इन दिनों ड्रग्स के सेवन को लेकर चर्चा जोरों पर है और इसका मूल कारण निस्संदेह बॉलीवुड के चर्चित एक्टर शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान हैं। 2 अक्टूबर को मुंबई के तट से कुछ ही दूरी पर एक क्रूज़ शिप पर हुई रेव पार्टी पर पड़े NCB के छापे में कई लोग ड्रग्स समेत पकड़े गए, जिसमें आर्यन खान भी शामिल थे। उन्हें 7 अक्टूबर तक NCB की हिरासत में रखा गया और अब 8 अन्य आरोपियों के साथ उन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। ड्रग्स का मामला आर्यन खान तक ही सीमित नहीं है। ड्रग्स के परिप्रेक्ष्य में जितना अमेरिका संलिप्त नहीं है, उससे कहीं ज्यादा बुरी स्थिति भारत की है। भारतीयों के हाथ ड्रग्स के कारण खून से सने हुए हैं और इससे उन्हें कोई आपत्ति भी नहीं है! ऐसे में आर्यन खान जैसे लोगों के समर्थन में नहीं, बल्कि उसे जेल भेजने के लिए अभियान चलाना अति आवश्यक है क्योंकि अब समय आ गया है जब सिस्टम और समाज दोनों की सफाई अति आवश्यक है।
ड्रग्स और ड्रग्स के सेवन को उचित ठहराने वालों का मायाजाल
हमारे देश में पाश्चात्य संस्कृति का आधुनिकरण करने की एक बहुत गलत प्रवृत्ति हमारे युवा वर्ग के कुछ लोग में दिखाई देती है और ड्रग्स के विषय में भी हम भारतीय इससे अछूते नहीं है। जैसे अमेरिका के युवाओं में ड्रग्स का सेवन कूल माना जाता है, ठीक उसी भांति भारत में भी ड्रग्स के सेवन को ‘कूल’ माना जा रहा है। शायद इसीलिए आर्यन खान के हिरासत में लिए जाने पर उसकी निन्दा करने की बजाए बड़ी संख्या में लोग उसका समर्थन भी कर रहे हैं। गौर करने वाली बात है कि ये लोग सोशल मीडिया पर ‘#Release_Aryan_Khan’ जैसे अतार्किक और हास्यास्पद ट्रेंड भी कराते हैं, क्योंकि उनके अनुसार आर्यन ने किसी की हत्या नहीं की है और न ही किसी का पैसा लूटा है।
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कुछ तो आर्यन के कृत्यों को उचित ठहराने के लिए अडानी ग्रुप द्वारा संचालित मुंद्रा पोर्ट से पकड़े गए 3000 करोड़ के ड्रग्स की खेप का हास्यास्पद तर्क देते हैं। उनके अनुसार आर्यन खान ड्रग्स ले तो उचित है, परंतु अगर मुंद्रा पोर्ट पर ड्रग्स पकड़े गए तो उसके लिए देश के हर प्रशासक को जेल में फेंक देना चाहिए। ऐसे लोगों को ये भी समझना चाहिए कि मुंद्रा पोर्ट से जो ड्रग्स बरामद हुआ उसे सरकारी अधिकारियों ने ही पकड़ा था और वह एक तरह से ड्रग्स सिंडिकेट चलाने वाले माफियाओं के लिए वार्निंग भी थी। लेकिन ट्रेंडजीवियों के तर्क का लेवल ही अलग है। विश्वास नहीं होता तो Rocky and Mayur (@rockyandmayur) नामक इन फूड ब्लॉगरों के ट्वीट देखिए-
अब इससे किसे लाभ होगा? निश्चित ही इससे उन लोगों को अधिक लाभ होगा, जो ड्रग्स के बल पर भारत को निशाना बनाना चाहते हैं। ड्रग्स का नेटवर्क अपने आप में काफी जटिल है और ऐसे में इस प्रकार के अभियान ड्रग माफिया के काम को आसान और सरल बनाते हैं। चाहे समुद्री मार्ग हो, राजस्थान के रेगिस्तानी मार्ग हो या फिर कश्मीर के पहाड़ी मार्ग, ड्रग्स को भारत में लाने के लिए तस्कर अनेक प्रकार की युक्तियां अपनाते हैं। ‘फोर्स’ और ‘दम मारो दम’ जैसी फिल्मों में कुछ समय के लिए ही सही पर इस मसले पर प्रकाश अवश्य डाला गया था।
ड्रग्स विरोधी अभियान से दूर हैं ड्रग्स के विरुद्ध फिल्म करने वाले एक्टर्स
अभी मुंद्रा पोर्ट पर जो 3000 करोड़ के ड्रग्स की खेप पकड़ी गई है, उसकी विशेष जांच के लिए NIA ने कमान संभाली है और हिरासत में लिए गए आरोपियों के विरुद्ध UAPA के अंतर्गत कार्रवाई की बात कही गई है। लेकिन ये कार्रवाई पर्याप्त नहीं होगी, यदि हम सामाजिक स्तर पर ड्रग्स के विरुद्ध एक व्यापक अभियान नहीं चला पाए। ‘उड़ता पंजाब’ कहने को 2016 में रिलीज़ हुई थी लेकिन इसका क्या असर हुआ? इससे संबंधित एक भी कलाकार का ड्रग्स विरोधी अभियान से अब दूर-दूर तक कोई नाता नहीं है। इससे इतर जब पिछले वर्ष रिया चक्रवर्ती हिरासत में ली गई थी, तो अप्रत्यक्ष तौर पर करीना कपूर खान उसका समर्थन करते पाई गई थी। करीना ने ‘I Stand_with_Rhea’ अभियान में इस कदर हिस्सा लिया था, जैसे रिया च्रकवर्ती कोई क्रांतिकारी हो।
सच्चाई तो यह है कि जब तक आर्यन खान जैसे लोगों के विरुद्ध कठोरतम कार्रवाई नहीं की जाती, जब तक उसे सख्त से सख्त दंड नहीं दिया जाता, तब तक ड्रग्स के विरुद्ध भारत की लड़ाई सफल नहीं हो सकती। भारतीयों के हाथ अमेरिकियों से अधिक ड्रग्स और उससे जुड़े अपराधों से सने हुए हैं और अब समय है समाज के शुद्धिकरण का।