TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    नायब सैनी ने लापरवाही के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है

    हरियाणा में खेल विभाग के सचिव-निदेशक का तबादला: लापरवाही को लेकर नायब सरकार का बड़ा एक्शन

    बिहार के बाजीगरों के जरिये पश्चिम बंगाल फतह का ताना-बाना बुन रही भाजपा

    बिहार के बाजीगरों के जरिये पश्चिम बंगाल फतह का ताना-बाना बुन रही भाजपा

    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    शशि थरूर पीएम की तारीफ कर अपनी ही पार्टी के अंदर निशाने पर आ गए हैं

    कांग्रेस का नया नियम यही है कि चाहे कुछ भी हो जाए पीएम मोदी/बीजेपी का हर क़ीमत पर विरोध ही करना है?

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    खनन क्षेत्र में बेहतरीन काम के लिए केंद्र सरकार ने धामी सरकार की तारीफ की

    खनन सुधारों में फिर नंबर वन बना उत्तराखंड, बेहतरीन काम के लिए धामी सरकार को केंद्र सरकार से मिली 100 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    शिप बेस्ड ISBM लॉन्च के पाकिस्तान के दावे में कितना दम है

    पाकिस्तान जिस SMASH मिसाइल को बता रहा है ‘विक्रांत किलर’, उसकी सच्चाई क्या है ?

    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    जैवलिन मिसाइल

    अमेरिका ने भारत को बताया “मेजर डिफेंस पार्टनर”, जैवलिन मिसाइल समेत बड़े डिफेंस पैकेज को दी मंजूरी, पटरी पर लौट रहे हैं रिश्ते ?

    बांग्लादेश और भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की मुलाकात

    ‘हसीना’ संकट के बीच NSA अजित डोभाल की बांग्लादेश के NSA से मुलाकात के मायने क्या हैं?

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    राजा महेंद्र प्रताप सिंह

    राजा महेंद्र प्रताप सिंह: आजादी की लड़ाई का योद्धा, जिसने काबुल में बनाई थी स्वतंत्र भारत की पहली निर्वासित सरकार

    बी.एन राउ का संविधान निर्माण में बड़ा योगदान है

    क्या बेनेगल नरसिंह राउ थे संविधान के असली निर्माता ? इतिहास ने उनके योगदान को क्यों भुला दिया ?

    26 नवंबर भारतीय संविधान दिवस

    संविधान दिवस: भारतीय चिंतन परंपरा की दृष्टि से संविधान 

    Fate’s Play: Cultural Games That Echo Ancient Tales of Luck

    Fate’s Play: Cultural Games That Echo Ancient Tales of Luck

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    शोले फिल्म में पानी की टंकी पर चढ़े धर्मेंद्र

    बॉलीवुड का ही-मैन- जिसने रुलाया भी, हंसाया भी: धर्मेंद्र के सिने सफर की 10 नायाब फिल्में

    नीतीश कुमार

    जेडी(यू) के ख़िलाफ़ एंटी इन्कंबेसी क्यों नहीं होती? बिहार में क्यों X फैक्टर बने हुए हैं नीतीश कुमार?

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    नायब सैनी ने लापरवाही के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है

    हरियाणा में खेल विभाग के सचिव-निदेशक का तबादला: लापरवाही को लेकर नायब सरकार का बड़ा एक्शन

    बिहार के बाजीगरों के जरिये पश्चिम बंगाल फतह का ताना-बाना बुन रही भाजपा

    बिहार के बाजीगरों के जरिये पश्चिम बंगाल फतह का ताना-बाना बुन रही भाजपा

    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    शशि थरूर पीएम की तारीफ कर अपनी ही पार्टी के अंदर निशाने पर आ गए हैं

    कांग्रेस का नया नियम यही है कि चाहे कुछ भी हो जाए पीएम मोदी/बीजेपी का हर क़ीमत पर विरोध ही करना है?

