कांग्रेस उत्तर प्रदेश में जनाधार को विस्तार देने के लिए कथित ट्रंप कार्ड यानी प्रियंका गांधी वाड्रा को मैदान में उतार चुकी है, लेकिन प्रियंका गांधी भी अपने राजनीतिक रूप से अपरिपक्व भाई राहुल गांधी की तरह ही फ्लॉप साबित हो रही है। वो आए दिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार और प्रशासन पर बेतुके आरोप लगाती रहती हैं, जिसका कोई औचित्य ही नहीं होता। कुछ ऐसा ही इस बार उन्होंने किसानों के मुद्दे पर भी किया और एक किसान को पीड़ित दिखा गन्ना मूल्यों को लेकर राजनीति करने की कोशिश की, लेकिन उस किसान ने ही प्रियंका के दावों को ख़ारिज करते हुए उनकी बेइज्जती कर दी है।
कांग्रेस पूरे किसान आंदोलन के जरिए अपने सियासी उत्थान के प्रयास में है, लेकिन उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के शासन में पार्टी को इसका फायदा नहीं हो रहा है। ऐसे में कांग्रेस महासचिव और उत्तर प्रदेश की चुनाव प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा योगी सरकार को निशाने पर लेने की कोशिश में हाल ही में एक ट्वीट करती हैं, और किसान की पीड़ा बताने का ढोंग करती हैं। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, “लखीमपुर खीरी के किसान आलोक मिश्रा का 6 लाख रु का गन्ना भुगतान बकाया है। उनको खेती, इलाज आदि के लिए 3 लाख का लोन लेना पड़ा। 10,000 करोड़ का भुगतान फंसा होने के चलते यूपी के लाखों किसानों का यही हाल है। 14 दिन में भुगतान एवं आय दुगनी का वादा जुमला निकला।”
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प्रियंका गांधी ने इस मुद्दे को उठाकर केंद्र और राज्य की बीजेपी शासित योगी सरकार को सीधा निशाने पर लिया, लेकिन मीडिया नेटवर्क एबीपी ने जब पड़ताल की तो प्रियंका के होश फाख्ता हो गए और उन्हें अपना ट्वीट तक डिलीट करना पड़ा। प्रियंका ने जिन किसान आलोक मिश्रा का उल्लेख अपने ट्वीट में किया था उन्होंने कैमरे पर बताया, “मुझे तो पिछले वर्ष ही गन्ना का सारा पैसा मिल चुका है। बाकी प्रियंका जी का क्या है,उन्हें राजनीति करनी थी कर रही हैं, लेकिन कम से कम न्यूज तो ध्यान से देखनी चाहिए थी।” एबीपी न्यूज की पत्रकार रुबिका लियाकत ने अपने दोनों ट्वीट्स में प्रियंका के फेक न्यूज की हवा निकाल दी है।
प्रियंका गांधी वाड्रा जो कांग्रेस द्वारा यूपी केवल इसलिए भेजी गईं हैं कि कांग्रेस का जनाधार मजबूत करके राज्य में कांग्रेस की नीतियों को फैलाएं, लेकिन वो तो अपने भाई राहुल गांधी की तरह ही फेक न्यूज फैलाने की कोशिश कर रही हैं। ऐसी फेक न्यूज की काट सीधा जनता के बीच से ही होना प्रियंका समेत पूरी कांग्रेस के लिए एक बड़ा झटका और शर्म की बात है क्योंकि प्रियंका पार्टी का विश्वसनीय चेहरा बनाकर पेश की जा रही थी, और आम जनता में ही उनकी फजीहत शुरू हो गई है।
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उत्तर प्रदेश की ताजा स्थिति की बात करें तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की लोकप्रियता के आगे सारे सियासी नाम और गणित छोटे पड़ गए हैं। इसलिए जब भी कोई विपक्षी नेता योगी सरकार के खिलाफ कुतर्क करता है तो सरकार की सफाई के पहले ही जनता के बीच से लोग निकल कर योगी आदित्यनाथ के आलोचकों को तथ्यों का शाब्दिक तमाचा जड़ देते हैं, प्रियंका के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ है, और ये बात प्रियंका अब अभी नहीं भूलेंगी।