पिछले एक सप्ताह से पेगासस सुर्ख़ियों में है। इसे लेकर राष्ट्रीय और अन्तराष्ट्रीय वामपंथी मीडिया हाउस भारत के प्रधानमंत्री मोदी पर कई पत्रकारों की जासूसी के आरोप लगा चुकी हैं। इस पेगासस रिपोर्ट की तह में जायें तो ये कुछ और नहीं, बल्कि डीप स्टेट kingpin जॉर्ज सोरोस का प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ प्रोपेगेंडा दिखाई देगा।
आइये देखते हैं कैसे…
दरअसल, पेगासस रिपोर्ट के पीछे दो गैर सरकारी संगठन यानी Amnesty और forbidden stories हैं। अगर इन दोनों ही संगठन की जाँच पड़ताल की जाये तो ये बात सामने आई है कि दोनों की ही फंडिंग में वामपंथी विचारधारा की ओर झुकाव रखने वाले जॉर्ज सोरोस का हाथ है जो पीएम मोदी को सत्ता से हटाने की कोशिशों में रहे हैं।
This chart will help you to understand this better pic.twitter.com/90TdO3GLf8
— Vijay Patel🇮🇳 (@vijaygajera) July 23, 2021
यही नहीं इस मामले की थोड़ी और गहराई में जायें तो कहीं न कहीं इस फर्जी पेगासस प्रोजेक्ट हैकिंग की कहानी के पीछे गांधी परिवार से भी कन्केशन दिखाई देगा। जॉर्ज सोरोस के नेतृत्व वाले ओपन सोसाइटी फाउंडेशन कई तरह से गांधी परिवार से तथा उनके चमचों से जुड़ा हुआ है।
द प्रोजेक्ट पेगासस नामक यह मेगा एक्सपोज़ प्रोजेक्ट पेरिस स्थित एनजीओ फॉरबिडन स्टोरीज़, एमनेस्टी, सिटीजन लैब और 10 देशों के 17 मीडिया हाउसों का एक सहयोगात्मक प्रयास था।
The Guardian की रिपोर्ट के अनुसार फॉरबिडन स्टोरीज, एक पेरिस स्थित गैर-लाभकारी मीडिया संगठन, और एमनेस्टी इंटरनेशनल के पास इस लीक की सूची पहले से ही पहुंची हुई थी और उसके बाद पेगासस स्पाईवेयर प्रोजेक्ट में शामिल मीडिया भागीदारों के साथ इस लिस्ट को साझा किया गया है।
Fourthly – it can’t be a mere coincidence that –
All 4 – amnesty, foreign Architecture, citizen lab and forbidden stories are all funded by same – George Soros funded Open Society with Harsh Mander types on their global boards! Check this pls https://t.co/uV2aW0eVdb— Alok Bhatt (Modi Ka Parivar) (@alok_bhatt) July 19, 2021
प्रोजेक्ट पेगासस-एमनेस्टी, सिटीजन लैब, फॉरबिडन स्टोरीज और फॉरेन आर्किटेक्चर के पीछे सभी कंसोर्टियम यूनिट जॉर्ज सोरोस द्वारा संचालित ओपन सोसाइटी फाउंडेशन से अनुदान और धन प्राप्त करते हैं।
फॉरबिडन स्टोरीज के वित्तपोषकों में जॉर्ज सोरोस की ओपन सोसाइटी फ़ाउंडेशन (OSF) शामिल है, जिनका भारत सरकार के प्रति दृष्टिकोण किसी से छुपा नहीं है। अब जो ये कहे कि पीएम मोदी मुस्लिमों पर ज़ुल्म ढाह रहे हैं और वे देश को हिन्दू राष्ट्र बनाने की दिशा में काम कर रहे, उससे आप अच्छे की उम्मीद तो नहीं कर सकते। फॉरबिडन स्टोरीज के वित्तपोषकों में से एक Wellspring Philanthropic Fund, ने फ्रांसीसी NGO शेरपा को भी वित्त पोषित किया है, जो राफेल सौदे में लगातार रोड़ा अटकाने का प्रयास करता रहा है।
इन सभी संगठनों का किंगपिन जॉर्ज सोरोस से लिंक होना, इस एक्सपोज़ की विश्वसनीयता पर कई अनुत्तरित प्रश्न उठाता है
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए जॉर्ज सोरोस की नफरत उनके बयानों और लेखन में सर्वविदित है। 24 जनवरी, 2020 को दावोस में आयोजित विश्व आर्थिक मंच में दिए गए एक भाषण में, अरबपति निवेशक जॉर्ज सोरोस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ विष उगला था।
सोरोस ने तब कहा था कि, “भारत में सबसे बड़ा और सबसे भयावह झटका लगा, जहां एक लोकतांत्रिक रूप से चुने गए नरेंद्र मोदी एक हिंदू राष्ट्रवादी देश बना रहे हैं, वहीं एक अर्ध-स्वायत्त मुस्लिम क्षेत्र कश्मीर पर अत्याचार कर रहे हैं, और लाखों मुसलमानों को उनकी नागरिकता से वंचित करने की धमकी दे रहे हैं।”
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अरबपति जॉर्ज सोरोस के ऊपर TFI द्वारा व्यापक रूप से रिपोर्ट की गई। वैश्विक वामपंथी के गॉडफादर और किंगपिन के रूप जॉर्ज सोरोस ने कई देशों की सरकारों को अपने NGO के माध्यम से तबाह किया है। पिछले तीन दशकों में, उन्होंने वैश्वीकरण में तेजी लाने और दुनिया भर में राष्ट्रवादी मूल्यों को कमजोर करने के लिए हर संभव प्रयास किया है।
ऐसा लगता है सोरोस ने वैश्विक मानचित्र पर बचे कुछ राष्ट्रवादी नेताओं में से एक प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए इसे अपना जीवन मिशन बना लिया है। सीएए के विरोध में सोरोस की भागीदारी, किसान आन्दोलन मामले से जुड़े कई लिंक, और सबसे महत्वपूर्ण बात, जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद हुए विरोधों ने यह स्पष्ट कर दिया है कि सोरोस के किस प्रकार से पीएम मोदी के पीछे पड़े हैं।
हर्ष मांदर जो कि कांग्रेस और सोनिया गांधी के भरोसेमंद सिपाही है, वह सोरोस की OSF के Human Rights Initiative Advisory Board के अध्यक्ष हैं।
दिलचस्प बात यह है कि शाहीन बाग विरोध प्रदर्शन के दौरान मंदर का एनजीओ कारवां ए मोहब्बत कई सभाओं और कार्यक्रमों के आयोजन में सबसे आगे था।
इसी तरह देश में वामपंथी लॉबी को मजबूत करने वाले, सरकार और सुप्रीम कोर्ट के फरमान के खिलाफ जाने वाले ट्विटर के पीछे भी सोरोस का ही हाथ है। ट्विटर के शीर्ष चार मालिक हैं: मॉर्गन स्टेनली इन्वेस्टमेंट मैनेजमेंट, Vanguard Group, Inc, ब्लैकरॉक फंड एडवाइजर्स और एसएसजीए फंड मैनेजमेंट। Vanguard Group, Inc और Blackrock Advisor आंशिक रूप से ट्विटर के मालिक हैं और उन दोनो की फंडिंग भी जॉर्ज सोरोस के स्वामित्व वाले सोरोस मैनेजमेंट फंड से होती है।
जॉर्ज सोरोस की राष्ट्रवाद के लिए नफरत पूरे विश्व को पता है। शायद यही कारण था कि एक बार फिर से मोदी सरकार को अस्थिर करने के प्रयास में प्रोजेक्ट पेगासस को हथियार बनाने की कोशिश की गयी हो। पेगासस स्पाइवेयर सोरोस द्वारा किए गए कई योजनाओं में से एक है और निश्चित रूप से, यह उसका आखिरी नहीं होगा।