‘ब्लैक लेडी’ ने खामेनेई तक बनाई पहुंच, इज़रायल को दिए न्यूक्लियर ठिकानों के पते

    ईरान में पत्रकारों पर खतरा बढ़ा: धमकी, हमला और दमन का नया दौर शुरू

    ईरान में पत्रकारों पर खतरा बढ़ा: धमकी, हमला और दमन का नया दौर शुरू

    काश पटेल जल्द ही 2020 के राष्ट्रपति चुनाव में चीनी हस्तक्षेप से जुड़े सबूत देंगे

    अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में चीन ने किया था हस्तक्षेप? US कांग्रेस को सबूत देगी FBI

    चीन ने भारत के खिलाफ चाल चल उसे आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ा दिया है

    फर्टिलाइजर को हथियार बना रहा चीन, खुल रही भारत की आत्मनिर्भरता की राह

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    संविधान की प्रस्तावना में कैसे आए ‘समाजवादी’ और ‘पंथनिरपेक्ष’ शब्द?

    संविधान की प्रस्तावना में कैसे आए ‘समाजवादी’ और ‘पंथनिरपेक्ष’ शब्द?

    इस साल अमेरिका में 7,500 नए करोड़पति आएंगे (Photo- Canva)

    इस साल बड़ी संख्या में पलायन करेंगे करोड़पति, जानें कहां बना रहे हैं ठिकाना

    विदुषी संवाद

    विदुषी संवाद: धार्मिक और दार्शनिक विमर्शों में महिलाओं की भागीदारी

    डॉ हिमंत बिश्व शर्मा

    असम में घुसपैठियों के कब्जे से छुड़ाई जा रही सत्र भूमि क्या है?

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    कुमार विश्वास

    कुमार विश्वास ने सरदार जी3 के लिए दिलजीत को लगाई लताड़

    शेफाली ज़रीवाला

    शेफाली ज़रीवाला का अचानक निधन: ग्लैमर की दुनिया में शोक की लहर

    मलयालम फिल्म उद्योग

    मलयालम फिल्म उद्योग में यौन उत्पीड़न के सभी 35 मामले समाप्त

    K-6 मिसाइल

    हिंद महासागर में भारत का नया ‘Game-Changer’: K-6 मिसाइल

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम
MASHABLE IS A GLOBAL, MULTI-PLATFORM MEDIA AND ENTERTAINMENT COMPANY FOR MORE QUERIES AND NEWS CONTACT US ON THIS EMAIL: INFO@MASHABLEPARTNERS.COM

कैसे US समर्थित 3 Sea Initiative मध्य और पूर्वी यूरोप में चीन के “17+1” initiative को कमजोर कर रहा है

Abhinav Kumar द्वारा Abhinav Kumar
22 October 2020
in विश्व
अमेरिका
Share on FacebookShare on X

जब से डोनाल्ड ट्रम्प अमेरिका के राष्ट्रपति बने हैं तब से चीन और अमेरिका के बीच एक ऐसी प्रतिद्वंदीता देखने को मिली है जो रूस और अमेरिका के बीच भी देखने को नहीं मिली थी। ट्रेड वार से लेकर दक्षिण चीन सागर तक चीनी प्रभाव को धूल चटाने वाला अमेरिका अब मध्य और पूर्वी यूरोप के देशों में चीन के खिलाफ बनते माहौल का फायदा उठा कर अपना प्रभाव कई गुना बढ़ाने पर काम कर रहा है। एक तरफ चीन की 17+1 Initiative को एक बाद एक झटका लग रहा है तो वहीं अमेरिका के Three Sea Initiative को बढ़ावा मिल रहा है।

दरअसल, मंगलवार को एस्टोनिया द्वारा आयोजित Three Sea Initiative में शामिल 12 सदस्य देशों की एक वर्चुअल बैठक हुई जिसमें इन देशों के बीच संबंधों को मजबूत करने लिए बातचीत हुई।

संबंधितपोस्ट

ISIS भारत के प्रमुख साकिब नाचन की मौत

आपातकाल में जोड़े गए शब्द नासूर हैं: संविधान से ‘सेक्युलर और सोशलिस्ट’ हटाने की मांग के बीच VP धनखड़ का बड़ा बयान

कैसे मोसाद की ‘ब्लैक लेडी’ ने खामेनेई तक बनाई पहुंच, इज़रायल को दिए न्यूक्लियर ठिकानों के पते

और लोड करें

Watch the high-level discussion with Presidents of 🇪🇪, 🇵🇱 and 🇧🇬, VP of European Commission and U.S. Deputy Secretary of Energy on the future of the #ThreeSeas Initiative at the Three Seas Virtual Summit hosted by Estonia on 19 October 2020.https://t.co/Q1uKUC9o89

— Three Seas Summit and Business Forum (@3seaseu) October 20, 2020

बता दें कि TSI को 2015 में पोलैंड और क्रोएशिया ने मिलकर आधिकारिक तौर पर उस क्षेत्र में संयुक्त बुनियादी ढांचा परियोजनाओं, ऊर्जा और डिजिटल सहयोग पर चर्चा करने के लिए स्थापित किया था। सबसे प्रमुख बात यह है कि इस समूह में अमेरिका न शामिल होते हुए भी इसका सबसे बड़ा समर्थक है।

वाशिंगटन इस क्षेत्र में निवेश करने का इच्छुक रहा है, जिसका लक्ष्य इन देशों की निर्भरता कम कर चीन के पश्चिमी बाल्कन में “17 + 1 Initiative” और “बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव” निवेश का मुकाबला कर, उसके प्रभाव को कम करना है।

अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ (Mike Pompeo) ने फरवरी में घोषणा की थी कि अमेरिका 3SI को कांग्रेस द्वारा अनुमोदित फंडिंग में से 1 बिलियन अमरीकी डॉलर का निवेश करेगा।

क्षेत्र के तीन सागर बाल्टिक, ब्लैक और एड्रियाटिक सागर के नाम पर रखे गए इस पहल को अमेरिका अपने Blue Dot Network से जोड़ कर भी देखता है जिसकी परिकल्पना चीन के BRI को टक्कर देने के लिए की गयी है। इस initiative में यूरोपीय संघ के 12 देश यानि ऑस्ट्रिया, बुल्गारिया, क्रोएशिया, चेक गणराज्य, एस्टोनिया, हंगरी, लातविया, लिथुआनिया, पोलैंड, रोमानिया, स्लोवाकिया और स्लोवेनिया शामिल हैं।

इस initiative ने पूर्वी यूरोप में कई बुनियादी ढाँचे वाली परियोजनाएँ शुरू की हैं, विशेष रूप से Carpatia, लिथुआनिया के कालिपेडा से ग्रीस में Thessaloniki (थेसालोनिकी) तक, Rail Baltica रेलवे कनेक्शन, Warsaw से Riga होते हुए Tallinn तक तथा Danube-Oder-Elbe इंलैंड वॉटरवे कनेक्शन जारी है।

अब तक इस क्षेत्र में चीन अपने प्रभाव को जमाये रखा था लेकिन अब सभी पूर्वी और मध्य यूरोपीय देश चीन के साथ या तो अपने संबंध तोड़ रहे हैं या दूरी बना रहे हैं।

चीन ने वर्ष 2012 में मध्य और पूर्वी यूरोप के देशों के साथ 17 +1 Initiative की शुरुआत की थी जिसका मकसद इन देशों का चीन के साथ आर्थिक संबंधों को बढ़ाना था, या यूं कहें कि उन्हें चीन के ऋण जाल में फंसा कर अपने नियंत्रण में करना था।

इस पहल में बारह यूरोपीय संघ के सदस्य राज्य और पांच बाल्कन राज्य – अल्बानिया, बोस्निया और हर्जेगोविना, बुल्गारिया, क्रोएशिया, चेक गणराज्य, एस्टोनिया, ग्रीस, हंगरी, लातविया, लिथुआनिया, मैसेडोनिया, मोंटेनेग्रो, पोलैंड, रोमानिया, सर्बिया, स्लोवाकिया और स्लोवेनिया शामिल हैं।

17+1 को चीन के बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव के विस्तार के रूप में माना जाता है। हालांकि, अब CEE देशों और चीन के बीच 17 + 1 के तहत एक दशक के सहयोग के बाद, कई देश चीन से नाराज हो चुके हैं और इसके कई कारण है।

