TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    मां काली का अपमान और ममता का मौन: बंगाल में तुष्टीकरण राज की भयावह सच्चाई

    मां काली का अपमान और ममता का मौन: बंगाल में तुष्टीकरण राज की भयावह सच्चाई

    ‘जंगलराज नहीं चाहिए’: बिहार की जीविका दीदियों ने किया साफ, नीतीश पर भरोसा, तेजस्वी के वादे पर नहीं यकीन

    ‘जंगलराज नहीं चाहिए’: बिहार की जीविका दीदियों ने किया साफ, नीतीश पर भरोसा, तेजस्वी के वादे पर नहीं यकीन

    गुलामी से कफाला तक: सऊदी अरब के ‘प्रायोजक तंत्र’ का अंत और इस्लामी व्यवस्था के भीतर बदलते समय का संकेत

    गुलामी से कफाला तक: सऊदी अरब के ‘प्रायोजक तंत्र’ का अंत और इस्लामी व्यवस्था के भीतर बदलते समय का संकेत

    महागठबंधन नहीं, महाभ्रम कहिए जनाब : बिहार में राहुल गांधी का असर, तेजस्वी का दबदबा और गठबंधन की टूटती परतें, जानें क्या कहा पप्पू यादव ने

    महागठबंधन नहीं, महाभ्रम कहिए जनाब : बिहार में राहुल गांधी का असर, तेजस्वी का दबदबा और गठबंधन की टूटती परतें, जानें क्या कहा पप्पू यादव ने

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    भारत की कूटनीति अब ‘वर्चुअल’ नहीं, रणनीतिक है: आसियान शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी का डिजिटल नेतृत्व और एशियाकी नई शक्ति-संतुलन रेखा

    भारत की कूटनीति अब ‘वर्चुअल’ नहीं, रणनीतिक है: आसियान शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी का डिजिटल नेतृत्व और एशिया की नई शक्ति-संतुलन रेखा

    भारत-अमेरिका व्यापार समझौता जल्द: 15 से 16 फीसदी तक हो सकती है टैरिफ, जानिए आखिर क्यों हो रहा ऐसा

    भारत-अमेरिका व्यापार समझौता जल्द: 15 से 16 फीसदी तक हो सकती है टैरिफ, जानिए क्या होंगे इसके असर

    बिहार में 12 रैलियों से हुंकार भरेंगे पीएम मोदी: राष्ट्रनिर्माण की पुकार बन जाएगा चुनावी अभियान

    आर्थिक शक्ति, राष्ट्रीय अस्मिता और आत्मनिर्भर भारत: पीएम मोदी के भाषण का राष्ट्रवादी अर्थ

    भारत और अफगानिस्तान: बदलती भू-राजनीतिक परिदृश्य में मजबूत रणनीतिक साझेदार

    भारत और अफगानिस्तान: बदलती भू-राजनीतिक परिदृश्य में मजबूत रणनीतिक साझेदार

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    ‘अग्नि से सजे हथियार’: 4.25 लाख स्वदेशी CQB कार्बाइनों से सजी भारतीय सेना बनेगी आतंकियों के लिए काल

    ‘अग्नि से सजे हथियार’: 4.25 लाख स्वदेशी CQB कार्बाइन से सजी भारतीय सेना बनेगी आतंकियों के लिए काल

    अग्निवीर योजना में बड़े बदलाव की तैयारी : ‘अस्थायी’ से ‘स्थायी’ की ओर भारत की नई सैन्य सोच

    अग्निवीर योजना में बड़े बदलाव की तैयारी : ‘अस्थायी’ से ‘स्थायी’ की ओर भारत की नई सैन्य सोच

    सीमा के पार उबलता बारूद: पाकिस्तान की बिखरती रणनीति और भारत की निर्णायक शांति, जानें क्या कर सकता है आतंकिस्तान

    सीमा के पार उबलता बारूद: पाकिस्तान की बिखरती रणनीति और भारत की निर्णायक शांति, जानें क्या कर सकता है आतंकिस्तान

