बहुत प्रकार के फ्लॉप आपने देखे होंगे– नॉर्मल फ्लॉप, मेगा फ्लॉप, डिजास्टर फ्लॉप, परंतु कोविड काल के पश्चात बॉलीवुड ने एक नयी प्रजाति तैयार की है– ‘100 करोड़ का फ्लॉप’ प्रजाति। इस लेख में जानेंगे कि कैसे बॉलीवुड अपने असफलताओं को छुपाने के लिए भी नयी नयी स्कीम तैयार कर रहा है जिससे वह कैसे भी अपने आप को फिल्म उद्योग का राजा बेटा सिद्ध कर सके।
जुग जुग जीयो पर तरण आदर्श का ट्वीट
हाल ही में जुग जुग जीयो फिल्म के वैश्विक कलेक्शन में लगभग 100 करोड़ पूरे होने पर चर्चित फिल्म विश्लेषक तरण आदर्श ने एक ट्वीट किया, “जुग जुग जीयो विदेशों में जमकर कमा रही है – दूसरे शनिवार तक ऑस्ट्रेलिया में $ 576677, न्यूज़ीलैंड में $160472, यूके में £ 285,965 और उत्तरी अमेरिका में आज 1.5 मिलियन डॉलर क्रॉस कर जाएगी, यानी कुल मिलाकर 100 करोड़” –
#JugJuggJeeyo is faring exceptionally well #Overseas… Total till [second] Sat…
⭐️#Australia: A$ 576,677
⭐️ #NZ: NZ$ 160,472
⭐️ #UK: £ 285,965
⭐️ #NorthAmerica: Will cross $ 1.5 mn tonight@comScore#JJJ *worldwide* [#India + #Overseas] total crosses ₹ 100 cr. *Gross BOC*. pic.twitter.com/MSxyxMUNEE— taran adarsh (@taran_adarsh) July 3, 2022
ये बताओ जुग जुग जीयो है क्या, और इसका निर्माता कौन है? करण जौहर, जिनके लिए संस्कृति और फिल्म मेकिंग से उतना ही नाता है, जितना कोहली का आजकल क्रिकेट से और अरविन्द केजरीवाल का कॉमन सेंस से। अब इस फिल्म के माध्यम से तलाक लेने की प्रवृत्ति को कूल बनाने को बढ़ावा दिया जा रहा था, और यदि नहीं तो फिर अपने संदेश में बहुत बुरा मात खायी है ये फिल्म। इस फिल्म का बजट कितना था? 85 करोड़ और लगभग दो हफ्तों में कमाए कितने इस फिल्म ने? मात्र 67 करोड़।
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अब आप भी सोच रहे होंगे कि ये गड़बड़ कैसे? परंतु यही हुआ है, क्योंकि वास्तव में जुग जुग जीयो ने भारत से मात्र 67 करोड़ रुपये कमाए हैं, 100 करोड़ नहीं। जो 100 करोड़ उसने कमाए हैं वह उसका सम्पूर्ण वैश्विक कलेक्शन हैं, लेकिन वह भी उसे एक हिट का स्टेटस दिलाने हेतु पर्याप्त नहीं। 2022 से धर्मा प्रोडक्शंस पर तो मानो ग्रहण लगा हुआ है।
100 करोड़ के फ्लॉप बॉलीवुड कैसे निर्मित कर रही है इसका उदाहरण आप दो फिल्मों से स्पष्ट समझ सकते हैं– राधेश्याम और गंगूबाई काठियावाड़ी। बाहुबली का प्रभाव प्रभास पर कितना कायम है, ये ‘राधे श्याम’ में भी खूब दिखा, और इसीलिए लोग उनके इस छवि से बिल्कुल भी नहीं जुड़ पाए। 320 करोड़ से भी अधिक की लागत से बनी इस फिल्म को भयानक नुकसान हुआ परंतु तब भी इस फिल्म ने आश्चर्यजनक रूप से लगभग 210 करोड़ रुपये की कुल कमाई की। अब ऐसे फ्लॉप पे तो स्वयं निर्माता भी न समझ पाएंगे कि हंसे या रोएं, और मजे की बात तो यह कि ये फिल्म उसी दिन प्रदर्शित हुई थी, जिस दिन विवेक अग्निहोत्री की ‘द कश्मीर फाइल्स’ प्रदर्शित हुई।
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ये है स्कैम का प्रत्यक्ष प्रमाण
परंतु इस स्कैम का प्रत्यक्ष प्रमाण है संजय लीला भंसाली की ‘गंगूबाई काठियावाड़ी’। मुंबई की बदनाम गलियों पर राज करने वाली गंगूबाई काठियावाड़ी पर आधारित इस फिल्म में सब कुछ था, जो बॉलीवुड के लिए उपयुक्त थी– अंडरवर्ल्ड का महिमामंडन, वेश्याओं की दास्तान दिखाना, उन्हें अत्यंत पीड़ित चित्रित करना, हर पुरुष को अत्यंत अत्याचारी दिखाना, न जाने क्या क्या। इसके लिए PR मशीनरी से लेकर सब कुछ दांव पर लगाया, जैसे हमारे 83 के लिए लगाया था, और बॉक्स ऑफिस रिपोर्ट्स से लेकर हर चीज़ के लिए लोगों को भ्रमित किया गया। परंतु परिणाम? 160 करोड़ के बजट पर बनी गंगूबाई 100 करोड़ से अधिक कमाकर भी ‘FLOP’ हुई, और और उसका कुल कलेक्शन मात्र 202 करोड़ रुपये रहा, जो उसके मूल बजट 160 करोड़ रुपये से कुछ ही अधिक था।
सोचिए, जो उद्योग इस प्रकार से आपको उल्लू बनाने को तैयार हो, वो उद्योग क्या सच में कुछ अच्छा करने को सोचेगी? यूं ही नहीं लोग बहुभाषीय सिनेमा को असली भारतीय सिनेमा मानने लगे हैं, क्योंकि जब ऐसे घोटालेबाज़ निर्माता हो, और चाटुकार विश्लेषक हो तो जनता के पास भी और भी विकल्प है बंधु।
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