पूरे भारत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बढ़ती लोकप्रियता अब पश्चिम बंगाल तक बढ़ गई है, जिससे ममता बनर्जी और उनकी पार्टी तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के लिए एक चुनौतीपूर्ण स्थिति पैदा हो गई है। एक सर्वे से पता चला है कि बंगाल में लगभग 55 प्रतिशत लोग मोदी को फिर से प्रधान मंत्री बनाने के पक्ष में हैं। आंकड़े आगामी लोकसभा चुनावों में राज्य में भाजपा को संभावित लाभ का संकेत दे रहे हैं।
इसी के साथ सर्वे में लगभग 5 प्रतिशत लोगों ने अगले प्रधानमंत्री के रूप में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का भी समर्थन किया है। यदि यह सत्य है, तो इसका मतलब है कि बंगाल के मतदाताओं का एक बड़ा वर्ग केंद्र में भाजपा सरकार चाहता है, जिसे विपक्षी इंडिया गठबंधन की प्रमुख नेता ममता बनर्जी ने रोकने की कसम खाई है।
सर्वेक्षण 2023 के आखिरी महिनों में कराया गया था। इसमें बंगाल के 42 लोकसभा क्षेत्रों में से प्रत्येक से 2,000-3,000 लोगों को शामिल किया गया था। सर्वे में शामिल लोगों से जब प्रधानमंत्री मोदी के प्रदर्शन और अगले प्रधानमंत्री के लिए उनकी पसंद के बारे में पूछा गया तो आश्चर्यजनक रूप से, प्रधानमंत्री मोदी को जबरदस्त समर्थन मिला।
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सर्वे के प्रमुख बिंदु
- मोदी की लोकप्रियता: लगभग 55% लोगों ने प्रधानमंत्री के रूप में एक और कार्यकाल के लिए मोदी का समर्थन किया।
- योगी आदित्यनाथ की लोकप्रियता: लगभग 5% लोगों ने अगले प्रधानमंत्री के रूप में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के लिए समर्थन व्यक्त किया।
- ममता बनर्जी की संभावनाएं: जबकि 20-25% लोगों ने ममता को संभावित प्रधानमंत्री माना, हालांकि सर्वेक्षण में प्रधानमंत्री मोदी की बढ़ती लोकप्रियता के कारण ममता बनर्जी को टेंशन में ला दिया है।
- राहुल गांधी का समर्थन: लगभग 10-15% लोगों ने राहुल गांधी को संभावित प्रधानमंत्री मानते हुए उनका समर्थन किया है।
टीएमसी की बढ़ी चिंताएं
वहीं, टीएमसी इस सर्वे पर आधिकारिक तौर पर कोई भी टिप्पणी करने से बचती दिखी। हालांकि पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने इस सर्वे रिपोर्ट को चिंता का विषय बताया। इस सर्वे ने ममता बनर्जी की चिंताएं बढ़ा दी हैं क्योंकि सर्वेक्षण पश्चिम बंगाल में बदलते राजनीतिक परिदृश्य का संकेत दे रहा है।
पश्चिम बंगाल विधानसभा में टीएमसी की मजबूत उपस्थिति और ग्रामीण वोटों में मजबूत पकड़ के बावजूद भी इस सर्वे ने राष्ट्रीय चुनावों में पार्टी के प्रदर्शन पर सवाल उठा दिए हैं। वर्तमान लोकसभा में भाजपा से केवल पांच सीटें अधिक होने के बावजूद टीएमसी को बंगाल के मतदाताओं की बदलती राजनीतिक प्राथमिकताओं से चुनौती मिल रही है।
एमपी अनुमोदन रेटिंग
इस सर्वेक्षण में बांगाल के सभी लोकसभा सांसदों की ‘अनुमोदन रेटिंग’ के लिए भी एक सर्वे कराया गया जिसमें दिलचस्प जानकारियां सामने आई। बहरामपुर से कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी को सबसे ज्यादा 87% अप्रूवल रेटिंग मिली, उनके बाद टीएमसी के अभिषेक बनर्जी को 80% रेटिंग मिली। भाजपा के मौजूदा सांसदों को भी अलग-अलग अनुमोदन रेटिंग का सामना करना पड़ा है।
वहीं, सर्वेक्षण रिपोर्ट में टीएमसी के “जीतने योग्य लोकसभा उम्मीदवारों” की सूची की सिफारिश ममता बनर्जी से की गई है। सूत्रों ने कहा कि मोजूदा नामांकन सूची में कई बदलावों का सुझाव भी दिया गया है।
वहीं, एक अन्य सर्वे में ममता बनर्जी की अगुवाई वाली तृणमूल कांग्रेस को लोकसभा चुनावों में 20 से 24 मिलने की संभावना व्यक्त की गई है। सर्वे में बीजेपी को 17-19 सीटें और सीपीआईएम को 1-2 सीट मिलने का अनुमान है। इसी तरह से कांग्रेस को 1-2 सीट मिल सकती है। ऐसे में NDA को कुल 17 से 19 और इंडिया अलायंस को 22 से 26 सीटें मिलने की संभावना जताई गई है।
निष्कर्ष
जैसे-जैसे पश्चिम बंगाल में मोदी की लोकप्रियता बढ़ रही है, सर्वेक्षण के नतीजे राज्य के राजनीतिक परिदृश्य में संभावित बदलाव के दे रहे हैं। वहीं, ममता बनर्जी भी बड़ी जीत की तैयारी कर रही हैं। पश्चिम बंगाल में आगामी लोकसभा चुनावों में कड़ा और राजनीतिक रूप से आक्रामक मुकाबला होना तय है।