इजरायल और हमास के बीच पिछले साल अक्टूबर महीने से संघर्ष चल रहा है। दोनों देशों के बीच चल रहे इस युद्ध में अबतक हजारों लोगों की मौत हो चुकी है। अंततः अब हमास के आतंकवादी इजरायली सेना के सामने घुटने टेकते दिख रहे हैं। हमास ने अब युद्धविराम योजना का प्रस्ताव रखा है।
हमास ने इजरायल के सामने तीन चरण योजना के तहत युद्धविराम का एक प्रस्ताव रखा है। आतंकवादी समूह का यह प्रस्ताव कतर और मिस्र के मध्यस्थों की ओर से पिछले सप्ताह भेजे गए प्रस्ताव के बाद आया है।
हालांकि, इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने हमास के इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया है। नेतन्याहू ने कहा कि वह हमास के साथ बीते चार महीने से जारी युद्ध में ‘पूर्ण विजय’ तक संघर्ष विराम का प्रस्ताव नहीं मानेंगे। पीएम नेतन्याहू ने कहा है कि इजरायल इस युद्ध को तब तक लड़ेगा जब तक हमास का पूर्ण विनाश नहीं कर देता।
युद्धविराम को तीन चरणों में बांटने का प्रस्ताव
हमास के प्रस्ताव में इस युद्धविराम की परिकल्पना 45-45 दिनों के तीन चरणों में की गई है। इस प्रस्ताव के मुताबीक हमास इसराइल के 50 बंधकों को छोड़ेगा जिसमें महिलाएं और बच्चे होंगे। वहीं इसराइल फिलिस्तीन के 150 कैदियों को इसराइली जेल से रिहा करेगा जिसमें महिलाएं और किशोर लड़के शामिल होंगे। साथ ही इजरायल गाजा पट्टी से अपने सैनिकों को पूरी तरह से वापस बुलाएगा। इसमें यह भी है कि शवों का आदान-प्रदान भी किया जाएगा।
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अमेरिका ने लड़ाई को बताया मानवता के खिलाफ
इसी बीच इजरायल के दौर पर आए अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने इजरायल और हमास के बीच चल रही लड़ाई को मानवता के खिलाफ बता दिया है। उन्होंने कहा कि 7 अक्टूबर 2023 को इजरायल में हमास के आतंकियों ने हमले किए थे, जबकि गाजा के अधिकांश लोगों का इससे कोई लेना-देना ही नहीं था।
ब्लिंकन ने कहा कि गाजा के वो परिवार जो इजरायल से होने वाली मदद के वितरण पर आश्रित थे, वो भी तो हमारे ही परिवार हैं। ब्लिंकन ने कहा कि गाजा में ऐसे माता-पिता, बेटे और बेटियां हैं, जो कि सभ्य जीवन जीना चाहते हैं। वे अपने बच्चों को स्कूल भेजना चाहते हैं और सामान्य तरीके से जीना चाहते हैं।
उन्होंने कहा कि ऐसे नागरिकों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने और और जरूरतमंद लोगों को और अधिक सहायता देने के लिए वो इजरायल पर दबाव बनाते रहेंगे। इसके साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि इजरायल ने ऐसे कई कदम भी उठाए हैं, जिससे मानवीय सहायता में आसानी हुई है।
अमेरिका क्यो लगा रहा है जोर
अमेरिका इस संकट को रोकने के लिए अपना पूरा जोरा लगा रहा है। अमेरिका का मानना है कि कहीं ये संकट की स्थिति पूरे इलाके को अपनी चपेट में न ले ले, इसे लेकर चिंता बढ़ रही है और इसी का समाधान तलाशने के लिए अमेरिकी विदेश मंत्री ब्लिंकन तल अवीव पहुंचे हैं। उनके दौरे का उद्देश्य डील को लेकर प्रगति हासिल करना है।
