TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    तख़्तापलट से अंतरिम सत्ता तक: नेपाल में सुशीला कार्की का उदय और भारत की प्रतिक्रिया

    तख़्तापलट से अंतरिम सत्ता तक: नेपाल में सुशीला कार्की का उदय और भारत की प्रतिक्रिया

    ‘जंगलराज’ की दास्तान और कृष्णैया हत्याकांड: बिहार का स्याह सच

    ‘जंगलराज’ की दास्तान और कृष्णैया हत्याकांड: बिहार का स्याह सच

    ‘इतिहास’ का अनुवाद ‘हिस्ट्री’ नहीं होता

    ‘इतिहास’ का अनुवाद ‘हिस्ट्री’ नहीं होता

    बिहार चुनाव से पहले कांग्रेस का आत्मघाती दांव

    बिहार चुनाव से पहले कांग्रेस का आत्मघाती दांव

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे: मोदी की रणनीति, अमेरिका की बेचैनी और भारत का संतुलन

    अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे: मोदी की रणनीति, अमेरिका की बेचैनी और भारत का संतुलन

    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    हिमाचल में वेतन कटौती का संकट: सरकार की नीतियां और जनता की तकलीफ़

    हिमाचल में वेतन कटौती का संकट: सरकार की नीतियां और जनता की तकलीफ़

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    बैटल ऑफ सारागढ़ी

    बैटल ऑफ सारागढ़ी: दुनिया का सबसे बेहतरीन लास्ट स्टैंड- जिसमें 21 जवान शहीद हुए थे, लेकिन पहचान सिर्फ 20 सिख जवानों को ही क्यों मिली ?

    गुरुग्राम से हिंद महासागर तक: आईएनएस अरावली की दास्तान

    गुरुग्राम से हिंद महासागर तक: आईएनएस अरावली की दास्तान

    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    भारत की सेना होगी और भी धारदार, थिएटर कमांड से घटेगा युद्ध का रिस्पॉन्स टाइम

    भारत की सेना होगी और भी धारदार, थिएटर कमांड से घटेगा युद्ध का रिस्पॉन्स टाइम

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    गुरुग्राम से हिंद महासागर तक: आईएनएस अरावली की दास्तान

    गुरुग्राम से हिंद महासागर तक: आईएनएस अरावली की दास्तान

    नेपाल और विदेशी साज़िश: भारत विरोधी नैरेटिव का सच

    नेपाल और विदेशी साज़िश: भारत विरोधी नैरेटिव का सच

    अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे: मोदी की रणनीति, अमेरिका की बेचैनी और भारत का संतुलन

    अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे: मोदी की रणनीति, अमेरिका की बेचैनी और भारत का संतुलन

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    बैटल ऑफ सारागढ़ी

    बैटल ऑफ सारागढ़ी: दुनिया का सबसे बेहतरीन लास्ट स्टैंड- जिसमें 21 जवान शहीद हुए थे, लेकिन पहचान सिर्फ 20 सिख जवानों को ही क्यों मिली ?

    ‘इतिहास’ का अनुवाद ‘हिस्ट्री’ नहीं होता

    ‘इतिहास’ का अनुवाद ‘हिस्ट्री’ नहीं होता

    प्रशांत पोळ की ‘खजाने की शोधयात्रा’ पुस्तक में छिपे ‘भारतीय ज्ञान परंपरा’ के अनमोल रत्न

    प्रशांत पोळ की ‘खजाने की शोधयात्रा’ पुस्तक में छिपे ‘भारतीय ज्ञान परंपरा’ के अनमोल रत्न

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    “रक्षा साझेदारी की नई उड़ान: भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57, रूस ने दिखाया भरोसा”

    भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57 ! अमेरिका से तनाव के बीच रूस से आई ये खबर इतनी महत्वपूर्ण क्यों है?