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    खनन क्षेत्र में बेहतरीन काम के लिए केंद्र सरकार ने धामी सरकार की तारीफ की

    खनन सुधारों में फिर नंबर वन बना उत्तराखंड, बेहतरीन काम के लिए धामी सरकार को केंद्र सरकार से मिली 100 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    शिप बेस्ड ISBM लॉन्च के पाकिस्तान के दावे में कितना दम है

    पाकिस्तान जिस SMASH मिसाइल को बता रहा है ‘विक्रांत किलर’, उसकी सच्चाई क्या है ?

    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    जैवलिन मिसाइल

    अमेरिका ने भारत को बताया “मेजर डिफेंस पार्टनर”, जैवलिन मिसाइल समेत बड़े डिफेंस पैकेज को दी मंजूरी, पटरी पर लौट रहे हैं रिश्ते ?

    बांग्लादेश और भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की मुलाकात

    ‘हसीना’ संकट के बीच NSA अजित डोभाल की बांग्लादेश के NSA से मुलाकात के मायने क्या हैं?

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    राजा महेंद्र प्रताप सिंह

    राजा महेंद्र प्रताप सिंह: आजादी की लड़ाई का योद्धा, जिसने काबुल में बनाई थी स्वतंत्र भारत की पहली निर्वासित सरकार

    बी.एन राउ का संविधान निर्माण में बड़ा योगदान है

    क्या बेनेगल नरसिंह राउ थे संविधान के असली निर्माता ? इतिहास ने उनके योगदान को क्यों भुला दिया ?

    26 नवंबर भारतीय संविधान दिवस

    संविधान दिवस: भारतीय चिंतन परंपरा की दृष्टि से संविधान 

    Fate’s Play: Cultural Games That Echo Ancient Tales of Luck

    Fate’s Play: Cultural Games That Echo Ancient Tales of Luck

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    शोले फिल्म में पानी की टंकी पर चढ़े धर्मेंद्र

    बॉलीवुड का ही-मैन- जिसने रुलाया भी, हंसाया भी: धर्मेंद्र के सिने सफर की 10 नायाब फिल्में

    नीतीश कुमार

    जेडी(यू) के ख़िलाफ़ एंटी इन्कंबेसी क्यों नहीं होती? बिहार में क्यों X फैक्टर बने हुए हैं नीतीश कुमार?

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

सिंधु जल संधि : नेहरूवादी युग की एक और ‘भूल’ जिसका प्रायश्चित अवश्यंभावी है

नेहरु की अदूरदर्शिता का दंश आज तक झेल रहा भारत!

Aniket Raj द्वारा Aniket Raj
19 October 2021
in चर्चित
सिंधु जल संधि

Source- Google

Share on FacebookShare on X

जम्मू-कश्मीर में भारतीय सेना पर लगातार हो रहे आतंकवादी हमलों के कारण भारत और पाकिस्तान के संबंध काफी पहले से ही कुछ ठीक नहीं हैं। पठानकोट, उरी, जम्मू-कश्मीर में छद्म युद्ध और अफगानिस्तान प्रकरण ने ये साबित कर दिया है कि आतंकवाद और इस्लामिक कट्टरपंथ, पाकिस्तानी शासन और उसकी सेना के रणनीतिक साझेदार है l  इस गठजोड़ का आधार शुरु से ही इस्लामिक भाईचारा, गज़वा-ए-हिन्द तो कभी भारत दुराग्रह रहा है और इसके खत्म होने का स्वप्न भी एक कपोल कल्पना मात्र है। पाकिस्तानी अधिकारियों की ओर से काफी पहले से ही ऐसी बातों को नकारा जाता रहा है लेकिन इन सारे प्रकरणों, घटनाओं और पाक गतिविधियों को देखते हुए भारत में अब सिंधु जल संधि (Indus Water Treaty) को एकतरफा निरस्त करने की मांग होने लगी है। इस संधि के तहत ही 1960 से भारत और पाकिस्तान द्वारा सिंधु नदी और उसकी सहायक नदियों के पानी के उपयोग को नियंत्रित किया गया है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उरी हमलों के बाद इस मसले पर सलाहकारों के साथ बैठक की थी, जिसमें इस बात पर चर्चा हुई थी कि क्या भारत, पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पर दबाव बनाने के लिए सिंधु नदी प्रणाली पर अपनी अपस्ट्रीम स्थिति का उपयोग कर सकता है। हालांकि, भारत सरकार ने अभी तक संधि को निरस्त नहीं किया है लेकिन पाक की कमर तोड़ने के लिए मोदी सरकार ने सिंधु नदी के पानी का पूरा उपयोग करने का फैसला लिया है। मौजूदा समय में सरकार का यह फैसला तो सही लग रहा है लेकिन इस बात पर भी गौर करना जरुरी है कि पानी के बहाव को रोकना एक अल्पकालिक विकल्प है और बांध निर्माण पूर्णकालिक, ऐसे में सरकार को जल्द ही कुछ बड़ा करना होगा।

संबंधितपोस्ट

80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

संघ के 100 वर्ष: डॉ. हेडगेवार को भारत रत्न से सम्मानित कर शताब्दी समारोह को ख़ास बनाएगी मोदी सरकार ?

सिंधु जल समझौता: नेहरू का शांति-दांव नहीं, भारत का दूसरा विभाजन!

और लोड करें

और पढ़े- ‘Congress जैसा मूर्ख कोई नहीं’, BCG टीकाकरण नेहरु ने शुरु की थी लेकिन क्रेडिट नहीं ले पा रहे कांग्रेसी

क्या है सिंधु जल संधि?

सिंधु जल संधि (Indus Water Treaty) एक विचित्रता है। संधि की प्रमुख विशेषता यह है कि दोनों देशों ने सिंधु बेसिन की नदियों को पानी की मात्रा के बजाय स्थान के अनुसार विभाजित किया है। भारत पूर्वी नदियां, रावी, सतलुज और ब्यास से पानी खींचता है, जबकि पाकिस्तान पश्चिमी नदियां, सिंधु, झेलम और चिनाब का उपयोग करता है। सिंधु जल संधि में अपवाद यह है कि भारत के पास पश्चिमी नदियों पर जलविद्युत परियोजनाएं बनाने और अपने आधे कश्मीर में पानी का मामूली उपयोग करने का अधिकार सुरक्षित है। यह एक समझौता सूत्र है जिसे भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और पाकिस्तान के पहले सैन्य तानाशाह मोहम्मद अयूब ख़ान ने विश्व बैंक की मदद से साल 1960 में बनाया था।

क्यों विवादास्पद है सिंधु जल संधि?

भारत और पाकिस्तान दोनों ही देशों को पानी की जरूरत है। दोनों ही देशों में बड़े कृषि क्षेत्र हैं जो फसलों की सिंचाई के लिए नदी के पानी पर निर्भर हैं। पानी के लिए प्रतिस्पर्धा शायद ही आश्चर्यजनक है लेकिन ट्रांसबाउंड्री नदियां अंतरराष्ट्रीय राजनीति की एक सामान्य विशेषता है, जैसे अमेरिका और मैक्सिको ‘कोलोराडो और रियो ग्रांडे’ को साझा करते हैं, तो वहीं मिस्र, सूडान, इथियोपिया और उनके कई पड़ोसी देश नील नदी की पानी को साझा करते हैं। भारत और पाकिस्तान के संदर्भ में भी स्थिति कुछ वैसी ही है। वास्तव में सिंधु विवाद केवल पानी के बारे में नहीं है। इसकी व्याख्या करने के लिए हमें इसके इतिहास को कुरेदना अति आवश्यक है।

और पढ़े- जब देव आनंद ने नेहरू से पूछा – ‘क्या तुमने सच में एडविना को घायल कर दिया है?’

दरअसल, यह विवाद 1947 में भारत से पाकिस्तान के दर्दनाक विभाजन की विरासत है। अंग्रेजों ने अपने शासन के धराशायी होने के साथ ही इस संयुक्त उपनिवेश को दो उत्तराधिकारी राज्यों में विभाजित कर दिया। पाकिस्तान का इरादा दक्षिण एशियाई मुसलमानों के लिए एक अलग पृष्ठभूमि तैयार करना था, जबकि भारत स्पष्ट रूप से धर्मनिरपेक्ष था।

इस प्रक्रिया में पंजाब का उत्तर पश्चिमी प्रांत दोनों देशों के बीच विभाजित हो गया। भ्रमित विभाजन प्रक्रिया में पानी के बारे में सोचने के लिए बहुत कम समय था इसलिए पूर्वी और पश्चिमी पंजाब के सिंचाई इंजीनियरों ने भारत के बांधों से पाकिस्तान के नहरों तक पानी की आपूर्ति की और मौजूदा व्यवस्था को बनाए रखने के लिए एक तदर्थ समझौता किया। जब 1948 में यह समझौता समाप्त हो गया तो पूर्वी पंजाब के सिंचाई विभाग ने गर्मी के मौसम की शुरुआत में ही पानी की आपूर्ति बंद कर दी।पाकिस्तानी इस बात से हैरान थे, संभावित सूखे को लेकर पाकिस्तानी नेताओं ने अपनी निचली स्थिति के बारे में असुरक्षा की गहरी भावना प्रकट की थी।

लेकिन असुरक्षा तो सिंधु विवाद के प्रमुख जटिल कारक कश्मीर की जड़ में है। झेलम और चिनाब, ये दोनों नदियां भारतीय प्रशासित कश्मीर से होकर बहती हैं। साल 1951 में पाकिस्तानी सरकार की एक विज्ञप्ति में दावा किया गया था की कश्मीर की नदियों का पानी पश्चिमी पाकिस्तान की जीवनदायिनी है। पाकिस्तानी प्रशासक परेशान थे क्योंकि यह नदियां हिंदू-बहुल जम्मू के दिल से होकर गुजरती है। जल संधि की चर्चाओं ने अंततः कश्मीरी राजनीतिक मुद्दों को यह मानते हुए दरकिनार कर दिया कि पानी पर अधिकार कश्मीर में क्षेत्र पर अधिकार के अन्तर्गत नहीं आता। नेहरू ने सिंधु जल संधि (Indus Water Treaty) पर हस्ताक्षर कर पाक के साथ संबंध सुधारने की कोशिश की लेकिन कश्मीर पर तनाव कम करने के लिए कुछ नहीं किया। साल 1962 में पाकिस्तान के तत्कालीन सूचना मंत्री जुल्फिकार अली भुट्टो ने हैदराबाद में बताया कि पाकिस्तान का संघर्ष कश्मीर-सिंधु समाधान के बिना कभी पूरा नहीं हो सकता क्योंकि कश्मीर, पाकिस्तान के पानी का स्रोत है।

और पढ़ें:  Fab India का ‘Jashn-e-Riwaz’ कैंपेन औंधे मुंह गिरा, जमकर मिली लताड़

नेहरू का निजी स्वार्थ और अदूरदर्शिता

दूसरी ओर इस बात पर भी ध्यान देना जरुरी है कि यदि नेहरू के पास दूरदृष्टि होती तो भारत-पाकिस्तान के संबंध मधुर और मैत्रीपूर्ण हो सकते थे। एक संधि के अभाव में पाकिस्तानी राजनयिकों ने यह सुनिश्चित करने के लिए साउथ ब्लॉक का बार-बार दौरा किया कि भारत सरकार का उनके प्रति झुकाव बना रहे और उनके बेसिन के हिस्से में सिंधु जल के प्रवाह को कम करने का कोई खतरा न हो। पाकिस्तान और विश्व बैंक के साथ सिंधु जल वार्ता में 1951 से 1960 तक भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले व्यक्ति निरंजन डी. गुलाटी थे, जो एक कुशल सिंचाई इंजीनियर थे। उन्होंने कहा था, “वास्तविक समस्या इस तथ्य से उत्पन्न हुई कि सिंधु नहरों द्वारा सालाना सिंचित 26 मिलियन एकड़ भूमि में से विभाजन के कारण पाकिस्तान को 21 मिलियन एकड़ और भारत को केवल 5 मिलियन एकड़ जमीन मिली। सिंधु के मैदानों के भीतर 1945-46 में सिंचित क्षेत्र पाकिस्तान में 19.5 मिलियन एकड़ और भारत में केवल 3.8 मिलियन एकड़ था। सर्वाधिक विकसित नहर प्रणाली, प्रसिद्ध नहर उपनिवेश, पंजाब के अन्न भंडार, पश्चिमी पंजाब में थे। 1941 की जनगणना के अनुसार सिंधु प्रणाली के पानी पर निर्भर जनसंख्या पाकिस्तान में 25 मिलियन और भारत में 21 मिलियन थी। नई थोपी गई राजनीतिक सीमा ने न केवल भारत में 21 मिलियन के लिए खाद्य आपूर्ति लाइन को बाधित कर दिया, बल्कि नदी प्रणाली की हाइड्रोलॉजिकल एकता को भी तोड़ दिया और साथ ही सिंधु बेसिन के भारतीय भाग में कई मिलियन एकड़ अत्यधिक शुष्क लेकिन उपजाऊ भूमि के विकास के लिए एक गंभीर बाधा उत्पन्न कर दी। संधि के तहत सिंधु मैदान के भारतीय हिस्से में केवल 5.9 मिलियन एकड़ में नहर सिंचाई प्रदान की गई थी, जबकि पाकिस्तान में 28 मिलियन एकड़ जमीन पर…।”

और पढ़े- पीएम मोदी का ऐलान, करेंगे पाकिस्तान के पानी पर सर्जिकल स्ट्राइक

उल्लेखनीय बात यह है सिंधु की चार सहायक नदियां भारत से निकलती हैं, जबकि पांचवीं नदी ‘सतलुज’ भारत से होकर बहती है। सिंधु नदी स्वयं भारत में लद्दाख को पार करती है। इस विवरण से स्पष्ट है कि कश्मीर का भूगोल हमारे देश के लिए रणनीतिक रूप से कितना महत्वपूर्ण है। संक्षेप में कहें तो हम अपने पड़ोसी देश को अपनी उंगलियों पर नचा सकते थे। हम एक बहुत बड़े राष्ट्र हैं और पाकिस्तान को आश्वासन दे सकते थे कि हम उसे पर्याप्त पानी देंगे, बशर्ते वो एक सामान्य राष्ट्र की तरह व्यवहार करे। ऐसे में 9 सालों तक वार्ताकारों की भूमिका निभाने वाले विश्व बैंक के अधिकारियों की उपस्थिति में एख लिखित संधि की तो बिल्कुल भी आवश्यकता नहीं थी। यदि कश्मीर एक गलती थी तो सिंधु जल संधि एक बड़ी भूल। नेहरू के कश्मीर कदम का उद्देश्य शेख अब्दुल्ला को उपकृत करना था तो सिंधु जल संधि के माध्यम से खुद को एक उदारवादी अंतरराष्ट्रीय नेता साबित करने का प्रयास, जिसके कारण उन्होंने राष्ट्रहित को भी ताक पर रख दिया।