अमेरिका लगातार इस कोशिश में जुटा है कि इजरायल और हमास के बीच चल रहा तनाव क्षेत्र में और आगे न फैले। पिछले हफ़्ते जॉर्डन में हुए ड्रोन हमले में तीन अमेरिकी सैनिकों की मौत के बाद से ये कोशिश तेज हुई हैं। जॉर्डन के ड्रोन हमले के बाद अमेरिका ने सीरिया और इराक में ईरान समर्थित मिलिशिया के खिलाफ हवाई हमले किए हैं। अमेरिका ने चेतावनी दी है कि आगे और भी हमले होंगे।
अमेरिका गाजा में युद्धविराम समझौते के लागू होने को इलाके में तनाव घटाने का सबसे वास्तविक तरीके के तौर पर देख रहा है।
27 हजार से ज्यादा की हुई मौत
बीते चार महीने से जारी इस हिंसक संघर्ष के कारण पश्चिम एशिया में अभूतपूर्व मानवीय संकट भी पैदा हुआ है। हमास के हमले का इजरायल ने ऐसा जवाब दिया कि गाजा में एक-दो हजार नहीं बल्कि अब तक 27,708 लोगों की मौत हो चुकी है। साथ ही 67,147 लोग घायल भी हुए हैं।
कब शुरू हुआ युद्ध
7 अक्तूबर को हमास के सैकड़ों बंदूकधारी इजरायल की सीमा में घुसे थे। उन्होंने बोर्ड पर बनी दीवार और कंटीली तारों को काटा और भारी सुरक्षा के बावजूद जमीन, समुद्र और आसमान के रास्ते इजरायल पर हमला बोला था। बहुत से लड़ाके पेराग्लाडर्स के जरिए इजरायल में दाखिल हुए थे। ये अपनी तरह का पहला हमला था।
इसराइल ने इतना गंभीर आक्रमण अरसे से नहीं देखा था। हमास के लड़ाकों ने 1,200 लोगों को मारा जिनमें से अधिकतर आम नागरिक थे। हमलावरों ने इजरायली सुरक्षा चौकियों और एक म्यूजिक फेस्टिवल पर कई लोगों को मारा था।
वापस गाजा लौटते समय हमास के बंदूकधारी अपने साथ कई लोगों को बंधक बनाकर भी ले गए थे। उस दिन हुए हमले में मौतों का आंकड़ा 1,400 से अधिक बताया जाता है। ये हमले ऐसे समय पर हुए जब इसराइल और फिलिस्तीनियों के बीच रिश्ते काफी तनाव भरे थे। साल 2023 इसराइली कब्ज़े वाले वेस्ट बैंक के फ़लस्तीनी बाशिंदों के लिए काफ़ी घातक साबित हुआ है।
हमास क्या है और उसे क्या चाहिए
हमास एक फिलिस्तीनी गुट है जो वर्ष 2007 से गाजा पर राज कर रहा है। हमास का नाम है हरकत अल-मुकावमा अल-इस्लामिया। इसका अर्थ होता है इस्लामिक रेजिसटेंस मूवमेंट। इस ग्रुप का उद्देश्य केवल इजरायल का सर्वनाश और एक इस्लामिक स्टेट की स्थापना करना है। इसकी एक मिलिट्री विंग भी है जिसका नाम इजदीन अल-कामस ब्रिगेड है।
अल-कासम ब्रिगेड में 30,000 सदस्य बताए जाते हैं। हमास ने गाजा में सत्ता में आने के बाद इजरायल के साथ कई युद्ध लड़े हैं। वे अक़्सर हजारों रॉकेट इजरायल की ओर दागते रहे हैं। जवाबी कार्रवाई में इजरायल ने भी हमास पर कई बार हवाई हमले किए हैं।
इसके अलावा साल 2008 और 2014 में इसराइल सेना ने गाजा में घुसकर भी हमास के खिलाफ कार्रवाई की थी। हमास को इसराइल, अमेरिका, यूरोपीय संघ और ब्रिटेन एक आतंकवादी संगठन मानता है। ईरान इस ग्रुप का हिमायती है और वो इसे फंड देने के अलावा हथियार और ट्रेनिंग भी मुहैया करवाता है।