    “सेमीकॉन इंडिया 2025 में बोले पीएम मोदी, इनोवेशन और निवेश से भारत बनेगा टेक्नोलॉजी सुपरपावर

    “सेमीकॉन इंडिया 2025 में बोले पीएम मोदी, इनोवेशन और निवेश से भारत बनेगा टेक्नोलॉजी सुपरपावर

    भविष्य की झलक: पीएम मोदी ने की टोक्यो से सेंदाई तक बुलेट ट्रेन की सवारी

    भविष्य की झलक: पीएम मोदी ने की टोक्यो से सेंदाई तक बुलेट ट्रेन की सवारी

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    तख़्तापलट से अंतरिम सत्ता तक: नेपाल में सुशीला कार्की का उदय और भारत की प्रतिक्रिया

    तख़्तापलट से अंतरिम सत्ता तक: नेपाल में सुशीला कार्की का उदय और भारत की प्रतिक्रिया

    ‘जंगलराज’ की दास्तान और कृष्णैया हत्याकांड: बिहार का स्याह सच

    ‘जंगलराज’ की दास्तान और कृष्णैया हत्याकांड: बिहार का स्याह सच

    ‘इतिहास’ का अनुवाद ‘हिस्ट्री’ नहीं होता

    ‘इतिहास’ का अनुवाद ‘हिस्ट्री’ नहीं होता

    बिहार चुनाव से पहले कांग्रेस का आत्मघाती दांव

    बिहार चुनाव से पहले कांग्रेस का आत्मघाती दांव

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे: मोदी की रणनीति, अमेरिका की बेचैनी और भारत का संतुलन

    अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे: मोदी की रणनीति, अमेरिका की बेचैनी और भारत का संतुलन

    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    हिमाचल में वेतन कटौती का संकट: सरकार की नीतियां और जनता की तकलीफ़

    हिमाचल में वेतन कटौती का संकट: सरकार की नीतियां और जनता की तकलीफ़

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    बैटल ऑफ सारागढ़ी

    बैटल ऑफ सारागढ़ी: दुनिया का सबसे बेहतरीन लास्ट स्टैंड- जिसमें 21 जवान शहीद हुए थे, लेकिन पहचान सिर्फ 20 सिख जवानों को ही क्यों मिली ?

    गुरुग्राम से हिंद महासागर तक: आईएनएस अरावली की दास्तान

    गुरुग्राम से हिंद महासागर तक: आईएनएस अरावली की दास्तान

    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    भारत की सेना होगी और भी धारदार, थिएटर कमांड से घटेगा युद्ध का रिस्पॉन्स टाइम

    भारत की सेना होगी और भी धारदार, थिएटर कमांड से घटेगा युद्ध का रिस्पॉन्स टाइम

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    गुरुग्राम से हिंद महासागर तक: आईएनएस अरावली की दास्तान

    गुरुग्राम से हिंद महासागर तक: आईएनएस अरावली की दास्तान

    नेपाल और विदेशी साज़िश: भारत विरोधी नैरेटिव का सच

    नेपाल और विदेशी साज़िश: भारत विरोधी नैरेटिव का सच

    अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे: मोदी की रणनीति, अमेरिका की बेचैनी और भारत का संतुलन

    अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे: मोदी की रणनीति, अमेरिका की बेचैनी और भारत का संतुलन

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    बैटल ऑफ सारागढ़ी

    बैटल ऑफ सारागढ़ी: दुनिया का सबसे बेहतरीन लास्ट स्टैंड- जिसमें 21 जवान शहीद हुए थे, लेकिन पहचान सिर्फ 20 सिख जवानों को ही क्यों मिली ?

    ‘इतिहास’ का अनुवाद ‘हिस्ट्री’ नहीं होता

    ‘इतिहास’ का अनुवाद ‘हिस्ट्री’ नहीं होता

    प्रशांत पोळ की ‘खजाने की शोधयात्रा’ पुस्तक में छिपे ‘भारतीय ज्ञान परंपरा’ के अनमोल रत्न

    प्रशांत पोळ की ‘खजाने की शोधयात्रा’ पुस्तक में छिपे ‘भारतीय ज्ञान परंपरा’ के अनमोल रत्न

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    “रक्षा साझेदारी की नई उड़ान: भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57, रूस ने दिखाया भरोसा”

    भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57 ! अमेरिका से तनाव के बीच रूस से आई ये खबर इतनी महत्वपूर्ण क्यों है?

