4 अक्टूबर 2021, सोमवार रात को अचानक से दुनिया भर में फेसबुक और उसके सहायक उद्यम इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप outage के शिकार हो गए अर्थात रुक गए। फेसबुक, इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप पर छह घंटे का आकस्मिक आउटेज कई उपयोगकर्ताओं के लिए सिरदर्द था। लेकिन, सर्वाधिक समस्या उनको हुई जो अपने व्यवसाय चलाने या रिश्तेदारों के साथ संवाद करने के लिए इन सोशल मीडिया साइटों पर निर्भर हैं।
जब सोमवार को फेसबुक, इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप रुक गए तब लोगों को इसकी पहुँच और प्रभाव का एहसास हुआ। उदाहरण के लिए, मोबाइल टाइम सर्वे के अनुसार ब्राजील में “मैसेजिंग सेवा” देश में अब तक का सबसे व्यापक रूप से उपयोग किया जाने वाला ऐप है, जो 99% स्मार्टफोन पर स्थापित है। इसी प्रकार हैती देश के अधिकांश नागरिक भी अपने रोजमरा के काम, आजीविका और यहाँ तक की प्रशासनिक कार्य हेतु भी इन्ही तीनों सोशल मीडिया साइट पर निर्भर है। परंतु, एक समस्या इस आउटेज से भी ज्यादा गंभीर है और वो है हैकिंग कर इन साइट्स पर मौजूद डाटा की चोरी।
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हालांकि, फेसबुक ने कहा है कि रुकावट उसके राउटर में कॉन्फ़िगरेशन परिवर्तन के कारण थी और उपयोगकर्ताओं को चिंता करने की कोई बात नहीं है। ये राउटर डेटा केंद्रों के बीच नेटवर्क ट्रैफ़िक का समन्वय करते हैं, जिसमें गड़बड़ी के कारण संचार बाधित होता है। वेबसाइटों और ऐप्स के लिए आउटेज होना सामान्य है, हालांकि वैश्विक स्तर पर ऐसा होना एक दुर्लभ घटना है।
सोमवार देर रात बड़े पैमाने पर फेसबुक, इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप आउटेज से जूझ रहे लोगों को अचानक पता चला कि 1.5 बिलियन से अधिक यूजर्स की व्यक्तिगत जानकारी डार्क वेब पर बेची जा रही है।
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ट्विटर पर एक स्क्रीनशॉट काफी चर्चित हो रहा था जो डार्क वेब पर 1.5 अरब फेसबुक उपयोगकर्ताओं के व्यक्तिगत डेटा की बिक्री की सूचना दे रहा था। यह एक तरीके से आपकी निजता की sale जैसा था। इसकी खरीद केवल टोर नामक एक विशेष टूल द्वारा की जा सकती थी न की Google जैसे वेब सर्च इंजन द्वारा। पोस्ट में लिखा है, “इस साल डेटाबेस को खत्म कर दिया गया और ईमेल और फोन नंबर भी शामिल किए गए।” अज्ञात हकर्स 1 लाख डेटा के लिए 5000 डॉलर की मांग कर रहे थे और पूरे डाटा के लिए उनकी मांग 50 मिलियन डॉलर की थी। इस डाटा में उपयोगकर्ताओं के दूरभाष संख्या, email id, नाम और पता सहित कई निजी सूचनाएँ भी थी।
6 घंटे का ये outage हमारे समाज के लिए सीख है। सीख अत्यधिक निर्भरता को लेकर, हमारी निजता और गोपनियता के हनन को लेकर। प्रधानमंत्री मोदी ने एक बार कहा था की डाटा नए प्रकार का तेल है। इस पर नियंत्रण एक नयी प्रकार की ताकत देता है। बाज़ार से लेकर राजनीति और राजनीति से लेकर एक आम आदमी के व्यक्तित्व तक को प्रभावित करने की क्षमता रखता है। इस तरह के विवाद Facebook के लिए नए नहीं है। Facebook पर अमेरिका और भारत के आम चुनाव से लेकर अपने उपयोगकर्ताओं की गोपनियता हनन करने तक के आरोप लग चुके है। Facebook पर नेट neutrality के उलंघन का आरोप भी लग चुका है। अतः हमें फेस्बूक पर अपनी निजी जानकारी साझा करने से सजग और सतर्क रहना चाहिए।