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अमेरिका में हो रहे प्रदर्शनों में जॉर्ज सोरोस पानी की तरह बहा रहा पैसा।

फिलिस्तीन की आजादी के नाम पर जिस प्रकार के धरने प्रदर्शन अमेरिका के विश्वविद्यालयों में चल रहे हैं उसके पीछे जॉर्ज सोरोस का पैसा लगा हुआ है।

Akash Gaur द्वारा Akash Gaur
29 April 2024
in चर्चित, विश्व
जॉर्ज सोरोस, अमेरिका, अमेरिका में प्रदर्शन, भारत, अमेरिकी विश्वविद्यालयों में विरोध-प्रदर्शन
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आजकल अमेरिकी विश्वविद्यालयों में इस्राएल और यहूदी विरोधी प्रदर्शनकारी ‘आजादी की मशाल’ उठाए हुए हैं। ‘फिलिस्तीन की आजादी’ के नाम पर जिस प्रकार के धरने प्रदर्शन अमेरिका के विभिन्न विश्वविद्यालयों में चल रहे हैं उसके पीछे उसी अरबपति जॉर्ज सोरोस का पैसा लगा हुआ है जिसने भारत में जेएनयू और शाहीन बाग में भारत विराधी तत्वों को भड़काया था। यह बड़ा खुलासा होने के बाद अमेरिकी प्रशासन और सतर्क हो गया है और इस्राएल विरोधी इन प्रदर्शनों को काबू कर रहा है।

जॉर्ज सोरोस करा रहा पैसा उपलब्ध

कोलंबिया विश्वविद्यालय में गत सप्ताह यह इस्राएल विरोधी धरना प्रदर्शन चालू किया गया था। लेकिन उसके बाद देश के अन्य विश्वविद्यालयों में मौजूद वामपंथी और इस्लामी तत्वों को उकसाकर यह भड़काया जा रहा है। कई प्रदर्शन स्थलों पर छात्रों और पुलिस के बीच तीखी झड़पें हुई हैं, बहुत से प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार कर उनके तंबू उखाड़े गए हैं। अमेरिकी विश्वविद्यालयों की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। ऐसे तमाम प्रदर्शनों में भारत में मोदी सरकार के विरुद्ध षड्यंत्रों को हवा देने वाले उम्रदराज अरबपति जॉर्ज सोरोस का पैसा खाद-पानी उपलब्ध करा रहा है।

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सामने आई ताजा जानकारी के अनुसार, भारत में हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों और मोदी सरकार के प्रति साजिशें रचने वाला अरबपति जॉर्ज सोरोस कट्टर वामपंथी संगठनों से साठगांठ करके अमेरिकी विश्वविद्यालयों में ऐसे इस्राएल विरोधी आंदोलनों को फंडिंग कर रहा है। इस रास्ते विश्वविद्यालय परिसरों में अशांति की आग भड़काई जा रही है।

कई विश्वविद्यालयों में चल रहे प्रदर्शन

अमेरिका के कोलंबिया, हार्वर्ड, येल, बर्कली, ओहायो और जार्जिया विश्वविद्यालयों में अनेक दिन से इस प्रकार के ‘फिलिस्तीन की आजादी’ के लिए प्रदर्शन चल रहे हैं। परिसरों पर आंदोलनकारी वामपंथी और इस्लामवादी छात्रों ने कब्जा जैसा किया हुआ है। पुलिस ने बड़ी संख्या में ऐसे छात्रों की धरपकड़ की है। इन विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में प्रदर्शनकारी छात्रों ने तंबू लगाए हुए हैं।

न्यूयॉर्क पोस्ट में भी प्रकाशित हुई रिपोर्ट

पता चला है कि जॉर्ज सोरोस के पैसे से इन आंदोलनों की अगुआई कर रहे स्टूडेंट्स फॉर जस्टिस इन फिलिस्तीन और यूएस कैंपेन फॉर फिलिस्तीनी राइट्स छात्रों को भ्रमित करके विश्वविद्यालयों को पंगू बनाए हुए हैं। इस बात के पुख्ता प्रमाण मिले हैं कि स्टूडेंट्स फॉर जस्टिस इन फिलिस्तीन और यूएससीपीआर जैसे अलगाववादी संगठनों को खर्चा-पानी जॉर्ज सोरोस तथा कुछ अन्य सहयोगी दे रहे हैं। इस बारे में न्यूयॉर्क पोस्ट में रिपोर्ट भी प्रकाशित हुई है।