कई 17 + 1 शिखर सम्मेलन में अपने वादों के बावजूद, चीन ने पूर्वी और मध्य यूरोपीय देशों में बेहद कम निवेश किया है। वर्ष 2012 में, बीजिंग ने CEE को बुनियादी ढाँचा, प्रौद्योगिकी और नवीकरणीय ऊर्जा में नए विकास को चलाने के लिए 17 बिलियन डॉलर क्रेडिट लाइन प्रदान करने का वादा किया था। परंतु किसी भी निवेश के धरातल पर न उतार पाने के कारण अधिकांश CEE देशों में अब चीन के खिलाफ भावना भड़क उठी है।

The Strategist की रिपोर्ट के अनुसार 17 + 1Initiative के तहत प्रस्तावित 40 परियोजनाओं में से केवल चार को सफलतापूर्वक निष्पादित किया गया है।

इसी वजह से कई देश अब बीजिंग के साथ भविष्य में किसी परियोजना पर काम नहीं करना चाहते हैं। जनवरी 2020 में, चेक गणराज्य ने अप्रैल में होने वाली 17+1 की नौवीं शिखर बैठक को चीन द्वारा वास्तविक निवेश की कमी का हवाला देते हुए झटक दिया था। हालांकि बाद में इसे कोरोना के कारण स्थगित ही करना पड़ा। यह चीन के लिए एक तगड़ा झटका था क्योंकि एक समय में चेक राष्ट्रपति मिलोस ज़मैन चीनी निवेश के प्रमुख समर्थक थे।

कई थिंक टैंक भी यह कह चुके हैं कि मध्य और पूर्वी यूरोपीय देश चीन के साथ “17 + 1” Initiative के अधूरे आर्थिक परिणामों के कारण नाराज हो चुके हैं। वर्ष 2012 में जब से समूह की स्थापना हुई है तब से सभी 17 पूर्वी तथा मध्य यूरोपीय देशों का चीन के साथ  व्यापार में घाटा ही देखा गया है। रिपोर्ट में पाया गया कि 2018 तक, चीन के साथ 17 देशों का कुल घाटा 75 बिलियन अमेरिकी डॉलर था। हालांकि, चीन से FDI धीरे-धीरे बढ़ा था लेकिन इसका 75 प्रतिशत सिर्फ चार देशों – हंगरी, चेक गणराज्य, पोलैंड और स्लोवाकिया में केंद्रित था। इस कारण अन्य देशों को काफी निराशा हुई।

एक तो चीन पहले से ही इन देशों के साथ प्रोजेक्ट्स पर ध्यान नहीं दे रहा था, उसके बाद कोरोना ने दोहरा झटका दे दिया। अब महामारी से उत्पन्न आर्थिक मंदी के दौर में वह पहले अपने देश के अंदर परियोजनाओं पर ध्यान केन्द्रित कर रहा है।

वहीं, ज्यादातर पूर्वी तथा मध्य यूरोप के देश चीन के साथ अपनी निर्भरता के राजनीतिक परिणामों का पुनर्मूल्यांकन कर रहे हैं। गौरतलब है कि अपनी बढ़ती आर्थिक शक्ति के साथ, चीन ने बीजिंग के प्रति CEE देशों की नीतियों पर काफी प्रभाव जमा लिया था। उदाहरण के लिए, जब चीन के मानवाधिकारों के हनन के बारे में संयुक्त राष्ट्र के यूरोपीय संघ ने बयान दिया था तब हंगरी और ग्रीस ने उस बयान का विरोध किया था। तब एथेंस ने इसे ‘चीन की असंवैधानिक आलोचना’ तक करार दिया था।

ये सभी देश अब आर्थिक अवसरों से लेकर राजनीतिक और सुरक्षा क्षेत्रों तक चीन के साथ अपने संबंधों का विकल्प तलाश रहे हैं। उदाहरण के लिए मई में, रोमानिया ने एक चीनी फर्म के साथ परमाणु ऊर्जा संयंत्र के निर्माण के लिए अपने संयुक्त वेंचर को समाप्त कर दिया। वहीं खुफिया एजेंसी द्वारा साइबर जासूसी पर अपनी चिंताओं की घोषणा के बाद लताविया ने चीन को राष्ट्रीय सुरक्षा खतरा घोषित कर दिया है। इन्हीं कारणों ने 17+1 के कई देशों को जून में हुए BRI वीडियो कांफ्रेंसिंग से हटने के लिए भी मजबूर किया।