निष्कर्ष

सिंधु जल के लिए लिखित संधि की कोई आवश्यकता नहीं थी। दुर्भाग्य से ऐसा प्रतीत होता है कि नेहरू की प्राथमिकता उनके राष्ट्रीय कर्तव्य के बजाय उनका अंतरराष्ट्रीय कद था। नेहरू के स्वार्थ और राजनीतिक लोभ का दंश देश आज तक झेल रहा है। इस घाव की पीड़ा तब और बढ़ जाती है जब पाक हमें हजारों जख्म देता है, चीन हम पर धौस दिखाने के लिए ब्रह्मपुत्र का बहाव रोकने की धमकी देता है और हम लाचार होकर कुछ नहीं कर पाते। स्वयं सोचिए, जिस सिंधु की पांच सहायक नदियां भारत से गुजरती हो, उस सिंधु पर भारत का सिर्फ 19 प्रतिशत अधिकार है। ऐसे में अब मोदी सरकार को 370 की तरह नेहरू की इस गलती को सुधारते हुए पाकिस्तान की कमर तोड़ने के लिए सिंधु जल संधि पर भी जल्द से जल्द बड़ा फैसला लेना चाहिए।

Tags: नेहरुमोदी सरकारसिंधु जल संधि
शेयरट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

भारत ने बांग्लादेश को चेतावनी दी और अचानक बांग्लादेश के सुर बदल गए

अगली पोस्ट

‘सरदार पटेल जिन्ना की तरह थे,’ गांधी परिवार की वफादारी के लिए कांग्रेस नेताओं का नया शिगूफ़ा

संबंधित पोस्ट

राजा महेंद्र प्रताप सिंह
इतिहास

राजा महेंद्र प्रताप सिंह: आजादी की लड़ाई का योद्धा, जिसने काबुल में बनाई थी स्वतंत्र भारत की पहली निर्वासित सरकार

1 December 2025

"हमारी आज़ादी के आंदोलन में कई महान व्यक्तित्वों ने अपना सबकुछ खपा दिया. लेकिन यह देश का दुर्भाग्य रहा है कि आज़ादी के बाद ऐसे...

चक्रवात दित्वाह ने श्रीलंका में भारी तबाही मचाई है
चर्चित

चक्रवात ‘दित्वाह’ से लड़ रहे श्री लंका की मदद को भारत ने बढ़ाया हाथ, ऑपरेशन ‘सागर बंधु’ ने बताया भारत क्यों है सबसे ‘भरोसेमंद’ पड़ोसी

29 November 2025

श्री लंका वक्त, बीते कुछ वर्षों की सबसे बड़ी और खतरनाक प्राकृतिक आपदाओं में से एक का सामना कर रहा है। चक्रवात दित्वाह ने वहां...

शोले फिल्म में पानी की टंकी पर चढ़े धर्मेंद्र
चर्चित

बॉलीवुड का ही-मैन- जिसने रुलाया भी, हंसाया भी: धर्मेंद्र के सिने सफर की 10 नायाब फिल्में

24 November 2025

सोमवार की शुरुआत सिने जगत के लिए एक दुखद ख़बर के साथ हुई। बॉलीवुड का ही-मैन, धर्मेंद्र 89 साल की उम्र में मुंबई में इस...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

‘Mad Dog’ The EX CIA Who Took Down Pakistan’s A.Q. Khan Nuclear Mafia Reveals Shocking Details

‘Mad Dog’ The EX CIA Who Took Down Pakistan’s A.Q. Khan Nuclear Mafia Reveals Shocking Details

00:06:59

Dhurandar: When a Film’s Reality Shakes the Left’s Comfortable Myths

00:06:56

Tejas Under Fire — The Truth Behind the Crash, the Propaganda, and the Facts

00:07:45

Why Rahul Gandhi’s US Outreach Directs to a Web of Shadow Controversial Islamist Networks?

00:08:04

How Javelin Missiles Will Enhance India’s Anti-Tank Dominance?

00:06:47
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited