अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, UK, कनाडा और न्यूजीलैंड के “खुफ़िया गठबंधन” को Five Eyes समूह के नाम से जाना जाता है। Five Eyes के समीकरण के तहत ये पांच देश अपनी सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने हेतु खुफ़िया सूचना का आदान-प्रदान करते हैं, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में न्यूजीलैंड इस समूह की सबसे कमजोर कड़ी के रूप में उभरा है।
अमेरिका, UK और ऑस्ट्रेलिया इस समूह को चीन की हेकड़ी पर लगाम लगाने के लिए इस्तेमाल करना चाहते हैं, लेकिन न्यूजीलैंड हर बार संगठन के बाकी देशों की उम्मीदों पर पानी फेर देता है। न्यूजीलैंड के चीन के प्रति ढुलमुल रवैये के कारण इस देश को Five Eyes समूह से बाहर निकालने की मांग भी उठाई जाती रही है।
हालांकि, अब बढ़ते दबाव के बीच न्यूजीलैंड की सरकार ने चीन के प्रति सख्त रुख दिखाने का संदेश दिया है।
न्यूजीलैंड के विदेश मंत्री Nanaia Mahuta ने अब अपने निर्यातकों को “समय रहते” नए बाज़ारों की तलाश करने को कहा है ताकि वे चीन से संबंध होने के बाद भी अपने व्यवसाय को बचा सकें। The Guardian को दिये एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा “चीन से सम्बन्धों के परिप्रेक्ष्य में जो ऑस्ट्रेलिया में हो रहा है, हम उससे मुंह नहीं मोड सकते। अगर वे एक चक्रवात के केंद्र में हैं तो हमें भी खुद को इसके लिए तैयार करना होगा, क्योंकि किसी भी वक्त वह चक्रवात न्यूजीलैंड तक पहुँच सकता है।”
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न्यूजीलैंड की चीन-नीति को देखा जाये तो न्यूजीलैंड की विदेश मंत्री की ओर से ऐसा बयान आना हैरानी भरा है। यह वही न्यूजीलैंड है जो China के शिंजियांग में जारी नरसंहार पर आँख मूँदे बैठा है।
न्यूजीलैंड सरकार ने अपनी संसद में चर्चा के दौरान शिंजियांग में चीन की हरकतों को “नरसंहार” बोलने से साफ़ मना कर दिया था। उस दौरान न्यूजीलैंड के वाणिज्य मंत्री Damien O’Connor ने कहा था कि “नरसंहार” शब्द के कारण New Zealand और China के द्विपक्षीय आर्थिक रिश्तों पर इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
इतना ही नहीं, यह वही न्यूजीलैंड है जिसने China से संबंध सुधारने के लिए ऑस्ट्रेलिया तक को “कूटनीतिक” रास्ता अपनाने की नसीहत दी थी और चीन और ऑस्ट्रेलिया के बीच एक मध्यस्थ की भूमिका निभाने की पेशकश की थी।
न्यूजीलैंड के इस चीन-प्रेम का सबसे बड़ा कारण न्यूजीलैंड की अर्थव्यवस्था में चीन का प्रभाव है। न्यूजीलैंड के कुल एक्स्पोर्ट्स का 28 प्रतिशत अकेले चीन को ही जाता है। न्यूजीलैंड जितना व्यापार ऑस्ट्रेलिया, UK, अमेरिका और जापान के साथ करता है, उससे ज़्यादा व्यापार अकेले China के साथ करता है। China से आने वाले टूरिस्ट न्यूज़ीलेंड में प्रति वर्ष 1.7 बिलियन डॉलर खर्च करते हैं, जो New Zealand की अर्थव्यवस्था को बड़ा फायदा पहुंचाते हैं।
न्यूजीलैंड के विश्वविद्यालयों में पढ़ने वाले करीब 47 प्रतिशत विदेशी छात्र भी केवल चीन से ही आते हैं, जो कि New Zealand की अर्थव्यवस्था में हर साल ढाई बिलियन डॉलर का योगदान देते हैं।
ज़ाहिर है कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर चीन का पक्ष लेने के लिए चीनी सरकार New Zealand को बड़ा आर्थिक फायदा पहुंचाती आ रही है, लेकिन इस सब के कारण Jacinda Ardern सरकार Five Eyes के साथी देशों के लिए एक दगाबाज़ साथी के रूप में स्थापित हो चुकी है। अब दबाव इतना बढ़ चुका है कि न्यूजीलैंड को आखिरकार चीन के खिलाफ संख्त कदम उठाने के संकेत देने ही पड़े हैं।
अब यह देखना होगा कि New Zealand की विदेश मंत्री का हालिया बयान वाकई किसी चीन-विरोधी एक्शन में बदल पाता है या नहीं