कांग्रेस तुष्टिकरण वाली राजनीति करती है यह तो अब तक तथ्य था पर कांग्रेस उसमें ही डूबी हुई है यह अब पता चल रहा है। जिस प्रकार उदयपुर हिंसा ने बड़ा बवाल खड़ा किया था उसी प्रकार आए दिन मुल्ला-मौलवियों की वीडियो देशभर में वायरल हो रही थीं जहां वो नूपुर शर्मा पर कार्रवाई के नाम पर उनका सिर कलम कर देने की धमकी देते दिख रहे थे।
वायरल वीडियो ने खोल दी पोल
इसी बीच अजमेर शरीफ के खादिम की एक धमकी भरी वीडियो वायरल हुई जहां वो पैगंबर मोहम्मद से जुड़े विवाद के बदले में नूपुर शर्मा को मारने की धमकी दे रहा था। अब चूंकि यहां वीडियो वायरल हुई तो दूसरी ओर खादिम की गिरफ्तारी की मांग बढ़ती गयी। शासन-प्रशासन को हरकत में आना पड़ा और अंततः राजस्थान पुलिस ने मंगलवार रात उसे गिरफ्तार कर लिया।
खादिम को कार्रवाई से बचाने के लिए राजस्थान सरकार द्वारा नियंत्रित पुलिस कितनी कड़ी मेहनत कर रही है इसका एक वीडियो तेजी से वायरल हुआ। जिससे एक बात और साफ हो गयी है कि कैसे इस्लामवादियों के साथ परोक्ष रूप से गहलोत सरकार का हाथ होना जान पड़ता है।
Who is this person?
Khadim of Ajmer Dargah Salman Chishti.
He announced that he would hand over his house to anyone who brings Nupur Sharma’s head. pic.twitter.com/ngYZvXNN5x
— Anshul Saxena (@AskAnshul) July 5, 2022
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दरअसल, हाल ही में सैयद सलमान चिश्ती ने एक वीडियो जारी किया था जिसमें उसने नूपुर शर्मा को गाली दी थी और नूपुर शर्मा को इस्लाम के संस्थापक पैगंबर मुहम्मद से जुड़ी उनकी टिप्पणी के लिए मारने की अपील की थी। चिश्ती ने कहा था कि भाजपा नेता ने ख्वाजा साहब और मोहम्मद साहब के गौरव को बदनाम किया है, ऐसे में वह (खादिम चिश्ती) अपना घर और अपनी संपत्ति उसी को दे देंगे जो नूपुर शर्मा का सिर कलम करके लाएगा।
बस आग तो लग ही चुकी थी, धुआं वीडियो वायरल होने के बाद उठ गया था। बढ़ते विरोध के बीच अजमेर पुलिस ने सोमवार रात चिश्ती के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की थी। अजमेर जिले के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी) विकास सांगवान ने कहा कि, “हमने निलंबित भाजपा नेता नुपुर शर्मा के खिलाफ कथित रूप से भड़काऊ बयान देने के आरोप में अजमेर शरीफ दरगाह के खादिम सलमान चिश्ती को कल रात गिरफ्तार किया।” सांगवान ने पहले कहा था कि वीडियो व्हाट्सएप के माध्यम से व्यापक रूप से प्रसारित किया गया था और उन्हें भी क्लिप प्राप्त हुई थी। उन्होंने कहा कि पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए चिश्ती को पकड़ने के लिए बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान शुरू किया है।
यह तो हुई आम ज़िन्दगी जहां कार्रवाई कब, कहां, कैसे अमल में लायी गयी उसके बारे में बताया गया। मिंटोस ज़िंदगी की बात करें तो खादिम की गिरफ़्तारी के दौरान जो बातें पुलिस द्वारा की जा रही थीं उसकी वीडियो भी वायरल हुई जिसके बाद अशोक गहलोत के निर्देश पर काम कर रही राजस्थान पुलिस के कर्मी सैयद सलमान चिश्ती को यह कहते दिख रहे हैं कि, “कौन सा नशा कर रखा था वीडियो बनाते वक्त?” इसका जवाब देते हुए सलमान चिश्ती कहता है कि, “मैं नशा नहीं करता।” इसके बाद राजस्थान पुलिस ने जो कहा वो गहलोत सरकार की पोल खोलने के किए काफी था, पुलिस ने कहा कि, “बोल नशे में था, ताकि बचाया जा सके।”
कौन सा नशा कर रखा था वीडियो बनाते वक्त ?
सलमान चिश्ती: मैं नशा नहीं करता
राजस्थान पुलिस: बोल नशे में था, ताकी बचाया जाएNote : बीजेपी के नेताओं ने ये वीडियो जारी कर राजस्थान सरकार पर तुष्टिकरण करने और नुपूर शर्मा का सर कलम करने का ऐलान करने वाले को बचाने का आरोप लगाया है। pic.twitter.com/ID2yGzhxXg
— Shubhankar Mishra (@shubhankrmishra) July 6, 2022
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कोई क्या भरोसा करे ऐसी पुलिस व्यवस्था पर
अब इसके बाद क्या विश्वास और भरोसा किया जा सकता है कि राज्य की पुलिस वास्तव में मुजरिमों के प्रति सख्त रुख अपनाती है। जिस प्रकार इसी राजस्थान के उदयपुर में दर्ज़ी कन्हैया लाल का सिर कलम कर दिया गया, ऐसे संवदेनशील मुद्दे के बाद भी राज्य की अशोक गहलोत सरकार नीचता की सारी पराकाष्ठा पार कर रही है और अपराधियों को अपने वोट बैंक साधने के लिए संरक्षण देने का काम कर रही है।
अब यह एक मात्र घटना नहीं है, राजस्थान में भड़काऊ बयान देने के आरोपी दोनों मौलानाओं को जमानत मिल गयी है। बूंदी की सीजेएम कोर्ट से मौलाना मुफ्ती नदीम अख्तर और मौलाना आलम रजा गोरी को राहत मिली। शुक्रवार को दोनों मौलानाओं को कोतवाली थाना पुलिस ने बूंदी कलेक्ट्रेट पर भड़काऊ भाषण देने के मामले में गिरफ्तार किया था और गिरफ्तारी के बाद दोनों मौलानाओं को सीजेएम कोर्ट में पेश किया गया था जहां कोर्ट ने मौलाना मुफ्ती नदीम अख्तर और मौलाना मोहम्मद आलम रजा गोरी को 2 लाख का मुचलका, एक-एक लाख की जमानत पर रिहा करने का फैसला सुनाया।
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अब जिहादी तत्वों पर कैसे नकेल कसी जाती है यह इस्लमावादी गहलोत सरकार ने ही चरितार्थ कर दिखाया है। जिस प्रकार राज्य की पुलिस खादिम सलमान चिश्ती को बचाने के लिए ऐढी-चोटी का जोर लगा रही थी उससे यह सिद्ध हो गया कि राज्य की अशोक गहलोत सरकार इस्लामवादी हाथों में है और उनके रहते कन्हैया लाल जैसे निहत्थों और मासूमों को न न्याय मिल सकता है और न ही मिल पाएगा।
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