हम आपसे यदि पूछें कि आप अपने मुंह को स्वच्छ रखने के लिए क्या करते हैं? आपका उत्तर होगा मुंह को स्वच्छ रखने के लिए दातून या ब्रश करते हैं, जीभ को साफ करते हैं और कुल्ला करते हैं। सामान्यतः दांतों की सफाई और मुंह को कीटाणु रहित रखने के लिए यही तो करना होता है। लेकिन कुछ लोग ऐसे भी हैं जो अलग-अलग तरह के ओरल केयर उत्पादों का उपयोग करते हैं। वहीं, आजकल मुंह की सफाई करने के लिए माउथवॉश का उपयोग बहुत बढ़ा है। ऐसे में बाजार में कई कंपनियों के माउथवॉश भी आते रहते हैं। उन्हीं में से एक कंपनी है ‘लिस्ट्रीन’।
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लिस्ट्रीन कंपनी के माउथवॉश का इतिहास
क्या आप लिस्ट्रीन कंपनी के माउथवॉश के इतिहास के बारे में जानते हैं? क्या आप जानते हैं कि लिस्ट्रीन को कभी सर्जिकल एंटीसेप्टिक और फ्लोर क्लीनर के रूप में बेचा जाता था? इतना ही नहीं लिस्ट्रीन ने अपने माउथ वॉश को बेचने के लिए एक नई बीमारी प्लाक तक का आविष्कार कर दिया था? इन सभी बिंदुओं को हम विस्तार से जानेंगे।
आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि हजारों सालों से लोग माउथवॉश का उपयोग करते आ रहे हैं। साक्ष्यों से पता चलता है कि चीन में 2700 ईसा पूर्व माउथवॉश का उपयोग किया जाता था। तब मसूड़ों की बीमारी के इलाज के लिए खारे पानी से कुल्ला किया जाता था।
अब आते हैं लिस्ट्रीन पर, तो लिस्ट्रीन एंटीसेप्टिक माउथवॉश एक अमेरिकी ब्रांड है, लिस्ट्रीन को 1879 में जोसेफ लॉरेंस के द्वारा विकसित किया गया था। विशेष रूप से इसे सांसों में बदबू पैदा करने वाले कीटाणुओं को मारने के लिए बाज़ार में प्रचारित किया गया था लेकिन सच्चाई इससे थोड़ी भिन्न है। 1600 और 1900 के आरम्भ के बीच लिस्ट्रीन माउथवॉश का व्यावसायिक रूप से विकास नहीं हो पा रहा था, 1920 के दशक तक लिस्ट्रीन की बिक्री बहुत कम थी। हालांकि यह व्यवसाय चल पड़े इसके लिए बहुत प्रयास किए गए लेकिन कोई लाभ नहीं हुआ।
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लिस्ट्रीन ने क्या निकाला हल
ऐसी स्थिति में लिस्ट्रीन ने एक रास्ता निकाला। सामान्यतः लोग किसी समस्या का समाधान खोजते हैं लेकिन लिस्ट्रीन ने इसके विपरीत कार्य किया। लिस्ट्रीन को मूल रूप से सर्जरी के बाद संक्रमण को कम करने के लिए एक एंटीसेप्टिक के रूप में प्रयोग किया गया था, इतना ही नहीं इसे फ्लोर क्लीनर के रूप में भी बेचा जाता था।
एक वैज्ञानिक ने एल्कोहलिक माउथवॉश का प्रयोग किया। उन्होंने पाया कि एल्कोहल जीवित जीवों (जैसे दंत पट्टिका यानी प्लाक बैक्टीरिया) को मार सकता है। बस यहीं से लिस्ट्रीन ने अपने उत्पाद को लोगों के बीच बेचने का सोचा। उसने अपने विज्ञापनों के द्वारा ऐसा दर्शाया कि मुंह की दुर्गन्ध और दातों में होने वाली बीमारी (प्लाक) एक ऐसी समस्या है जिससे आपकी जिंदगी तक बर्बाद हो सकती है।
इसके विज्ञापनों की एक श्रृंखला ने लिस्ट्रीन को पुरानी समस्या मुंह से दुर्गंध (सांसों की दुर्गंध) के इलाज के रूप में प्रचारित किया गया। लिस्ट्रीन ने अपने नये विज्ञापनों में एक निराश युवतियों और पुरुषों को भी दर्शाया है, जो शादी के लिए बहुत उत्सुक हैं लेकिन अपने साथी की गंदी सांसों के कारण दूर हो गए हैं।
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दुर्गंध एक बड़ी आपदा बन गयी
उस समय तक सांसों की दुर्गंध को परंपरागत रूप से ऐसी आपदा नहीं माना जाता था लेकिन लिस्ट्रीन ने इसे पूर्ण रूप से बदल कर रख दिया। “लिस्ट्रीन ने अपने माउथवॉश को सफल बनाने के लिए मुंह की दुर्गंध को लोगों के बीच एक गंभीर समस्या के रूप में दर्शाया।
कुछ ही वर्षों में कंपनी का राजस्व $115,000 से बढ़कर $8 मिलियन से अधिक हो गया। इनके विज्ञापन अभियान से पहले, किसी को वास्तव में इस बात की चिंता तक नहीं थी कि उनकी सांसों से कैसी गंध आ रही है। लेकिन विज्ञापनों के आने के बाद लोगों के बीच ये एक बड़ी चर्चा का विषय बन गया।
नतीजतन, लोगों ने ऐसा मानना आरम्भ कर दिया कि उनके पास एक ऐसी बड़ी समस्या है जिसका इलाज़ होना बहुत ज्यादा जरूरी है। लिस्ट्रीन ने कैसे चालाकी से लोगों को अपने उत्पाद बेच डाले लोगों को आज इस बारे में शायद ही जानकारी हो।
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