    भारतीय वायुसेना को दुनिया की तीसरी वायुसेना का खिताब, तकनीक से ज़्यादा यह है राजनीतिक इच्छाशक्ति की जीत

    भारतीय वायुसेना को दुनिया की तीसरी वायुसेना का खिताब, तकनीक से ज़्यादा यह है राजनीतिक इच्छाशक्ति की जीत

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    ‘अग्नि से सजे हथियार’: 4.25 लाख स्वदेशी CQB कार्बाइनों से सजी भारतीय सेना बनेगी आतंकियों के लिए काल

    ‘अग्नि से सजे हथियार’: 4.25 लाख स्वदेशी CQB कार्बाइन से सजी भारतीय सेना बनेगी आतंकियों के लिए काल

    भारत की कूटनीति अब ‘वर्चुअल’ नहीं, रणनीतिक है: आसियान शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी का डिजिटल नेतृत्व और एशियाकी नई शक्ति-संतुलन रेखा

    भारत की कूटनीति अब ‘वर्चुअल’ नहीं, रणनीतिक है: आसियान शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी का डिजिटल नेतृत्व और एशिया की नई शक्ति-संतुलन रेखा

    भारत-अमेरिका व्यापार समझौता जल्द: 15 से 16 फीसदी तक हो सकती है टैरिफ, जानिए आखिर क्यों हो रहा ऐसा

    भारत-अमेरिका व्यापार समझौता जल्द: 15 से 16 फीसदी तक हो सकती है टैरिफ, जानिए क्या होंगे इसके असर

    जब उल्काएं थीं दीप, और दीप थे उत्सव: यहां जानें, क्यों आतिशबाज़ी भारतीय परंपरा का हिस्सा है, आयातित नहीं?

    जब उल्काएं थीं दीप, और दीप थे उत्सव: यहां जानें, क्यों आतिशबाज़ी भारतीय परंपरा का हिस्सा है, आयातित नहीं?

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    गुलामी से कफाला तक: सऊदी अरब के ‘प्रायोजक तंत्र’ का अंत और इस्लामी व्यवस्था के भीतर बदलते समय का संकेत

    गुलामी से कफाला तक: सऊदी अरब के ‘प्रायोजक तंत्र’ का अंत और इस्लामी व्यवस्था के भीतर बदलते समय का संकेत

    जब उल्काएं थीं दीप, और दीप थे उत्सव: यहां जानें, क्यों आतिशबाज़ी भारतीय परंपरा का हिस्सा है, आयातित नहीं?

    जब उल्काएं थीं दीप, और दीप थे उत्सव: यहां जानें, क्यों आतिशबाज़ी भारतीय परंपरा का हिस्सा है, आयातित नहीं?

    राजनीतिक इस्लाम बनाम सनातन चेतना: योगी आदित्यनाथ का वैचारिक शंखनाद और संघ का शताब्दी संकल्प

    राजनीतिक इस्लाम बनाम सनातन चेतना: योगी आदित्यनाथ का वैचारिक शंखनाद और संघ का शताब्दी संकल्प

    पाकिस्तान को डंसेगा उसका अपना ही पाल हुआ सांप, जानें आखिर क्यों नहीं टिक पाएगा पाकिस्तान-अफगानिस्तान की शांति समझौता

    पाकिस्तान को डंसेगा उसका अपना ही पाल हुआ सांप, जानें आखिर क्यों नहीं टिक पाएगा पाकिस्तान-अफगानिस्तान की शांति समझौता

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    एशिया कप हारने के बाद पाकिस्तान के लोगों ने ही पाकिस्तान टीम को सोशल मीडिया पर धो डाला! उड़ाया मजाक

    एशिया कप हारने के बाद पाकिस्तान के लोगों ने ही पाकिस्तान टीम को सोशल मीडिया पर धो डाला! उड़ाया मजाक

    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    मां काली का अपमान और ममता का मौन: बंगाल में तुष्टीकरण राज की भयावह सच्चाई