यह दो संगठन कर रहे फंडिंग

जार्ज सोरोस की ओपेन सोसायटी फाउंडेशन 2017 के बाद से अब तक यूएससीपीआर को 3 लाख डॉलर का भुगतान कर चुकी है। उधर रॉकफेलर्स ब्रदर्स फंड भी यूएससीपीआर को 2019 के बाद अब तक 3.55 लाख डॉलर दे चुका है। परिसरों में चल रहे विरोध प्रदर्शनों में उक्त दोनों संगठनों के जाने-माने चेहरे शामिल दिखे हैं।

प्रदर्शनकारियों के रेट किए गए तय

इस रिपोर्ट से पता चला है कि तीन कॉलेजों में तो सीधे सीधे जॉर्ज सोरोस के पैसे पर पल रहे यूएस कैंपेन फॉर फिलिस्तीनी राइट्स ने ‘आजादी की आग’ भड़काई गई है। कीमत भी तय है यानी संगठन में बाहर से आकर जुड़ने वाले प्रदर्शनकारियों को 7,800 डॉलर दिए जाते हैं तो परिसर के अंदर से ही आग भड़काने में शामिल लोगों को 2880-3660 डॉलर दिए जा रहे हैं। इस पैसे के बदले में इन लोगों को हर सप्ताह कम से कम 8 घंटे के लिए आग भड़काने वाले ऐसे आंदोलनों में ‘हाय हाय’ और ‘आजादी के नारे’ लगाने होते हैं।

गत 24 अप्रैल का टेक्सास विश्वविद्यालय में जो प्रदर्शन चल रहा था उसमें स्टूडेंट्स फॉर जस्टिस इन फिलिस्तीन की अध्यक्ष रही निदा लाफी इजरायल के विरुद्ध जहरीला भाषण दे रही थी। बर्कले में स्टूडेंट्स फॉर जस्टिस इन फिलिस्तीन की सह-अध्यक्ष मलक अफानेह भी वहां प्रदर्शन में इस्राएल को लेकर अपने जहर बुझे भाषण दे चुकी है। उसने बर्कले लॉ स्कूल के डीन के घर एक रात्रिभोज आयोजन में जबरन घुसकर इस्राएल विरोधी नारेबाजी भी की थी। उस पर डीन की पत्नी पर हमला करने का भी आरोप है।

भारत में भी अपने पैसे से लगा चुका है आग

अमेरिका का अरबपति जॉर्ज सोरोस वही है जिसने भारत के प्रसिद्ध उद्योगपति गौतम अडानी पर भ्रष्टाचार के आरोप लगवाए थे, हालांकि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा उन आरोपों को बाद में खारिज कर दिया गया था। इसी सोरोस ने गत वर्ष म्यूनिख, जर्मनी में एक सम्मेलन में गौतम अडानी के प्रकरण का ऐसा अवसर बताया था जिसके जरिए भारत में दखल दी जा सकती थी।

सोरोस भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर भी बेवजह विवाद खड़े करता रहा है। उसने भारतीय लोकतंत्र को लेकर बेबुनियाद बातें फैलाई थीं। उसने कहा था कि, ‘भारत ऐसी मजेदार जगह जो एक लोकतंत्र तो है, परन्तु उसके नेता नरेंद्र मोदी बिल्कुल भी लोकतांत्रिक नहीं हैं।’ सोरोस मुस्लिम संगठनों को भी भारत में अव्यवस्था फैलाने के लिए कथित पैसा देता आ रहा है।

और पढ़ें:- जो दर्द भारत ने झेला अब अमेरिका झेला रहा है।

Tags: AmericaDemonstration in AmericaGeorge SorosIndiaProtests in American universitiesअमेरिकाअमेरिका में प्रदर्शनअमेरिकी विश्वविद्यालयों में विरोध-प्रदर्शनजॉर्ज सोरोसभारत
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