कर्नाटक चुनाव 2023 में इस बार कांटे की टक्कर होने वाली है। इसमें कोई दो राय नहीं कि भाजपा के लिए इस बार चुनाव की राह सरल नहीं होने वाली, और बोम्मई सरकार को अपना लगभग सब कुछ झोंकना पड़ेगा।
परंतु जिस प्रकार से समीकरण बैठ रहे हैं, उस अनुसार कांग्रेस के लिए इस चुनाव में पूर्ण बहुमत बहुत ही कठिन लग रहा है, और इसका कारण कोई और नहीं, कांग्रेस और उनके प्रमुख दावेदार, पूर्व सीएम सिद्दारमैया के साथ पार्टी के समीकरण होंगे।
TOI के एक रिपोर्ट की माने तो इस बार सिद्दारमैया के लिए चुनाव में जीतना तो दूर, चुनाव में भाग लेना भी काफी कठिन होगा। कोलार क्षेत्र में जनता [और शायद राजनेता] इन्हे देखना तक नहीं चाहते, और यदि ऐसा ही चलता रहा, तो उन्हे अपने पुत्र की सीट, वरुना से लड़ना पड़ सकता है।
और पढ़ें- ‘पाकिस्तान भारतीय सेना को मारे’, ये बोलने वाले ‘देशद्रोही’ के समर्थन में आए सिद्दारमैया
परंतु यहाँ भी दो समस्याएँ है। पहली ये कि अगर वे वास्तव में चुनाव लड़ते हैं, तो उनका सामना बीवाई विजयेन्द्र से होगा, जो बीएस येदयुरप्पा के पुत्र हैं। परंतु एक तो येदयुरप्पा का ये अंतिम चुनाव है, और ऊपर से उन्हे उन्ही के गढ़ में चुनौती देना सिद्दारमैया के लिए कोई सरल काम नहीं होगा।
दूसरी बात ये है कि सिद्दारमैया यदि बैकफुट पे जाएंगे, तो डीके शिवकुमार को अवसर मिल सकता है। परंतु ख्याल बुनने में और यथार्थ में आकाश पाताल का अंतर होता है। डीके शिवकुमार के ऊपर ED का साया है, और ऐसे में वे चाहकर भी कोई विशेष परिवर्तन नहीं कर पाएंगे, और इससे कांग्रेस में घोर नेतृत्व संकट उमड़ पाएगा।
आपके इस विषय पर क्या विचार है, कमेन्ट सेक्शन में अवश्य साझा करें।
TFI का समर्थन करें:
सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की ‘राइट’ विचारधारा को मजबूती देने के लिए TFI-STORE.COM से बेहतरीन गुणवत्ता के वस्त्र क्रय कर हमारा समर्थन करें.