    “सेमीकॉन इंडिया 2025 में बोले पीएम मोदी, इनोवेशन और निवेश से भारत बनेगा टेक्नोलॉजी सुपरपावर

    “सेमीकॉन इंडिया 2025 में बोले पीएम मोदी, इनोवेशन और निवेश से भारत बनेगा टेक्नोलॉजी सुपरपावर

    भविष्य की झलक: पीएम मोदी ने की टोक्यो से सेंदाई तक बुलेट ट्रेन की सवारी

    भविष्य की झलक: पीएम मोदी ने की टोक्यो से सेंदाई तक बुलेट ट्रेन की सवारी

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

तंबाकु कंपनियों ने भांग और गांजा को अछूत बना दिया है

क्या गांजा वास्तव में इतना बुरा है?

Shashwat Singh द्वारा Shashwat Singh
31 January 2022
in मत
तंबाकु कंपनियों ने भांग और गांजा को अछूत बना दिया है
Share on FacebookShare on X

बाजार में मारिजुआना(गांजा) कई नामों से जाना जाता है। यह भारत में यह अवैध है और फिर भी आपके दोस्तों या आपसे जुड़े हर किसी साथी ने मारिजुआना के बारे में आपसे बात की ही होगी। आप में से कुछ लोगों ने इसका प्रयोग भी किया होगा। तो इसके चारों ओर इतना हव्वा क्यों? जब कोई ‘मारिजुआना’ अर्थात गाँजा शब्द का उच्चारण करता है तो लोग पागल क्यों हो जाते हैं? क्या यह सच में खराब है? और अगर यह खराब है, तो सिगरेट या शराब की उसी तरह निंदा क्यों नहीं की जाती? और उसे केवल एक ‘बात न करने’ वाला विषय बनाकर क्यों छोड़ दिया गया है?

मारिजुआना एक ऐसी औषधि है जो 1985 तक वैध थी मगर उसके बाद अमेरिका के दबाव में आकर राजीव गाँधी सरकार ने इसे भारत में बैन कर दिया था।

संबंधितपोस्ट

अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे: मोदी की रणनीति, अमेरिका की बेचैनी और भारत का संतुलन

भारत–अमेरिका रिश्ते : ट्रंप की ‘हमेशा दोस्त’ वाली बात पर पीएम मोदी ने दिया ये जवाब

टैरिफ टेंशन और व्हाइट हाउस की ठनक के बीच पीएम मोदी का संयुक्त राष्ट्र महासभा से किनारा, डेलिगेशन में कौन जाएगा ?

और लोड करें

क्या है मारिजुआना? 

मारिजुआना का मूल नाम कैनबिस सैटिवा है, जो एक पौधा है। इस पौधे की पत्तियों का उपयोग मारिजुआना बनाने के लिए किया जाता है, जिसे हम आम बोल-चाल की भाषा में गांजा और स्टफ कहते हैं। मारिजुआना मनुष्यों द्वारा प्रयोग की जाने वाली सबसे पुरानी दवाओं में से एक है, जिसका कम से कम 3500 वर्षों से उपयोग होता आ रहा है।  पुरातन काल में, मारिजुआना का उपयोग इसके औषधीय गुणों के लिए किया जाता था। आयुर्वेद में भी मारिजुआना को दर्दनाशक और कई अन्य चिकित्सा लाभों के लिए प्रयोग किया जाता है।

(हम किसी भी रूप में मारिजुआना, तंबाकू या शराब के उपयोग का समर्थन नहीं कर रहे हैं)

अथर्ववेद में बताया गया है लाभकारी

यहां तक कि अथर्ववेद में कहा गया है कि ‘पांच सबसे पवित्र पौधों में से एक कैनाबिस सतीवा है।’ इसमें कहा गया है कि कैनबिस खुशी का स्रोत है और मुक्तिदाता है। यह भारतीय आयुर्वेदिक उद्योग की रीढ़ की हड्डी था और आयुर्वेदिक चिकित्सा के पेनिसिलिन के रूप में भी जाना जाता था। 1961 में संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन में अमेरिकी दबाव के तहत इसे सिंथेटिक दवा श्रेणी में डाल दिया गया लेकिन उस समय भारत ने इस मुद्दे पर हस्ताक्षर करने से माना कर दिया था।