पूर्वी तथा मध्य यूरोप के देशों के ऊपर अमेरिका और चीन के बीच चल रहे तनाव का भी असर पड़ा और कई CEE देशों को चीन के साथ अपने सम्बन्धों को फिर से मूल्यांकन करने के लिए प्रेरित किया है।

अमेरिका द्वारा चीनी 5G को झटका देने के बाद कई CEE (सेंट्रल एंड ईस्टर्न यूरोप) के देश भी प्रभावित हुए और चीन के 5 जी को नकार दिया। अब तक क्रोएशिया, चेक गणराज्य, एस्टोनिया, रोमानिया, सर्बिया और स्लोवेनिया ने अपने 5 जी नेटवर्क के निर्माण से हुवावे को प्रतिबंधित कर दिया हैं। अमेरिका ने इन देशों के साथ ‘Clean Network Program’ पर भी हस्ताक्षर किया है। हाल ही में माइक पोम्पियो ने भी इन देशों का दौरा किया था। सितंबर में, पोलिश सरकार ने भी साइबर सुरक्षा के लिए संभावित खतरा माने गए दूरसंचार आपूर्तिकर्ताओं को बाहर करने के लिए एक विधेयक लाने का फैसला किया है। यदि ये विधेयक पारित हो जाता है, तो यह कानून पोलैंड के 5 जी बुनियादी ढांचे के निर्माण से हुवावे को प्रभावी ढंग से प्रतिबंधित कर सकेगा।

यानि कुल मिलाकर अगर देखा जाए तो अमेरिका का Three Sea Initiative अब चीन के 17+1 Initiative भारी पड़ रहा है। अमेरिका ने यूरोप और दक्षिण एशिया के बाद अब चीन को मध्य पूर्वी यूरोप में भी धूल चटा दी है।

शेयर1ट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

कट्टरपंथियों के खिलाफ अपने सख्त रुख के कारण फ्रांस के राष्ट्रपति Macron यूरोप के सबसे बड़े नेता बन गये हैं

अगली पोस्ट

चीन की आर्थिक गड़बड़ी का सबूत: चीन की 1.4 बिलियन डॉलर की कंपनी मात्र 1000 डॉलर में बिकने को तैयार है

संबंधित पोस्ट

कैथरीन पेरेज़-शकदम (Photo - IBT)
विश्व

कैसे मोसाद की ‘ब्लैक लेडी’ ने खामेनेई तक बनाई पहुंच, इज़रायल को दिए न्यूक्लियर ठिकानों के पते

28 June 2025

ईरान की खुफिया और सैन्य व्यवस्था को झकझोर देने वाले एक बड़े खुलासे में फ्रांसीसी मूल की यहूदी महिला कैथरीन पेरेज़-शकदम को उस जासूसी मिशन...

ईरान में पत्रकारों पर खतरा बढ़ा: धमकी, हमला और दमन का नया दौर शुरू
चर्चित

ईरान में पत्रकारों पर खतरा बढ़ा: धमकी, हमला और दमन का नया दौर शुरू

28 June 2025

रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स (RSF) और यूएन मानवाधिकार विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि ईरान में पत्रकारों की डराने-धमकाने की घटनाएँ बढ़ रही हैं, खासकर इज़राइल–ईरान...

काश पटेल जल्द ही 2020 के राष्ट्रपति चुनाव में चीनी हस्तक्षेप से जुड़े सबूत देंगे
विश्व

अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में चीन ने किया था हस्तक्षेप? US कांग्रेस को सबूत देगी FBI

26 June 2025

अमेरिका में 2020 में राष्ट्रपति पद के लिए हुए चुनावों में चीन की ओर से हस्तक्षेप किए जाने की साजिश के बारे में आने वाले...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

The gulf crossroads: usa stakes, China's money and Iran's nuclear threat.

The gulf crossroads: usa stakes, China's money and Iran's nuclear threat.

00:30:34

HOW NDA IS MAKING IN- ROADS INTO TAMIL NADU?

00:05:57

the ganga treaty is about to expire. What happens next?

00:06:54

India's Rise: Defense and Diplomacy in 2047 Vision

00:22:51

1975 emergency: India's 21 month dictatorship.

00:10:29
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited