वरुण गांधी भाजपा के सांसद हैं, एक लंबे समय से वह और उनकी मां मेनका गांधी भाजपा की नेता हैं। ग्रामीण और किसानों की समस्या को लेकर वरुण गांधी ट्विटर पर काफी सक्रिय भी हैं और कई बार वह पार्टी के नेताओ को कटघरे में खड़ा कर चुके हैं। लेकिन अब ऐसा प्रतित हो रहा है कि वरुण गांधी पार्टी की विचारधारा के काफी विपरीत होते जा रहे हैं। अब वह जिस हिसाब से स्टैंड ले रहे हैं वह चिंताजनक है। ऐसे में अब उन्हें अपनी पुश्तैनी पार्टी कांग्रेस ज्वाईन कर लेनी चाहिए क्योंकि बीजेपी की विचारधारा अब इन्हें रास नहीं आ रही। मौजूदा समय में वह कांग्रेस पार्टी की भाषा बोलते दिख रहे हैं। लखीमपुर खीरी मामले में भी उन्होंने कांग्रेस के नक्शे कदम पर चलते हुए अपनी ही सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया, जबकि सच्चाई उससे विपरीत है। अब इतना कर ही रहे हैं तो उनके लिए बेहतर होगा कि वह कांग्रेस में चले जाए और प्रोपेगैंडा फैलाए!
लखीमपुर खीरी मामले में कांग्रेस की भाषा बोल रहे वरुण गांधी
लखीमपुर खीरी मामले पर अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट करते हुए वरुण गांधी ने लिखा, “लखीमपुर खीरी की हृदय-विदारक घटना में शहीद हुए किसानों को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूँ। इस प्रकरण में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री जी से सख्त कार्यवाही करने का निवेदन करता हूं।”
लखीमपुर खीरी की हृदय-विदारक घटना में शहीद हुए किसानों को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूँ। इस प्रकरण में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री जी से सख्त कार्यवाही करने का निवेदन करता हूँ। pic.twitter.com/e2tE1x4z3T
— Varun Gandhi (@varungandhi80) October 4, 2021
अगर वरुण गांधी लखीमपुर खीरी मामले की तह में जाएंगे तो उन्हें भी स्पष्ट होगा कि लखीमपुर खीरी में जो घटना घटी है, उसका एक ही पक्ष है– विरोध प्रदर्शन के नाम पर अराजकतावादियों ने भाजपा कार्यकर्ताओं पर धावा बोला और असफल रहने पर उन्होंने हिंसक झड़प में हिस्सा लिया, जिसके कारण 8 लोग मारे गए। लेकिन वरुण गांधी इस मसले पर दूसरा ही रुख अपनाए हुए हैं।
विरोधियों से मिल रही वाहवाही
पिछले दिनों गांधी जयंती के अवसर पर भी उनके बोल टेढ़े रहे थे। तब कांग्रेस नेता हार्दिक पटेल ने ट्वीट कर वरुण गांधी की प्रशंसा की थी। वरुण गांधी ने ट्वीट किया, “भारत हमेशा एक आध्यात्मिक महाशक्ति रहा है लेकिन वह महात्मा गांधी हैं जिन्होंने हमारे देश के आध्यात्मिक आधार को अपने अस्तित्व के माध्यम से व्यक्त किया और हमें एक नैतिक अधिकार दिया जो आज भी हमारी सबसे बड़ी ताकत है। ‘गोडसे जिंदाबाद’ ट्वीट करने वाले देश को गैर-जिम्मेदाराना रूप से शर्मसार कर रहे हैं।”
इसके बाद कांग्रेस नेता हार्दिक पटेल ने रीट्वीट करते हुए कहा, “अपनी पार्टी के कई विचारों के खिलाफ होने के बावजूद नैतिक रूप से सही और राष्ट्रवादी रुख अपनाने के लिए वरुण गांधी का धन्यवाद। मुझे आशा है कि आपके समर्थक और उनका समर्थन करने वाले कुछ नेता आपके बुद्धिमान शब्दों को सुनेंगे। गांधी बापू और उनकी शिक्षाएं भारतीयों के रूप में हर दिन हमारे साथ रहती हैं।”
https://twitter.com/HardikPatel_/status/1444183715014328322?s=20
बोरिया-बिस्तर समेट लें वरुण गांधी
विरोधियों से वाहवाही बटोरकर आखिर वरुण गांधी क्या दर्शाना चाहते है, यह तो वही जानें लेकिन दिन प्रतिदिन उनकी पार्टी विरोधी मानसिकता अब उनके समर्थकों को भी रास नहीं आ रही। वरुण गांधी के हालिया रवैये से पता चलता है कि अब उन्हें भाजपा की जरुरत नहीं है और उन्हें अपनी बोरिया-बिस्तर समेट कर कांग्रेस ज्वाईन कर लेना चाहिए। भाजपा को भी ऐसे पार्टी विरोधी नेताओं पर नकेल कसने की जरुरत है। लखीमपुर मामले में उन्होंने हत्यारे खालिस्तानियों के प्रति सहानुभूति व्यक्त की, उन्हें शहीद का लेबल दे दिया और साथ ही सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में सीबीआई जांच का आह्वान किया। ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि अब समय आ गया है कि भाजपा को अन्य ‘गांधियों’ के साथ अपने जुड़ाव के बारे में फिर से सोचना चाहिए।
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