अतीक अहमद केस: पता है पाकिस्तान और लिबरल बिरादरी में क्या समानता है? दोनों का इरादा स्पष्ट है कि मकसद नहीं भूलना है, दोनों अपने मकसद यानि उद्देश्य के लिए किसी भी स्तर तक जा सकते हैं। लेकिन जैसे कश्मीर का ढोल पीटने के लिए आज पाकिस्तान आज उपहास का पात्र बना हुआ है, वैसे ही लिबरलों का मुस्लिम प्रेम न केवल उनके लिए, अपितु आगे आकर मुस्लिमों के लिए काफी मुसीबतें लाने वाला हैं।
इस लेख में पढिये कि कैसे लिबरल एवं वामपंथी जिस “मुस्लिम कार्ड” का आजकल खूब उपयोग करते हैं, वही मुस्लिमों के लिए सबसे हानिकारक सिद्ध होगा।
अतीक न हो गया, “मुस्लिमों का मसीहा हो गया”
अतीक अहमद को मरे अभी एक हफ्ता भी नहीं हुआ है, और ऐसे चित्रित किया जा रहा है, मानो इनके बिना यूपी के मुस्लिम खतरे में आ जाएंगे।
कानपुर के विकास दुबे का एनकाउंटर जब हुआ तब किसी हिंदू को उसमें हिंदू नहीं दिखा, केवल दो कौड़ी का एक अपराधी दिखा। किसी ब्राह्मण को उसमें ब्राह्मण कहीं से नहीं दिखा, केवल एक घृणित अपराधी दिखा, जो धरती पर बोझ था। परंतु अतीक अहमद के सुपुत्र असद के एनकाउंटर पर सेक्युलर सजल नेत्रों को एक पीड़ित मुसलमान दिखा। अखिलेश को भी, औवेसी को भी।
अतीक अहमद का इतिहास इसके ठीक उलट है। सत्ता में आगे बढ़ने हेतु इसने हत्या को अपनी सीढ़ी बनाया। परंतु ये तो कुछ भी नहीं है। प्रयागराज में एक समय आतंक का पर्याय बने अतीक ने केवल हिंदुओं को ही नहीं, अपितु मुस्लिमों को भी बराबर प्रताड़ित किया। करेली मदरसा का कांड अगर कोई ध्यान से पढ़ ले, तो उसे पता चल जाएगा कि अपनी सत्ता के भूख के लिए अतीक किस हद तक जा सकता था।
और पढ़ें: कौन है लवलेश तिवारी, जिसने सबके सामने अतीक का भेजा उड़ा दिया?
काठ की हांडी बार बार नहीं चढ़ती
ये तो कुछ भी नहीं है। स्थिति तो यहाँ तक पहुँच गई कि कहीं अतीक अहमद के नाम पर कैन्डल मार्च निकाला गया, कहीं उसके लिए भारत रत्न की मांग की गई। कुछ तो इतने महान आत्मा सिद्ध हुए कि जहां अतीक दफनाया गया, वहाँ पर तिरंगा तक गाड़ दिया गया।
परंतु ये तो मात्र प्रारंभ है। BBC ने जहां अतीक अहमद जैसे दुर्दांत अपराधी को “राजनेता बने व्यक्ति की बेशर्मी से हत्या” एवं “रॉबिनहुड” जैसी उपमाएँ दी। वहीं CNN ने अतीक अहमद को ‘पूर्व राजनेता’ लिख कर संबोधित किया है।
A former lawmaker in India’s parliament, convicted of kidnapping, was shot dead along with his brother while police were escorting them for a medical check-up in a slaying caught on live televisionhttps://t.co/1pm1Kyty1n
— CNN (@CNN) April 16, 2023
इसके साथ ही उसने हत्यारों पर ‘धार्मिक हिन्दू नारे’ लगाने का आरोप लगाया। क्या दुनिया भर में ‘अल्ला-हू-अकबर’ चिल्ला कर गला रेते जाने की घटनाओं पर भी CNN इस बेबाकी से लिखता है? अब NYT के कवरेज के बारे में जितना कम बोलें, उतना ही अच्छा।
और पढ़ें: अतीक अहमद का पाकिस्तान कनेक्शन
जल्द ही पाकिस्तान जैसी हालत होगी
जो धूमकेतु की तरह आते हैं, उनकी चमक एक क्षण के लिए आकाश में सबको लुभाती है लेकिन वे शीघ्र ही सदा के लिए अंधकार में खो भी जाते हैं। केवल समय की बात है कि कौन कब डूबता है! ये बात अतीक अहमद एंड कंपनी के लिए भी लागू होती है, जो शीघ्र ही लिबरल्स को हास्य का पात्र बना रहे हैं, और आगे चलकर मुसलमानों का जीवन और कठिन बनाने वाले हैं।
पता है, बचपन में भेड़िया आया, भेड़िया आया की कथा क्यों सुनाया जाता है? आज जो यह कर रहे हैं, ताकि एक समुदाय को कोई हाथ न लगा सके, यह विक्टिम कार्ड है, जो राजनीति के बावन पत्तों में कभी तुरुप का था, अब केवल एक जोकर रह गया है। किंतु जोकरों की जमातों को उसे जीवनपर्यंत चलाते रहने का सेक्युलर अभिशाप है!
परंतु इसका पाकिस्तान से क्या नाता? कश्मीर का मुद्दा तो भूले नहीं होंगे न? ये पाकिस्तानी भूलने देते भी नहीं, परंतु आज यही विषय इनके गले की फांस बन चुका है। न निगलते बनता है, और न उगलते। परंतु जिस प्रकार से पाकिस्तान कश्मीर के फटे ढोल को बजाता रहता है, और कोई उसे भाव भी नहीं देता, वैसे ही शीघ्र वो समय भी आएगा, जब लिबरल बिरादरी का यही “मुस्लिम कार्ड” उनके लिए अभिशाप बन जाएगा।
और पढ़ें: अतीक अहमद के लिए विधवा विलाप करने वाले मुसलमानों को यह रिपोर्ट अवश्य पढ़नी चाहिए
वो कैसे? आजकल कट्टरपंथियों के उपद्रव के कारण देश के अधिकतम हिंदु आक्रोशित हैं। उसके ऊपर से अंतरराष्ट्रीय संगठनों से लेकर स्वयं देश के कुछ बुद्धिजीवी एवं संस्थाएँ ऐसी भी है कि हर बात के लिए हिंदुओं को ही दोषी ठहराते हैं। ऐसे में यदि वास्तव में कभी हिंदुओं ने वो कार्रवाई की, जिसके लिए उन्हे सुनाया जाता है, तो लिबरलों की कृपा से कोई भी अन्य लोगों की सुनने को तैयार न होगा, जैसे आज कश्मीर पर कोई पाकिस्तान की सुनने को तैयार नहीं। हाऊ सेड इज दिस एण्ड हाऊ बैड इज दैट! कन्टिन्यू!
TFI का समर्थन करें:
सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की ‘राइट’ विचारधारा को मजबूती देने के लिए TFI-STORE.COM से बेहतरीन गुणवत्ता के वस्त्र क्रय कर हमारा समर्थन करें।