जम्मू-कश्मीर में कश्मीरी हिन्दुओं के पलायन का मुद्दा सर्वाधिक सख़्त लहज़े में किसी ने उठाया है, तो वो यकीनन भाजपा ही है। केन्द्र में भाजपा की सरकार होने से निश्चित ही कश्मीर की स्थिति में बड़े सुधार देखे गए हैं लेकिन राज्य की स्थिति अभी भी संतोषजनक नहीं कही जा सकती। हिंदुओं के साथ अभी भी राज्य में आतंकियों का बर्बर रवैया सामने आता रहता है। बाहर से आए हिंदुओं और कश्मीरी हिंदुओं की जान के दुश्मन आतंकी आज भी अपने मंसूबों में प्राथमिक तौर पर कामयाब होते दिख रहे हैं। इसका हालिया नमूना कश्मीरी पंडित माखनलाल बिंद्रू की हत्या है, जिन्हें आतंकियों ने अपना निशाना बनाया। यही इस प्रकरण के अलावा दो अलग-अलग जगहों पर आतंकियों ने दो अन्य लोगों को भी मौत के घाट उतारा है जिसके चलते कश्मीरी हिंदुओं के मन में एक बार फिर से भय व्याप्त होने लगा है।
आतंकियों की पुनः सक्रियता
1990 में विस्थापित हुए हिंदुओं के संबंध में ये धारणा बन गई थी कि उन्हें दोबारा कभी वापस नहीं लाया जा सकेगा। इसके विपरीत केंद्र की मोदी सरकार ने कश्मीरी पंडितों को पुनः कश्मीर में बसाने के प्रयास किए लेकिन आये दिन होने वाली आतंकी घटनाओं के चलते मोदी सरकार का यह प्लान फेल होता दिख रहा है। इसकी वजह ये है कि हाल ही में श्रीनगर के इकबाल पार्क के पास एक मेडिकल शॉप के मालिक कश्मीरी हिंदू माखनलाल बिंद्रू को आतंकियों ने उनकी दुकान में घुस कर मार डाला, जिसे लेकर अब पुनः भय का माहौल बनने लगा है क्योंकि माखनलाल बिंद्रू को एक निडर कश्मीरी हिंदू माना जाता था।
और पढ़ें- अपने ही वतन में दर-दर भटकने वाले कश्मीरी पंडित अब जा सकेंगे अपने घर
राज्य में मशहूर थे माखनलाल बिंद्रू
आतंकियों ने केवल माखनलाल बिंद्रू को ही निशाने पर नहीं लिया, अपितु भागलपुर से आकर भेलपूरी बेचने वाले एक व्यक्ति को भी मार डाला, जो दिखाता है कि आतंकी पुनः राज्य में हिंदुओं के खिलाफ दहशत का माहौल बनाने की तैयारी में लगे हुए हैं। मेडिकल शॉप के मालिक 68 साल के माखनलाल बिंद्रू उन चुनिंदा लोगों मेंसे एक थे, जिन्होंने 90 के दशक में कश्मीरी पंडितों पर हमले के बाद भी कश्मीर नहीं छोड़ा था। श्रीनगर में कई वर्षों से यह बात मशहूर है कि जो दवा कहीं नहीं मिलेगी, माखनलाल बिंद्रू की दुकान पर मिलेगी। लोगों को उन पर इतना भरोसा था कि वे लोग दुकान के आगे घंटों लाइन लगाकर खड़े रहते थे। स्थानीय लोग का मानना था कि बिंद्रू के यहां कभी नकली दवा नहीं मिलेगी। साथ ही उनकी प्रतिष्ठा हिंदू-मुस्लिम, युवाओं और बुजुर्गों में एक समान थी।
Terrible news from Kashmir. Kashmiri Pandit owner of Bindroo Medicate in Iqbal Park, Srinagar – Makhan Lal Bindroo killed by terrorists this evening in Kashmir. This was followed by killing of non-local roadside Bhelpuri vendor in Lalbazar of Srinagar. pic.twitter.com/eS7Ver8yMa
— Aditya Raj Kaul (@AdityaRajKaul) October 5, 2021
कश्मीर में ख़ौफ में हैं हिंदू
मोदी सरकार कश्मीरी पंडितों के पुनर्वास के प्रयास कर रही है, जिससे उन्हें वो सारे हक दिए जा सकें जो कि इस्लामिक कट्टरपंथ की तरफ जा रहे कुछ लोगों की करतूतों के कारण छिन गए थे। राज्य के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा भी अपनी टीम के साथ इन सभी कामों में लगे हुए हैं। ऐसे वक्त में माखनलाल बिंद्रू जैसे मशहूर कश्मीरी हिंदू की मौत होना कुछ महत्वपूर्ण सवाल खड़े करता है कि क्या कश्मीरी पंडित वहां पुनः सुरक्षित रह पाएंगे? यही कारण है कि वो 10 हजार कश्मीरी पंडित जो कि पहले मोदी सरकार की कटिबद्धता को देखते हुए पुनः घाटी में बसने को तैयार थे, वो अब बिंद्रू की मौत से डर के साये में है। उनके मन में खौफ भरा हुआ है जो कि भारत सरकार के प्लान को पूर्णत: विफल कर सकता है।
और पढ़ें- कश्मीरी पंडित बने गृह मंत्री अमित शाह की कश्मीर नीति का अहम हिस्सा
इसमें कोई शक नहीं है कि भारतीय सेना और जम्मू कश्मीर की पुलिस युद्धस्तर पर आतंकियों से निपटने के लिए तत्पर है। इसके बावजूद यदि माखनलाल बिंद्रू जैसे साहसी कश्मीरी पंडितों पर हमले हो रहे हैं, तो यह एक अफ़सोसजनक स्थिति है। ऐसे में यह आवश्यक है कि मोदी सरकार सेना के नेतृत्व में आतंकियों का संपूर्ण सफाया कर के ही राज्य में पुनः कश्मीर पंडितों को बसाने की नीति अपनाए, वरना उन्हें हमेशा डर के साए में ही जीवन यापन करना पड़ेगा।