TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    ऑटो-दा-फे” नामक सार्वजनिक हत्याओं के आयोजन किए जाते थे

    गोवा इन्क्विज़िशन: पुर्तगाली शासन में हिंदुओं पर हुआ अमानवीय अत्याचार

    अटल बिहारी वाजपेयी

    संयुक्त राष्ट्र में हिंदी की गूंज: अटल बिहारी वाजपेयी का ऐतिहासिक संबोधन

    वे चार बार कांग्रेस के अध्यक्ष बने

    मदन मोहन मालवीय: BHU की नींव रखने वाले ‘महामना’, जिन्होंने निजाम की जूती को कर दिया था नीलाम

    भगवान विष्णु की एक प्राचीन मूर्ति को कथित तौर पर ध्वस्त किए जाने की घटना पर भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया दी

    कंबोडिया में भगवान विष्णु की मूर्ति तोड़े जाने पर भारत का कड़ा विरोध, थाईलैंड–कंबोडिया से शांति और संवाद की अपील

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    खनन क्षेत्र में बेहतरीन काम के लिए केंद्र सरकार ने धामी सरकार की तारीफ की

    खनन सुधारों में फिर नंबर वन बना उत्तराखंड, बेहतरीन काम के लिए धामी सरकार को केंद्र सरकार से मिली 100 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    16 दिसंबर को पाकिस्तान के पूर्वी मोर्चे के कमांडर जनरल ए के नियाजी ने 93,000 सैनिकों के साथ सरेंडर किया था

    ढाका सरेंडर: जब पाकिस्तान ने अपने लोगों की अनदेखी की और अपने देश का आधा हिस्सा गंवा दिया

    संसद हमले की बरसी: आपको कॉन्स्टेबल कमलेश कुमारी याद हैं? 

    संसद हमले की बरसी: आपको कॉन्स्टेबल कमलेश कुमारी याद हैं? 

    शिप बेस्ड ISBM लॉन्च के पाकिस्तान के दावे में कितना दम है

    पाकिस्तान जिस SMASH मिसाइल को बता रहा है ‘विक्रांत किलर’, उसकी सच्चाई क्या है ?

    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    कनाडा में भारतीय महिला हिमांशी खुराना की हत्या

    कनाडा में भारतीय महिला हिमांशी खुराना की हत्या, पार्टनर अब्दुल गफूर फरार

    ताइवान को बलपूर्वक कब्ज़ा करने की तैयारी में चीन

    पेंटागन की रिपोर्ट: 2027 तक ताइवान को बलपूर्वक कब्ज़ा करने की तैयारी में चीन

    कनाडाई सांसद ने संसद में उठाया बांग्लादेशी हिंदुओं पर हमलों का सवा

    कनाडाई संसद में गूंजा बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर अत्याचार का मुद्दा

    रूस की पुतिन सरकार ने भारतीय छात्रों के लिए एक बड़ा और राहत भरा फैसला लिया है

    पुतिन सरकार की बड़ी सौगात: भारतीय छात्रों को बिना प्रवेश परीक्षा रूसी विश्वविद्यालयों में मिलेगा दाखिला

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    23 दिसम्बर  बलिदान-दिवस: परावर्तन के अग्रदूत — स्वामी श्रद्धानन्द

    23 दिसम्बर बलिदान-दिवस: परावर्तन के अग्रदूत — स्वामी श्रद्धानन्द

    श्रीनिवास रामानुजन: वह प्रतिभा, जिसने संख्याओं को सोच में बदल दिया

    श्रीनिवास रामानुजन: वह प्रतिभा, जिसने संख्याओं को सोच में बदल दिया

    इतिहास को मिथक से मुक्त करने वाला संघर्ष

    बौद्धिक योद्धा डॉ. स्वराज्य प्रकाश गुप्त: इतिहास को मिथक से मुक्त करने वाला संघर्ष

    21 दिसम्बर 1909 : नासिक में ब्रिटिश अत्याचार का प्रतिकार — क्रांतिवीर अनंत कान्हरे द्वारा जिलाधीश जैक्सन का वध

    21 दिसम्बर 1909 : नासिक में ब्रिटिश अत्याचार का प्रतिकार — क्रांतिवीर अनंत कान्हरे द्वारा जिलाधीश जैक्सन का वध

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    The Rise of Live Dealer Games in Asia: Why Players Prefer Real-Time Interaction

    The Rise of Live Dealer Games in Asia: Why Players Prefer Real-Time Interaction

    शोले फिल्म में पानी की टंकी पर चढ़े धर्मेंद्र

    बॉलीवुड का ही-मैन- जिसने रुलाया भी, हंसाया भी: धर्मेंद्र के सिने सफर की 10 नायाब फिल्में

    नीतीश कुमार

    जेडी(यू) के ख़िलाफ़ एंटी इन्कंबेसी क्यों नहीं होती? बिहार में क्यों X फैक्टर बने हुए हैं नीतीश कुमार?

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    ऑटो-दा-फे” नामक सार्वजनिक हत्याओं के आयोजन किए जाते थे

    गोवा इन्क्विज़िशन: पुर्तगाली शासन में हिंदुओं पर हुआ अमानवीय अत्याचार

    अटल बिहारी वाजपेयी

    संयुक्त राष्ट्र में हिंदी की गूंज: अटल बिहारी वाजपेयी का ऐतिहासिक संबोधन

    वे चार बार कांग्रेस के अध्यक्ष बने

    मदन मोहन मालवीय: BHU की नींव रखने वाले ‘महामना’, जिन्होंने निजाम की जूती को कर दिया था नीलाम

    भगवान विष्णु की एक प्राचीन मूर्ति को कथित तौर पर ध्वस्त किए जाने की घटना पर भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया दी

    कंबोडिया में भगवान विष्णु की मूर्ति तोड़े जाने पर भारत का कड़ा विरोध, थाईलैंड–कंबोडिया से शांति और संवाद की अपील

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    खनन क्षेत्र में बेहतरीन काम के लिए केंद्र सरकार ने धामी सरकार की तारीफ की

    खनन सुधारों में फिर नंबर वन बना उत्तराखंड, बेहतरीन काम के लिए धामी सरकार को केंद्र सरकार से मिली 100 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    16 दिसंबर को पाकिस्तान के पूर्वी मोर्चे के कमांडर जनरल ए के नियाजी ने 93,000 सैनिकों के साथ सरेंडर किया था

    ढाका सरेंडर: जब पाकिस्तान ने अपने लोगों की अनदेखी की और अपने देश का आधा हिस्सा गंवा दिया

    संसद हमले की बरसी: आपको कॉन्स्टेबल कमलेश कुमारी याद हैं? 

    संसद हमले की बरसी: आपको कॉन्स्टेबल कमलेश कुमारी याद हैं? 

    शिप बेस्ड ISBM लॉन्च के पाकिस्तान के दावे में कितना दम है

    पाकिस्तान जिस SMASH मिसाइल को बता रहा है ‘विक्रांत किलर’, उसकी सच्चाई क्या है ?

    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    कनाडा में भारतीय महिला हिमांशी खुराना की हत्या

    कनाडा में भारतीय महिला हिमांशी खुराना की हत्या, पार्टनर अब्दुल गफूर फरार

    ताइवान को बलपूर्वक कब्ज़ा करने की तैयारी में चीन

    पेंटागन की रिपोर्ट: 2027 तक ताइवान को बलपूर्वक कब्ज़ा करने की तैयारी में चीन

    कनाडाई सांसद ने संसद में उठाया बांग्लादेशी हिंदुओं पर हमलों का सवा

    कनाडाई संसद में गूंजा बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर अत्याचार का मुद्दा

    रूस की पुतिन सरकार ने भारतीय छात्रों के लिए एक बड़ा और राहत भरा फैसला लिया है

    पुतिन सरकार की बड़ी सौगात: भारतीय छात्रों को बिना प्रवेश परीक्षा रूसी विश्वविद्यालयों में मिलेगा दाखिला

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    23 दिसम्बर  बलिदान-दिवस: परावर्तन के अग्रदूत — स्वामी श्रद्धानन्द

    23 दिसम्बर बलिदान-दिवस: परावर्तन के अग्रदूत — स्वामी श्रद्धानन्द

    श्रीनिवास रामानुजन: वह प्रतिभा, जिसने संख्याओं को सोच में बदल दिया

    श्रीनिवास रामानुजन: वह प्रतिभा, जिसने संख्याओं को सोच में बदल दिया

    इतिहास को मिथक से मुक्त करने वाला संघर्ष

    बौद्धिक योद्धा डॉ. स्वराज्य प्रकाश गुप्त: इतिहास को मिथक से मुक्त करने वाला संघर्ष

    21 दिसम्बर 1909 : नासिक में ब्रिटिश अत्याचार का प्रतिकार — क्रांतिवीर अनंत कान्हरे द्वारा जिलाधीश जैक्सन का वध

    21 दिसम्बर 1909 : नासिक में ब्रिटिश अत्याचार का प्रतिकार — क्रांतिवीर अनंत कान्हरे द्वारा जिलाधीश जैक्सन का वध

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    The Rise of Live Dealer Games in Asia: Why Players Prefer Real-Time Interaction

    The Rise of Live Dealer Games in Asia: Why Players Prefer Real-Time Interaction

    शोले फिल्म में पानी की टंकी पर चढ़े धर्मेंद्र

    बॉलीवुड का ही-मैन- जिसने रुलाया भी, हंसाया भी: धर्मेंद्र के सिने सफर की 10 नायाब फिल्में

    नीतीश कुमार

    जेडी(यू) के ख़िलाफ़ एंटी इन्कंबेसी क्यों नहीं होती? बिहार में क्यों X फैक्टर बने हुए हैं नीतीश कुमार?

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

धामी और सावंत से सबक – ‘रघुवर दास सिंड्रोम’ से भाजपा को हर कीमत पर बचना चाहिए

संभलना जरुरी है, वरना यह सिंड्रोम बर्बाद कर देगा!

Utkarsh Upadhyay द्वारा Utkarsh Upadhyay
11 March 2022
in राजनीति
रघुबर दास सिंड्रोम

Source- Google

Share on FacebookShare on X

जब किस्मत ख़राब हो, तो ऊंट पर बैठे आदमी को भी कुत्ता काट लेता है। कुछ ऐसा ही हाल सत्ता पर काबिज बड़े-बड़े नेताओं का इस चुनाव में हुआ और मात्र इस चुनाव में ही नहीं, बल्कि बीते कई चुनावों में ऐसे नेता “रघुवर दासस सिंड्रोम” से ग्रसित होकर घर बैठने पर मजबूर हो गए हैं। रघुवर दासस झारखण्ड के वो मुख्यमंत्री रहे हैं, जिन्होंने राज्य में पूरे 5 वर्ष का शासन बिना खतरे के किया। एक नेता और शासक के तौर पर भी झारखण्ड में उनका कोई सानी नहीं था, वो हार गए क्योंकि वो न ही योगी बन पाए और न बन पाए हिमंता बिस्वा सरमा। वो रघुवर दासस बने रहने के कारण सत्ता से बेदखल हो गए। अब यही हाल उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और अन्य कई भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों का है, जिनकी हालत रघुवर दासस जैसी हो जाएगी और बीते गुरूवार को आए चुनावी नतीजों में इसका ट्रेलर भी आ गया। ध्यान देने वाली बात है कि इस चुनाव में भाजपा के कई धुरंधर नेता “रघुवर दासस सिंड्रोम” के शिकार हो गए।

और पढ़ें: योगी-मोदी देश के वो नेता हैं जिन्होंने सफलतापूर्वक परिवार के भीतर वोटों का बंटवारा किया है!

संबंधितपोस्ट

आंध्र प्रदेश में भाजपा का विस्तार अभियान: अटल–मोदी सुपारिपालन यात्रा की शुरुआत

बिहार के बाजीगरों के जरिये पश्चिम बंगाल फतह का ताना-बाना बुन रही भाजपा

खनन सुधारों में फिर नंबर वन बना उत्तराखंड, बेहतरीन काम के लिए धामी सरकार को केंद्र सरकार से मिली 100 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि

और लोड करें

आखिर क्या है रघुवर दासस सिंड्रोम?

राजनीति संभावनाओं और समीकरणों का खेल है, जिनके बनते और बिगड़ने में लेशमात्र भी समय नहीं लगता। आज का राजा कल का रंक और फ़कीर हो सकता है इसको समझना बेहद आवश्यक है। रघुवर दासस भाजपा के उन कर्म प्रधान मुख्यमंत्रियों में से एक थे, जिनके सिर कई बड़ी और अहम उपलब्धियां दर्ज़ हैं। सर्वप्रथम वो झारखण्ड के सबसे पहले गैर आदिवासी मुख्यमंत्री बने थे, जिन्होंने पहले बार अपना पूरा 5 साल का कार्यकाल बिना किसी रुकावट के पूर्ण किया। यद्यपि वो 2019 में विधानसभा चुनाव हार गए और राज्य में JMM के हेमंत सोरेन सरकार बनाने में कामयाब हो गए। इससे रघुवर दासस की छवि और उनके कद को कम नहीं आंका जा सकता, क्योंकि वास्तव में रघुवर दासस सर्वमान्य नेता थे।

Additionally, Jharkhand saw its most peaceful 5 years, transparent tendering processes, negligible corruption, frantic construction of roads and other infrastructure under his reign.

— Atul Kumar Mishra (@TheAtulMishra) March 10, 2022

रघुवर दासस के कार्यकाल में कई निर्णय पहली बार लिए गए, जिनको छूने में भी अन्य दलों और नेताओं की जड़ें हिलती थी। पत्थलगड़ी गिरोह के सफाईकर्मी समुदाय से आने वाले रघुवर दासस को झारखंड का पहला गैर-आदिवासी मुख्यमंत्री बनाकर भाजपा ने ऐतिहासिक कदम उठाया था। मुख्यमंत्री बनने के बाद से ही रघुवर दासस ने अवैध रूप से संचालित टेरेसा के एनजीओ पर कार्रवाई करने का पहली बार कदम उठाया। उनके निर्देशन में धार्मिक धर्मांतरण पर प्रतिबंध लगाने वाला देश का पहला राज्य झारखंड बना था। यह झारखंड में रघुवर दासस की सरकार ही थी, जिसने कड़े और सख्त कदमों के तहत पॉपुलर फ्रंट ऑफ़ इंडिया (PFI) पर प्रतिबंध लगाया था और ऐसा करने वाला देश का पहला राज्य भी बना था। ध्यान देने वाली बात है कि दास के नेतृत्व में ही जबरन और अवैध धर्मांतरण को रोकने के प्रयास के तहत झारखंड धर्मांतरितों के लिए लाभ रोकने वाला देश का पहला राज्य बना था।

निश्चित रूप से, इसके अतिरिक्त झारखंड ने रघुवर दासस के नेतृत्व में अपने सबसे शांतिपूर्ण 5 साल, पारदर्शी टेंडर प्रक्रिया, लेश मात्र भी भ्रष्टाचार न होना, सड़क निर्माण और अन्य बुनियादी ढांचे को उनके शासनकाल में देखा। ऐसा कहा जा सकता है कि उन्होंने झारखंड को विकास की पटरी पर ला दिया था। इसके बावजूद वो विधानसभा चुनाव हार गए। लोग इसके पीछे सरयू राय विवाद को उनके पतन के लिए जिम्मेदार ठहरा सकते हैं, लेकिन यह सच नहीं है। उन्होंने आ बैल मुझे मार वाली स्थिति की तरह अपने ही हाथ से अपनी राजनीतिक हत्या करने का काम किया। क्योंकि उन्होंने काम तो बहुत किए लेकिन अपने काम को प्रदर्शित करने में विफल साबित हुए और हेमंत सोरेन उनकी कुर्सी हथिया ले गए।

रघुवर दासस सिंड्रोस से ग्रसित हैं कई दिग्गज नेता

यहीं से पैदा होता है “रघुवर दासस सिंड्रोम” का बीज, काम करने में काम 21 पर दिखाने में निल बटे सन्नाटा। यह एक ऐसी स्थिति है, जिसमें दृश्यता की पूर्ण कमी के कारण अभूतपूर्व कार्य करने के बावजूद बड़े-बड़े नेता चुनाव हार जाते हैं। भाजपा के कई मुख्यमंत्री हैं, जो रघुवर दास सिंड्रोम के कारण गर्त में समा गए और कई ऐसे हैं, जो आगामी भविष्य में उसी विकार के कारण रसातल में जाएंगे। पुष्कर सिंह धामी एक अच्छे नेता हैं, लेकिन “रघुवर दासस सिंड्रोम” का हालिया सबसे प्रमुख उदाहरण वही हैं। यह सिंड्रोम उत्तराखंड के पूर्व के दोनों रावत सीएम पर भी हावी था। ध्यान देने वाली बात है कि त्रिवेन्द्र सिंह रावत और तीरथ सिंह रावत दोनों नेता के तौर पर सक्षम और प्रभावशाली थे, पर काम को प्रचारित और प्रदर्शित कैसे किया जाए उससे कोसों दूर थे और निस्संदेह वो दोनों भी “रघुवर दास सिंड्रोम” से संक्रमित थे।

There are many BJP CMs who fell due to Raghubar Das syndrome and there are many who will fall due to the same disorder.

Pushkar Singh Dhami is a nice guy, but a prime example of Raghubar Das syndrome. The 2 TS Rawats were too infected with the same bug.

— Atul Kumar Mishra (@TheAtulMishra) March 10, 2022

आने वाले समय में भाजपा शासित कई अन्य राज्यों में भी कुछ ऐसा ही देखने को मिल सकता है, जहां सरकार तो भाजपा बना लेगी पर जिसके नेतृत्व में चुनाव लड़ेंगे वो ही फ्लॉप साबित होंगे। इस श्रृंखला में हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर, गुजरात के सीएम भूपेंद्र भाई पटेल आदि शामिल हैं। निश्चित रूप से ये सभी अच्छा काम कर रहे हैं, लेकिन इस अच्छे काम का कोई अर्थ ही नहीं जब उसे कोई जानता ही नहीं। प्रचार और प्रसार के बगैर सरकार काम करती जाए और धरातल पर उस काम की चर्चा ही न हो, तो वो काम कितना भी जन-उपयोगी क्यों न हो उसकी महत्ता कम ही रहती है। इसी रीति से भाजपा को अब अपने मुख्यमंत्रियों की कार्यशैली को निचोड़ने की आवश्यकता है, नहीं तो हर बार यही होता रहेगा और एक दिन सभी नेता “रघुवर दासस सिंड्रोम” का दर्द लिए घर पर बाम मलते दिखाई देंगे।

यूं तो गोवा में भाजपा ने अप्रत्याशित जीत दर्ज़ कर अपना किला बचा लिया, तो वहीं इससे प्रमोद सावंत की साख भी बचना भाजपा के लिए अप्रत्याशित ही था। मनोहर पर्रिकर के जाने के बाद से ही गोवा में भाजपा अपने अस्तित्व को कठघरे में खड़ा पाती है। लक्ष्मीकांत पारशेखर जैसे मौकापरास्त नेताओं की दगा झेल चुकी भाजपा राज्य में अपने हर नेता को कमोबेश उसी हाल में पाती है। ऐसे में प्रमोद सावंत भी अबतक भाजपा के कार्यों और सरकार को जनता से सीधा जोड़ने में थोड़े ही सही पर विफल रहे हैं। इसी बीच अब जब उन्हें पुनः राज्य की गद्दी मिल गई है। ऐसे में उन्हें भाजपा को राज्य में मनोहर पर्रिकर के कार्यकाल वाली भाजपा बनाने का दायित्व लेना पड़ेगा।

और पढ़ें: मुस्लिम बहुल इलाकों में बीजेपी की ऐतिहासिक जीत का कारण क्या है?

रघुवर दासस सरीखे नेताओं से भरी हुई है भाजपा 

यह तो हुए “रघुवर दासस सिंड्रोम” से ग्रसित नेताओं के हाल, इनमें कई अपवाद ऐसे हैं जिनके काम को एक राज्य की जनता तक सीमित कतई नहीं माना जा सकता है। इनमें सबसे बड़े उदाहरण उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हैं, जिनकी PAN INDIA अपील किसी से छिपी नहीं है। योगी सरीखे युवा राजनेता असम में क्रांति लाने वाले हिमंता बिस्वा सरमा हों, त्रिपुरा के सीएम बिप्लब देब हो या अनुभवी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान। कम से कम समय में अपने काम के बूते पर अपनी छवि निखारने वाले हिमंता और बिप्लब की जितनी प्रशंसा की जाए कम ही होगी। लाल सलाम के गढ़ में सेंध लगाने और जनता से सीधा संवाद कर सरकार चलाने वाले यह दोनों मुख्यमंत्री अपने काम से अपनी छवि को बड़ा बना चुके हैं। शिवराज सिंह चौहान का मध्यप्रदेश में जननेता वाला आधार उनको प्रभावी नेता बनाता है।

एक नेता जिनके काम को हर जगह स्वीकार्यता मिलती है, वो हैं महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस। यह तो घर के भेदी कुछ नेता थे जिन्होंने शिवसेना को सत्ता में रखने की लालसा में सरकार बना रही भाजपा को विपक्षी बना दिया और मुख्यमत्री बन रहे देवेंद्र फडणवीस को विपक्ष का नेता बना दिया। जिस तरह का जनादेश भाजपा को मिला था, यदि शिवसेना को सीटें देने के बजाय भाजपा खुद से लड़ती तो आज की स्थिति काफी अलग होती। ध्यान देने वाली बात है कि देवेंद्र फडणवीस ने राज्य में अपनी बड़ी छवि बनाने के साथ ही काम भी किया और वो काम जनता के सामने प्रदर्शित भी हुआ।

बात का सार यही है कि भाजपा रघुवर दासस सरीखे नेताओं से भरी हुई है। एक बढ़िया शासक और नेता होने के बाद भी प्रचार-प्रसार में लचर हालत उनके पतन का प्रमुख कारण बनती जा रही है। ऐस में अच्छे नेता जो राज्य को एक बेहतर जगह बनाने के लिए दिन-रात काम करते हैं, लेकिन वो दोबारा जीत  हासिल करने के लिए संघर्ष करते दिख जाते हैं, ऐसे में इसे संगठनात्मक कमी कहा जाए तो इसमें कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी। भाजपा को या तो इन ‘अच्छे लोगों’ के स्थान पर लोकप्रिय चेहरों को स्थापित करना चाहिए या उन्हें चुनाव जीतना सिखाना चाहिए कि कैसे काम बोलता है के साथ-साथ काम दिखाना भी ज़रूरी होता है।

और पढ़ें: अब जान लीजिए कि उत्तराखंड ने बीजेपी को क्यों चुना?  

Tags: पुष्कर सिंह धामीभाजपारघुवर दास सिंड्रोम
शेयरट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

AAP का पंजाब की सत्ता में आना किसी दु:स्वप्न से कम नहीं है

अगली पोस्ट

एक बेहतरीन नेता हैं जयंत चौधरी लेकिन सपा की घंटी बांधे हुए हैं

संबंधित पोस्ट

ऑटो-दा-फे” नामक सार्वजनिक हत्याओं के आयोजन किए जाते थे
भारत

गोवा इन्क्विज़िशन: पुर्तगाली शासन में हिंदुओं पर हुआ अमानवीय अत्याचार

25 December 2025

गोवा इन्क्विज़िशन औपनिवेशिक इतिहास की सबसे क्रूर घटनाओं में से एक था, जिसमें पुर्तगाली शासकों ने ढाई सौ वर्षों तक हिंदुओं को व्यवस्थित रूप से...

अटल बिहारी वाजपेयी
भारत

संयुक्त राष्ट्र में हिंदी की गूंज: अटल बिहारी वाजपेयी का ऐतिहासिक संबोधन

25 December 2025

इसी दिन भारत के प्रमुख नेताओं में से एक, अटल बिहारी वाजपेयी ने इतिहास रचा था, जब उन्होंने पहली बार संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) को...

वे चार बार कांग्रेस के अध्यक्ष बने
भारत

मदन मोहन मालवीय: BHU की नींव रखने वाले ‘महामना’, जिन्होंने निजाम की जूती को कर दिया था नीलाम

25 December 2025

महान देशभक्त, स्वतंत्रता सेनानी, दूरदर्शी शिक्षाविद, समाज सुधारक, पत्रकार, वकील और राजनेता मदन मोहन मालवीय को भारत माता के सच्चे सेवक के तौर पर याद...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

Captured Turkish YIHA drone Showed by the Indian Army |Defence News| Operation Sindoor

Captured Turkish YIHA drone Showed by the Indian Army |Defence News| Operation Sindoor

00:00:58

A War Won From Above: The Air Campaign That Changed South Asia Forever

00:07:37

‘Mad Dog’ The EX CIA Who Took Down Pakistan’s A.Q. Khan Nuclear Mafia Reveals Shocking Details

00:06:59

Dhurandar: When a Film’s Reality Shakes the Left’s Comfortable Myths

00:06:56

Tejas Under Fire — The Truth Behind the Crash, the Propaganda, and the Facts

00:07:45
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited