जिसके हिस्से राजयोग लिखा होता है उसे वो कैसे भी कर हासिल हो ही जाता है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इसी बात को चरितार्थ करते हुए चंपावत विधानसभा उपचुनाव में रिकॉर्ड अंतर से जीत हासिल की है। जिस तरह इस विधानसभा चुनाव में भाजपा की साख दांव पर लगी थी, ठीक वैसा ही हाल धामी का था क्योंकि राज्य में भाजपा के 5 वर्ष के कार्यकाल में धामी तीसरे मुख्यमंत्री थे। लेकिन धामी ने उपचुनाव में रिकॉर्ड जीत के साथ ही अपने गौरवशाली भाग्य पर मुहर लगा ली है।
दरअसल, बीते 31 जून को चंपावत विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव हुए थे जिसके परिणाम शुक्रवार को सामने आए। चूंकि इस सीट से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी उम्मीदवार थे, तो इस सीट का हाईप्रोफ़ाइल सीट बनना और उसके नतीजों का बहुप्रतीक्षित होना सामान्य बात थी। उपचुनाव के नतीजे आए और निर्णय में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 55,000 से अधिक मतों से बेजोड़ जीत हासिल की।
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राजनीतिक विश्लेषकों को यह तो अनुमान था कि निर्णय सत्ता पक्ष के हित में ही आएंगे, पर यह वोट प्रतिशत असामान्य प्रदर्शित हुआ। सत्य तो यह है कि यह भाजपा के लिए बहुत बड़ा दांव ही था जो खटीमा विधानसभा क्षेत्र से चुनाव हारने के बावजूद धामी को ही सीएम चेहरा रखा गया और उन्हें उपचुनाव में जाने के लिए कहा गया। ऐसे में यह जीत दोनों यानी “भाजपा” और “धामी” के लिए आवश्यक थी क्योंकि भाजपा उत्तराखंड में पूर्व में ही नेतृत्व त्रास से जूझ रही थी। त्रिवेंद्र सिंह रावत, तीरथ सिंह रावत के बाद पुष्कर सिंह धामी ने अन्तोत्गत्वा राज्य की कमान संभाली थी क्योंकि इन दोनों के ही नेतृत्व में 2022 का चुनाव लड़ने में पार्टी असहज महसूस कर रही थी। ऐसे में भाजपा को चुनाव में जाने के लिए धामी सबसे उपयुक्त उम्मीदवार लगे। पार्टी ने निस्संकोच होकर धामी के नेतृत्व में विधानसभा चुनाव लड़ा और पूर्ण बहुमत के साथ जीत हासिल की।
अब सब आपके हिसाब से ही हो, यह भी संभव नहीं है। भाजपा के साथ भी स्थिति कुछ वैसी ही हुई, पार्टी उत्तराखंड विधानसभा चुनाव तो पूर्ण बहुमत से जीत गई पर सीएम धामी हार गए। धामी को उनकी सीट खटीमा से कांग्रेस के भुवन चंद्र कापड़ी ने 6,579 मतों से हरा दिया। अटकलें यह भी लगाई गई कि अब पार्टी नए चेहरे पर दांव लगाएगी पर भाजपा ने धामी को ही कमान सौंपने में समझदारी समझी। उपचुनाव की बात आई तो फिर विधानसभा चुनाव में चंपावत सीट से जीत हासिल करने वाले भाजपा के कैलाश चंद्र गहटोरी ने धामी के लिए पद से इस्तीफा दे दिया, ताकि मुख्यमंत्री धामी उपचुनाव में इस विधानसभा सीट से जीत हासिल कर एवं सभी पड़ावों को पार कर सरकार चला सकें। उपचुनाव हुआ, धामी जीते और ऐसे जीते कि सारे रिकॉर्ड ही तोड़ दिए।
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