मारिजुआना का बहुत चीजों में उपयोग किया जाता है। हेमप (मारिजुआना से बने) का बॉडी केयर प्रोडक्ट्स, फूड सप्लीमेंट्स, प्लास्टिक बनाने के लिए उपयोग होता है, जो अमेरिका में 2020 तक $ 44 बिलियन का आर्थिक श्रोत है। फोर्ब्स के अनुसार अमेरिका में भांग उद्योग आने वाले समय में कई नौकरियां पैदा करेगा।

आपको बता दें कि भारत में, कोकीन जैसी सिंथेटिक दवाओं की खपत में वृद्धि हुई है क्योंकि मारिजुआना पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। अब जानते हैं कि भारत में मारिजुआना कैसे प्रतिबंध हो गया था। दरअसल, भारत में कैनबिस प्रतिबंध की जड़ अमेरिका से जुड़ी है। USA में मनोरंजक और औषधीय उद्देश्यों के लिए कैनबिस को वैध बनाया गया था। आपको बतादें कि 1960 के दशक में, अमेरिका ने कैनबिस पर प्रतिबंध लगाने के लिए एक अभियान चलाया।

संयुक्त राष्ट्र में नारकोटिक दवाओं, 1961 पर एकल सम्मेलन के अनुच्छेद 28 के तहत, कैनबिस को हस्ताक्षरकर्ता राज्य द्वारा अत्यधिक विनियमित करने के लिए पदार्थों की सूची में रखा गया था। सम्मेलन के दौरान किए गए निर्णयों के अनुसार, केवल लाइसेंस प्राप्त कर्मी ही कैनबिस की खेती या सौदा कर सकते हैं।आपको बता दें कि कम मात्रा में मारिजुआना का सेवन करना हानिकारक नहीं है जबकि हैश, राल और कैनबिस के सैप से बना है। हैश तेल में अन्य कैनबिस उत्पादों के 12 प्रतिशत THC स्तर की तुलना में लगभग 9% THC हो होता है।

आपको बता दें कि तंबाकू के साथ-साथ दवा उद्योग को डर है कि वैधता मिलने के बाद मारिजुआना उद्योग पूरी तरह से तम्बाकू व्यापार को बर्बाद कर सकता है। संयुक्त राज्य अमेरिका और इसके तंबाकू लॉबी ने भारत में मारिजुआना उत्पादन और खपत पर प्रतिबंध लगाने में कामयाब रहे लेकिन अब, अमेरिका के 18 से अधिक राज्यों ने इसे मनोरंजन उद्देश्यों के लिए वैध बना दिया है जबकि 36 से अधिक राज्यों इसकी चिकित्सा बिक्री के लिए अनुमति देते हैं।

नए फ्रंटियर डेटा के मुताबिक अमेरिकी मारिजुआना उद्योग 201 9 में 13.6 अरब डॉलर का अनुमान लगाया गया था, जिसमें 340,000 नौकरियां पौधों के रखरखाव के लिए समर्पित थीं। 2020 में, फोर्ब्स की रिपोर्ट के मुताबिक, मारिजुआना की बिक्री ने 17.5 अरब डॉलर की कमाई की थी, वहीं 2019 से 46% की वृद्धि हुई।

सीमित खुराक में ली गई मारिजुआना पूरी तरह से ठीक है और सिगरेट के एक पैक की तुलना में मारिजुआना कई गुना अधिक स्वस्थ है। हैशिश, कोकीन, हेरोइन, और अन्य सिंथेटिक दवाएं हैं जहां समस्या निहित है लेकिन दुनिया भर की सरकारें उस चर्चा के लिए तैयार नहीं हैं।

बढ़ाया जाता है इसपर टैक्स

आपने देखा होगा कि दुनियाभर की सरकारें ऐसे पदार्थों पर भर-भरकर टैक्स लगती हैं। हम एक पूंजीवादी समाज में रहते हैं और सरकार को ऐसे पदार्थों पर नैतिक ज़िम्मेदारी लेनी पड़ती है, इसलिए इनके दाम बढ़ाने पर तर्क दिया जाता है कि ये लोगों की पहुँच से दूर रहे इसलिए ऐसा किया गया है। लेकिन इसका सेवन करने वाले तो करेंगे ही। हालांकि, प्रतिबंध के पीछे कारण नशीले पदार्थों की खेती और वितरण में दवाओं के उपयोग और संगठित अपराध की भागीदारी को नियंत्रित करने के लिए सूचीबद्ध किया गया था, ऐसा माना जाता है कि प्रतिबंध के पीछे के कारणों में से एक पौधे के संभावित औद्योगिक अनुप्रयोग थे। कैनबिस और हेमप जैसे संयंत्र के विभिन्न हिस्सों का उपयोग कपड़े, दवाएं, चारा, और अन्य उत्पादों को बनाने में किया जा सकता है।

भारत कैनबिस समेत नशीले पदार्थों पर प्रतिबंध लगाने के लिए राष्ट्रों के बीच हुई 1961 की संधि का हस्ताक्षरकर्ता सदस्य नहीं था। हालांकि, संयुक्त राज्य अमेरिका के दबाव में, राजीव गांधी ने सरकार ने 1985 में नारकोटिक दवाओं और मनोविज्ञान पदार्थ अधिनियम पारित किया था। इस कानून के तहत, सरकार ने चरस, Ganja पर प्रतिबन्ध लगा दिया था। इसके तहत, राज्य सरकारों को उत्पादन, निर्माण, कब्जे, परिवहन, अंतर-राज्य आयात और संयंत्र के निर्यात के साथ कैनबिस संयंत्रों की खेती को अनुमति, नियंत्रण और विनियमित करने की शक्ति मिली। केवल राज्य सरकार और उसके अधिकृत कर्मियों को ही इस पौधे की खेती करने की अनुमति है।

दिलचस्प बात यह है कि सरकार के पास 1985 से कैनबिस की खेती करने के लिए लाइसेंसिंग का प्रावधान है। गौरतलब है कि 2018 में पहला लाइसेंस दिया गया था जहां भारतीय औद्योगिक हेमप एसोसिएशन को भांग पैदा करने का पहला लाइसेंस मिला था।

दुनिया के बिग टोबैको कंपनियों ने मारिजुआना को लेकर बहुत भ्रम फैलाया था। मारिजुआना के बहुत सारे उपयोग पहले हीं हम आपको बता चुके हैं। आज के टोबैको कम्पनीज यह नहीं चाहते थे कि उनकी मार्केट वैल्यू गिरे क्योंकि मारिजुआना के मुकाबले सिगरेट उन्हेने कई गुना अधिक आर्थिक लाभ देती है वहीं मारिजुआना अथवा भांग एक नेचुरल प्लांट है जो आसानी से उग सकता है और उसके निर्माण में अधिक समस्या और खर्च नहीं आता। इसपर कोई टैक्स भी नहीं लगता । इस वजह से बहुत सारे बड़ी तम्बाकू कंपनियों ने मारिजुआना का दुष्प्रचार किया, ताकि इसका सेवन सिगरेट के मुकाबले लोग कम कर सकें।

और पढ़ें: सिद्धू की बहन उनसे घृणा करती है और वास्तविकता जानकर आप भी करेंगे

विश्व में तम्बाकू कंपनियां सिगरेट बेचकर मोटी कमाई करती है। आपको ज्ञात हो की तम्बाकू उत्पादों पर उच्च करों से सरकार का राजकोष भर जाता है। आप ज़रा दिमाग पर ज़ोर डालें तो आपको याद आयेगा कि अधिकांश स्टेडियमों को तंबाकू कंपनियों के विज्ञापनों के साथ पाट दिया जाता हैं। तंबाकू कंपनियां समझती हैं कि एक बार जब उन्होंने किसी को अपने घातक उत्पादों का स्वाद चखा दिया है, तो उससे वो हर बार मोटी रकम कमाते रहेंगे। सरोगेट विज्ञापन इस समय अपने चरम पर हो सकता हैं लेकिन अतीत में, बेंसन और हेजेज जैसी बड़ी तंबाकू कंपनियों ने 1985 और 1992 क्रिकेट विश्व कप की मेजबानी की थी और किसी ने भी विरोध में कोई आवाज़ नहीं उठाई थी।

हम जानते हैं कि सिगरेट का सेवन कितना हानिकारक होता हैं, लेकिन अतीत में, इन तंबाकू उत्पादों को स्वतंत्रता के प्रतीक के रूप में देखा जाता था। फिल्मों में महिला अभिनेता भी सिगरेट को पफ करती थी।आज के परिदृश्य में “पर्याप्त साक्ष्य” है कि मारिजुआना कई प्रकार के दर्द के इलाज के लिए अच्छा है। मारिजुआना के चिकित्सा उपयोग के लिए यह सबसे आम कारणों में से एक है – रिपोर्ट में निष्कर्ष निकाला गया कि मारिजुआना पुराने दर्द का भी इलाज कर सकता है। और यह इसे अधिक खतरनाक, घातक ओपियोइड दर्द निवारक का भी कार्य करता है।  एक अध्ययन के अनुसार शोधकर्ताओं ने बताया कि मारिजुआना की तुलना में तंबाकू से किया गया धूम्रपान अधिक खतरनाक है। लेकिन आज सिगरेट की मार्केट वैल्यू का आर्थिक लाभ लेने  के लिए मारिजुआना के सेवन की बलि दी गई है। ऐसे में ये सभी बातें हमें सोचने पर विवश कर देती हैं कि कैसे तंबाकु और सिग्रेट के लिए मारिजुआना को अछूत बना दिया गया है।

Tags: अमेरिकागाजातंबाकुभांग
शेयरट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

पूर्ण स्वदेशी होने की ओर बढ़ चला है भारत का सैन्य बाजार

अगली पोस्ट

भगोड़ा कानून के बाद आर्थिक अपराधियों को पकड़ने हेतु मोदी सरकार की एक और नीति का हुआ खुलासा

संबंधित पोस्ट

तख़्तापलट से अंतरिम सत्ता तक: नेपाल में सुशीला कार्की का उदय और भारत की प्रतिक्रिया
चर्चित

तख़्तापलट से अंतरिम सत्ता तक: नेपाल में सुशीला कार्की का उदय और भारत की प्रतिक्रिया

13 September 2025

काठमांडू की पतली गलियों में जब युवा नारों के साथ सड़कों पर उतरे थे, तब किसी ने नहीं सोचा था कि कुछ ही दिनों में...

‘जंगलराज’ की दास्तान और कृष्णैया हत्याकांड: बिहार का स्याह सच
क्राइम

‘जंगलराज’ की दास्तान और कृष्णैया हत्याकांड: बिहार का स्याह सच

13 September 2025

दिसंबर 1994 की ठंडी सुबह। पटना की ओर जाती सड़क पर एक सफेद एंबेसडर कार दौड़ रही थी। अंदर बैठे थे एक युवा आईएएस अधिकारी-जी....

‘इतिहास’ का अनुवाद ‘हिस्ट्री’ नहीं होता
इतिहास

‘इतिहास’ का अनुवाद ‘हिस्ट्री’ नहीं होता

12 September 2025

अपनी पुस्तक आर्य (श्रेष्ठ) भारत का प्राक्कथन लिखते समय जो जो विचार मन में आये उन्हें यहाँ प्रस्तुत करने का प्रयास कर रहा हूँ। किसी...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

Epic Battle of Saragarhi : A Tale of Unmatched Bravery That Every Indian Should Know

Epic Battle of Saragarhi : A Tale of Unmatched Bravery That Every Indian Should Know

00:07:14

Why PM Modi Is Compared to The Indus Valley Priest King! Amid uncertainty in India’s Neighbourhood!

00:06:42

‘The Bengal Files’ Exposing Bengal’s Darkest Chapter – What Mamata Won’t Show!

00:05:37

Why Periyar Is No Hero: The Anti-Hindu Legacy That Stalin & DMK Ecosystem Want You To Forget

00:06:26

Why Hindus Should Reclaim The Forgotten Truth of Onam | Sanatan Roots vs Secular Lies

00:07:03
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited