बांग्लादेश में इन दिनों भारत विरोधी अभियान चर्चा में बना हुआ है। इस मामले पर देश की सत्ताधारी अवामी लीग और विपक्षी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) एक दूसरे पर हमलावर हैं। इसकी शुरुआत जनवरी में हुए आम चुनावों के बाद हुई, जिसमें शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग ने लगातार चौथी बार जीत हासिल की।
बीएनपी ने भारत पर चुनावों में हस्तक्षेप का आरोप लगाते हुए चुनावों का बहिष्कार किया था। इसके बाद से ये मुद्दा गरम हुआ और धीरे-धीरे इसने इंडिया आउट कैंपेन की शक्ल ले ली। ये कुछ उसी तरह है जैसा मालदीव में कुछ समय पहले हुआ था।
बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने आरोप लगाया है कि इस अभियान को विपक्षी पार्टी बीएनपी हवा दे रही है और भारत के खिलाफ देश में माहौल बनाने की कोशिश हो रही है।
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भारतीय उत्पादों के बहिष्कार का ऐलान
भारत और बांग्लादेश के बीच अब तक अच्छे आर्थिक और कूटनीतिक संबंध रहे हैं. हालांकि, बीएनपी यह आरोप लगा रही है कि भारत हमेशा से शेख हसीना की पार्टी का समर्थन करती है। नई दिल्ली ने कभी ढाका का समर्थन नहीं किया। भारत विरोधी अभियान में बीएनपी नेता भड़काऊ बयान दे रहे हैं। साथ ही, भारतीय उत्पादों के बहिष्कार का भी दावा कर रहे हैं।
शेख हसीना ने बीएनपी पर बोला हमला
पिछले सप्ताह 26 मार्च को बांग्लादेश के स्वतंत्रता दिवस के मौके पर इंडिया आउट कैंपेन चलाने के लिए बीएनपी पर हमला बोला और कहा कि विपक्षी दल के नेता पहले अपने घर में रखी भारतीय साड़ियों को जलाएं फिर भारत के खिलाफ बात करेंगे। उन्होंने इस दौरान ये भी कहा कि बांग्लादेश के लोगों की रसोई में रखा हुआ अधिकांश सामान भारत से ही खरीदा गया है।
ढाका में आयोजित स्वतंत्रता दिवस के कार्यक्रम में शेख हसीना ने पूछा कि इंडिया आउट की बात करने वाले बताएं कि उनकी पत्नियों के पास कितनी भारतीय साड़ियां हैं? हसीना ने आगे कहा, जब वे अपनी पत्नियों की भारतीय साड़ियां अपने ऑफिस के बाहर जलाएंगे, तब ये माना जाएगा कि वे भारतीय उत्पादों के बहिष्कार के लिए वास्तव में प्रतिबद्ध हैं।
इसके कुछ दिन पहले ही बीएनपी के एक नेता ने मीडिया के सामने अपनी कश्मीरी शाल फेंक दी थी और कहा था कि वे लोगों से एकजुटता दिखाने के लिए कर रहे हैं।
बीएनपी बांग्लादेश की इस्लामिक पार्टी है
बीएनपी बांग्लादेश की इस्लामिक पार्टी है और अमेरिका की ओर से इस पार्टी को टियर-III आतंकवादी संगठन घोषित कर चुका है. बीएनपी कार्यकर्ताओं ने भारत पर आरोप लगाया है कि भारत हमारा दोस्त नहीं है. बीएनपी कार्यकर्ताओं ने कहा है कि 1971 के दौरान भारत उनकी मदद के लिए नहीं आया था. भारत उनका दोस्त नहीं है.
मालदीव से प्रेरणा ले रहा बांग्लादेश का विपक्ष
इकोनॉमिक टाइम्स से बांग्लादेश मामले के विशेषज्ञों ने बताया कि बीएनपी को भारत विरोधी अभियान की प्रेरणा, मालदीव की सत्ताधारी पार्टी से मिली है। मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने पिछले साल राष्ट्रपति चुनाव के पहले इंडिया आउट अभियान शुरू किया था।
इस अभियान को चीन का समर्थन प्राप्त था। ठीक वैसे ही काम इस समय बांग्लादेश में बीएनपी कर रही है। बीएनपी की सोशल मीडिया विंग के सदस्य यह नैरेटिव बनाने की कोशिश में लगे हैं कि पश्चिमी देशों ने स्वतंत्र चुनाव को लेकर जो दबाव बनाया था, वह भारत के विरोध के चलते बेकार हो गया।
खालिदा जिया के बेटे के हाथ कमान
एक्सपर्ट के मुताबिक, इस अभियान का उद्येश्य देश में अराजकता पैदा करने शेख हसीना सरकार को कमजोर करना है। इसे भले ही लोगों की आवाज बताया जा रहा है, लेकिन असल में इसका नेतृत्व लंदन में रह रहे पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया के बेटे तारिक रहमान कर रहे हैं।
मिली जानकारी के अनुसार ये अभियान बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था को कमजोर करके हसीना सरकार को एक कृत्रिम संकट के सामने कमजोर करना है, जैसे 1970 के दशक में तत्कालीन शेख मुजीब सरकार को कमजोर करने के लिए बनाया गया था।
बांग्लादेश में अपनी दखल बढ़ाना चाहता है चीन
विपक्षी पार्टी बीएनपी के भारत विरोधी अभियान से भारत के लिए मुश्किल हो सकती है। पिछले कुछ वर्षों में चीन के साथ बांग्लादेश की साझेदारी बढ़ी है। चीन एशिया में अपना दखल बढ़ाने की कोशिश लगातार कर रहा है। भारत और पाकिस्तान दोनों से भौगोलिक तौर पर करीब होने की वजह से चीन के लिए बांग्लादेश रणनीतिक तौर पर अहम हो गया है। चीन की चुनौतियों से निपटने के लिए भारत के लिए भी बांग्लादेश पर नजर रखना जरूरी है।