NDTV और नैतिकता? चौंक गए न? कुछ ऐसा ही हुआ जब NDTV ने अपने ही वेबसाईट पर CNN के चर्चित एंकर क्रिस कुओमो को यौन सम्बन्ध में आरोपी पूर्व राज्यपाल एंड्रू कुओमो की सहायता के पीछे निलंबित करने को कवर भी किया, और उसे आड़े हाथ लेने का भी प्रयास किया। लेकिन जिसका अपना ही सिक्का खोटा ही नहीं, काला हो, वो भला कब से नैतिकता पर ज्ञान देने लग गया? NDTV से नैतिकता की आशा करना वैसा ही है, जैसा राहुल गांधी से व्यवहारिकता की आशा करना, कासिम रिज़वी से पंथनिरपेक्षता की आशा करना और ममता बनर्जी से शिष्टाचार की आशा करना परन्तु नया क्या है?
कुकृत्यों के बचाव पर निलंबन तो बनता है!
असल में अभी हाल ही में, अमेरिका का NDTV माने जाने वाले CNN ने अपने चर्चित पत्रकार क्रिस कुओमो को अनिश्चितकाल के लिए सस्पेंड कर दिया, क्योंकि उसने यौन शोषण के आरोप में नामजद अपने भाई और न्यू यॉर्क प्रांत के पूर्व राज्यपाल एंड्रू कुओमो को कारर्वाई से बचाने में सहयोग करने का प्रयास किया था। साफ़ शब्दों में कहे थे, तो क्रिस कुओमो को इसलिए निलंबित किया गया क्योंकि वह अपने भाई के कुकृत्यों का बचाव कर रहा था। तो इसका NDTV के आचरण से क्या वास्ता? असल में NDTV ने इसपर लेख लिखा और हेडलाइन भी ऐसे डाली मानो वह क्रिस कुओमो को उसके कृत्यों के लिए आड़े हाथों ले रही हो- हैं? अच्छा? सच्ची?
रवीश कुमार पाण्डेय फिर क्या है आपके लिए? NDTV, “जिनके खुद के घर शीशे के हों, वो दूसरों पर पत्थर नहीं फेंका करते!” ये वही NDTV है, जिनके स्टार पत्रकार ने सरेआम एक दंगाई की रक्षा के लिए एक आम नागरिक की जान को खतरे में डाला और स्वयं जिसके भाई यौन शोषण से भी घृणित आरोप में न केवल घिरे हैं, अपितु गिरफ्तारी से बचने के लिए कोर्ट के चक्कर भी काट रहे हैं। जानते हैं क्या है वो आरोप? वेश्व्यवृत्ति, यानी मानव तस्करी और ऐसे व्यक्ति के भाई को न सिर्फ NDTV अपने चैनल में नियुक्त किये हुए है, अपितु उसके नाम पर नैतिकता की TRP भी बटोरता है।
अब रवीश कुमार का नंबर है!
लेकिन रवीश कुमार का यह भाई है कौन? 2017 में एक अनुसूचित जाति की पीड़िता ने बिहार में बृजेश कुमार पाण्डेय और निखिल प्रियदर्शी के विरुद्ध यौन शोषण और वेश्यावृत्ति में धकेलने के आरोप लगाए। निखिल को तुरंत हिरासत में
ले लिया गया जबकि बृजेश कुमार को अपनी रिहाई हेतु विभिन्न न्यायालयों के चक्कर लगाने पड़े। इन्हें न केवल
राजनीतिक संरक्षण मिला बल्कि कांग्रेस पार्टी की ओर से 2020 के विधानसभा चुनाव का टिकट भी मिला।
सत्य कहें तो NDTV का महिला सशक्तिकरण पर ज्ञान देना वैसा ही प्रतीत होता है, जैसा चीन का लोकतंत्र पर संयुक्त
राष्ट्र में उपदेश देना या फिर पाकिस्तान का धार्मिक समानता पर व्याख्यान देना। जिस पत्रकार को सलाखों के पीछे होना चाहिए, वो प्राइम टाइम पर अब भी अनर्गल प्रलाप करता रहता है। लेकिन अब समय आ गया है, जब हम सभी
को NDTV को यह कहने पर विवश कर दें कि ‘ए रवीश, पहली फुर्सत में निकल!’