एक राज्य जो इस वक्त बर्बादी की कगार पर खड़ा है, वो है पंजाब। पंजाब के ताजा हालात किसी से छिपी नहीं। आम आदमी पार्टी की सरकार सत्ता में आने के बाद पंजाब की कानून व्यवस्था चरमरा सी गई है। राज्य की आर्थिक स्थिति डामाडोल है। पंजाब कर्ज के बोझ तले इस वक्त बुरी तरह से दबा हुआ है। पंजाब ही देश का वो राज्य जिस पर इस वक्त सबसे अधिक कर्ज चढ़ा हुआ है।
कांग्रेस ने अपने शासनकाल में तो पंजाब को बर्बाद कर ही दिया। इसके बाद रही सही कसर AAP अपने फ्री बाटो मॉडल के जरिए पूरी करने में जुटी है। परंतु ऐसे राज्य में आखिर होगा भी क्या, जहां मुख्यमंत्री पद पर भगवंत मान जैसे व्यक्ति बैठे हो, जो भारतीय सेना में सुधार के लिए लाई गई अग्निपथ योजना का तो विरोध करते हैं और सिद्धू मूसेवाला के खालिस्तानी एजेंडे से भरे ‘SYL‘ गाने का समर्थन करते नजर आते हैं। और सिमरनजीत सिंह मान जैसे खालिस्तानी समर्थक जहां सांसद बन जाते हो।
अग्निपथ योजना का विरोध और SYL गाने का समर्थन
दरअसल, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने हाल ही में दिए अपने एक बयान में अग्निपथ योजना का खुलकर विरोध किया। इसके अलावा मान ने तो पंजाब विधानसभा में इस योजना के विरुद्ध प्रस्ताव लाने तक की बात कही। भगवंत मान ने कहा कि यह केंद्र सरकार का तर्कहीन कदम है। अग्निपथ योजना भारतीय सेना के ताने-बाने को तबाह कर देगी। हम इसका पुरजोर विरोध करते हैं।
CM Bhagwant Mann has said that state govt will soon bring a resolution in State assembly to oppose Agnipath scheme.“Agnipath is a whimsical & irrational move of NDA govt which will destroy basic fabric of the Indian Army,” said CM while replying to issue raised by LoP: Punjab CMO pic.twitter.com/zrAXcjH63j
— ANI (@ANI) June 28, 2022
भगवंत मान ने आगे कहा कि हम अपने नौजवानों का भविष्य सुरक्षित करने के लिए योजना के खिलाफ बहुत जल्द विधानसभा में प्रस्ताव लाएंगे। इसके साथ ही देशहित में अन्य पार्टियों से भी इसके विरोध में हमारा समर्थन करने की मांग करते है। ऐसा पहली बार तो नहीं जब पंजाब सरकार के द्वारा इस तरह केंद्र की किसी योजना का विरोध करते हुए प्रस्ताव लाने की तैयारी हो रही हो। हमें देखने मिला ही कि कैसे किसान आंदोलन का मुद्दा पंजाब से ही पूरे देश में तूल पकड़ा था। तब तत्कालीन मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह द्वारा भी किसान आंदोलन के खिलाफ पंजाब विधानसभा में प्रस्ताव लेकर आए थे।
इसके अलावा पंजाब विधानसभा की कार्यवाही के दौरान सिद्धू मूसेवाला के हाल ही में रिलीज किए गए ‘SYL’ गाने के मुद्दा को भी उठाया गया। कांग्रेस विधायक सुखबीर खैरा ने ‘SYL’ गीत को हटाए जाने के विरुद्ध भी प्रस्ताव लाने की मांग की। जिस पर सीएम भगवंत मान ने कहा कि मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि इस मुद्दे को हम प्रस्ताव में शामिल अवश्य करेंगे। लोकतंत्र की आवाज को दबाए जाने के हम पूरी तरह से खिलाफ है।
और पढ़ें: सिद्धू मूसेवाला के गाने में हुआ था खालिस्तानियों का महिमामंडन, यूट्यूब से हटाया गया
हत्या के कुछ दिनों बाद मूसेवाला का ‘SYL‘ गाना रिलीज हुआ था
बता दें कि सिद्धू मूसेवाला की मृत्यु के बाद बीते दिनों ही उनका नया गाना ‘SYL‘ रिलीज किया गया, जो खालिस्तानी एजेंडे से पूरी तरह भरा हुआ था। ‘SYL’ का अर्थ है सतलुज-यमुना लिंक नहर, जो पिछले चार दशकों से पंजाब और हरियाणा के बीच विवाद का विषय रहा है। उसका जिक्र इस गाने में किया गया। नहर के अलावा इस गीत में अविभाजित पंजाब, 1984 के दंगों, उग्रवाद, सिख कैदियों और किसान आंदोलन के दौरान लाल किले पर निशानसाहिब फहराने को भी दिखाने का प्रयास किया गया।
पूरे गाने में खालिस्तानी गुटों और उसके अनुयायियों का महिमामंडन किया गया, जिसके चलते इस पर काफी बवाल भी मचा। इसके बाद केंद्र सरकार की शिकायत पर ‘SYL’ गाने को यूट्यूब से हटा दिया गया था। यानी मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान इसी खालिस्तानी एजेंडे से भरे गाने का समर्थन कर रहे हैं और वो इसके हटाए जाने को “लोकतंत्र की आवाज” को दबाया जाना बता रहे है। पंजाब को बर्बादी तक लेकर जाने के पीछे का एक कारण यह भी है कि यहां सिमरनजीत सिंह मान जैसे खालिस्तानी प्रेम से भरे हुए लोगों को चुनकर सांसद बनाया जाता है।
दरअसल, पंजाब में हाल ही में लोकसभा उपचुनाव हुए, जिसके परिणाम ने हर किसी को चौंका दिया। आम आदमी पार्टी की एकमात्र संगरुर सीट उसके हाथ से खिसक गई है। इस सीट पर अकाली दल के सिमरनजीत सिंह मान ने विजय हासिल की। सिमरन सिंह मान पूर्व IAS अधिकारी हैं और उन्हें खालिस्तानी आंदोलन का सबसे बड़ा समर्थक माना जाता है। उन्होंने अपनी इस जीत तक को जरनैल सिंह भिंडरावाले को समर्पित की। सिमरनजीत सिंह खुद को भिंडरावाले की विचारधारा का समर्थक बताते हैं। वो स्वयं यह स्वीकार कर चुके हैं कि 1980 के दौर में उन्होंने भिंडरावाले और उनके साथियों को हथियार सप्लाई करने में सहायता की थी। वो तब फरीदकोट में SSP के तौर पर कार्यरत थे।
और पढ़ें: AAP के पंजाब में मची है तबाही, भगवंत मान से नहीं संभल रहा है पंजाब
TFI का समर्थन करें:
सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की ‘राइट’ विचारधारा को मजबूती देने के लिए TFI-STORE.COM से बेहतरीन गुणवत्ता के वस्त्र क्रय कर हमारा समर्थन करें।