पंजाब कांग्रेस में चल रही अंतर्कलह को शांत करने के लिए कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व ने कैप्टन अमरिंदर सिंह से इस्तीफा ले लिया, जिसके बाद पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के करीबी नेता चरणजीत सिंह चन्नी पंजाब के मुख्यमंत्री बनाए गए, जो दलित समुदाय से आते हैं। देश की प्रमुख विपक्षी पार्टी इसे लेकर अपनी पीठ थपथपाते दिख रही है।
कांग्रेस पार्टी दलित समुदाय के नेता को मुख्यमंत्री बनाने को अपनी उपलब्धि बता रही है, लेकिन दलित कार्ड खेलकर वाहवाही की कोशिश में लगी कांग्रेस के लिए चन्नी अब गले की हड्डी बनते जा रहे हैं। अगर हम चन्नी के बैकग्राउंड पर गौर करें तो पाएंगे कि कांग्रेस ने एक ऐसे नेता को राज्य की कमान सौंप दी, जिसका महिलाओं के प्रति व्यवहार शुरु से ही सवालों के घेरे में रहा है। महिलाओं के सामने चन्नी के हाथ कई बार फिसले हैं। जैसे कमलनाथ कमरनाथ हो गए वैसे ही चरणजीत फिसलनजीत है।
इन दिनों सोशल मीडिया पर एक तस्वीर काफी तेजी से वायरल हो रही है जिसमें चन्नी का हाथ किसी लड़की के पीठ पर है। तस्वीर को देखने पर ऐसा प्रतित हो रहा है कि वह लड़की की पीठ को खरोंचने की कोशिश कर रहे है। किसी कार्यक्रम में पहुंचे चन्नी हरे शूट में खड़ी लड़की की पीठ पर अजीब तरीके से उंगली रखे हुए हैं। हालांकि, ये तस्वीर कब की है और यह लड़की कौन है, इसकी पुष्टि अभी तक नहीं हो पाई है। खैर तस्वीर को अगर साइड कर चन्नी की इस हरकत को देखेंगे तो आपके मन में भी कई तरह की बातें आएंगी और कांग्रेस के दोहरे चरित्र को आप आसानी से समझ सकेंगे!
महिला आईएएस ऑफिसर को भेजा था अश्लील मैसेज
साल 2018 में भी चन्नी काफी सुर्खियों में आए थे। तब तत्कालीन अमरिंदर सरकार में कैबिनेट मंत्री बनने के कुछ ही महीनों बाद उन्होंने एक महिला आईएएस अधिकारी को अश्लील मैसेज भेजा था। महिला अधिकारी ने आरोप लगाया था कि मंत्री ने उन्हें कई ऐसे संदेश भेजे जिसका उन्होंने विरोध किया लेकिन वह नहीं रुके। एक बार देर रात एक संदेश भेजा गया तब उन्होंने शिकायत करने का फैसला किया। #MeToo मूवमेंट के दौरान उनपर गाज गिरी थी। मामला इतना बढ़ गया था कि पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने चन्नी को महिला अधिकारी से माफी मांगने के लिए कहा था और यह भी कहा था कि मामला “हल” हो गया है।
हालांकि, विवाद थमा नहीं बल्कि इसी साल मई में फिर से उठा जब पंजाब महिला आयोग की प्रमुख ने चन्नी द्वारा कथित रूप से भेजे गए “अनुचित” संदेश पर भूख हड़ताल पर जाने की धमकी दी। अगर इस मामले की तह में जाए तो स्पष्ट होगा कि एक ओर कांग्रेस के दिग्गज नेता और कथित तौर कांग्रेस के सर्वेसर्वा कहे जाने वाले राहुल गांधी ने #MeToo के दौरान महिलाओं का समर्थन किया था। लेकिन चन्नी के मसले पर उन्होंने चुप्पी साध ली थी।
जिसे लेकर पंजाब की प्रमुख विपक्षी पार्टी शिरोमणि अकाली दल की ओर से कई तरह के आरोप भी लगाए गए थे। तब शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर #MeToo अभियान पर दोहरा मापदंड अपनाने और चन्नी को बतौर मंत्री बर्खास्त करने की बात कही थी।
महिला सुरक्षा के लिए खतरा है चन्नी
राष्ट्रीय महिला आयोग ने चन्नी के सीएम बनाए जाने पर नाराजगी जताई है। महिला आयोग अध्यक्ष रेखा शर्मा का कहना है कि “2018 में मी टू आंदोलन के दौरान उनके (पंजाब के सीएम चरणजीत सिंह चन्नी) खिलाफ आरोप लगाए गए थे। राज्य महिला आयोग ने मामले का स्वत: संज्ञान लिया था और उन्हें हटाने की मांग को लेकर धरने पर बैठ गए थे लेकिन कुछ नहीं हुआ।”
रेखा शर्मा ने कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से चन्नी को सीएम पद से हटाने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा है कि “आज उन्हें एक महिला के नेतृत्व वाली पार्टी द्वारा पंजाब का सीएम बनाया गया है। यह विश्वासघात है। वह महिला सुरक्षा के लिए खतरा हैं। उसके खिलाफ जांच होनी चाहिए। वह सीएम बनने के लायक नहीं है। मैं सोनिया गांधी से उन्हें सीएम पद से हटाने का आग्रह करती हूं।”
चरणजीत चन्नी के बैकग्राउंड को काफी बेहतर तरीके से जानने वाली कांग्रेस पार्टी ने उन्हें पंजाब की कमान थमा दी है। महिलाओं की सुरक्षा समेत तमाम मुद्दों पर उनके बचाव की बात करने वाली कांग्रेस ने पंजाब की महिलाओं की किस्मत चन्नी के हाथों में छोड़ रखा है। अब चन्नी जैसा नेता महिलाओं की सुरक्षा पर क्या सोचेंगे यह किसी से छिपा नहीं है। #MeToo पर महिलाओं का सपोर्ट करने वाले राहुल गांधी खुद शपथग्रहण समारोह में पहुंचे थे और चन्नी ने पैर छूकर उनका आशीर्वाद लिया था। अब विपक्षी पार्टियां चन्नी के चरित्र के हवाले से कांग्रेस पार्टी के चरित्र पर सवाल उठाती दिख रही है।