    मां काली का अपमान और ममता का मौन: बंगाल में तुष्टीकरण राज की भयावह सच्चाई

    ‘जंगलराज नहीं चाहिए’: बिहार की जीविका दीदियों ने किया साफ, नीतीश पर भरोसा, तेजस्वी के वादे पर नहीं यकीन

    ‘जंगलराज नहीं चाहिए’: बिहार की जीविका दीदियों ने किया साफ, नीतीश पर भरोसा, तेजस्वी के वादे पर नहीं यकीन

    गुलामी से कफाला तक: सऊदी अरब के ‘प्रायोजक तंत्र’ का अंत और इस्लामी व्यवस्था के भीतर बदलते समय का संकेत

    गुलामी से कफाला तक: सऊदी अरब के ‘प्रायोजक तंत्र’ का अंत और इस्लामी व्यवस्था के भीतर बदलते समय का संकेत

    महागठबंधन नहीं, महाभ्रम कहिए जनाब : बिहार में राहुल गांधी का असर, तेजस्वी का दबदबा और गठबंधन की टूटती परतें, जानें क्या कहा पप्पू यादव ने

    महागठबंधन नहीं, महाभ्रम कहिए जनाब : बिहार में राहुल गांधी का असर, तेजस्वी का दबदबा और गठबंधन की टूटती परतें, जानें क्या कहा पप्पू यादव ने

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    भारत की कूटनीति अब ‘वर्चुअल’ नहीं, रणनीतिक है: आसियान शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी का डिजिटल नेतृत्व और एशियाकी नई शक्ति-संतुलन रेखा

    भारत की कूटनीति अब ‘वर्चुअल’ नहीं, रणनीतिक है: आसियान शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी का डिजिटल नेतृत्व और एशिया की नई शक्ति-संतुलन रेखा

    भारत-अमेरिका व्यापार समझौता जल्द: 15 से 16 फीसदी तक हो सकती है टैरिफ, जानिए आखिर क्यों हो रहा ऐसा

    भारत-अमेरिका व्यापार समझौता जल्द: 15 से 16 फीसदी तक हो सकती है टैरिफ, जानिए क्या होंगे इसके असर

    बिहार में 12 रैलियों से हुंकार भरेंगे पीएम मोदी: राष्ट्रनिर्माण की पुकार बन जाएगा चुनावी अभियान

    आर्थिक शक्ति, राष्ट्रीय अस्मिता और आत्मनिर्भर भारत: पीएम मोदी के भाषण का राष्ट्रवादी अर्थ

    भारत और अफगानिस्तान: बदलती भू-राजनीतिक परिदृश्य में मजबूत रणनीतिक साझेदार

    भारत और अफगानिस्तान: बदलती भू-राजनीतिक परिदृश्य में मजबूत रणनीतिक साझेदार

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    ‘अग्नि से सजे हथियार’: 4.25 लाख स्वदेशी CQB कार्बाइनों से सजी भारतीय सेना बनेगी आतंकियों के लिए काल

    ‘अग्नि से सजे हथियार’: 4.25 लाख स्वदेशी CQB कार्बाइन से सजी भारतीय सेना बनेगी आतंकियों के लिए काल

    अग्निवीर योजना में बड़े बदलाव की तैयारी : ‘अस्थायी’ से ‘स्थायी’ की ओर भारत की नई सैन्य सोच

    अग्निवीर योजना में बड़े बदलाव की तैयारी : ‘अस्थायी’ से ‘स्थायी’ की ओर भारत की नई सैन्य सोच

    सीमा के पार उबलता बारूद: पाकिस्तान की बिखरती रणनीति और भारत की निर्णायक शांति, जानें क्या कर सकता है आतंकिस्तान

    सीमा के पार उबलता बारूद: पाकिस्तान की बिखरती रणनीति और भारत की निर्णायक शांति, जानें क्या कर सकता है आतंकिस्तान

    भारतीय वायुसेना को दुनिया की तीसरी वायुसेना का खिताब, तकनीक से ज़्यादा यह है राजनीतिक इच्छाशक्ति की जीत

    भारतीय वायुसेना को दुनिया की तीसरी वायुसेना का खिताब, तकनीक से ज़्यादा यह है राजनीतिक इच्छाशक्ति की जीत

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    ‘अग्नि से सजे हथियार’: 4.25 लाख स्वदेशी CQB कार्बाइनों से सजी भारतीय सेना बनेगी आतंकियों के लिए काल

    ‘अग्नि से सजे हथियार’: 4.25 लाख स्वदेशी CQB कार्बाइन से सजी भारतीय सेना बनेगी आतंकियों के लिए काल

    भारत की कूटनीति अब ‘वर्चुअल’ नहीं, रणनीतिक है: आसियान शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी का डिजिटल नेतृत्व और एशियाकी नई शक्ति-संतुलन रेखा

    भारत की कूटनीति अब ‘वर्चुअल’ नहीं, रणनीतिक है: आसियान शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी का डिजिटल नेतृत्व और एशिया की नई शक्ति-संतुलन रेखा

    भारत-अमेरिका व्यापार समझौता जल्द: 15 से 16 फीसदी तक हो सकती है टैरिफ, जानिए आखिर क्यों हो रहा ऐसा

    भारत-अमेरिका व्यापार समझौता जल्द: 15 से 16 फीसदी तक हो सकती है टैरिफ, जानिए क्या होंगे इसके असर

    जब उल्काएं थीं दीप, और दीप थे उत्सव: यहां जानें, क्यों आतिशबाज़ी भारतीय परंपरा का हिस्सा है, आयातित नहीं?

    जब उल्काएं थीं दीप, और दीप थे उत्सव: यहां जानें, क्यों आतिशबाज़ी भारतीय परंपरा का हिस्सा है, आयातित नहीं?

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    गुलामी से कफाला तक: सऊदी अरब के ‘प्रायोजक तंत्र’ का अंत और इस्लामी व्यवस्था के भीतर बदलते समय का संकेत

    गुलामी से कफाला तक: सऊदी अरब के ‘प्रायोजक तंत्र’ का अंत और इस्लामी व्यवस्था के भीतर बदलते समय का संकेत

    जब उल्काएं थीं दीप, और दीप थे उत्सव: यहां जानें, क्यों आतिशबाज़ी भारतीय परंपरा का हिस्सा है, आयातित नहीं?

    जब उल्काएं थीं दीप, और दीप थे उत्सव: यहां जानें, क्यों आतिशबाज़ी भारतीय परंपरा का हिस्सा है, आयातित नहीं?

    राजनीतिक इस्लाम बनाम सनातन चेतना: योगी आदित्यनाथ का वैचारिक शंखनाद और संघ का शताब्दी संकल्प

    राजनीतिक इस्लाम बनाम सनातन चेतना: योगी आदित्यनाथ का वैचारिक शंखनाद और संघ का शताब्दी संकल्प

    पाकिस्तान को डंसेगा उसका अपना ही पाल हुआ सांप, जानें आखिर क्यों नहीं टिक पाएगा पाकिस्तान-अफगानिस्तान की शांति समझौता

    पाकिस्तान को डंसेगा उसका अपना ही पाल हुआ सांप, जानें आखिर क्यों नहीं टिक पाएगा पाकिस्तान-अफगानिस्तान की शांति समझौता

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    एशिया कप हारने के बाद पाकिस्तान के लोगों ने ही पाकिस्तान टीम को सोशल मीडिया पर धो डाला! उड़ाया मजाक

    एशिया कप हारने के बाद पाकिस्तान के लोगों ने ही पाकिस्तान टीम को सोशल मीडिया पर धो डाला! उड़ाया मजाक

    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

सिंगल स्क्रीन को अंडरएस्टिमेट नहीं करने का!

ऑक्सीजन है भारतीय सिनेमा की!

Pratyush Madhav द्वारा Pratyush Madhav
17 August 2023
in चलचित्र
सिंगल स्क्रीन को अंडरएस्टिमेट नहीं करने का!
Share on FacebookShare on X

कुल मिलाकर ४०० करोड़ से अधिक का ग्रॉस कलेक्शन!

२ करोड़ से अधिक के फुटफॉल्स!

संबंधितपोस्ट

किसानों की ज़मीन पर सेलिब्रिटी की नज़र! एग्रीकल्चरल लैंड की खरीद के बाद जांच के घेरे में आईं शाहरुख खान की बेटी सुहाना

बॉलीवुड द्वारा ‘नारी चित्रण’ सामाजिक पतन का कारण बन रहा है

हिंदू पत्नियाँ मंज़ूर, मगर बच्चे मुस्लिम क्यों? मुस्लिम अभिनेताओं और नेताओं की पसंद पर सवाल

और लोड करें

PVR INOX जैसे सिनेमा चेन्स के शेयर के भाव में ५ प्रतिशत की बढ़ोत्तरी!

सब कुछ केवल ३ दिनों में, यानी ११ से १३ अगस्त तक!

चौंक गए क्या? चौकाना भी चाहिए!

भारतीय सिनेमा की बंजर भूमि पर धनवर्षा नहीं हुई है, अपितु ऐसा जलप्लावन आया है जो अब रोके न रुकेगा. ३ दिनों में भारतीय सिनेमा, विशेषकर बॉलीवुड की प्यास तृप्त हो गई! लोग भर भर के सिनेमा हॉल जा रहे हैं. परन्तु इन सब में एक इकाई ऐसी है, जिसे उसका उचित सम्मान नहीं दिया जा रहा है : सिंगल स्क्रीन थियेटर्स!

आज हम बात करेंगे उन सिंगल स्क्रीन थियेटर्स की, जिनके बिना भारतीय सिनेमा अधूरा है, और जो भारतीय सिनेमा के लिए प्राणवायु समान है!

सिंगल स्क्रीन्स के लिए एलीट वर्ग की घृणा!

जब ग़दर २ का ट्रेलर आया था, तो इसे मिश्रित प्रतिक्रिया मिली. कई लोगों को लगा कि ये फिल्म पहले जैसी नहीं है, कुछ विश्लेषकों ने यहाँ तक बोला कि अब वो पहले वाली बात नहीं. देखिये अब स्वतंत्र देश के स्वतंत्र नागरिक है, यहाँ सबको अपनी बात रखने की पूर्ण स्वतंत्रता है, परन्तु हद तो तब हो गई जब इन्होने वो दुस्साहस किया, जो स्वयं करण जौहर भी सपने में नहीं सोच सकते! इन्होने “गदर २” को सिंगल स्क्रीन के “योग्य” बताया!

सिंगल स्क्रीन का क्या अर्थ है? क्या “ग़दर २” कोई अश्लील फिल्म है, क्या वो सभ्य समाज में प्रदर्शन के योग्य नहीं? अगर नहीं है, तो “सिंगल स्क्रीन वाला” कहकर ये तथाकथित बुद्धिजीवी क्या सिद्ध करना चाहते हैं?

एक पल के लिए रुकें और विचार करें: किस थियेटर में “दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे” लगभग तीन दशकों से दर्शकों को लुभा रहा है? कोई भी समझदार व्यक्ति बताएगा कि यह मुंबई का प्रतिष्ठित मराठा मंदिर है। लेकिन, क्या यह सिनेमा हॉल एक विशाल मल्टीप्लेक्स  है? बिलकुल भी नहीं!

जब प्लाजा, ओडियन और गेयटी गैलेक्सी के नाम आपकी जुबान पर आते हैं, तो आपके मस्तिष्क में  क्या अत्याधुनिक  मल्टीप्लेक्स के दृश्य आते हैं? या आपके कल्पना में राजसी सिंगल-स्क्रीन एम्पोरियम की वह छवियां उभरती हैं जिन्होंने दशकों के सांस्कृतिक प्रभाव के माध्यम से अपनी पहचान बनाई है? आप माने या नहीं, परन्तु यही सत्य है!

और पढ़ें: एक मेगा क्लैश ने कराई भारतीय सिनेमा की शानदार वापसी!

सिंगल स्क्रीन : बॉलीवुड के लिए ‘अभिशाप‘ तो पैन इंडिया के लिए “वरदान”

आपने कभी ये सोचने का प्रयास किया है कि कोविड महामारी के पश्चात बॉलीवुड फिल्मों की हवा क्यों टाइट है, जबकि दक्षिण भारत फिल्म उद्योग जो अब पैन इंडिया के रूप में विकसित हो रहा है, दिन प्रतिदिन नए आयाम प्राप्त कर रहा है. कोई कहेगा कॉन्टेंट, कोई कहेगा स्टार्स की लोकप्रियता, परन्तु एक प्रमुख कारण है सिंगल स्क्रीन के प्रति दोनों उद्योगों के व्यवहार में अंतर।

भारत के मीडिया और मनोरंजन क्षेत्र की जांच करने वाली फिक्की-ईवाई की एक रिपोर्ट के अनुसार सिंगल-स्क्रीन थिएटरों बॉलीवुड में अपना प्रभाव खोते जाते रहे हैं, क्योंकि फिल्म निर्माण उद्योग ने मुख्य रूप से अपस्केल और मल्टीप्लेक्स दर्शकों की ओर अपना प्रोडक्शन बढ़ाया है।

सिनेमाई दृष्टिकोण में इस विचलन ने अनजाने में पारंपरिक फिल्म देखने वाले दर्शकों के एक महत्वपूर्ण हिस्से को हाशिए पर धकेल दिया है, जो नाटकीय अनुभव के लिए 50-70 रुपये की मामूली राशि खर्च करने के आदी हैं। इसके विपरीत, मल्टीप्लेक्स में लागत तीन से चार गुना बढ़ जाती है।

इस प्रीमियम मूल्य निर्धारण रणनीति ने बॉलीवुड को अधिक समृद्ध दर्शकों से पर्याप्त लाभ कमाने में सक्षम बनाया है, जिससे हार्टलैंड यानी गाँव कस्बों की आबादी पर निर्भरता कम हो गई है।

इसके विपरीत, दक्षिणी फिल्म उद्योग इस नाटक से दूर रहा है। उनके लिए जनसमूह सर्वोपरि है, चाहे वह किसी भी माध्यम से आये. भारत भर में अधिकांश मूवी स्क्रीन, लगभग दो-तिहाई, 400 से कम दर्शकों को समायोजित करती हैं।

एक उल्लेखनीय संख्या – लगभग 2,000 स्क्रीन – 101 से 200 तक बैठने की क्षमता का दावा करती है, जबकि लगभग 1,900 फीचर क्षमता 100 से नीचे है। अन्य 1,250 स्क्रीन आराम से 301 से 400 दर्शकों को समायोजित कर सकती हैं। इसके अलावा, दक्षिण भारतीय राज्यों कर्नाटक, तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश में उल्लेखनीय एकाग्रता के साथ, लगभग 130 थिएटर 1,000 से अधिक दर्शकों को समायोजित करते हैं। यानी मल्टीप्लेक्स होगा अपनी जगह, पर साउथ की जान तो यही सिंगल स्क्रीन है!

यह विचलन एक महत्वपूर्ण सिद्धांत का प्रत्यक्ष प्रमाण है: असली फिल्म वही है जो दूर किसी गाँव के रामू से लेकर साउथ बॉम्बे के आरजे के साथ जुड़े, एवं उनकी आकांक्षाओं को चित्रित करे! जिस फिल्म उद्योग के लिए मुंबई की देश विदेश में पहचान बनी थी, आज उसी से वह विमुख हो चुका है, और सिंगल स्क्रीन के प्रति इनकी बेरुखी इसी का जीता जागता प्रमाण है!

Mass vs Class: यही तुलना बॉलीवुड को ले डूबेगी!

उपरोक्त बातों से अगर तुलनात्मक अध्ययन किया जाए, तो यहाँ पैन इंडिया का प्रभाव बहुत अधिक है. इन्होने सिंगल स्क्रीन का साथ कभी नहीं छोड़ा, पर बॉलीवुड ने?

ऐसा लगता है कि बॉलीवुड ने स्वयं को मल्टीप्लेक्स के दायरे तक ही सीमित कर लिया है, जो उन दर्शकों की जरूरतों को पूरा करता है, जिनके पास मुस्कुराने की क्षमता भी नहीं है, सिंगल स्क्रीन वालों की भांति तरह तरह की भावनाएं व्यक्त करना तो छोड़ ही दीजिये. फिर रोते हैं कि दर्शक क्यों नहीं पधारते?

इसी बात पर ग़दर २ की सफलता के बाद सन्नी देओल ने भी प्रकाश डाला. उनके अनुसार, “जनता ने तारा सिंह और उनके परिवार का दिल खोलकर स्वागत किया है। वे तारा के समान परिवार की आकांक्षा रखते हैं। उस परिवार की ताकत उसके प्यार में निहित है। जब प्रतिकूल परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है । और फिर, एक संबंध बनता है। कठिनाई के समय में, भगवान हर परिवार पर कृपा करते है। यही एक चमत्कार का असली सार है। और यही दर्शक (गदर 2 में) चाहते हैं हमसे!”

सन्नी पाजी ने आगे ये भी कहा, “मैं अपने सभी समर्थकों को वचन देता हूं कि मैं इस तरह की कहानियां दिखाता रहूंगा! आजकल, ‘मास’ शब्द चारों ओर उछाला जाता है। ‘मास’ वास्तव में क्या दर्शाता है? जनता तो जनता है! हम सब हैं जनता का हिस्सा। उन्हें ‘मास’ का लेबल देकर, क्या आप एक निश्चित समूह को अपमानित नहीं कर रहे हैं? क्या आप मानते हैं कि आप उनसे ऊपर हैं? वे भारत को नहीं समझते हैं। अपने राष्ट्र को समझें।”

सनी के दृष्टिकोण में दम तो है । बॉलीवुड में निर्णय लेने वालों का जमीनी स्तर से संपर्क टूट गया है। 2021 के बाद से, “सूर्यवंशी” जैसे कुछ अपवादों के साथ, और कुछ हद तक, “द केरल स्टोरी” और “द कश्मीर फाइल्स” जैसी फिल्में, प्रमुख-बजट प्रोडक्शंस अपनी सामग्री के वादों को पूरा करने में विफल रही हैं। इसके कारण तो कई गिनाये जाते हैं, परन्तु जिस कारण पे कोई ध्यान ही नहीं देना चाहता, वह है सिंगल स्क्रीन का प्रभुत्व, और इसमें जाने वाली जनता की प्राथमिकता अनदेखी करना!

“रॉकी और रानी की प्रेम कहानी” और “पठान” की भारी विफलताओं को छुपाने के लिए करण जौहर और सिद्धार्थ आनंद जैसे लोगों द्वारा आंकड़ों में परिवर्तन किया जाता है। वो और बात है कि यह रणनीति “ब्रह्मास्त्र” और “किसी का भाई किसी की जान” जैसी फिल्मों पर बुरी तरह विफल प्रमाणित हुई थी।

इसके अतिरिक्त, ऐसे लोग स्पष्ट रूप से नहीं जानते कि जनशक्ति क्या है। यदि आपकी फिल्म अच्छी है, तो लोग टिकट काउंटरों पर “ग़दर २” की भांति धावा बोलेंगे, और आपको “कॉर्पोरेट बुकिंग” के चिंदिगिरी की आवश्यकता भी नहीं पड़ेगी!

और पढ़ें: ये सीक्वेल्स करा सकते हैं सन्नी पाजी की वापसी!

निष्कर्ष:

बड़े बजट की बॉलीवुड फिल्मों और उनके दक्षिणी समकक्षों के बीच का द्वंद्व, जो महामारी के मद्देनजर भी पनप रहा है, सिंगल स्क्रीन सिनेमाघरों के प्रति स्थायी स्नेह पर टिका है। बंदी के बीच, ये हॉल सांस्कृतिक एकता के प्रतीक के रूप में खड़े हो गए हैं, जबकि मल्टीप्लेक्स-केंद्रित बॉलीवुड अपनी जड़ों से भटक गया है। सच्चे मनोरंजन की आत्मा गांवों से लेकर महानगरीय केंद्रों तक विविध दर्शकों को जोड़ती है, जो सनी देओल की भावना को प्रतिध्वनित करती है कि “जनता” एक है।

सनी का दावा निर्णय लेने वालों और जमीनी स्तर की वास्तविकता के बीच विभाजन को उजागर करता है। मनगढ़ंत आंकड़ों और गलत दिशा के विपरीत, वास्तविक सिनेमाई रत्न, जिसका उदाहरण “गदर 2” है, दर्शकों को बिना किसी छेड़छाड़ के आकर्षित करने की शक्ति रखते हैं।

देखिये निष्कर्ष साफ़ है जनता से जुड़ें, और फिर एक ही संवाद गूंजेगा! वही, “पैसा ही पैसा होगा!”

TFI का समर्थन करें:

सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की ‘राइट’ विचारधारा को मजबूती देने के लिए TFI-STORE.COM से बेहतरीन गुणवत्ता के वस्त्र क्रय कर हमारा समर्थन करें।

Tags: AudiencesbollywoodcharmcinemacinematiccommunityDiversityEntertainmentexperienceImpactIndian film industryneverNostalgiaPan India FilmsPowerRevivalsingle screensSuccessUnderestimate
शेयरट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

The Vaccine War Clash: एक और मेगा क्लैश के लिए तैयार रहे!

अगली पोस्ट

I.N.D.I.A. गठबंधन दिल्ली में खत्म!

संबंधित पोस्ट

स्मृति ईरानी की टीवी पर शानदार वापसी, रुपाली गांगुली और हिना खान को पछाड़ बनीं हाईएस्ट पेड टीवी स्टार
चलचित्र

स्मृति ईरानी की टीवी पर शानदार वापसी, रुपाली गांगुली और हिना खान को पछाड़ बनीं हाईएस्ट पेड टीवी स्टार

9 August 2025

स्मृति ईरानी एक बार फिर छोटे पर्दे पर नजर आ रही हैं, और इस बार चर्चा सिर्फ नॉस्टैल्जिया तक सीमित नहीं है। ‘क्योंकि सास भी...

“उदयपुर फाइल्स” को हरी झंडी, कन्हैया लाल के बेटे का सवाल: “मेरे पापा को इंसाफ कौन देगा?”
चलचित्र

“उदयपुर फाइल्स” को हरी झंडी, कन्हैया लाल के बेटे का सवाल: “मेरे पापा को इंसाफ कब मिलेगा?”

26 July 2025

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को फिल्म "उदयपुर फाइल्स: कन्हैया लाल टेलर मर्डर" की रिलीज़ पर लगी रोक को बढ़ाने से इनकार कर दिया। इससे अब...

जमीयत ने अदालत का रुख किया, दिल्ली हाईकोर्ट ने रोक लगाई: क्या 'उदयपुर फाइलें' इतनी वास्तविक हैं कि उन्हें संभालना मुश्किल है?
चलचित्र

‘उदयपुर फाइल्स’ पर रोक को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंचा जमीयत; ‘सिर तन से जुदा’ हो पर खामोश रहे हिंदू?

8 July 2025

राजस्थान के उदयपुर जिले के बहुचर्चित कन्हैयालाल मर्डर केस पर बनी फिल्म ‘उदयपुर फाइल्स’ (Udaipur Files) को लेकर शुरू हुआ विवाद अब थमने का नाम...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

Bihar Files: When Scam Money Didn’t Reach Minister’s House but Landed at ‘Boss’ Residence

Bihar Files: When Scam Money Didn’t Reach Minister’s House but Landed at ‘Boss’ Residence

00:06:22

Why India’s 800-km BrahMos Is a Nightmare for Its Adversaries

00:06:22

The Congress Party’s War on India’s Soldiers: A History of Betrayal and Fear

00:07:39

How Bursting Firecrackers on Deepavali Is an Ancient Hindu Tradition & Not a Foreign Import

00:09:12

This is How Malabar Gold Betrayed Indians and Preferred a Pakistani

00:07:16
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited